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<strong><strong>प्रधान मंत्री मुद्रा योजना ने उत्पन्न किए हैं रोजगार के करोड़ों नए अवसर</strong>मंत्री मुद्रा योजना ने उत्पन्न किए हैं रोजगार के करोड़ों नए अवसर</strong>

प्रधान मंत्री मुद्रा योजना ने उत्पन्न किए हैं रोजगार के करोड़ों नए अवसरमंत्री मुद्रा योजना ने उत्पन्न किए हैं रोजगार के करोड़ों नए अवसर

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 प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाय) 8 अप्रेल 2015 को भारत में प्रारम्भ की गई भी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे छोटे व्यवसायियों को बैंक से ऋण उपलब्ध कराना था ताकि इन व्यवसाईयों को अपना व्यापार प्रारम्भ करने में पूंजी की कमी महसूस न हो। यह योजना छोटे कारोबारियों के व्यवसाय को आगे बढ़ाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित हुई है।मुद्रा (MUDRA) का पूरा नाम माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट फंड रीफाइनान्स एजेंसी रखा गया था। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम क्षेत्र के व्यवसाईयों (एमएसएमई) को 10 लाख रुपए तक के ऋण आसान शर्तों पर बैंकों से उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था बैकों के मध्यम से की गई है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत तीन प्रकार के सेक्टर (शिशु, किशोर एवं तरुण) के हिसाब से योजनाएं बनाकर ऋण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। शिशु योजना के अंतर्गत सूक्ष्म व्यवसाईयों को ...
<strong>प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान सम्पन्न हुए समझौतों से तेज होगी भारत के विकास की रफ्तार एवं निर्मित होंगे रोजगार के नए अवसर</strong>

प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान सम्पन्न हुए समझौतों से तेज होगी भारत के विकास की रफ्तार एवं निर्मित होंगे रोजगार के नए अवसर

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वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं चतुर्थ तिमाही के हाल ही में जारी किए गए भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास सम्बंधी आंकड़ों से यह आभास हुआ है कि भारत में आर्थिक विकास दर उम्मीद से कहीं अधिक रही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत में सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर7.2 प्रतिशत की रही है एवं जनवरी-मार्च 2023 की चौथी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.1 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ी है। जबकि अक्टोबर-दिसम्बर 2022 की तृतीय तिमाही में आर्थिक विकास दर 4.5 प्रतिशत की रही थी। भारत में आर्थिक विकास दर विभिन्न वित्तीय संस्थाओं द्वारा पूर्व में किए गए अनुमानों से कहीं अधिक रही है। निश्चित ही, वित्तीय वर्ष 2022-23 के आर्थिक विकास सम्बंधी आंकडें बेहद उत्साहजनक रहे हैं। भारत में सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर विश्व की अन्य समस्त बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर रही है एवं भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व में सबसे तेज गति से आग...
<em>पाकिस्तान में जिन्ना का घर स्वाहा</em>

पाकिस्तान में जिन्ना का घर स्वाहा

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भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति में जितना योगदान राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का रहा है, पाकिस्तान की स्वतंत्रता प्राप्ति में उसी स्तर का योगदान कायदे आजम अर्थात् मौहम्मद अली जिन्ना रहा है, यही कारण है कि दोनों ही व्यक्तित्व को अपने-अपने देश में सर्वौच्च सम्मान प्राप्त है। दोनो ही महानुभावों ने अंग्रेजो के विरूद्ध संघर्ष में अपनी सम्पूर्ण सामर्थ्य का प्रयोग किया। पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के पश्चात, जनता का पाकिस्तानी फौज के विरूद्ध जो आक्रोश हुआ, वह अचम्भित करने वाला था। जनता के इस विद्रोह से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जनता फौज को तनिक भी क्षमा करने पक्ष में नहीं है। अपने इसी आक्रोश में उसने अपने जन्मदाता, मौहम्मद अली जिन्ना का घर अग्नि में स्वाहा कर दिया।सम्भवतया पाकिस्तान के आर्मी कमाण्डर, असीम मुनीर ने यही सोचा था कि इमरान को बंदी बनाने से जनता का आक्रोश एक-दो ...
शेयर निवेश-मेडिकल क्षेत्र के शिखर भी जाता यूपी

