Shadow

विश्लेषण

जीव-जंतुओं की आहे एवं क्रंदन को सुनना होगा

जीव-जंतुओं की आहे एवं क्रंदन को सुनना होगा

विश्लेषण, सामाजिक
- ललित गर्ग -उत्तर प्रदेश के बदायूं में चूहे को मारने के आरोप में एक युवक के खिलाफ मामला दर्ज होने की घटना मानव-समाज में साधारण होकर भी चौका रही है, चौका इसलिये रही है कि यह मनुष्य की संवेदनहीनता, बर्बरता एवं क्रूरता की मानसिकता को दर्शाती है। बेजुबानों के साथ निर्दयता का सिलसिला खत्म नहीं होना चिन्ताजनक है। ऐसी घटनाएं बार-बार होती है, कभी एक गाय को खाने के समान में विस्फोटक पदार्थ एवं एक हथिनी को कुछ लोगों ने मनोरंजन के चलते बारुद से भरे अनानास खिलाना हो, एक चीते को पीट-पीट कर मार देना। हाल ही में दिल्ली में एक गर्भवती कुतिया को एक कालेज के कुछ कर्मचारियों और छात्रों ने मिल कर बेहद बर्बरता से पीट-पीट कर मार डाला-ये घटनाएं क्रूरता की पराकाष्ठा है, जो मनुष्यता को शर्मसार करती है। बदायूं का यह ताजा मामला चूंकि अब कानून के कठघरे में है, इसलिए अब इसका फैसला कानूनी प्रक्रिया के तहत किया जाएगा।...
भारत की पहचान किनसे है?

भारत की पहचान किनसे है?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
               -बलबीर पुंज ऐसा कौन सा व्यक्तित्व है, जो भारत की पहचान को परिभाषित कर सकता है?— वह, जिसने इस देश की मूल बहुलतावादी संस्कृति को ध्वस्त किया हो या फिर वे, जिन्होंने उसकी रक्षा में अपने प्राण आहुत कर दिए। यह चर्चा 'पूर्वोत्तर के शिवाजी' नाम से प्रसिद्ध, असम के अहोम योद्धा लाचित बोरफुकन की 400वीं जयंती पर दिल्ली में 23-25 नवंबर को आयोजित कार्यक्रम के कारण प्रासंगिक है। आज से 350 वर्ष पहले वीर लाचित के पराक्रम ने क्रूर मुगल औरंगजेब को पूर्वोत्तर भारत में अपनी जड़ें जमाने से रोक दिया था।  देश के विमर्श में दशकों से यह प्रश्न उठता रहा है— क्या गजनवी, ग़ौरी, खिलजी, बाबर, अकबर, जहांगीर, शाहजहां, औरंगजेब या टीपू सुल्तान इत्यादि इस्लामी आक्रांता, भारत की पहचान हो सकते है? यदि इसका उत्तर 'हां' है, तो इस संदर्भ में पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप, वीरसिंह बुंदेला, दुर्गादास र...
चीन की अनावश्यक चिंता

चीन की अनावश्यक चिंता

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* भारत,चीन और अमेरिका के बीच आजकल जो कहा-सुनी चल रही है, वह बहुत मजेदार है। उसके तरह-तरह के अर्थ लगाए जा सकते हैं। चीनी सरकार के प्रवक्ता ने एक बयान देकर कहा है कि उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा पर अमेरिकी और भारतीय सेना का जो ‘युद्धाभ्यास’ चल रहा है, वह बिल्कुल अनुचित है और वह 1993 और 1996 के भारत-चीन समझौतों का सरासर उल्लंघन है। सच्चाई तो यह है कि मई 2020 में चीन ने गलवान-क्षेत्र में अपने सैनिक भेजकर ही उक्त समझौतों का उल्लंघन कर दिया था। वास्तव में भारत-अमेरिका का यह युद्धाभ्यास चीन-विरोधी हथकंडा नहीं है। दोनों राष्ट्र इस तरह के कई युद्धाभ्यास जगह-जगह कर चुके हैं। यह चीन को धमकाने का कोई पैंतरा भी नहीं है। यह तो वास्तव में हिमालय-क्षेत्रों में अचानक आनेवाले भूंकप, बाढ़, पहाड़ों की टूटन, जमीन फटने जैसी विपत्तियों का सामना करने का पूर्वाभ्यास है। प्राकृतिक संकट से ग्र...
कूटनीति एवं राजनीति : अंधेरी सुरंग – अनुज अग्रवाल

