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आम चुनाव के पहले इस सवाल का जवाब चाहिए?

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प्याज़ की परतों की तरह अदाणी मामले से उतरती परतें साफ़ कर रही हैं कि केंद्र या राज्य स्तर की कोई भी सरकार और न ही कोई नियामक यह दावा कर सकता है कि वह कारोबार और राजनीति के गठजोड़ के मामलों में पूरी तरह परहेज बरतता है।कांग्रेस, राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग)के कुछ धड़े यह सोच रहे थे कि राजनीतिक दृष्टि से उनके हाथ एक सही मुद्दा लगा है, लेकिन वास्तव में वे विरोध करने की स्थिति में नहीं है। अभी तक राजनीतिक विचारधारा के आधार पर ही अदाणी मामले को लेकर अलग-अलग लोगों में गुस्सा, खुशी, व्याकुलता और शर्मिंदगी जैसे अलग-अलग भाव देखने को मिले। “देश प्रथम” जैसा भाव कहीं भी देखने को नज़र नहीं आया। सबसे पहले कांग्रेस, देश की सबसे पुरानी पार्टी और राहुल गांधी समझते थे एक सहज मुद्दा मिल गया जिसके आधार पर वे अपनी छवि को मजबूत कर सकते थे, लेकिन उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि यह मुद्दा सं...

पाकिस्तान में हिंदू-सिख निशाने पर क्यों हैं?

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बलबीर पुंज गत 7 फरवरी को 190 पाकिस्तानी हिंदुओं को पाकिस्तान अधिकारियों द्वारा भारत जाने से रोकने का मामला सामने आया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वे सभी सिंध से थे, जो अपने बच्चे-महिलाओं सहित तीर्थयात्रा हेतु वैध वीजा के साथ भारत आने हेतु वाघा सीमा पहुंचे थे। किंतु पाकिस्तानी आव्रजन प्राधिकरण ने उन्हें यह कहकर स्वीकृति नहीं दी कि "वह इस बात से संतुष्ट नहीं पाए कि वे भारत क्यों जाना चाहते हैं।" आखिर पाकिस्तानी अधिकारी किस बात से आशंकित थे? क्या पाकिस्तान में हिंदू-सिख, अफगानिस्तान जैसी नियति से गुजर रहे है? कुछ माह पहले अफगानिस्तान में क्या हुआ था? 25 सितंबर 2022 को 55 अफगान हिंदुओं-सिखों का अंतिम जत्था, मजहबी यातनाओं से बचने हेतु अफगानिस्तान छोड़कर भारत आ गया था। वर्तमान अफगानिस्तान सहस्राब्दी पहले हिंदू-बौद्ध दर्शन का एक संपन्न केंद्र था। कालांतर में, मुस्लिम आक्राताओं के सफल हमले, उ...
BBC का मालिक कौन ? हर साल 32 हजार करोड़ रुपये की फंडिंग तय*

BBC का मालिक कौन ? हर साल 32 हजार करोड़ रुपये की फंडिंग तय*

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निलेश कुमार* पिछले साल BBC को तब बड़ा झटका लगा, जब ब्रिटिश सरकार ने अगले दो वर्षों के लिए एनुअल टेलीविजन फीस पर रोक लगाने की घोषणा की. सरकार ने यह भी कहा कि 2027 तक वह फीस को पूरी तरह खत्म कर देगी. BBC Documentary: गुजरात दंगों पर विवादित डॉक्यूमेंट्री बनाए जाने के बाद का बवाल अभी पूरी तरह थमा नहीं था कि उसके एजेंडे और फंडिंंग को लेकर सवाल उठने लगे. इस बीच दिल्ली स्थित हेड ऑफिस और मुंबई ऑफिस पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम पहुंची है. बताया जा रहा है कि आयकर विभाग की टीम दिल्ली और मुंबई स्थित ऑफिस में सर्वे कर रही है. बीबीसी पर भारत समेत तीसरी दुनिया के देशों के खिलाफ एजेंडा चलाने के आरोप लगते रहे हैं और ऐसे में इसकी फंडिंग को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं. आइए समझने की कोशिश करते हैं, बीबीसी कैसे काम करती है, इसका संचालन कैसे होता है और कंपनी को चलाने के लिए इतना सारा पैसा आखिर कहां...
विश्व हिंदी या अंग्रेजी की गुलामी?

विश्व हिंदी या अंग्रेजी की गुलामी?

