
जीव-जंतुओं की आहे एवं क्रंदन को सुनना होगा
- ललित गर्ग -उत्तर प्रदेश के बदायूं में चूहे को मारने के आरोप में एक युवक के खिलाफ मामला दर्ज होने की घटना मानव-समाज में साधारण होकर भी चौका रही है, चौका इसलिये रही है कि यह मनुष्य की संवेदनहीनता, बर्बरता एवं क्रूरता की मानसिकता को दर्शाती है। बेजुबानों के साथ निर्दयता का सिलसिला खत्म नहीं होना चिन्ताजनक है। ऐसी घटनाएं बार-बार होती है, कभी एक गाय को खाने के समान में विस्फोटक पदार्थ एवं एक हथिनी को कुछ लोगों ने मनोरंजन के चलते बारुद से भरे अनानास खिलाना हो, एक चीते को पीट-पीट कर मार देना। हाल ही में दिल्ली में एक गर्भवती कुतिया को एक कालेज के कुछ कर्मचारियों और छात्रों ने मिल कर बेहद बर्बरता से पीट-पीट कर मार डाला-ये घटनाएं क्रूरता की पराकाष्ठा है, जो मनुष्यता को शर्मसार करती है। बदायूं का यह ताजा मामला चूंकि अब कानून के कठघरे में है, इसलिए अब इसका फैसला कानूनी प्रक्रिया के तहत किया जाएगा।...