कूटनीति एवं राजनीति : अंधेरी सुरंग – अनुज अग्रवाल

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
भारत अब अगले एक वर्ष तक G -20 समूह का अध्यक्ष है। दुनिया के अकेले प्रभावी वैश्विक संगठन जो की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का समूह है, का अध्यक्ष होना निश्चित ही हर भारतवासी के लिए गर्व व उपलब्धि की बात है। मगर जिन अनिश्चित व बिगड़ी हुई वैश्विक परिस्थितियों के बीच भारत G20 समूह का अध्यक्ष बना है वे एक चुनौती की तरह हैं। दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के मुहाने पर है। नई विश्व व्यवस्था के लिए संघर्ष तीव्र होते जा रहे हैं। अमेरिका - चीन विश्व युद्ध व रुस - यूक्रेन युद्ध अब सीधा सीधा चीन - नाटो व्यापार युद्ध व रूस - नाटो युद्ध में बदलता जा रहा है। कोविड के बाद के झटकों से दुनिया उबर नहीं पा रही है कि अब उसकी नई लहर फिर से उभर रही है। पोस्ट कोविड बीमारियां व वैक्सीन के दुष्प्रभाव से हो रही मौतें हर जगह क़हर बरपा रही हैं तो अनेक नई बीमारियाँ हमारे दरवाज़े पर दस्तक दे रही हैं। उस पर मेडिकल माफिया नित ...
राहुल गांधी जैसे विधर्मियों, ईसाईयो व कसाइयों को मठ-मंदिरों में प्रवेश से वंचित करो

राहुल गांधी जैसे विधर्मियों, ईसाईयो व कसाइयों को मठ-मंदिरों में प्रवेश से वंचित करो

Current Affaires, EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण, सामाजिक
राष्ट्र-चिंतन*   *आचार्य श्री विष्णुगुप्त*  राहुल गांधी अभी-अभी उज्जैन के महाकाल मंदिर में घुसा और दर्शन के नाम पर भरपूर मनोरंजन किया। राहुल गांधी के इस मनोरंजन खेल को न तो मूर्ख हिन्दू समझेंगे और न ही सेक्युलर हिन्दू समझेंगे, महाकाल जैसे मंदिरों के पुजारियों और मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य भी नहीं समझेंगे। उपर्युक्त टिप्पनियां सोशल मीडिया पर खूब चली, इस तरह की टिप्पणियों के सहचर लोगों का गुस्सा यह है कि राहुल गांधी जैसे विधर्मियों और गैर हिन्दुओं का प्रवेश मंदिरों और मठों में क्यों होना चाहिए? विधर्मियों और गैर हिन्दुओं का मठ-मंदिरों में प्रवेश उसी तरह से निषेध होना चाहिए जिस तरह से मक्का मदीना में गैर मुसलमानों का प्रवेश निषेध है। यानी कि अब स्वाभिमानी हिन्दू अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए मक्का-मदीना जैसा विकल्प चाहते हैं।            ईसाई और मु...
राहुल क्यों करे मोदी की नकल?

राहुल क्यों करे मोदी की नकल?

BREAKING NEWS, Current Affaires, EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
डॉ. वेदप्रताप वैदिक लोकतंत्र में सभी नेताओं और दलों को स्वतंत्रता होती है कि यदि वे करना चाहें तो हर किसी की आलोचना करें लेकिन आजकल नेता लोग एक-दूसरे की निंदा करने और नकल करने में नए-नए प्रतिमान कायम कर रहे हैं। राहुल गांधी को देखकर लगता है कि नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी भाई-भाई हैं। हालांकि दोनों के बौद्धिक स्तर में ज्यादा फर्क नहीं है लेकिन मोदी के आलोचक भी मानते हैं कि राहुल के मुकाबले मोदी बहुत अधिक प्रभावशाली वक्ता हैं। वे जो बात भी कहते हैं, वह तर्कसंगत और प्रभावशाली होती है जबकि राहुल का बोला हुआ लोगों की समझ में ही नहीं आता। कई बार राहुल के मुंह से ऐसी बातें निकल जाती हैं, जो कांग्रेस पार्टी की परंपरागत नीति के विरुद्ध होती हैं। फिर भी राहुल की हरचंद कोशिश होती है कि वह मोदी के विकल्प की तरह दिखने लगें। राहुल ने मोदी की तरह अपनी दाढ़ी बढ़ा ली है। और बिल्कुल मोदी की तरह धोती लपे...
दूध की धार पर जहर की मार या दूध की सूखती धार