शेयर निवेश-मेडिकल क्षेत्र के शिखर भी जाता यूपी

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आर.के. सिन्हा बीते दिनों उत्तर प्रदेश (यूपी) को लेकर दो बड़ी खबरें आईं, जिसने देश के सबसे बड़े सूबे की एक अलग ही छवि दुनिया के समक्ष पेश की। पहली खबर आई कि बीते अप्रैल महीने में शेयर बाजार से जुड़ने वाले नए निवेशकों की संख्या के मामले में यूपी ने देश की आर्थिक राजधानी वाले राज्य महाराष्ट् तक को पीछे छोड़ दिया है। बॉम्बे स्टाक एक्सचेंज (बीएसई) के मुताबिक, नए डीमैट खाते खोलने में यूपी ने महाराष्ट्र के अलावा भी सभी अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। इस तरह से यू.पी. की एक साल में 37% की बढ़त हुई है। इसी अवधि में महाराष्ट्र की ग्रोथ 20%, गुजरात की 15%, राजस्थान की 26% और कर्नाटक की 20% ही रही है। शेयर बाजार में यूपी की ठसक लगातार ही बढ़ रही है। शेयर बाजार के गढ़ महाराष्ट्र को ही यूपी वालों ने सीधी टक्कर दे दी है। बीएसई के मुताबिक एक साल में यूपी से 35 लाख नए निव...
डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान

डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान

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23 जून 1953 सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान बंगाल से लेकर कश्मीर तक राष्ट्र रक्षा आदोलनों की लंबी श्रृंखला --रमेश शर्मा सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और क्राँतिकारी विचारक डाक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 23 जुलाई 1901 को बंगाल के अति प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था । उनके पिता आशुतोष मुखर्जी सुप्रसिद्ध शिक्षाविद् और बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे । उन्हे अंग्रेजों ने "सर" की उपाधि से सम्मानित किया था । श्यामाप्रसाद जी की अधिकांश शिक्षा कलकत्ता में ही हुई । उन्होंने 1917 में मैट्रिक एवं 1921 में स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण की । 1923 में लॉ की उपाधि अर्जित करके वे विदेश चले गये और 1926 में लंदन से बैरिस्टर बनकर भारत लौटे। अपने पिता का अनुसरण करते हुए उन्होंने भी अल्पायु में ही विद्याध्ययन के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलताएँ अर्जित कीं।...
<em>लोकसभा चुनाव 2024 में अहम् भूमिका अदा करेगा ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा के निर्णय ?</em>

लोकसभा चुनाव 2024 में अहम् भूमिका अदा करेगा ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा के निर्णय ?

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डॉ. अजय कुमार मिश्राअखिलेश मिश्रालोकसभा चुनाव अप्रैल-मई 2024 में महज 7 महीने की अवधि अब शेष है | हालियाँ विधानसभा चुनाव परिणाम ने केंद्र सरकार को पुनः उत्तर प्रदेश पर गहराई से फोकस करने हेतु सजग किया है, क्योंकि देश की सत्ता की चाभी उत्तर प्रदेश की सहमति के बिना संभव नहीं है | सर्वाधिक लोकसभा सीट (80) उत्तर प्रदेश में ही है | केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को प्रदेश में लागूं करने में उत्तर प्रदेश सरकार प्रथम भी रहा है | पर यदि यहाँ की आम जनता की आवश्यकताओं को मूल्यांकित कर प्राथमिक आवश्यकताओं का चुनाव करना हो तो बिजली की आपूर्ति महत्वपूर्ण आवश्यकताओं में से एक है | रोजगार, स्व-रोजगार सभी की धूरी बिजली पर निर्भर करती है | ऐसे में ऊर्जामंत्री की भूमिका अति महत्वपूर्ण रूप से निकलकर सामने आती है जिन्होंने महज एक वर्ष के कार्यकाल में अपने निर्णय से यह सुनिश्चित कर दिया है की प्रत्येक आदमी तक...
अमृतकाल में भारतीय आर्थिक दर्शन के सहारे आगे बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था

अमृतकाल में भारतीय आर्थिक दर्शन के सहारे आगे बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था

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श्री एंगस मेडिसन दुनिया के जाने माने ब्रिटिश अर्थशास्त्री इतिहासकार रहे हैं। आपने विश्व के कई देशों के आर्थिक इतिहास पर गहरा अनुसंधान कार्य किया है। भारत के संदर्भ में आपका कहना है कि एक ईस्वी के पूर्व से लेकर 1700 ईस्वी तक भारत पूरे विश्व में सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित था। प्राचीन भारत में अतुलनीय आर्थिक प्रगति, भारतीय आर्थिक दर्शन के अनुसार चलायी जा रही आर्थिक नीतियों के चलते ही सम्भव हो सकी थी। भारत में पिछले 9 वर्षों के दौरान भारतीय आर्थिक दर्शन के सहारे किए गए कई आर्थिक निर्णयों के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था का इंजन पुनः अब तेज गति से पटरी पर दौड़ने लगा है। लगभग समस्त अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान भी लगातार बता रहे हैं कि आगे आने वाले समय में भारत में आर्थिक विकास की दर पूरे विश्व में सबसे अधिक रहने वाली है एवं आर्थिक क्षेत्र में केवल वर्तमान दशक ही नहीं बल्कि वर्तमा...
देशों के शीर्ष नेताओं की कथनी और करनी में अंतर क्यों?

