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सनातन पर प्रहार – मनमोहन गोयल

सनातन पर प्रहार – मनमोहन गोयल

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देश मे दयानिधी मारान के सनातन को मिटाने के वक्तव्य के बाद से य चर्चा समाप्त होने में नहीं आ रही है।मैंने पहले सोचा कि इसे नज़रअंदाज़ कर दूँ, लेकिन लगता है कि ये सोची समझी रणनीति के तहत सनातन को तोड़ने के लिए ऐक टूल किट के रूप में कही जा रही हैं। खडके साहब के सुपुत्र साहब में तो ये भी कह दिया कि सनातन कब कहाँ कैसे पैदा हुआ, इसका कोई सबूत नहीं है । पहले मैं इसी को लेना चाहता हूं।मान्यवर खडगे जी, सनातन कहीं पैदा नहीं हुआ। धरती पर मनुष्य की उत्पत्ति के साथ जो आचारसंहिता शनैः शनैः विकसित हुई, जो मनुष्य मात्र के परिवार संचालन, देश संचालन , सेना संचालन, खानपान, अर्थात् मनुष्य मात्र की कुल गतिविधियों के लिये जो नियम बनते गये और अपने नियंता भगवान के लिये आराधना के लिये जो विधि विधान विकसित हुऐ वो सब मिल कर सनातन कहलाये। सनातन तो धरती पर मनुष्य के जन्म से विकास पाया और जिसका आदि अन्त न हो वही स...
जी 20 सम्मेलन और कांग्रेस पार्टी

जी 20 सम्मेलन और कांग्रेस पार्टी

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तो कांग्रेस के तीन मुख्यमंत्री G20 में राष्ट्रपति के रात्रिभोज में नहीं जा रहे हैं। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने साफ झूठ बोल दिया कि उनके हेलिकॉप्टर को उड़ने की अनुमति नहीं दी गई। छत्तीसगढ़ में बैठे भूपेश बघेल ने भी कह दिया कि दिल्ली तो अब नो फ्लाई जोन है, तो अब वो कैसे जा सकते हैं। जबकि ये नो फ्लाई जोन मुख्यमंत्रियों के लिए है ही नहीं। वो अभी भी दिल्ली जा सकते हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इस डिनर की जगह अपने एक जिले के किसी कार्यक्रम को प्राथमिकता दे रहे हैं। और ये सब हो क्यों रहा है? क्योंकि कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इस भोज में आमंत्रित नहीं किया गया है। इस दुख को राहुल गांधी अपने यूरोप दौरे पर भी जाहिर कर रहे हैं कि खड़गे को आमंत्रित करना चाहिए था। इस दुख की घड़ी में वो ये बताना भूल गए कि इस भोज में न केवल कांग्रेस, बल्कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्...
आदित्य एल-1 : इस देश का नाम है – भारत

आदित्य एल-1 : इस देश का नाम है – भारत

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और भारत का आदित्य एल-1 अपने मिशन पर निकल पड़ा है। चाँद के बाद सूरज की बारी है, भारत के वैज्ञानिकों ने यूँ ही नहीं कहा था।चंद्रयान मिशन की कामयाबी के कुछ ही दिनों बाद भारत के सूर्य मिशन ने पूरी दुनिया को चौंकाया है। सूर्य के अध्ययन के लिये भेजे गये आदित्य एल-1 मिशन के अंतर्गत अंतरिक्ष में एक ऑब्जर्वेटरी स्थापित की जाएगी, जिसके जरिये धरती के नजदीकी ग्रह सूर्य के कई रहस्यों से पर्दा उठाने की कोशिश की जाएगी। साथ ही अंतरिक्ष की कई हलचलों, मसलन सोलर विंड आदि का भी अध्ययन किया जायेगा। हालांकि यूरोपियन एजेंसी समेत कई देशों ने इस तरह के मिशन भेजे हैं, लेकिन भारत जैसे विकासशील देश द्वारा सीमित संसाधनों के साथ ये लक्ष्य हासिल करना बड़ी उपलब्धि है। सब जानते हैं पीएसएलवी-सी 57 के जरिये अंतरिक्ष में भेजे गये आदित्य मिशन का बिलकुल सूर्य के पास जाना संभव नहीं है, लेकिन वह एक निर्धारित स्थान लैंगरे...
क्या अमेरिका की मून-लैंडिंग फेक थी?

क्या अमेरिका की मून-लैंडिंग फेक थी?

