कहने को गठबंधन पर सबके अपने राग
जून से दिसम्बर आकर चला गया, अभी तक इस सवाल का हल नहीं निकला क़ि ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्कलुसिव अलायंस’ (इंडिया) नामक गठबंधन का अगुवा कौन होगा ? वैसे इसमें 28 दल हैं, और सबकी चाहत है कि 2024 के आम चुनाव में भाजपा से लड़ने को एक संयुक्त मोर्चा बनाने में जितना संभव हो, अधिक से अधिक विपक्षी दलों को साथ जोड़ा जाए। इस गुट की स्थापना करने में, कांग्रेस का योगदान उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि अन्य क्षेत्रीय पार्टियों का, यह एक तरह से गांधी परिवार की स्वीकारोक्ति है कि उसकी राजनीतिक विरासत अपने बूते पर भाजपा से मुकाबला करने लायक नहीं रही। वैसे भी इस गठबंधन की बैठकों की शृंखला से भी यह सिद्ध होता है कि कांग्रेस का रुतबा बाकियों से ऊपर न होकर, बराबरी का है।
कुछ घटनाएं इस गठबंधन की जरूरत को और गहराई से रेखांकित करती हैं खासकर कांग्रेस के लिए, पटना में ‘इंडिया’ गठजोड़ के पहले सम्मेलन से जो...