राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प.पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी का विजयादशमी के अवसर पर नागपुर में दिया उद्बोधन
इस विजयादशमी के पहले बीता हुआ वर्षभर का कालखंड श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश वर्ष के रूप में तथा स्वर्गीय महात्मा गांधी के जन्म के डेढ़ सौ वे वर्ष के रूप में विशेष रहा। उस उपलक्ष्य में किए जाने वाले कार्यक्रम आगे और कुछ समय, उनकी अवधि समाप्त होने तक, चलने वाले हैं। इस बीच 10 नवंबर से स्वर्गीय दत्तोपंत जी ठेंगड़ी का भी शताब्दि वर्ष शुरू होना है। परंतु बीते हुए वर्ष में घटी हुई कुछ महत्त्वपूर्ण घटनाओं ने, उसको हमारे लिए और स्मरणीय बना दिया है।
मई मास में लोकसभा चुनावों के परिणाम प्राप्त हुए। इन चुनावों की ओर संपूर्ण विश्व का ध्यान आकर्षित हुआ था। भारत जैसे विविधताओं से भरे विशाल देश में, चुनाव का यह कार्य समय से और व्यवस्थित कैसे संपन्न होता है, यह देखना दुनिया के लिए आकर्षण का पहला विषय था। वैसे ही 2014 में आया परिवर्तन केवल 2014 के पहले के सरकार के प्रति मोहभंग से उत्पन...