समाचार, साहित्य संवाद
डॉ. वेदप्रताप वैदिक फिजी में 15 फरवरी से 12 वाँ विश्व हिंदी सम्मेलन होने जा रहा है। यह सम्मेलन 1975 में नागपुर से शुरु हुआ था। उसके बाद यह दुनिया के कई देशों में आयोजित होता रहा है। जैसे मोरिशस, त्रिनिदाद, सूरिनाम, अमेरिका, ब्रिटेन, भारत आदि! पिछले दो सम्मेलनों को छोड़कर बाकी सभी सम्मेलनों के निमंत्रण मुझे मिलते रहे हैं। मुझे 1975 के पहले सम्मेलन से ही लग रहा था कि यह सम्मेलन हिंदी के नाम पर करोड़ों रु. फिजूल बहा देने की कोशिश से ज्यादा कुछ नहीं है। नागपुर सम्मेलन के दौरान मैंने ‘नवभारत टाइम्स’ में एक संपादकीय लिखा था, जिसका शीर्षक था, ‘‘हिंदी मेलाः आगे क्या?’’ 38 साल बीत गए लेकिन जो सवाल मैंने उस समय उठाए थे, वे आज भी ज्यों के त्यों जीवित हैं। तत्कालीन दो प्रधानमंत्रियों के आग्रह पर मैंने मोरिशस और सूरिनाम के सम्मेलनों में भाग लिया। वहां दो-तीन सत्रों की अध्यक्षता भी की और दो-टूक भाषण...
प्रश्नपत्र लीक होने के बढ़ते मामले चिंताजनक

प्रश्नपत्र लीक होने के बढ़ते मामले चिंताजनक

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किसी भी देश का भविष्य उसकी शिक्षा-व्यवस्था पर निर्भर करता है। शिक्षा के माध्यम से ही कोई भी समाज एवं देश तरक्क़ी की नई-नई इबारतें लिखता है। दुर्भाग्य से अपने देश की अधिकांश सरकारों द्वारा शिक्षा को प्राथमिकता-सूची में अंतिम पायदान पर रखने का चलन-सा बन गया है। यही कारण है कि तमाम सरकारी दावों और घोषणाओं के बावजूद हमारी शिक्षा-व्यवस्था वैश्विक कसौटियों पर पिछड़ी एवं कमज़ोर नज़र आती हैं। विकसित देशों और वर्तमान विश्व के साथ कदम-से-क़दम मिलाकर चलने के लिए हमें अपनी शिक्षा-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करना होगा। नीतियों से लेकर क्रियान्वयन तक की खामियों को दूर करना होगा, व्यवस्था में व्याप्त छिद्रों को भरना होगा, शुचिता एवं पारदर्शिता लानी होगी। हमारे शिक्षा-तंत्र की हालत यह है कि शायद ही कोई ऐसा राज्य हो, जहाँ किसी-न-किसी प्रतियोगी या नियमित परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने का मामला सुर्खियों ...
सौर ऊर्जा से अपशिष्ट कंक्रीट के रीसाइक्लिंग की नई तकनीक 

सौर ऊर्जा से अपशिष्ट कंक्रीट के रीसाइक्लिंग की नई तकनीक 

BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
नई दिल्ली, 14 फरवरी (इंडिया साइंस वायर): कंक्रीट एक ऐसी सामग्री है, जिसका उपयोग दुनियाभर में निर्माण कार्यों में होता है। कंक्रीट सामग्री की माँग को पूरा करने के लिए वर्तमान में व्यापक उत्खनन और खनन किया जाता है, जिससे पर्यावरणीय क्षति के साथ-साथ प्राथमिक खनिज संसाधनों की कमी हो रही है। कंक्रीट में उपयोग होने वाले रेत के खनन से भी नदियों को पारीस्थितिक तंत्र को नुकसान पहुँचता है। इसीलिए, वर्तमान समय में निर्माण कार्यों में उपयोग होने वाली सामग्री का पुनर्चक्रण और इसके लिए प्रभावी विकल्प खोजा जाना महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के शोधकर्ताओं ने निर्माण और तोड़-फोड़ से पैदा होने वाले मलबे को रिसाइकिलकरने के लिए सौर तापीय ऊर्जा से युक्त उपचार प्रक्रिया विकसित की है। इसमें सौर विकिरण के उपयोग से शोधकर्ताओं को अपशिष्ट कंक्रीट को गर्म करके पुनर्चक्...
देव शिला

देव शिला

धर्म, समाचार
नेपाल की गंडकी की नदी से अयोध्या धाम में पहुंचे देव शिला पर लोहे के छेनी और हथौड़ी नहीं चलेगी !? क्योंकि देवशिला 7 हार्नेस की है, और लोहे में 5 हार्नेस पाए जाते हैं. पूरे भारतवर्ष के साधु-संत, महंत और राम भक्तों के बीच इस बार की चर्चा काफी तेज है कि इसी देव शिला से भगवान राम समेत चारों भाइयों की प्रतिमाएं बनाई जाएंगी परंतु इस शिला पर शोध करने वाले वैज्ञानिकों ने, मूर्ति निर्माण के दावों को ही खारिज करते हुए विराम लगा दिया है ! सैकड़ों वर्षों व हजारों बलिदानों के बाद आखिरकार श्रीराम भक्तों का सपना साकार होने जा रहा है. रामनगरी में जन-जन के आराध्य प्रभु श्रीराम का भव्य और दिव्य मंदिर निर्माण हो रहा है... ठीक 11 महीने बाद राम लला अपने गर्भ गृह में विराजमान हो जाएंगे. लेकिन किस स्वरूप में इसका किसी कोई कुछ नहीं पता है ! हालांकि पिछले कुछ दिनों से नेपाल से आए दो विशालकाय देव-शीला को लेकर दे...
अपशब्दों की राजनीति : हृदयनारायण दीक्षित