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21 जुलाई, 1969: अपोलो 11 की सफल चन्द्र लैंडिंग के बाद घर वापस आते हुए नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन ने यादगार के तौर पर अमेरिकी झंडा चाँद की सतह पर अपनी लैंडिंग साईट से 8 मीटर दूर गाड़ दिया था। घर की उड़ान भरते वक़्त लूनर लैंडिंग मोड्यूल के रॉकेट इंजन से निकली गैसों के प्रचंड वेग से यह झंडा उखड कर जमीन पर जा गिरा था। इस कारण भविष्य में गये अपोलो मिशन में यह ख्याल रखा गया कि झंडा लैंडिंग साईट से दूर लगाया जाए। . चाँद पर चूंकि हवा नहीं है, इसलिए इस झंडे के फैब्रिक के भीतर विशेष रूप से बनाई गईं हल्की तारों की संरचना मौजूद थी जिससे कि झंडा सीधा रहे। उसके अलावा झंडा निकाल कर लगाने के दौरान ट्रांसफर हुए मोमेंटम से पैदा हुई सिकुडनों के कारण भी झंडा लहराने का आभास देता है। कंजरवेशन ऑफ़ मोमेंटम नाम के कारण स्पेस में लहराने अथवा किसी भी प्रकार की गति कर रहे ऑब्जेक्ट की गति लम्बे समय तक संरक्षित रहती...
छात्रों में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति चिन्ताजनक

छात्रों में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति चिन्ताजनक

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
- ललित गर्ग -नया भारत-सशक्त भारत बनाने की बात हो रही है, नई शिक्षा नीति-2020 को प्रभावी तरीके से लागू किया जा रहा, शिक्षा के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करते हुए उस पर सर्वाधिक ध्यान दिया जा रहा है। लेकिन इन सब प्रयत्नों के बावजूद चिंता की बात यह है कि पूरे देश में खुदकुशी करने वाले छात्रों की संख्या बढ़ रही है। साल 2020 में 12500 से अधिक, तो 2021 में 13,000 छात्रों ने आत्महत्या की। ये आंकड़े नैशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो के हैं। कोटा में इसी रविवार को दो और छात्रों ने खुदकुशी कर ली। इसके साथ इस साल कोटा में आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या 23 हो गई है, जो बहुत ही गंभीर मसला है। राजस्थान की इस शिक्षा नगरी में दो महीनों में 9 छात्रों ने सुसाइड कर चुके हैं। यहां लगातार छात्र आत्महत्या कर रहे हैं, इसके पीछे सरकार, प्रशासन या कोचिंग इंस्टिट्यूट की लापरवाही है या कुछ और? सुसाइड हब बन रहे कोट...
श्रीमद्वाल्मीकि रामायण में अर्थ प्रबन्धन

श्रीमद्वाल्मीकि रामायण में अर्थ प्रबन्धन

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रीमद्वाल्मीकि रामायण में अर्थ प्रबन्धनश्रीमद्वाल्मीकीय रामायण इस पृथ्वी पर प्रथम काव्य ही नहीं महाकाव्य भी है। भारत के लिए यह परम गौरव की बात है। यह पवित्र रामायण हमारी अत्यन्त मूल्यवान धरोहर है। इसका संग्रह पठन पाठन एवं श्रवण कर हम मनुष्य होने का लाभ ले सकते हैं। इस ग्रन्थ में राजा के आर्थिक (वित्तीय) अधिकार, प्रजा के प्रति कर्तव्यों और राज्य की सुव्यवस्था के लिए पूरी-पूरी स्पष्ट व्याख्या की गई है। इसी क्रम में यहाँ राज्य संचालन में आर्थिक प्रबन्धन पर महर्षि वाल्मीकिजी ने अत्यन्त ही सरल शब्दों में वर्णन किया है। यह रामायण में वर्णित आर्थिक (वित्तीय) व्यवस्था का वर्णन आज भी प्रासंगिक है। अत: रामायण सर्वाधिक लोकप्रिय, अजर-अमर (कालजयी) दिव्य तथा कल्याणकारी ग्रन्थ है।भारतीय जनजीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आज मूल्यों का ह्रास की चर्चा है। इसी सन्दर्भ में इस आलेख में महर्षि वाल्मीकि की रामायण म...
कैसा चल रहा है ‘दुनिया का दवाखाना’ ?

कैसा चल रहा है ‘दुनिया का दवाखाना’ ?

