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सिविल सेवाएँ राज्य और समाज के बीच संपर्क पुल.

सिविल सेवाएँ राज्य और समाज के बीच संपर्क पुल.

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आईएएस अधिकारी रितु माहेश्वरी ने कानपुर में प्रचलित बिजली चोरी से निपटने के लिए नए बिजली स्मार्ट मीटर लगाए। प्राकृतिक, मानव और वित्तीय संसाधनों का विकास और जुटाना और विकासात्मक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उनका उचित उपयोग। मध्य प्रदेश में जिला कलेक्टर के रूप में पी नरहरि ने एक बाधा मुक्त वातावरण बनाने की दिशा में काम किया, जो यह सुनिश्चित करता है कि विकलांग लोग सुरक्षित और स्वतंत्र रूप से घूम सकें। विकास की प्रक्रिया में लोगों को शामिल करके विकासात्मक गतिविधियों के लिए उनका समर्थन सुरक्षित किया गया। समाज में हो रहे सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों के प्रति उचित दृष्टिकोण से 'जनता की अधिकारी' के नाम से मशहूर आईएएस अधिकारी स्मिता सभरवाल ने वारंगल में "फंड योर सिटी" नामक एक अभियान शुरू किया। उन्होंने निवासियों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद करने की अपील की, जि...
क्या आस्था मनोरंजन का विषय है?

क्या आस्था मनोरंजन का विषय है?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, संस्कृति और अध्यात्म
रजनीश कपूरपिछले कुछ दिनों से एक फ़िल्म को लेकर देश भर में काफ़ी विवाद चल रहा है। कारण है इस फ़िल्म में दिखाए गएभ्रामक दृश्यों और आपत्तिजनक डायलॉग। समाज का एक बड़ा हिस्सा, धार्मिक गुरु व संत और राजनैतिक दलफ़िल्म के निर्माताओं को हर मंच पर घेर रहे हैं। विवादों के चलते सोशल मीडिया पर इस फ़िल्म को दुनिया भर सेकाफ़ी ट्रोल भी किया गया है। सवाल उठता है कि क्या मनोरंजन के लिए आप आस्था से खिलवाड़ कर सकते हैं?क्या आस्था मनोरंजन का विषय है?रामायण पर आधारित फ़िल्म ‘आदिपुरुष’ के निर्माताओं ने इस फ़िल्म में कुछ पात्रों का विवादास्पद चित्रण कियाहै, जो हिंदुओं की भावना को ठेस पहुँचा रहा है। इसके साथ ही इस फ़िल्म में बोले गये कई ऐसे डायलॉग भी हैं जोकि सभ्य नहीं माने जा सकते। जैसे ही विवाद बढ़ा तो फ़िल्म के निर्माता व संवाद लेखक ने अपने पुराने बयानों सेपलटते हुए यह सफ़ाई दी कि “यह फ़िल्म रामायण पर आधारित न...
<strong>नेताजी सुभाष जीवित होते तो देश का बंटवारा न होने देते</strong>

नेताजी सुभाष जीवित होते तो देश का बंटवारा न होने देते

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
आर.के. सिन्हा क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस जीवित होते तो पाकिस्तान कभी  बन पाता? यह बहस लंबे समय से चल रही है। इस विषय पर इतिहासकारों और विद्वानों में मतभेद भी रहे हैं।    अब इस बहस में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने हाल ही में कहा कि "अगर नेताजी सुभाष चंद्र बोस जिंदा होते तो भारत का बंटवारा नहीं होता।” क्या वे मोहम्मद अली जिन्ना को समझा पाते कि भारत के बंटवारे से किसी को कुछ लाभ नहीं होगा? यह सवाल अपने आप में काल्पनिक होते हुए भी महत्वपूर्ण हैं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन काल में ही अखिल भारतीय मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान का प्रस्ताव पारित किया था। जिन्ना ने 23 मार्च, 1940 को लाहौर के बादशाही मस्जिद के ठीक आगे बने मिन्टो पार्क में जनसभा को संबोधित करते हुए अपनी घनघोर सांप्रदायिक सोच को प्रकट कर दिया था। जिन...
भाजपा, केसीआर और मुसलमान

