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हिंदू समाज की विजयगाथा का प्रतीक है- गीता जयंती

हिंदू समाज की विजयगाथा का प्रतीक है- गीता जयंती

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गीता जयंती पर विशेष -हिंदू समाज की विजयगाथा का प्रतीक है- गीता जयंतीकर्म और धर्म की गतिशीलता का नाम है - गीताश्रीमदभगवदगीता एक ऐसा पुनीत ग्रंथ है जिसमें कर्म व धर्म समाहित हैं। गीता जयंती का पर्व भी कर्म, धर्म व जीवन की गतिशीलता व निरंतरता पर बल देता है। गीता में वेदों का सार तत्व संग्रहीत किया गया है। इसमें धर्म का उपदेश समाहित है, इसमें जीवन जीने की कला का ज्ञान है। इसमें कर्म, भक्ति व ज्ञान का उपदेश हे। इसमें मनुष्य के स्वधर्म का ज्ञान है। गीता की भाषा इतनी सरल है कि थोड़ा सा अभ्यास करने पर मनुष्य सहजता से इसे समझ सकता है।श्रीमदभगवदगीता किसी सामान्य व्यक्ति का उपदेश नहीं है अपितु यह स्वयं भगवान श्रीकृष्ण की वाणी है। इसे कहते समय भगवान स्वयं अपने परमात्मस्वरूप में स्थित थे। यह एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जो जीवन की हर परिस्थिति के लिये,हर काल के लिये प्रासंगिक है, शाश्वत है। इसके श्लोकों के भाव...
संसद में “धुँआ स्प्रे” आतंकी हमले से कम नहीं

संसद में “धुँआ स्प्रे” आतंकी हमले से कम नहीं

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तिथि का चयन और आतंकवादी पुन्नू की धमकी भी षड्यंत्र का हिस्सा -- रमेश शर्मा तेरह दिसम्बर को संसद के भीतर और बाहर रासायनिक धुँआ छोड़कर नारे लगाना साधारण नहीं है । यह वही तिथि है जिस दिन बाईस साल पहले संसद में आतंकवादी हमला हुआ था और अभी कुछ महीने पहले ही कनाडा में बैठे आतंकवादी पुन्नू ने संसद पर हमला करने की धमकी भी दी थी । और अब बिल्कुल आतंकी हमले के अंदाज में यह घटना घटी ।घटना की प्रारंभिक जांच में जो तथ्य सामने आये है वे असाधारण है । ये लोग अकस्मात संसद नहीं पहुँचे थे । उन्होंने इसकी तैयारी महीनों पहले से की जा रही थी । आरोपी कई बार संसद भवन गये थे । उन्होंने संसद में जाँच का तरीका समझा, रास्ते समझे और यह भी कि दर्शक दीर्घा के किस कोने से कूदना आसान है । इतना करके फिर धुँये से हमला करने की तैयारी हुई । हमले के लिये तेरह दिसम्बर की तिथि का निर्धारण हुआ । इनके बीच समय का प्रबंधन ...
हाईकमान’ संस्कृति, लोकतांत्रिक मूल्यों का निरादर

हाईकमान’ संस्कृति, लोकतांत्रिक मूल्यों का निरादर

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एक बार राष्ट्रीय पार्टी के राज्य में सत्ता हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री के चयन में पार्टी आलाकमान के पास असंगत रूप से बड़ा विवेक होता है, राज्य के विधायकों को इस संबंध में बहुत कम या कोई अधिकार नहीं होता है। यह प्रथा उस संवैधानिक जनादेश का अपमान करती है जो बहुमत पार्टी के विधायकों को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपना नेता चुनने का अधिकार देता है। आज देश के तीन प्रमुख हिन्दी भाषी राज्यों में बड़ी ज त के बाद मुख्यमंत्री बने हैं। लोकतांत्रिक तौर-तरीकों के हिसाब से जीते हुए विधायकों के बहुमत से मुख्यमंत्री बनने चाहिए, लेकिन इस देश में हाल के दशकों में शायद ही कभी और कहीं इस आधार पर मुख्यमंत्री तय किए गए हों। देश की दो बड़ी राष्ट्रीय पार्टियों में हाई कमान की संस्कृति विकसित और मजबूत हो चुकी है, और ऐसे फैसले राज्यों की राजधानी में नहीं , देश की राजधानी में तय होते आए हैं, और आज यही हो ...
राजनीतिक विरोध में ऐसी भाषा अंदर से हिला देती है

