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महंगी होती खाद से खेती करना मुश्किल

महंगी होती खाद से खेती करना मुश्किल

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महंगी होती खाद से खेती करना मुश्किल -प्रियंका 'सौरभ' उत्पादन बढ़ाने के लिए उर्वरक खेतों की उर्वरता बनाए रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। भारत अपनी उर्वरक आवश्यकताओं के लिए आयात पर बहुत अधिक निर्भर करता है। भारत में उर्वरकों की वर्तमान लागत एक खनिज संसाधन-गरीब देश के लिए वहन करने के लिए बहुत अधिक है। 2021-22 में, मूल्य के संदर्भ में, सभी उर्वरकों का आयात $ 12.77 बिलियन के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गया। भारत द्वारा उर्वरक आयात का कुल मूल्य, घरेलू उत्पादन में उपयोग किए गए इनपुट सहित, 2021-22 में $ 24.3 बिलियन का विशाल मूल्य था। उर्वरकों की उच्च लागत के कारण देखे तो उर्वरकों का न केवल आयात किया जाता है, बल्कि भारतीय किसान भी आयातित आदानों का उपयोग करके आयात या निर्माण की लागत से कम का भुगतान करते हैं। अंतर का भुगतान सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में किया जाता है। महंगा कच्चा माल भी काफ...
तेलंगाना ने बनाया तिरुपति जैसा भव्य मंदिर

तेलंगाना ने बनाया तिरुपति जैसा भव्य मंदिर

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तेलंगाना ने बनाया तिरुपति जैसा भव्य मंदिर विनीत नारायण क्या आपको पता है कि हैदराबाद से 60 किलोमीटर दूर यदाद्रीगिरीगुट्टा क्षेत्र में भगवान लक्ष्मी-नृसिंह देव का एक अत्यंत भव्य मंदिर पिछले वर्षों में बना है। पिछले हफ़्ते जब मैं इसके दर्शन करने गया तो इसकी भव्यता और पवित्रता देख कर दंग रह गया। दरअसल 2014 में आंध्र प्रदेश से अलग होने के बाद तेलंगाना में ये एक कमी थी। प्रसिद्ध तिरुमाला तिरुपति मंदिर आंध्र प्रदेश के हिस्से में चला गया था। तेलंगाना सरकार ने इस कमी को पूरा करने के लिए पौराणिक महत्व के यदाद्री लक्ष्मी-नृसिंह मंदिर का 1800 करोड़ रुपए की लागत से तिरुपति की तर्ज पर भव्य निर्माण करवाया है। आज यहाँ लाखों दर्शनार्थियों का मेला लगा रहता है। यदाद्री लक्ष्मी-नृसिंह गुफा का उल्लेख 18 पुराणों में से एक स्कंद पुराण में मिलता है। शास्त्रों के अनुसार त्रेता युग में महर्षि ऋष्यश्रृंग क...
जीवन में छोटी चीजों का आनंद लें। “इस लम्हे में खुश रहिये। ये लम्हा ही ज़िंदगी है।”

जीवन में छोटी चीजों का आनंद लें। “इस लम्हे में खुश रहिये। ये लम्हा ही ज़िंदगी है।”

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जीवन में छोटी चीजों का आनंद लें। “इस लम्हे में खुश रहिये। ये लम्हा ही ज़िंदगी है।” -सत्यवान 'सौरभ' जीवन में छोटी चीजों का आनंद लें क्योंकि एक दिन आप पीछे मुड़कर देखेंगे और महसूस करेंगे कि वे बड़ी चीजें थीं। छोटी चीजें जरूरी हैं क्योंकि वे हमारे जीवन के विशाल बहुमत को शामिल करती हैं। महत्वपूर्ण घटनाएं छिटपुट रूप से घटित होती हैं। छोटे-छोटे पल-पल होते रहते हैं। जब आप छोटी-छोटी चीजों की उपेक्षा करते हैं, तो आप अपने जीवन का काफी आनंद लेने से चूक जाते हैं। बचपन मे कहानी सुनी थी -एक मुर्गी रोज एक सोने का अन्डा देती थी पर उसके मालिक ने बडी खुशी के लिऐ उस मुर्गी को मारकर सब अन्डे साथ मे निकालने की सोची; न अन्डा मिला न मुर्गी बची तो तात्पर्य ये है की एक बडी खुशी से जीवन मे छोटी-छोटी खुशियां ज्यादा मायने रखती है। छोटी-छोटी बातों की सराहना किए बिना केवल बड़ी चीजों के...
खफा अरब, क्यों भारत के लिए खास आसियान