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‘दुनिया का दवाखाना’ कहे जाने वाले भारत में ‘जेनेरिक दवा’ मरीज़ों को लिखने न लिखने पर बहस छिड़ी हुई है। संसद में प्रस्तुत आर्थिक सर्वे के अनुसार, विश्व के कुल दवा उत्पादन में 20 प्रतिशत अंश के साथ भारत जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा निर्माता है। करीब 200 से अधिक मुल्कों को 50 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य की दवाएं निर्यात होती हैं और सभी प्रकार के वैक्सीनों की 60 प्रतिशत भारत में तैयार होती हैं। अमेरिका से इतर भारत में एफडीए मानकों के अनुरूप दवाएं बनाने वाली दवा उत्पादन इकाइयां सबसे अधिक हैं। तभी तो भारत को ‘दुनिया का दवाखाना’ कहा जाता है। भारत देश ने अपने बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 1.5 प्रतिशत खर्च का प्रावधान किया है। गैर-सरकारी इलाज के लिए लोगों को अपनी जेब से खर्च करना पड़ता है। किसी के ऋणी होने के पीछे इलाज पर होने वाले व्यय एक बड़ा कारण है। इसलिए पूछना तार्कि...
महानगरों की ट्रैफिक समस्या का समाधान

महानगरों की ट्रैफिक समस्या का समाधान

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*रजनीश कपूरदेश के महानगरों में ट्रैफिक जाम होना एक आज आम बात हो गयी है। अक्सर ऐसे जामों में फँस कर आप सभी नेअपना बहुमूल्य समय और ईंधन ज़रूर गँवाया होगा। देश में बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ-साथ जिस कदर वाहनोंकी संख्या भी तेज़ी से बढ़ रही है, ट्रैफ़िक जाम तो बढ़ेंगे ही। यातायात पुलिस हो या सड़कों पर चलने वाले आमनागरिक सभी इस समस्या से परेशान हैं। ट्रैफ़िक की इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए जनता और पुलिस कोएक दूसरे का सहयोग करना होगा और जाम से निजात पाने के नए विकल्प ढूँढने होंगे।पिछले दिनों अख़बार में दिल्ली यातायात पुलिस के विशेष आयुक्त एस एस यादव का एक बयान छपा था। जिसमेंश्री यादव ने दिल्ली पुलिस के ट्रैफ़िक स्टाफ़ को एक नए अन्दाज़ में अपनी ज़िम्मेदारी निभाने का निर्देश दिया।ग़ौरतलब है कि दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों के पास यह शिकायत आ रही थी कि दिल्ली के ट्रैफ़िकपुलिसकर्मी बड़ी-बड़ी लक्...
कांग्रेस का सौफ्ट हिंदुत्व

कांग्रेस का सौफ्ट हिंदुत्व

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अवधेश कुमारमध्यप्रदेश कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के हिंदुत्व से संबंधित बयान सोशल मीडिया पर वायरल हैं। दोनों प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। मध्य प्रदेश चुनाव की कमान मुख्यतः इन्हीं दोनों के हाथों है। इसलिए उनके बयानों और गतिविधियों को कांग्रेस की चुनावी रणनीति का अंग स्वाभाविक ही माना जाएगा। कमलनाथ से एक पत्रकार हिंदू राष्ट्र के बारे में प्रश्न पूछता है। कमलनाथ कह रहे हैं कि है तो उसे कहने की क्या जरूरत है। इसका समान्य अर्थ यही लगाया गया है कि वे मान रहे हैं कि भारत हिंदू राष्ट्र है लेकिन उसे बोलने की आवश्यकता नहीं है। इसी तरह दिग्विजय सिंह हिंदुत्व से संबंधित बयान में संघ और भाजपा का विरोध कर रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह बजरंग दल पर बैन लगाएंगे? वह कह रहे हैं कि नहीं बैन नहीं लगाएंगे, बजरंग दल में भी अच्छे लोग होंगे। एक तरफ देश में आक्रामक या उग्र हि...
तीर्थों की भीड़ संभालें !

तीर्थों की भीड़ संभालें !

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, समाचार
-विनीत नारायणप्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री योगी जी ने हिन्दू तीर्थों के विकास की तरफजितना ध्यान पिछले सालों में दिया है उतना पिछली दो सदी में किसी ने नही दिया था। ये बात दूसरी हैकि उनकी कार्यशैली को लेकर संतों के बीच कुछ मतभेद है। पर आज जिस विषय पर मैं अपनी बात रखनाचाहता हूँ उससे हर उस हिन्दू का सरोकार है जो तीर्थाटन में रुचि रखता है। जब से काशी, अयोध्या,उज्जैन व केदारनाथ जैसे तीर्थ स्थलों पर मोदी जी ने विशाल मंदिरों का निर्माण करवाया है, तब से इनसभी तीर्थों पर तीर्थयात्रियों का सागर उमड़ पड़ा है। इतनी भीड़ आ रही है कि कहीं भी तिल रखने कोजगह नही मिल रही।इस परिवर्तन का एक सकारात्मक पहलू ये है कि इससे स्थानीय नागरिकों की आय तेज़ी से बढ़ी है औरबड़े स्तर पर रोजगार का सृजन भी हुआ है। स्थानीय नागरिक ही नहीं बाहर से आकार भी लोगों ने इनतीर्थ नगरियों में भारी...