अपशब्दों की राजनीति : हृदयनारायण दीक्षित

TOP STORIES, विश्लेषण, समाचार
शब्द की शक्ति असीम होती है। प्रत्येक शब्द के गर्भ में अर्थ होता है। अर्थ से भरा पूरा शब्द बहुत दूर दूर तक प्रभावी होता है। पतंजलि ने शब्द प्रयोग में सावधानी के निर्देश दिए थे - शब्द का सम्यक ज्ञान और सम्यक प्रयोग ही अपेक्षित परिणाम देता है। महाभारतकार व्यास ने शब्द को ब्रह्म बताया था। युद्ध से आहत व्यास ने कहा था कि शब्द अब ब्रह्म नहीं रहे। लोकमंगल की साधना वाले शब्द जीवनरस को गाढ़ा करते हैं। प्रेम की अभिव्यक्ति के सर्वोत्कृष्ट उपकरण भी शब्द हैं। यही शब्द उचित अवसर उचित घटना और उचित व्यक्ति के लिए ठीक से प्रयुक्त न होने पर भयावह भी हो जाते हैं। सम्प्रति राजनैतिक क्षेत्र में अपशब्दों की आंधी है। अपशब्द सुन्दर शब्दों को विस्थापित कर रहे हैं। विधायी सदनों में भी शब्द अपशब्द के कोलाहल हैं। अपशब्दों के आक्रमण से भाषा का सौंदर्य और सत्यतत्व भी घायल है। कांग्रेस देश की सबसे पुरानी राजनैतिक पार्ट...
रेपो दर में वृद्धि मुद्रा स्फीति को नियंत्रित करते हुए रुपए को मजबूती भी प्रदान करेगी

रेपो दर में वृद्धि मुद्रा स्फीति को नियंत्रित करते हुए रुपए को मजबूती भी प्रदान करेगी

EXCLUSIVE NEWS, आर्थिक, समाचार
दिनांक 08 फरवरी 2023 को भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार पुनः रेपो दर में 25 आधार बिंदुओं की वृद्धि करते हुए इसे 6.5 प्रतिशत के स्तर पर पहुंचा दिया है। मई 2022 के बाद से भारतीय रिजर्व बैंक ने छठी बार रेपो दर में यह वृद्धि की है एवं अब कुल मिलाकर 250 आधार बिंदुओं की वृद्धि रेपो दर में की जा चुकी है। हालांकि, भारत के कई अर्थशास्त्रियों द्वारा इसका अनुमान पूर्व से ही लगाया जा रहा था क्योंकि एक तो मुद्रा स्फीति को नियंत्रण में बनाए रखना बहुत आवश्यक है और दूसरे वैश्विक स्तर पर अभी भी, विशेष रूप से विकसित देशों में, मुद्रा स्फीति की दर लगातार उच्च स्तर पर बनी हुई है एवं ये देश इसे नियंत्रित करने के उद्देश्य से ब्याज दरों में लगातार वृद्धि करते जा रहे हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, फ़्रान्स, जर्मनी आदि देशों ने अभी हाल ही में ब्याज दरों में 25 आधार बिंदुओं से लेकर 50 आधार बिंदुओं तक की वृद्धि की घोषणा क...
शराब की नहीं दूध की नीति बनाइए, सरकार !

शराब की नहीं दूध की नीति बनाइए, सरकार !

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, समाचार, सामाजिक
मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती दूध और ख़ास कर गाय के दूध की पैरवी करते हुए शराब के विरोध में आंदोलन चला रही है। उमा भारती की पार्टी राज्य और केंद्र दोनों जगह सरकार में है। दोनों ही सरकार दूध कर दाम बढ़ा चुकी है और भी बढ़ने के आसार हैं। भाजपा गौवंश सेवा की वकालत करने वाला राजनीतिक दल है, अजीब बात है उसकी सरकारें शराब की नीति बनाती है और ज़ोर-शोर से लागू करती है। देश में दूध उत्पादन [आपरेशन फ़्ल्ड छोड़कर] की आज तक कोई नीति नहीं बनी, सारी सरकारों को शराब से मतलब है दूध और उसकी क़ीमतों को थामने में किसी की रुचि नहीं है।दूध के दामों में लगातार वृद्धि आम लोगों की परेशानी बढ़ाने वाली है। मूल रूप से शाकाहारी भारतीयों के खाने-पीने में दूध की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। छोटे बच्चे से लेकर वृद्धों तक के लिये दूध अपरिहार्य आहार ही है। स्वस्थ से लेकर बीमार तक , लोगों का जीवन बिना दूध के अधूरा...