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फ्रांस को नस्लीय भेदभाव खत्म करने की आवश्यकता!

फ्रांस को नस्लीय भेदभाव खत्म करने की आवश्यकता!

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इन दिनों फ्रांस नफरत की आग में जल रहा है। वहां हिंसा पर हिंसा हो रही है। हमें यहां यह जानने समझने की जरूरत है कि आखिर फ्रांस के नफरत की आग में जलाने के पीछे आखिर कारण क्या हैं ? तो इस संबंध में जानकारी देना चाहूंगा कि हाल ही में फ्रांस की राजधानी पेरिस के पास 17 वर्षीय एक युवक नाहेल को ट्रैफिक पुलिस की ओर से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर गोली मार दी गई और इसके बाद वहां हिंसा भड़क उठी। मीडिया के हवाले से जानकारी मिली है कि पुलिस ने जिस 17 वर्षीय नाहेल को गोली मारी, वो अपनी मां की इकलौती संतान था। | वो डिलीवरी ब्वॉय का काम करता था और रग्बी का लीग प्लेयर था। वास्तव में, यह बहुत ही संवेदनशील और गंभीर है कि फ्रांस में घटना के बाद जगह-जगह आगजनी हो रही है। लोगों में इतना गुस्सा है कि उन्होंने शहर की अनेक इमारतों, यहां तक कि दुकानों और वाहनों तक को आग के हवाले कर दिया है। बहुत नुक्सान हुआ है।...
राजनीति में प्रवेश के लिए भी हो कॉमन पोलिटिकल टेस्ट और इंडियन पोलिटिकल सर्विस जैसी परीक्षा

राजनीति में प्रवेश के लिए भी हो कॉमन पोलिटिकल टेस्ट और इंडियन पोलिटिकल सर्विस जैसी परीक्षा

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आवश्यकता आज की .... राजनीति में प्रवेश के लिए भी होकॉमन पोलिटिकल टेस्ट और इंडियन पोलिटिकल सर्विस जैसी परीक्षा क्यों न देश में हर तरह के चुनाव लड़ने के लिए किसी परीक्षा का आयोजन किया जाये और सरकारी नौकरी की तरह राजनीति में प्रवेश के लिए उनके चरित्र का भली- भांति सत्यापन किया जाये? छोटे स्तर पर कॉमन पोलिटिकल टेस्ट और सांसदों के लिए इंडियन पोलिटिकल सर्विस के एग्जाम रखने में में हर्ज क्या है? आखिर सरकारी नौकरी और राजनीति है तो देश सेवा ही?  राजनेताओं को विशेष अधिकार क्यों दिए जाने चाहिए? क्या आरोप पत्र दाखिल व्यक्ति आईएएस अधिकारी बन सकता है? क्या वह कोई सिविल सेवा पद संभाल सकता है? तो फिर राजनेताओं को यह अनुचित विशेषाधिकार क्यों दिया जाना चाहिए जो हमारे लोकतंत्र की मूल भावना के विरुद्ध है? इस मामले में परिवर्तन केवल संसद द्वारा ही लाया जा सकता है। तभी राजनीति का बढ़ता अपराधीकरण ठहर सक...
अर्थव्यवस्थाओं पर बहुत गहरा असर डाल रहा रूस यूक्रेन युद्ध !

अर्थव्यवस्थाओं पर बहुत गहरा असर डाल रहा रूस यूक्रेन युद्ध !

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24 फरवरी 2022 को शुरू हुआ रूस यूक्रेन युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है और इस युद्ध को चलते हुए सवा साल से भी अधिक का समय हो गया है। दोनों ही देशों में कोई भी देश युद्ध में पीछे हटने को तैयार नहीं है और लगातार युद्ध जारी है। इसी बीच, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुतिन से फोन पर बातचीत कर एक बार फिर से यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की अपील की है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आपसी बातचीत और कूटनीति के जरिए इस मामले का हल निकालने की कोशिश की जानी चाहिए। पुतिन ने प्रधानमंत्री की सलाह को गंभीरता से सुना है, लेकिन यूक्रेन पर यह आरोप लगाया कि वह रूस से बातचीत और कूटनीति से साफ इनकार करता है। यह पहली बार नहीं है जब भारत के प्रधानमंत्री ने युद्ध विराम को लेकर ऐसी अपील की है। इससे पहले भी प्रधानमंत्री इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने की अपील की थी। जानकारी देना चाहूंगा कि ...
हाथी मेरे साथी विनीत नारायण

