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Death-sentence required for cow-smugglers and killers in states where cow-slaughter is banned

Death-sentence required for cow-smugglers and killers in states where cow-slaughter is banned

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It refers to shocking videos on a TV news-channel showing cows badly packed in tempos and containers being smuggled for cow-slaughtering in states where cow-slaughter is banned. However vigil by police and social-activists in night-hours caught hold of such vehicles where cows were so badly packed that some ones must have been dead before reaching the destination.   But some satisfying incidents of catching such vans carrying cows for slaughter, can in no way prevent many other such vans being successful in reaching the destination. Cow is a sacred animal to majority community in the country. Otherwise also research can prove that cow is the most useful and harmless animal beneficial in so many ways for mankind. Central and state governments should take every necessary step to p...
Baseless opposition against live telecast by Doordarshan of foundation-stone laying ceremony of Ram Janmbhoomi Temple at Ayodhya

Baseless opposition against live telecast by Doordarshan of foundation-stone laying ceremony of Ram Janmbhoomi Temple at Ayodhya

राज्य, विश्लेषण, समाचार, सामाजिक
It is an unholy fashion of pseudo-secularists and self-termed activists to oppose any move that may give pleasure to majority Hindus in the country. It was on expected lines that some one would rise to oppose direct telecast of by Doordarshan of foundation-stone laying ceremony of Ram Janmbhoomi Temple at Ayodhya on 05.08.2020 like this time was done by CPI MP Binoy Viswam by writing to Prime Minister. Surprisingly no one from such group of leftists and pseudo-secularists ever opposed holding Iftar parties at public-expense by dignitaries seated on top legislative posts in earlier regimes. Secularism does not mean anti-Hinduism. There was hardly any opposition by any such thinker in those days to oppose the then Prime Minister Indira Gandhi who sent an official delegation under leadersh...
प्रोफेसर गोविंदन रंगराजन होंगे भारतीय विज्ञान संस्थान के नये निदेशक

प्रोफेसर गोविंदन रंगराजन होंगे भारतीय विज्ञान संस्थान के नये निदेशक

राष्ट्रीय, विश्लेषण, समाचार, सामाजिक
नई दिल्ली, 27 जुलाई (इंडिया साइंस वायर): भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बंगलूरू के नये निदेशक के रूप में प्रोफेसर गोविंदन रंगराजन का चयन किया गया है। वह एक अगस्त को औपचारिक रूप से संस्थान के प्रमुख के तौर पर कार्यभार ग्रहण करेंगे। प्रोफेसर रंगराजन आईआईएससी के निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हो रहे प्रोफेसर अनुराग कुमार की जगह लेंगे। प्रोफेसर कुमार का कार्यकाल 31 जुलाई को समाप्त हो रहा है। प्रोफेसर रंगराजन ने बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ऐंड साइंस, पिलानी से एकीकृत एमएससी (ऑनर्स) और मैरीलैंड विश्वविद्यालय से पीएचडी डिग्री प्राप्त की है। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1992 में भारत लौटने से पहले लॉरेंस बर्कले लैबोरेटरी, अमेरिका में काम किया। आईआईएससी के निदेशक के तौर पर नियुक्ति से पहले प्रोफेसर रंगराजन संस्थान के अंतर्विषयक अनुसंधान विभाग के प्रमुख तौर पर कार्यरत थे। प्रोफेसर रंगराजन ने आ...
क्यों नहीं सारे अफगान-पाक में प्रताड़ित सिख आ जाते भारत