देशों के शीर्ष नेताओं की कथनी और करनी में अंतर क्यों?

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विश्व के सभी देशों के शीर्ष नेता आगामी सितंबर 2023 को न्यू यॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासम्मेलन में भाग लेंगे जहां टीवी पर दूसरी संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय बैठक भी होगी। टीवी पर प्रथम उच्च स्तरीय बैठक 2018 में हुई थी (जिसमें शामिल होने का सौभाग्य मुझे भी मिला था) जब देशों के शीर्ष नेताओं ने एक "राजनीतिक घोषणा पत्र" जारी करके अनेक वायदे किए थे जो 2022 तक पूरे करने थे। पर इन सभी वायदों पर अधिकांश देशों ने असंतोषजनक प्रगति की है। अब आगामी सितंबर में यही नेता टीबी उन्मूलन हेतु एक नया "राजनीतिक घोषणा पत्र" जारी करेंगे। क्या 2023 का नया घोषणा पत्र जमीनी असलियत में भी बदलेगा या पुराने घोषणापत्र की तरह काग़ज़ों में ही क़ैद रह जाएगा? दुनिया में संक्रामक रोगों के कारण होने वाली मृत्यु में, सबसे अधिक मृत्यु टीबी से होती है। टीबी गरीब और विकासशील देशों में आज भी सबसे घातक संक्रामक रोग बना हुआ है।...
सावधान: ऊपरवाला सब देख रहा है!

सावधान: ऊपरवाला सब देख रहा है!

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रजनीश कपूरदेश की एक नामी सीसीटीवी कंपनी ने अपने विज्ञापन में एक लाइन को प्रमुखता दी ‘ऊपरवाला सब देख रहा है’। इस कंपनी का उद्देश्य था कि उनके सीसीटीवी कैमरे की निगाह से कोई नहीं बच सकता। परंतु आज हम जिस संदर्भ में इस बात को कह रहे हैं वो सरकार द्वारा जनता पर नज़र रखने से संबंधित है। यह एक ऐसा विषय है जो आप सभी को सोचने पर मजबूर कर देगा। आपने देश के कई शहरों यातायात पुलिस द्वारा लगाए गये स्पीड कैमरे देखे होंगे। जो भी वाहन चालक स्पीड का क़ानून तोड़ता है। लाल बत्ती पार करता है। लाल बत्ती पर वाहन को स्टॉप लाइन के आगे खड़ा करता है। बिना हेलमेट के दुपहिया वाहन चलाता है या ऐसा कोई अन्य उल्लंघन करता है जो ट्रैफ़िक पुलिस के कैमरों में क़ैद हो जाता है तो उसके घर पर एक चालान पहुँच जाता है। ऐसे चालान आजकल ऑनलाइन भी चेक किए जा सकते हैंजहां पर फ़ोटो द्वारा ट्रैफ़िक नियम तोड़ने का प्रमाण भी दिखाई देत...
सरकारी सर्वर की फुलप्रूफ सुरक्षा ज़रूरी

सरकारी सर्वर की फुलप्रूफ सुरक्षा ज़रूरी

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यह अच्छी बात नहीं है,कोविड़ दुष्काल के बाद टीकाकरण के लिये बनाये गये सिस्टम ‘कोविन’ के डाटा में सेंधमारी और उसके बाद आरोप- प्रत्यारोप सनसनी फैला हुए है । चिंता की बड़ी बात यह है इसमें करोड़ों लोगों का निजी डाटा जमा है , जिसमें आम के साथ सुरक्षा की दृष्टि से तमाम खास लोग भी शामिल है । हालांकि, केंद्र सरकार ने तीव्रता से साफ किया कि कोविन का कोई डाटा चोरी नहीं हुआ। फिर भी इस मुद्दे पर विपक्ष ने केंद्र को निशाने पर ले रखा है ।वैसे भारत की सरलता से टीकाकरण की व्यवस्था को अंजाम देने के लिये देश-विदेश में कोविन सिस्टम की सराहना की गई थी।ऐसे कई मामले हैं, गाहे-बगाहे ऐसी खबरें आती ही रहती हैं कि साइबर अपराधियों ने लोगों का निजी डाटा चुरा लिया है। दरअसल, ऑनलाइन सिस्टम से जितनी सुविधा हुई व समय की बचत हुई, उसकी सुरक्षा के लिये खतरा उतना ही ज्यादा बड़ा हो गया है। निजी डाटा में सेंधमारी की चर्चा न...