Shadow

विश्लेषण

सही मायने में आज डॉ. भीमराव आम्बेडकर की जरुरत है

सही मायने में आज डॉ. भीमराव आम्बेडकर की जरुरत है

विश्लेषण, सामाजिक
  बोधिसत्त्व बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने महाराष्ट्र के नागपुर शहर में अशोक विजयदशमी के दिन 14 अक्टूबर, 1956 को अपने लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धम्म की दीक्षा ली थी. यह दुनिया के इतिहास में एक प्रकार की शानदार रक्तहीन क्रान्ति ही थी, क्योंकि दुनिया में आज तक कभी कोई ऐसा उदाहरण नहीं मिलता है कि जहां आठ लाख लोग बिना किसी लोभ-लालच या भय के अपने नारकीय धर्म को त्यागकर किसी दूसरे धर्म में चले जाएँ. यह बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के जुझारू एवं करिश्माई व्यक्तित्व का ही आकर्षण था कि उनकी एक अपील पर, उनके लाखों अनुयायी बौद्ध हो गए थे. जबकि वे लाखों लोग बौद्ध धम्म और उसके दर्शन को दूर-दूर तक जानते भी नहीं थे, गौतम बुद्ध कौन हैं, उनके माता-पिता कौन थे, वे कहाँ के रहने वाले थे? बौद्ध धम्म के धार्मिक ग्रन्थ कौन से हैं? बौद्ध धम्म में कौन-कौन से अनुष्ठान और पर्व मनाये जाते हैं? बौद्ध धम्म क...
HIDDEN MEANING IN MASS MUSLIM MADNESS

HIDDEN MEANING IN MASS MUSLIM MADNESS

TOP STORIES, विश्लेषण
Throughout history one side has invaded the other for LAND, GOLD and/or WOMEN. Those who increase their numbers rapidly by having multi wives and vastly large number of children will soon find their populations “bursting at the seams”. Muslims have had the ambition of “subjugating” the world since the time of Mohammed who encouraged very HIGH birth rate to boost the strength of his armies. He not only allowed them up to FOUR wives each but also encouraged his fighters to distribute the women of the slain Christians, Jews and Infidels among them! This is exactly what the Isil (Islamic State) are doing in Irak and Syria today! However, unlike the previous centuries when the invaders could conquer country after country in one mighty push, today the Muslims are forced to think of other (unco...
FATWAS SHOULD BE MADE A CRIMINAL OFFENSE UNDER SECTION 506 IPC

FATWAS SHOULD BE MADE A CRIMINAL OFFENSE UNDER SECTION 506 IPC

addtop, EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
 STATE AND CENTRAL GOVERNMENTS SHOULD MADE FATWAS A CRIMINAL OFFENCE AND ARREST THE 46 MULLAHS AND MAULANAS AND ANY OTHER  SUCH DECLARATION BY MUSLIM CLERICS UNDER SECTION 506 IPC     IS THERE A FIFTH COLUMNISTS EXISTING PARALLEL TO THE INDIAN CONSTITUTION PREVENTING MUSLIM GIRLS FROM BEING INDIAN UNDER SECULAR FREEDOM?   Where is the ‘intolerance’ secular brigade ? Will people like Amir Khan, Shah Rukh Khan, NDTV , RAJDEEP, SHARIGA GHOSE  protest against such fatwas against Nahid Afrin THE LAW IS THERE AND SHOULD BE ENFORCED TIME FOR HINDUS TO SHOW GUTS AND FILE FIR AGAINST MULLAHS RATHER THAN PONTIFICATE ON NET Nahid Afrin not afraid of ‘fatwa’; will sing till last breath, says 16-year-old Young singer Nahid Afrin, against whom some I...
तो अब देश निकालेगा राम मंदिर मसले का हल

तो अब देश निकालेगा राम मंदिर मसले का हल

addtop, विश्लेषण, संस्कृति और अध्यात्म
तो क्या अब माना जाए कि अब अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद का शीघ्र ही कोई सर्वमान्य हल हो सकता है? राम जन्मभूमि विवाद की अदालत के बाहर हल होने की संभावनाएं जगी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को संवेदनशील और आस्था से जुड़ा बताते हुए पक्षकारों से बातचीत के जरिए आपसी सहमति से मसले का हल निकालने को कहा है। यानी अब सभी पक्षकारों को एक अनुपम अवसर मिल गया है कि वेअयोध्या विवाद पर कोई सहमति बना लें। लंबे समय से चले मसले पर कोई सर्वानुमति सामने आ जाए। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने तो यहां तक सुझाव दिया है कि अगर जरूरत पड़ी तो विवाद के हल निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट मध्यस्थता को भी तैयार है। यह पहल इसलिए अहम है, क्योंकि, हिन्दुओं और मुसलमानों का एक बड़ा वर्ग विवादित मसले को संवाद और सामंजस्य से ही सुलझाने की वकालत कर रहा है। हालांकि, कुछ कट्टरपंथी तत्व और तथाकथित धर्मनिरपेक्षता के पक्षधर मामले का हल नही होने...
मजबूत लोकतंत्र के लिए सांसदों की हाजिरी जरूरी