भाजपा, केसीआर और मुसलमान

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विनीत नारायणमहाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने हाल ही में मुसलमानों को ‘औरंगज़ेब की औलाद’ कह करसंबोधित किया। इससे पहले उत्तर प्रदेश के पिछले चुनाव में ‘रामज़ादे - हरामज़ादे’ या ‘शमशान -क़ब्रिस्तान’ जैसे भड़काऊ बयान दिये गये थे। दिल्ली चुनावों में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने “गोली मारोसालों को” जैसे भड़काऊ बयान देकर मुसलमानों के प्रति अपनी घृणा अभिव्यक्त की थी। पिछले दिनोंबालासोर की ट्रेन दुर्घटना में बिना तथ्यों की जाँच हुए ही ‘ट्रॉल आर्मी’ ने फ़ौरन प्रचारित कर दिया किदुर्घटना स्थल से थोड़ी दूर एक मस्जिद में इस हादसे की साज़िश रची गई थी। जबकि जिसे मस्जिद बतायाजा रहा था वो इस्कॉन संस्था का श्री राधा कृष्ण मंदिर है और जिस स्टेशन मास्टर को मुसलमान होने केनाते इस दुर्घटना का साज़िशकर्ता बताया जा रहा था वो दरअसल हिंदू निकला।देश में जब कोविड फैला तो दिल्ली के निज़ामुद्दीन स्थि...
पाकिस्तान में हैं आतंकवाद की असली जड़ें !

पाकिस्तान में हैं आतंकवाद की असली जड़ें !

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आतंकवाद की समस्या आज भारत की ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व की एक बड़ी समस्या बन गया है। आज के समय में दुनिया में अनेक आतंकी संगठन मौजूद है जिन्होंने अपनी दहशत से पूरी दुनिया को हिला कर रखा हुआ है और शायद यही कारण भी है कि आतंकवाद की वजह से विश्व के कई देश आज दहशत व खौफ में हैं। विभिन्न खतरनाक आतंकी संगठन दुनिया में खौफ पैदा करने के लिए समय समय पर हिंसात्मक गतिविधियों का सहारा लेते रहे हैं। आईएसआई एस यानी कि इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड सीरिया, अलकायदा, तालिबानी आतंकी संगठन, नाइजीरिया का इस्लामी आतंकी संगठन बोको हराम, लश्कर ए तैयबा, अल-शाबान, तहरीक ए तालिबान(पाकिस्तान, अफगानिस्तान सीमा के बीच), कोलंबिया का मार्क्सवादी -लेनिनवादी जो कि ड्रग्स तस्करी व आतंकी घटनाओं के लिए बदनाम है, दक्षिण पूर्वी एशियाई देश फिलीपींस में अबू सर्राफ जो कि अपहरण व फिरौती के लिए बदनाम है तथा दक्षिणी पूर्वी एशिया में ...
अमेरिका द्वारा चीन से विकासशील देश का दर्जा छीनने पर बौखलाहट

अमेरिका द्वारा चीन से विकासशील देश का दर्जा छीनने पर बौखलाहट

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हाल ही में हमारे पड़ोसी चीन ने विकासशील देश का दर्जा को दिया है। दरअसल, हाल ही में अमेरिका ने चीन से उसका ‘विकासशील देश’ का दर्जा छीन लिया है और अमेरिका के इस फैसले से चीन यानी कि ड्रैगन में बौखलाहट देखने को मिल रही है। वास्तव में चीन से विकासशील देश का दर्जा हटने से अब इसकी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ना लगभग लगभग तय हो गया है। जानकारी देना चाहूंगा कि वर्तमान समय में  अमेरिका 26.854 ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी है। वहीं, चीन 19.374 ट्रिलियन डॉलर के साथ दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी है‌। चीन के बाद जापान 4.410 ट्रिलियन डॉलर के साथ तीसरे नंबर और जर्मनी 4.309 ट्रिलियन के साथ चौथे नंबर पर है और इसके बाद भारत का नंबर आता है। अब चीन को विश्व बैंक(वर्ल्ड बैंक) और आईएमएफ यानी कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कम ब्याज पर लोन नहीं मिल सकेगा। इस नये कानून से चीन की जीडीपी की ग्रोथ रेट और ...
सावधान: ऊपरवाला सब देख रहा है!

सावधान: ऊपरवाला सब देख रहा है!

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रजनीश कपूरदेश की एक नामी सीसीटीवी कंपनी ने अपने विज्ञापन में एक लाइन को प्रमुखता दी ‘ऊपरवाला सब देख रहा है’। इस कंपनी का उद्देश्य था कि उनके सीसीटीवी कैमरे की निगाह से कोई नहीं बच सकता। परंतु आज हम जिस संदर्भ में इस बात को कह रहे हैं वो सरकार द्वारा जनता पर नज़र रखने से संबंधित है। यह एक ऐसा विषय है जो आप सभी को सोचने पर मजबूर कर देगा। आपने देश के कई शहरों यातायात पुलिस द्वारा लगाए गये स्पीड कैमरे देखे होंगे। जो भी वाहन चालक स्पीड का क़ानून तोड़ता है। लाल बत्ती पार करता है। लाल बत्ती पर वाहन को स्टॉप लाइन के आगे खड़ा करता है। बिना हेलमेट के दुपहिया वाहन चलाता है या ऐसा कोई अन्य उल्लंघन करता है जो ट्रैफ़िक पुलिस के कैमरों में क़ैद हो जाता है तो उसके घर पर एक चालान पहुँच जाता है। ऐसे चालान आजकल ऑनलाइन भी चेक किए जा सकते हैंजहां पर फ़ोटो द्वारा ट्रैफ़िक नियम तोड़ने का प्रमाण भी दिखाई देत...
गेहूं भंडारण पर लगाम ?