खफा अरब, क्यों भारत के लिए खास आसियान

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खफा अरब, क्यों भारत के लिए खास आसियान आर.के. सिन्हा राजधानी के दिल लुटियन दिल्ली के तुगलक क्रिसेंट में बना सुंदर भारत-आसियान मैत्री पार्क गवाही है कि भारत आसियान देशों से अपने संबंधों को खास अहमियत देता है। इसका उदघाटन तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सन 2018 में किया था। राजधानी में बीते दिनों आसियान देशों के विदेश मंत्रियों की भारत ने मेजबानी की। इसमें भारत-आसियान देशों के आपसी संबंधों पर चर्चा हुई। महत्वपूर्ण ये भी है कि ये सम्मेलन तब हुआ जब दुनिया के कई इस्लामिक देशों ने नुपुर शर्मा की हजरत मोहम्मद पर की गई ओछी टिप्पणी पर अपना विरोध जताया था। इनमें इंडोनेशिया और मलेशिया भी हैं। ये आसियान के सदस्य होने के साथ-साथ इस्लामिक देश भी हैं। आगे बढ़ने से पहले बता दें किआसियान दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन है। इसका मकसद है आपस में आर्थिक विकास और स...
ओबीसी के साथ क्रीमीलेयर का भेदभाव क्यों?

ओबीसी के साथ क्रीमीलेयर का भेदभाव क्यों?

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ओबीसी के साथ क्रीमीलेयर का भेदभाव क्यों? (केवल आर्थिक आधार पर क्रीमी लेयर का निर्धारण करना गलत होगा। सामाजिक स्थिति में बढ़ोतरी, शिक्षा, रोजगार, आर्थिक हैसियत जैसे कई तरह के कारक मिलकर किसी की सामाजिक वंचना दूर करते हैं। अगर इस बहस को ईमानदारी से शांत करना है तो सरकार को चाहिए कि वह जातिगत जनगणना करवाए। उसके आधार पर नीति बनाए।) - सत्यवान 'सौरभ' आरक्षण, सात दशकों के बावजूद, हमारे विषम समाज में कई समूहों के लिए लाभों के समान वितरण में अनुवादित नहीं हुआ है। नतीजतन, कई समूहों को छोड़ दिया गया है। आरक्षण का लाभ नहीं उठा पाने वाले हाशिए के तबके के लोगों की जोरदार मांग है। इसके लिए कुछ नीति विकल्प तैयार करने की आवश्यकता है जो आरक्षण की मौजूदा प्रणाली को पूरा करने में सक्षम हो सकते हैं। इसका विस्तार से अध्ययन करने के लिए न्यायमूर्ति रोहिणी आयोग का गठन किया गया। न्यायमूर्ति जी. रोहिणी आयोग की ...
बुलडोज़र बनाम क़ानून

बुलडोज़र बनाम क़ानून

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बुलडोज़र बनाम क़ानून विनीत नारायण प्रयागराज में मोहम्मद जावेद की पत्नी की मिल्कियत वाला मकान प्रशासन ने बुलडोज़र से ध्वस्त कर दिया। जावेद पर प्रयागराज में पत्थरबाज़ी करवाने व दंगे भड़काने का आरोप है। आरोप सिद्ध होने तक वो फ़िलहाल हिरासत में है। प्रशासन की इस कार्यवाही से कई क़ानूनी सवाल पैदा हो गए हैं। इस विषय में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गोविंद माथुर ने एक अख़बार से हुई बातचीत में बताया कि, 'ये पूरी तरह से गैरकानूनी है। भले ही आप एक पल के लिए भी मान लें कि निर्माण अवैध था, लेकिन करोड़ों भारतीय भी ऐसे ही रहते हैं, यह अनुमति नहीं है कि आप रविवार को एक घर को ध्वस्त कर दें जब उस घर का निवासी हिरासत में हों। यह कोई तकनीकी मुद्दा नहीं है बल्कि कानून के शासन का सवाल है।' जस्टिस माथुर ने समझाया कि प्रशासन द्वारा बुलडोज़र से केवल किसी संपत्ति...
स्त्री स्वच्छता हर महीने समान सम्मान और अधिकारों का आनंद लें।

स्त्री स्वच्छता हर महीने समान सम्मान और अधिकारों का आनंद लें।

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स्त्री स्वच्छता हर महीने समान सम्मान और अधिकारों का आनंद लें। (सभी उम्र के महिलाओं और पुरुषों को इस अक्सर अनकहे मुद्दे के साथ जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए घर और स्कूल में खुले संवाद और शिक्षा के माध्यम से मासिक धर्म स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। ) -प्रियंका 'सौरभ' मासिक धर्म के बारे में जागरूकता पैदा करना, लड़कियों को सुरक्षित और स्वास्थ्यकर अभ्यास प्रदान करना और वर्जनाओं का बुलबुला फोड़ना, विश्व मासिक धर्म स्वच्छता धर्म चक्र का प्रतीक है। दुनिया के कई हिस्सों में मासिक धर्म अभी भी वर्जित है। जबकि यह एक प्राकृतिक घटना है जो यौवन के बाद हर लड़की के साथ होती है, इसे अभी तक 'सामान्य' के रूप में संबोधित नहीं किया गया है। एक महिला के जीवन में मासिक धर्म अतिमहत्वपूर्ण है, क्योंकि यह स्त्री को जननी बनने के लिए तैयार करता है। इस दौरान नारी में बड़े नाजुक परिवर्तन ह...
अग्निपथ योजना – दूरदर्शी एवं क्रांतिकारी योजना