मजबूत लोकतंत्र के लिए सांसदों की हाजिरी जरूरी

विश्लेषण
संसद सत्र के दौरान सांसदों के अनुपस्थित रहने का मामला इन दिनों एक बार फिर चर्चा में हैं। मंगलवार को कुछ ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हो गई, जब राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूछे जाने वाले पूरक प्रश्नों के जवाब देने के लिए संबंधित विभागों के कई मंत्री उपस्थिति नहीं थे। इस पर सभापति हामिद अंसारी ने नाराजगी जाहिर की, तो विपक्ष को चुटकी लेने का मौका मिल गया। बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसदीय दल की बैठक में प्रतिनिधियों को आड़े हाथों लिया। सांसदों की अनुपस्थित रहने की प्रवृत्ति पुरानी भले ही है, लेकिन अक्षम्य है। यहां तक कि कई मंत्री भी उपस्थित रहना जरूरी नहीं समझते। इसके चलते सदन में पूछे जाने वाले सवाल अनुत्तरित रह जाते हैं। न केवल सवाल अनुत्तरित रह जाते हैं बल्कि संसद की कार्यवाही पर होने वाला भारी-भरकम खर्च की बर्बादी भी होती है। जिस गति से विकास होना चाहिए, वह नहीं हो पाता है। हर राष्...
“आई एस आई” आतंकवाद का पोषक

“आई एस आई” आतंकवाद का पोषक

विश्लेषण
अधिक पीछे न जाते हुए केवल पिछले 2-3  वर्ष की गुप्तचर विभाग की सूचनाओँ में आईएसआई द्वारा हमारे देश में आतंकवादियों को उकसाने व भड़काने के महत्वपूर्ण समाचार आये है। जिससे राष्ट्रीय पत्रकारिता  के सकारात्मक संकेत मिलने से मीडिया जगत की अनेक भ्रांतियां दूर हुई। साथ ही केंद्रीय सत्ता में  परिवर्तन से भी समाज में एक सकारात्मक  वातावरण बनने से उसमें राष्ट्र के प्रति अपने अपने कर्तव्यों का बोध जागा है । मुगलकालीन इतिहास को अलग करते हुए वर्तमान में पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था "इंटर सर्विसेस इंटेलिजेंस" (आईएसआई) द्वारा पोषित जिहाद रुपी मुस्लिम आतंकवाद की गंभीर समस्या से देश पिछले लगभग पिछले 46 वर्षो से जूझ रहा है । आईएसआई  बंग्लादेश के निर्माण (1971) से ही जिहाद के लिए अपने एजेंटों द्वारा भटके हुए कट्टरपंथी मुस्लिमो को लोभ व लालच देकर अनेक साधनो व विभिन्न माध्यमो से बहका कर देश के विभिन्न क्षेत्रो म...
बूचड़खानों के रोंगटे खड़े कर देने वाले सच

बूचड़खानों के रोंगटे खड़े कर देने वाले सच

Uncategorized, विश्लेषण
अवैध बूचड़खानों की बंदी का विरोध कर विपक्ष, मीडिया, महानगरों में बैठे तथाकथित बुद्धिजीवियों ने ना केवल अपनी बेवकूफी का प्रदर्शन किया है बल्कि उनका ज्ञान कितना सिमित है और महानगरो से बाहर के भारत की असलियत से कितने कटे हुए हैं इस सच्चाई के दर्शन भी करा दिए हैं। लेकिन दुर्भाग्य यह है कि अधिकतर समर्थक भी इस मुद्दे से ठीक से परिचित नही है। पहली बात तो मुद्दा सिर्फ गौ हत्या का नही था। गौ हत्या पर उत्तर प्रदेश में पहले से ही कानूनी प्रतिबन्ध है। हालांकि सपा और बसपा की सरकारों में इस कानून की धज्जियां उड़ाई गई और बड़े पैमाने पर सरकारी संरक्षण में गौहत्या की जाती रही। लेकिन गौ हत्या से भी बड़ा मुद्दा (विशेषकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिये) भैंसों के अवैध कटान का रहा है। उदाहरण के लिये कुछ साल पहले तक मेरठ में शहर के बीचों बीच सरकारी कमेला होता था जिसे हर साल नगर निगम मामूली रकम के एवज में याकूब कुरै...
नए रक्षा मंत्री के समक्ष रक्षा प्रबंधन की चुनौतियां