गेहूं भंडारण पर लगाम ?

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कितनी अजीब बात है एक तरफ़ देश में गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है और दूसरी तरफ़ सरकार ने प्रचुर आपूर्ति के बीच उसकी स्टॉक लिमिट तय करने का निर्णय सुना दिया है । यह निर्णय इस बात का साफ़ संकेत है कि देश में खाद्य अर्थव्यवस्था भारी कुप्रबंधन की शिकार है। साफ़ समझ आ रहा है कि रबी का मार्केटिंग सीजन अभी समाप्त नहीं हुआ है और किसानों के पास अभी भी गेहूं का ऐसा भंडार मौजूद है जो बिका नहीं है। इस लिहाज से भी यह कदम न केवल गलत बल्कि किसान विरोधी ही कहा जाएगा । और ख़ास बात यह है कि यह निर्णय ऐसे समय आया है जब खाद्य मुद्रास्फीति 2.91 प्रतिशत के साथ 18 महीने के निचले स्तर पर है और सकल खुदरा मुद्रास्फीति 4.25 प्रतिशत के साथ 25 माह के निचले स्तर पर है। मोटे तौर पर खाद्य और ईंधन कीमतों में नरमी की बदौलत हुआ है।इसमें कोई संदेह नहीं है कि गेहूं के मामले में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति क...
महाराणा राजसिंह, मेवाड़ का प्रतिरोध, हसन अली और औरंगजेब :

महाराणा राजसिंह, मेवाड़ का प्रतिरोध, हसन अली और औरंगजेब :

EXCLUSIVE NEWS, Today News, विश्लेषण, साहित्य संवाद
_____________________________________ औरंगजेब का एक बहुत काबिल सेनानायक और फौजदार था, उसका नाम हसन अली था। हसन अली औरंगजेब की नीच आत्मा का सगा हिस्सा था।वह उसके जितना ही धर्मांध, अत्याचारी और हिन्दू द्वेष से भरा हुआ था। यही हसन अली था जिसने औरंगजेब की काफिरों के सभी मन्दिर ध्वस्त कर दिए जाएं ---- वाले राजाज्ञा (1669 ईस्वी का राज्यादेश) का अनुपालन कराते हुए देश के भीतर स्थित बहुत से महत्वपूर्ण मन्दिर नष्ट करवाए। हसन अली ने ही 1670 ईस्वी में गोकुल जाट द्वारा मथुरा के फौजदार अब्दुन नबी को केशवराय मन्दिर तोड़ने की धृष्टता के समय मार डालने के बाद ---- मथुरा की फौजदारी संभाल कर गोकुल जाट के महाविप्लव को शान्त किया था, गोकुल जाट और उनके परिवारी जनों को बंदी बनाकर औरंगजेब के समक्ष प्रस्तुत किया था, जिसमें गोकुल जाट को बर्बर बादशाह ने आगरा के किले के सामने 40 टुकड़ों में कटवाकर क्रूर ह...
<strong>संसद भवन के उद्घाटन पर मोदी-विरोध की राजनीति क्यों?</strong>

संसद भवन के उद्घाटन पर मोदी-विरोध की राजनीति क्यों?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
-ललित गर्ग-दुनिया में भारत एवं भारतीय लोकतंत्र का गौरव एवं सम्मान बढ़ रहा है, वहीं भारत में लोकतंत्र के इतिहास की एक महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक घटना का बहिष्कार करते हुए समूचा विपक्ष भारतीय लोकतांत्रिक उजालों पर कालिख पोतने का प्रयास कर रहा है। यह समय न केवल नये संसद भवन के उद्घाटन बल्कि लगातार दुनिया में भारत एवं उसके महानायक के सम्मान की घटनाओं को लेकर गर्व एवं गौरव करने का है। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन ऐतिहासिक क्षणों को यादगार बनाते हुए विपक्ष विवेक एवं परिपक्व सोच का परिचय देने की बजाय संकीर्ण, बिखरावमूलक एवं विनाशकारी राजनीति का परिचय दे रहा है। अब यह लगभग तय हो चुका है कि लोकतंत्र का मंदिर कही जाने वाली संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह से विपक्ष के 19 दल गायब रहेेंगे। इन विपक्षी दलों ने बाकायदा घोषणा कर दी कि वे रविवार को होने वाले इस समारोह का बहिष्कार करेंगे। कारण यह है कि संसद ...