हाथी मेरे साथी विनीत नारायण

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, साहित्य संवाद
बचपन से हम विशालकाय हाथियों को देख कर उत्साहित और आह्लादित होते रहे हैं। काज़ीरंगा, जिम कोर्बेट,पेरियार जैसे जंगलों में हाथी पर चढ़ कर हम सब वन्य जीवन देखने का लुत्फ़ उठाते आये हैं। जयपुर में आमेर काक़िला देखने भी लोग हाथी पर चढ़ कर जाते हैं। सर्कस में रिंग मास्टर के कोड़े पर आज्ञाकारी बच्चे की तरह बड़े-बड़ेहाथियों के करतब करते देख बच्चे-बूढ़े दंग रह जाते हैं। धनी लोगों के बेटों की बारात में हाथियों को सजा-धजा करनिकाला जाता है। मध्य युग में हाथियों की युद्ध में बड़ी भूमिका होती थी। देश के तमाम धर्म स्थलों में और कुछशौक़ीन ज़मीदाराना लोगों के घरों में भी पालतू हाथी होते हैं। दक्षिण भारत के गुरुवयूर मंदिर में 60 हाथी हैं जोपूजा अर्चना में भाग लेते हैं।आजतक मैं भी सामान्य लोगों की तरह गजराज के इन विभिन्न रूपों और रंगों को देख कर प्रसन्न होता था। परपिछले हफ़्ते मेरी यह प्रसन्नता दो घंटे में क...
दृढ़ता और संतोष, खुशियों के स्त्रोत

दृढ़ता और संतोष, खुशियों के स्त्रोत

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, साहित्य संवाद
मनुष्य के रूप में हम उस पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो हमारे पास नहीं है, और जो हमारे पास है उसे नज़रअंदाज़ करते हैं या यहाँ तक कि अनदेखा भी करते हैं। आज बहुत से लोग सोचते हैं कि जीवन एक दौड़ है जहाँ आपको हर चीज़ में सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए। हम शायद एक शानदार कार, एक बड़ा घर, बेहतर कमाई वाली नौकरी, या अधिक पैसा चाहते हैं। जैसे ही हम एक चीज़ हासिल कर लेते हैं, अगली चीज़ की दौड़ शुरू हो जाती है। बहुत से व्यक्ति अपने द्वारा प्राप्त की गई हर उपलब्धि के लिए आभारी होने के लिए एक मिनट का भी समय नहीं निकालते हैं। वे जो दूरी तय कर चुके हैं, उस पर पीछे मुड़कर देखने के बजाय, जो दूरी बची है उसे तय करने के लिए खुद को आगे बढ़ाते हैं। और कुछ मामलों में, यह तब होता है जब महत्वाकांक्षा लालच बन जाती है। -डॉ सत्यवान सौरभ दृढ़ता आत्मा की दृढ़ता है, विशेषकर कठिनाई में। यह सदाचार की खोज में निरंतरता प्...
ओबामा का विभाजनकारी विचार

ओबामा का विभाजनकारी विचार

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-बलबीर पुंज नमस्कार बराक हुसैन ओबामा जी,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया अमेरिका यात्रा (20-23 जून) के समय आपका विवादास्पद वक्तव्य सामने आया। अमेरिका में तो चर्चा है कि आपने यह विचार भारत-विरोधी समूह से मोटी रकम लेकर प्रकट किए। संभावना यह भी है कि सही जानकारी के अभाव में आपने ऐसा बयान दिया। हो सकता है कि भारत के प्रति आपका मन, हीन-भावना जनित पूर्वाग्रह से भरा है। जो भी हो, परंतु भारत-अमेरिका में जो समूह दोनों देशों के प्रगाढ़ हुए संबंधों को लेकर आशावान है और प्रधानमंत्री मोदी का अमेरिका दौरा ऐतिहासिक बता रहे है— उन्हें आपकी द्वेषपूर्ण, घृणायुक्त और अपरिपक्व बातों से निराशा अवश्य हुई है। आपने 22 जून को एक टीवी साक्षात्कार में कहा, "…हिंदू बहुसंख्यक भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा ध्यान देने योग्य है… यदि आप (प्रधानमंत्री मोदी) भारत में अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा नहीं कर...
अमेरिका यात्रा : नई शुरुआत का भरोसा

अमेरिका यात्रा : नई शुरुआत का भरोसा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका से मिली “टी शर्ट’ की ट्विटर पर तस्वीर साझा की है और लिखा, 'भविष्य एआई का है, चाहे वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हो या अमेरिका-भारत।' प्रधानमंत्री मोदी ने आगे लिखा कि जब हम एक साथ मिलकर काम करते हैं तो हमारे राष्ट्र मजबूत होते हैं। साथ ही पूरी दुनिया को फायदा पहुंचता है। उनकी अमेरिका की इस राजकीय यात्रा को भी इस मायने में महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि इससे उद्योग व व्यापारिक रिश्तों को नये आयाम मिले हैं। दोनों देशों को एक-दूसरे की जरूरत का पता इस बात से चलता है कि पिछले एक दशक में दोनों देशों का व्यापार दुगना और चीन से ज्यादा हो गया है। जो न केवल दोनों देशों बल्कि वैश्विक आर्थिकी के भी अनुकूल है। दरअसल, अमेरिकी मदद से दोस्त से दानव बन अमेरिका को चुनौती दे रहे चीन का विकल्प अमेरिका भारत के रूप में देखता है। यही वजह है कि कुछ मतभेदों के बावजूद अमेरिका भ...
<strong>भारत के समृद्धशालियों एवं प्रतिभाओं का पलायन क्यों?</strong>

भारत के समृद्धशालियों एवं प्रतिभाओं का पलायन क्यों?

