खेलों में राजनीति खेल और खिलाड़ी दोनों के लिए चिंताजनक।
खेल संघों पर राजनेता नहीं, खेल प्रतिभाओं को विराजमान करना चाहिए। इन संस्थाओं में पदाधिकारियों का कार्यकाल भी निश्चित होना चाहिए एवं एक टर्म से ज्यादा किसी को भी पद-भार नहीं दिया जाना चाहिए। सरकार की बंदिशों के बावजूद अधिकांश खेल संघों पर राजनेताओं का कब्जा है। इनमें बड़ा भ्रष्टाचार व्याप्त है, जो वास्तविक खेल प्रतिभाओं को आगे नहीं आने देती। यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न फेडरेशनों के अंदर कारगर तंत्र बनाने पर भी गंभीरता से विचार होना चाहिए। सरकार का यह कर्तव्य है कि खिलाड़ियों को सुरक्षित व प्रगतिपूर्ण वातावरण प्रदान किया जाए। इससे खिलाड़ी अपनी क्षमताओं का पूर्ण विकास कर सकेंगे। इसलिए खेल को सियासत के कुचक्र में न फंसाकर राष्ट्र हित में योगदान देना चाहिए। विवादित मुद्दे का राष्ट्र हित और खिलाड़ियों के हक में समाधान किया जाना चाहिए। हमारा प्रयास खिलाड़ियों के लिए अच्छा वातावरण मुहैया...