अग्निपथ योजना – दूरदर्शी एवं क्रांतिकारी योजना

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अग्निपथ योजना – दूरदर्शी एवं क्रांतिकारी योजना युवाओं को मिलेंगे बेहतर अवसर व अनेक लाभ मृत्युंजय दीक्षित रक्षा मंत्रालय द्वारा अग्निपथ योजना की घोषणा के साथ ही बिहार सहित देश के कई राज्यों में इस योजना का हिंसक विरोध प्रारम्भ हो गया जो प्रथम दृष्टया सुनियोजित और एक बड़े षड़यंत्र का हिस्सा प्रतीत हो रहा है, विगत दो तीन सप्ताह से नूपुर शर्मा के बयान को लेकर जिस प्रकार हिंसा की गयी, फिर राहुल गाँधी की प्रवर्तन निदेशालय में पेशी को लेकर कांग्रेस ने हिंसक प्रदर्शन किए वर्तमान अग्निपथ विरोधी हिंसा भी उसी पुस्तक का एक अन्य अध्याय लग रही है। भाजपा और विशेषकर मोदी विरोधी राजनैतिक दल जिस प्रकार चिड़िया उड़ का खेल खेल रहे हैं तथा छात्रों को भड़का रहे हैं वह किसी देशद्रोह से कम नहीं है। वास्तविकता यह है कि अग्निपथ योजना के अंतर्गत जिन अग्निवीरों की भर्ती होगी उनमें से 25 प्रतिशत तो सेना में ही आगे बढ़ ज...
क्या वैवाहिक बलात्कार करने वालों को दंडित किया जाना चाहिए?

क्या वैवाहिक बलात्कार करने वालों को दंडित किया जाना चाहिए?

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क्या वैवाहिक बलात्कार करने वालों को दंडित किया जाना चाहिए? (यौन सहमति पुरुषों की तरह हर महिला का अधिकार है चाहे वो विवाहित हो या अविवाहित  और गैर-सहमति वाले सेक्स के लिए बलात्कार की तरह आपराधिक कानून होने चाहिए, चाहे अपराधी का पीड़ित के साथ संबंध कुछ भी हो। इसकी सुरक्षा के लिए कानून का न होना मानव अधिकार का उल्लंघन है और महिलाओं के प्रति अन्याय है।) -प्रियंका 'सौरभ' वैवाहिक बलात्कार पर हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा एक फैसला दिया गया। भारतीय बलात्कार कानून विवाह को एक अपवाद के रूप में मानते हैं, और मानवाधिकार संगठन वैवाहिक बलात्कार को अपराधीकरण करने के लिए लड़ रहे हैं। क्या सच में शादी आपको अपने पार्टनर के साथ जब चाहे तब सेक्स करने का लाइसेंस देती है? नहीं। विवाह में भी सहमति महत्वपूर्ण है, और यह केवल समय है कि हम इसे कानूनी रूप से भी पहचानें। वैवाहिक बलात्कार के अपराधीकरण पर ...
वैधव्य के त्रासदीपूर्ण जीवन का कलंक मिटें

वैधव्य के त्रासदीपूर्ण जीवन का कलंक मिटें

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वैधव्य के त्रासदीपूर्ण जीवन का कलंक मिटें - ललित गर्ग - किसी भी समाज में वैवाहिक जीवन साथी विशेषतः पति की मृत्यु हो जाने के बाद पत्नी की हालात काफी चिंताजनक हो जाती हैं। एक शादीशुदा महिला ने जो सपने शादी से पहले अपनी आने वाली जिंदगी के लिए देखे होते हैं, वो सब टूट जाते हैं। यही नहीं, आज भी हमारा समाज विधावाओं को उस नजर से नहीं देखता है, जिसकी वो असल में हकदार हैं। इससे उत्पन्न पारिवारिक, सामाजिक, वित्तीय और आर्थिक समस्याएं तो कई बार इतनी बड़ी हो जाती हैं कि उनका समाधान बहुत मुश्किल नजर आता है। ऐसे में इस समाज की जिम्मेदारी बनती है कि विधवाओं को भी बाकी सामान्य लोगों की तरह सम्मानजनक जीवन जीने का दर्जा मिले। इस दृष्टि से विश्वस्तर पर हर साल 23 जून को अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस मनाया जाता है। दरअसल, सभी उम्र, क्षेत्र और संस्कृति की विधावाओं की स्थिति को विशेष पहचान दिलाने के लिए 23 जून 201...