क्यों नहीं सारे अफगान-पाक में प्रताड़ित सिख आ जाते भारत

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अफगानिस्तान में राक्षसी प्रवृति वाले तेजी से पनप रहे तालिबानियों के चंगुल से आजाद होने के बाद सिखों का एक जत्था दिल्ली पहुंच गया है। अब भारत में नागरिकता संशोधन कानून के तहत इन्हें नागरिकता मिले में आसानी हो जायेगी। अफगानिस्तान में हिन्दू और सिखों का रहना वैसे भी अब पूरी तरह नामुमकिन हो गया है। इन पर तालिबानी गुंडे बेहिसाब जुल्मों-सितम करते ही रहते हैं। इन्हें इस्लाम स्वीकार करने के लिए प्रताड़ित करते हैं। इनकी कन्याओं का अपहरण करके जबर्दस्ती विवाह करवाकर उन्हें इस्लाम कुबूल करवाया जाता है। अगानिस्तान में हिन्दू मंदिर तो अब शायद ही कोई बचा हो। कुछ गुरुद्वारे अवश्य बचे हैं। वहां पर  आये दिनों हिन्दू और सिखों का कत्लेआम जारी है। कुछ दशकों के अंतराल के दौरान ही अफगानिस्तान तालिबान के बढ़ते असर के कारण तबाह हो गया। यकीन मानिए कि वह पाकिस्तान के विपरीत एक सामान्यतः उदारवादी देश था। सत्तर के दशक...
Is Zakir Naik is finding Pakistan as his final Shelter

Is Zakir Naik is finding Pakistan as his final Shelter

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Zakir Naik, a self proclaimed scholar of Islam is actually a hypocrite and mischievous person. He is incorrigible, restraining himself to improve his attitude and misbelief. Change is against his nature. Seizing every moment in India and vomiting controversial statements in order to divide the society, Zakir Naik has now stated from his Malaysian shelter that Pakistani government should deny the permission to construct a Hindu temple at Islamabad. If this is realised, it will be a non-islamic act. He should be questioned, why is he actually worrying about this and guiding Pakistani government unnecessarily on this matter? But he is an expert in making the atmosphere poisonous for no reason. What else can be expected from a poisonous person mischievous guy. His blood and mind is filled with...
चीन की चुनौती हमें अमेरिका का प्यादा न बना दे

चीन की चुनौती हमें अमेरिका का प्यादा न बना दे

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भारत और अमेरिका की घनिष्टता आजकल इसलिए नहीं बढ़ रही है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब भी मिलते हैं, तो एक-दूसरे की झप्पी लेते हैं या दोनों को एक-दूसरे का स्वभाव बहुत पसंद है या दोनों ने अपने-अपने देशों में एक-दूसरे का भव्य स्वागत किया है। वह इसलिए बढ़ रही है कि भारत और अमेरिका, दोनों के लिए चीन एक चुनौती बन गया है। गलवान घाटी में हमारे 20 सैनिकों के हत्या करने के बावजूद चीन के राष्ट्रपति शी चिन फिंग ने अपने परम मित्र मोदी को एक बार भी फोन तक नहीं किया। अफसोस तक जाहिर नहीं किया। मान लिया कि वह तात्कालिक दुर्घटना थी। वह कोई जान-बूझकर किया गया षड़यंत्र नहीं था लेकिन उस हत्याकांड ने सारे भारत को व्यथित कर दिया और हमारे प्रधानमंत्री मोदी को भयंकर दुविधा में फंसा दिया लेकिन चीन के नेता चुप्पी साधे रहे और हमारे नेता अपने घावों को छिपाते रहे। सारी दुनि...
गम्भीर अपराध, पुलिस और जमानत

गम्भीर अपराध, पुलिस और जमानत

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देश की न्यायिक व्यवस्था में पुलिस का रोल अहम है | कभी- कभार नहीं अक्सर पुलिस राजनीति या सरकार के हाथ का खिलौना दिखाई देती है | पुलिस को सरकार से थोड़ा अलग होकर काम करना चाहिए, वरना पुलिस पर बचा-खुचा विश्वास भी समाप्त हो जायेगा | अभी अधिकांश प्रकरणों को राजनीतिक ताकत से हल या प्रभावित करने की कोशिश की जाती है, जिससे समस्या सुलझने के बजाय और गंभीर होती जाती है| वर्षों से पुलिस सुधार की बात की जा रही है| अब  सुधार की अभी जरूरत बहुत गम्भीर होती जा रही है| इसी लेतलाली से माफिया पैदा हो रहे हैं और उनके राज लगभग देश के हर प्रदेश में चल रहे हैं | गंभीर से गंभीर मामले में अब जमानत आसानी से हो जाती है | किसी भी मामले में जमानत देने से पहले कोर्ट को उसके विविध पक्षों पर बारीकी से विचार करना होता है|  वह देखता है कि कहीं इससे समाज में कोई भय तो नहीं है| उस व्यक्ति के खिलाफ दर्ज मामले की वजह क्या है...
कंपनियों के चक्रव्यूह में फंसा भारत

