
बयान पर विवाद या कटु सत्य पर प्रहार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तर प्रदेश के फतेहपुर की एक रैली में यह कहा जाना कि अगर किसी गांव को कब्रगाह के निर्माण के लिए कोष मिलता है,तो उस गांव को श्मशान की जमीन के लिए भी कोष मिलना चाहिए. गांव में कब्रिस्तान बनता है तो श्मशान भी बनना चाहिए. अगर आप ईद में बिजलीकी आपूर्ति निर्बाध करते हैं, तो आपको दीपावाली में भी बिजली की आपूर्ति निर्बाध करनी चाहिए.यानि, भेदभाव नहीं होना चाहिए.
भाजपा सांसद साक्षी महाराज द्वारा यह कहा जाना कि ”चाहे नाम कब्रिस्तान हो, चाहे नाम श्मशान हो, दाह होना चाहिए। किसी को गाड़ने की आवश्यकता नहीं है।” गाड़ने से देश में जगह की कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि ”2-2.5 करोड़ साधु हैं सबकी समाधि लगे, कितनी जमीन जाएगी।20 करोड़ मुस्लिम हैं सबको कब्र चाहिए हिंदुस्तान में जगह कहां मिलेगी।” अगर सबको दफनाते रहे तो देश में खेती के लिए जगह कहां से आएगी...