चीन की चुनौती हमें अमेरिका का प्यादा न बना दे
भारत और अमेरिका की घनिष्टता आजकल इसलिए नहीं बढ़ रही है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब भी मिलते हैं, तो एक-दूसरे की झप्पी लेते हैं या दोनों को एक-दूसरे का स्वभाव बहुत पसंद है या दोनों ने अपने-अपने देशों में एक-दूसरे का भव्य स्वागत किया है। वह इसलिए बढ़ रही है कि भारत और अमेरिका, दोनों के लिए चीन एक चुनौती बन गया है।
गलवान घाटी में हमारे 20 सैनिकों के हत्या करने के बावजूद चीन के राष्ट्रपति शी चिन फिंग ने अपने परम मित्र मोदी को एक बार भी फोन तक नहीं किया। अफसोस तक जाहिर नहीं किया। मान लिया कि वह तात्कालिक दुर्घटना थी। वह कोई जान-बूझकर किया गया षड़यंत्र नहीं था लेकिन उस हत्याकांड ने सारे भारत को व्यथित कर दिया और हमारे प्रधानमंत्री मोदी को भयंकर दुविधा में फंसा दिया लेकिन चीन के नेता चुप्पी साधे रहे और हमारे नेता अपने घावों को छिपाते रहे। सारी दुनि...