कंपनियों के चक्रव्यूह में फंसा भारत

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कम्पनियों के मकड़जाल में भारत सही दुनिया के तमाम देश व इस लोकतंत्र की चक्रव्यूह में विश्व के सभी लोकतांत्रिक देश पिस रहे हैं पर उनके बनाए हुए इस चक्रव्यूह को भेदने करने का किसी के पास ताकत नहीं रह गई है विश्व भर में इनके बनाए हुए सारे सिस्टम पूरी दुनिया को रेगुलेट करने का एक साधन बन करके रह गया है कंपनियों के भरोसे मीडिया जो जनमानस को रेगुलेशंस करती है और मीडिया पर भरोसा करने के लिए ये education system उनको तैयार करता है मानसिक गुलामी के लिएभारत की कोई कंपनी विश्व की किसी बड़ी कंपनी को खरीदती है तो ये हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है। . आपको क्या लगता है ? गर्व करना चाहिए या नहीं ? . अब आपको याद होगा कि टाटा स्टील ने यूरोप की सब से बड़ी स्टील कंपनी कोरस खरीदी थी 14 बिलियन डॉलर में (14.2 अरब डॉलर)। तब ये सौदा विश्व के दस सबसे “अच्छे सौदों” में से एक था टाइम्स मैगजीन , फ़ोर्ब्स , मूडी ...
एनपीए का सच

एनपीए का सच

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अगर मुझे किसी भी बैंक का central statutory auditor बना दिया जाए तो 7 दिन में इतने npa निकाल दूँ कि सारे बैंक दिवालिया हो जाएं । एक बार मैंने एक बैंक की ब्रांच का statutory audit किया था उस बैंक ब्रांच को loss में ला कर खड़ा कर दिया था । अगले तीन वर्षों तक बैंक ने मुझे ऐसी ब्रांच allot की ,जिनमें जा तो कोई loan ही नही था ,या सर्विस ब्रांच थी ,या नई खुली ब्रांच थी । अगर बैंक्स का सही ऑडिट हो तो सारे बैंक्स की capital negative हैं । सारे बड़े loan बिना security के केवल share गिरवीं रखकर दिए जाते हैं ,consumer loan ,vehicle loan , सबमें बहुत npa है लेकिन बैंक के parmoter पागल थोड़ी हैं कि उनको पता नहीं की loan वापिस नही आएगा लेकिन बैंक में उनका पैसा ना मात्र का लगा होता है और जनता का पैसा बहुत अधिक । जैसे y bank में r kapoor का अधिक से अधिक 500 करोड़ लगा है और depositors की fd ,saving आदि में ...
Time in India should be shifted to GMT+6 Hours Time-Zone

Time in India should be shifted to GMT+6 Hours Time-Zone

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India should also advance its time-zone by half an hour to make it GMT+6 hours rather than present haphazard GMT+5.30 hours as also recommended by National Institute of Advanced Studies. Since presently just eight countries in the world deviate from separating their time-zones by fraction of an hour, Indian government should approach international authorities so that time-zone for a country may compulsorily be deviated by full one hour from GMT. Making Indian Time at GMT+6 hours will fulfil long-pending and genuine demand of people from north-east India without going for dual and impractical time-zone for the country. Suggested change will reduce big time-difference of 127 minutes between extreme east and west zones of the country. Demand of north-eastern states is highly justified...