नए रक्षा मंत्री के समक्ष रक्षा प्रबंधन की चुनौतियां

addtop, Today News, विश्लेषण
नोहर पर्रिकर साहब पुन: गोवा के मुख्यमंत्री बन गए। कुछ लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री ने यह निर्णय लेकर गलत किया है। प्रबल मोदी समर्थकों का कहना है कि भाजपा में योग्यता की कमी नहीं है, पर्रिकर के बाद जो भी रक्षा मंत्री बनेगा वह सही काम करेगा। वस्तुत: समस्या यह नहीं है कि कोई रक्षा मंत्री बन कर कैसा कार्य करेगा। यहां किसी की योग्यता का प्रश्न नहीं है, प्रश्न यह है कि हमारे देश में रक्षा प्रबंधन की दिशा और दशा क्या है। भारत सरकार के पांच महत्वपूर्ण मंत्रालय माने जाते हैं- वित्त, गृह, विदेश, रक्षा और रेल। इन मंत्रालयों में से चार मंत्रालय ऐसे हैं जिनमें कार्य करने वाले अधिकारी उस विषय के विशेषज्ञ होते हैं जिस मंत्रालय में उनकी नियुक्ति होती है। वित्त मंत्रालय में आईईएस, आईआरएस और आईएसएस अधिकारी कार्य करते हैं। गृह मंत्रालय में आईएएस होते हैं जो आईपीएस अधिकारियों पर नियंत्रण रखते हैं। विद...
शौहर, बेगम और दूसरी पत्नी

शौहर, बेगम और दूसरी पत्नी

addtop, Today News, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
  रांची राजमार्ग से तीन किलोमीटर अंदर की तरफ जाने पर इटकी प्रखंड आता है। मुख्य सड़क से अंदर जाने का रास्ता कच्चा-पक्का है। जब आप इटकी में दाखिल होते हैं, बायीं तरफ लड़कियों का एक मदरसा है। इस मदरसे को देखकर आप अनुमान करते हैं कि यह प्रखंड स्त्रियों के अधिकार को लेकर जागरूक प्रखंड होगा। इसी प्रखंड में एक घर है परवेज आलम (काल्पनिक नाम) का। परवेज शादी शुदा पुरुष हैं लेकिन शादी इन्होंने एक बार नहीं तीन बार की है। इनके घर में पत्नी के तौर पर तीन औरतें रहती हैं। पहली शकीना खातून (काल्पनिक नाम) और बाकि दो औरतें आदिवासी हैं। दूसरी रंजना टोप्पो (काल्पनिक नाम) और तीसरी मीनाक्षी लाकड़ा (काल्पनिक नाम)। इटकी के आस-पास के लोगों से बातचीत करते हुए यह अनुमान लगाना आसान था कि परवेज का मामला अकेला नहीं है, इटकी प्रखंड में। इस तरह के कई दर्जन मामले हैं, जिसमें एक से अधिक शादी हुई है और गैर आदिवासी सम...
राहुल गांधी होने का सौभाग्य!

राहुल गांधी होने का सौभाग्य!

addtop, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
कभी-कभी मुझे लगता है कि टाटा नैनो के लिए जो प्यार रतन टाटा का है वही प्यार राहुल गांधी के लिए कांग्रेस का है। टाटा नैनो चलती नहीं, फिर भी रतन टाटा उसे बार-बार रीलांच करते रहते हैं उसी तरह कांग्रेस पार्टी भी राहुल गांधी को लेकर हिम्मत नहीं हार रही। उलटे हर हार के बाद राहुल गांधी को कांग्रेस में प्रमोशन मिल जाता है। इस बार भी जिस तरह कांग्रेस हारी है उम्मीद की जा रही है कि राहुल गांधी को जल्द ही उपाध्यक्ष से कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिए जाएगा। और उन्होंने अगर एक-आधा चुनाव और हरवा दिया तो पार्टी उन्हें संयुक्त राष्ट्र का महासचिव भी बनवा सकती है! कांग्रेस पार्टी का राहुल गांधी से जो रिश्ता है वो शादी में पति को दिलाई जाने वाली कसमों की याद दिलाता है। जिसमें पंडित जी पति से कहते हैं कि तुम जो-जो पुण्य करोगे उसमें आधा हिस्सा तुम्हारी बीवी के खाते में जाएगा और वो जो-जो पाप करेगी उसका आधा तुम्हारे...