दूध की धार पर जहर की मार या दूध की सूखती धार

TOP STORIES, विश्लेषण
डॉ. शंकर सुवन सिंहदूध पौष्टिकता का प्रतीक है। दूध देवताओं को प्रिय है। दूध अमृत है। दूध शाकाहारियों के लिए प्राथमिक प्रोटीनका स्रोत है। दूध विटामिन डी का एक दुर्लभ खाद्य स्रोत भी है। पुराणों में दूध की तुलना अमृत से की गई हैं, जोशरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाने के साथ-साथ कई सारी बीमारियों से बचाता है। अथर्ववेद में लिखा है किदूध एक सम्पूर्ण भोज्य पदार्थ है। इसमें मनुष्य शरीर के लिए आवश्यक वे सभी तत्व हैं जिनकी हमारे शरीर कोआवश्यकता होती है। दूध की शुद्धता अच्छे स्वास्थ्य की निशानी है। विश्व में भारत दुग्ध उत्पादन में अग्रणी देशहै। भारत को सदियों से दूध दही का देश कहा जाता रहा है। पंजाब और हरियाणा दुग्ध उत्पादन में हमेशा आगेरहे हैं। एक प्रचलित कहावत है कि जहां दूध दही का खाना वो है हमारा हरियाणा। अब खपत को पूरा करने केलिए इसी दूध में जहर को घोला जा रहा है। मिलावटी दूध हमारे स्वास्थ्य और जीवन ...
भागी हुई लड़कियों का बाप.. सबसे निरीह होता हैं !!

भागी हुई लड़कियों का बाप.. सबसे निरीह होता हैं !!

TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
      वह इस दुनिया का सबसे अधिक टूटा हुआ व्यक्ति होता है। पहले तो वह महीनों तक घर से निकलता नहीं है, और फिर जब निकलता है तो हमेशा सर झुका कर चलता है। अपने आस-पास मुस्कुराते हर चेहरों को देख कर उसे लगता है जैसे लोग उसी को देख कर हँस रहे हैं। वह जीवन भर किसी से तेज स्वर में बात नहीं करता, वह डरता है कि कहीं कोई उसकी भागी हुई बेटी का नाम न ले ले... वह जीवन भर डरा रहता है। वह रोज मरता है। तबतक मरता है जबतक कि मर नहीं जाता।     पुराने दिनों में एक शब्द होता था 'मोछ-भदरा'। जिस पिता की बेटी घर से भाग जाती थी, उसे उसी दिन हजाम के यहाँ जा कर अपनी मूछें मुड़वा लेनी पड़ती थी। यह ग्रामीण सभ्यता का अलिखित संविधान था। तब मनई दो बार ही मूँछ मुड़ाता था, एक पिता की मृत्यु पर और दूसरा बेटी के भागने पर। बेटी का भागना तब पिता की मृत्यु से अधिक पीड़ादायक समझा जाता था। तब और अब में बस इतना इतना ही...
स्वयं से संघर्षरत पाकिस्तान

स्वयं से संघर्षरत पाकिस्तान

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
-बलबीर पुंज पाकिस्तान का अगला सेनाध्यक्ष कौन होगा? 29 नवंबर को उसके वर्तमान सेना मुखिया जनरल कमर जावेद बाजवा का दूसरा कार्यकाल समाप्त हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट की माने, तो पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय को जिन नामों की सूची भेजी है, उसमें— लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर, लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा और लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास प्रबल उम्मीदवार हैं। नए सेनाध्यक्ष का शरीफ बंधुओं (नवाज-शहबाज) और इमरान खान के बीच संबंध कैसा होगा? इन प्रश्नों के उत्तरों का पाकिस्तान के भविष्य से सीधा संबंध है। पाकिस्तानी सेना से सीधा टकराने वाले इमरान अगले सेनाध्यक्ष की नियुक्ति में या तो सरकार-विपक्ष में आम-सहमति होने या इसे चुनाव तक टालने की बात कर रहे है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि शरीफ सरकार द्वारा प्रस्तावित विकल्पों में जनरल मुनीर का हर समय नियमों से चलने वाला व्यवहार, इमरान को 'पसं...
कैसे लग जाते हैं विचारों को पंख?

कैसे लग जाते हैं विचारों को पंख?

EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण, साहित्य संवाद
हमारे लिए लिखना जरुरी क्यू हैं? सागर की बड़ी –बड़ी लहरें आपको उन्माद से भर जाती हैं। आप लहरों संग ऊपर –नीचे करने लगते हो। समुद्र में उतरने से ही पहले।ऐसे में भला कहां समझ आता हैं कि जाएं या न जाएं। कानों में अलग-अलग आवाज़ें कैद होती रहती हैं और मचलने लगता है मन, कि चलो। अब तो चलना ही है । सार्थक रूप से बात करने या लिखने के लिए अनुभव और जीवन सीखने से प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। प्रत्यक्ष अनुभव भी स्मृति में उकेरा जाता है और कोई भी वास्तव में पाठकों को अनुभव के बारे में विश्वास दिला सकता है। -प्रियंका सौरभ सभी लेखक और लेखक अक्सर अपने स्वयं के जीवन के अनुभवों के बारे में लिखते हैं। जीवन के अनुभव की कमी के कारण, कोई अर्थपूर्ण ढंग से नहीं लिख सकता या दर्शकों को बांध नहीं सकता। युद्ध में जाने का अनुभव इसके बारे में पढ़ने से अलग है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जो व्यक्ति कभी सेना में नही...