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ललित गर्ग धनाढ्य परिवारों का भारत से पलायन कर विदेशों में बसने का सिलसिला चिन्ताजनक है। ऐसे क्या कारण है कि लोगों को देश की बजाय विदेश की धरती रहने, जीने, व्यापार करने, शिक्षा एवं रोजगार के लिये अधिक सुविधाजनक लगती है, नये बनते भारत के लिये यह चिन्तन-मंथन का कारण बनना चाहिए। हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार, अनुमानित 6,500 हाई- नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (एचएनआई) के 2023 में भारत से बाहर जाने की संभावना है, पिछले वर्ष की तुलना में यह करोड़पतियों के देश छोड़कर जाने की 7500 की संख्या भले ही कुछ सुधरी है, लेकिन नये बनते, सशक्त होते एवं आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर भारत के लिये यह चिन्तन का विषय होना ही चाहिए कि किस तरह भारत की समृद्धि एवं भारत की प्रतिभाएं भारत में ही रहे।रिपोर्ट के अनुसार, उच्च निवल मूल्य वाली व्यक्तिगत आबादी के 2031 तक 80 प्रतिशत की उल्लेखनीय...
सिविल सेवाएँ राज्य और समाज के बीच संपर्क पुल.

सिविल सेवाएँ राज्य और समाज के बीच संपर्क पुल.

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आईएएस अधिकारी रितु माहेश्वरी ने कानपुर में प्रचलित बिजली चोरी से निपटने के लिए नए बिजली स्मार्ट मीटर लगाए। प्राकृतिक, मानव और वित्तीय संसाधनों का विकास और जुटाना और विकासात्मक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उनका उचित उपयोग। मध्य प्रदेश में जिला कलेक्टर के रूप में पी नरहरि ने एक बाधा मुक्त वातावरण बनाने की दिशा में काम किया, जो यह सुनिश्चित करता है कि विकलांग लोग सुरक्षित और स्वतंत्र रूप से घूम सकें। विकास की प्रक्रिया में लोगों को शामिल करके विकासात्मक गतिविधियों के लिए उनका समर्थन सुरक्षित किया गया। समाज में हो रहे सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों के प्रति उचित दृष्टिकोण से 'जनता की अधिकारी' के नाम से मशहूर आईएएस अधिकारी स्मिता सभरवाल ने वारंगल में "फंड योर सिटी" नामक एक अभियान शुरू किया। उन्होंने निवासियों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद करने की अपील की, जि...
क्या आस्था मनोरंजन का विषय है?

क्या आस्था मनोरंजन का विषय है?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, संस्कृति और अध्यात्म
रजनीश कपूरपिछले कुछ दिनों से एक फ़िल्म को लेकर देश भर में काफ़ी विवाद चल रहा है। कारण है इस फ़िल्म में दिखाए गएभ्रामक दृश्यों और आपत्तिजनक डायलॉग। समाज का एक बड़ा हिस्सा, धार्मिक गुरु व संत और राजनैतिक दलफ़िल्म के निर्माताओं को हर मंच पर घेर रहे हैं। विवादों के चलते सोशल मीडिया पर इस फ़िल्म को दुनिया भर सेकाफ़ी ट्रोल भी किया गया है। सवाल उठता है कि क्या मनोरंजन के लिए आप आस्था से खिलवाड़ कर सकते हैं?क्या आस्था मनोरंजन का विषय है?रामायण पर आधारित फ़िल्म ‘आदिपुरुष’ के निर्माताओं ने इस फ़िल्म में कुछ पात्रों का विवादास्पद चित्रण कियाहै, जो हिंदुओं की भावना को ठेस पहुँचा रहा है। इसके साथ ही इस फ़िल्म में बोले गये कई ऐसे डायलॉग भी हैं जोकि सभ्य नहीं माने जा सकते। जैसे ही विवाद बढ़ा तो फ़िल्म के निर्माता व संवाद लेखक ने अपने पुराने बयानों सेपलटते हुए यह सफ़ाई दी कि “यह फ़िल्म रामायण पर आधारित न...