राजनीतिक विरोध में ऐसी भाषा अंदर से हिला देती है

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अवधेश कुमारराजनीतिक दलों में नेता अपने विरोधियों और प्रतिस्पर्धियों के विरुद्ध जैसे शब्द और विचार प्रकट करने लगे हैं वो किसी भी विवेकशील व्यक्ति को अंदर से हिलाने वाला है। विश्व कप क्रिकेट में भारत की पराजय के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केंद्र बनाकर जिस तरह के शब्द और विचार शीर्ष स्तर के नेताओं द्वारा प्रकट किए गए उनकी सभ्य समाज में कल्पना नहीं की जा सकती। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए पनौती शब्द प्रयोग किया। पनौती का सामान्य अर्थ होता है ऐसा व्यक्ति जो जहां जाएगा वही बंटाधार कराएगा। जैसे हम गांव मोहल्ले में किसी के बारे में बोलते हैं कि अरे, सुबह-सुबह उसका चेहरा देख लिया, पूरा दिन बर्बाद हो गया, वह नहीं होता तो हम सफल होते आदि आदि। राहुल गांधी ने कहा कि अच्छे भले लड़के खेल रहे थे, गया और हरवा दिया। उन्होंने कहा कि पीएम मतलब पनौती मोदी। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में...
मेल इन इंडिया युग

मेल इन इंडिया युग

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यह जानकर आश्चर्य हुआ कि जापान में आज जितनी सुजुकी गाडियां चल रही हैं , उसकी आधी भारत में बनी हैं । मतलब कंपनी जापान की मेक इन हिन्दुस्तान की । सुजुकी ही नहीं , विदेशी धरती पर दौड़ रही हौंडा और हुंडई पर भी मेड इन इंडिया का लेवल लगा है । भारत के मेक इन इंडिया अभियान का ऐसा असर पड़ा कि चीन से उठकर उद्योग लगातार भारत आ रहे हैं । भारत में बढ़ रहे यूनिकॉर्न और हजारों स्टार्ट अप देश की सूरत किस तरह बदल रहे हैं , इसे महसूस कीजिए ? ब्रिटेन को पछाड़ चुकी हमारी अर्थव्यवस्था कुछ ही वर्षों में जापान को पछाड़ने वाली है । क्या आप जानते हैं कि अगली बहार मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक्स की फील्ड में आने वाली है ? शुरू हो चुका है चीन का बाजार घटना । थोड़ा इंतजार कीजिए । वह दिन बहुत दूर नहीं , जब कारों की तरह दुनिया के अनेक देशों की जनता के हाथों में मेड इन इंडिया फोन नज़र आएंगे । गौर कीजिए , मेड इन चाइना सा...
<strong>मोदी के लिये ‘पनौती’ का इस्तेमाल राजनीतिक दरिद्रता</strong>

मोदी के लिये ‘पनौती’ का इस्तेमाल राजनीतिक दरिद्रता

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- ललित गर्ग- कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ की गयी ‘पनौती’ (अपशकुन), जेबकतरा एवं कर्ज माफी जैसी अशोभनीय टिप्पणियों के कारण निशाने पर हैं। चुनाव आयोग (ईसी) ने हालिया टिप्पणियों के लिए राहुल गांधी को कारण बताओ नोटिस जारी करके निर्णायक कार्रवाई की है। यह कार्रवाई सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा चुनाव आयोग में दर्ज की गई एक शिकायत का संज्ञान लेते हुए की गयी है। चुनाव आयोग ने जहां पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा पर चिंता व्यक्त की वही भाजपा ने तर्क दिया कि ऐसी भाषा एक वरिष्ठ राजनीतिक नेता के लिए ‘अशोभनीय’ है। पिछले लम्बे दौर से विश्वनेता के रूप में प्रतिष्ठित देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दर्शन, उनके व्यक्तित्व, उनकी बढ़ती ख्याति, उनकी बहुआयामी योजनाओं व उनकी कार्य-पद्धतियांे पर कीचड़ उछाल रहे हैं। पा...
आज दिल जीते हैं, कल फिर कप जीतेंगे।

आज दिल जीते हैं, कल फिर कप जीतेंगे।

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जन्म मरण के चक्र-सी है हार जीत लग रही। लड़े-भिड़े शौर्य से, आज नही तो कल सही।। कप जितने से बड़ी बात दिल जीतना होता है। क्रिकेट खत्म नही हो गया। 46 दिन में 45 दिन आप जीते हो। हमारी भारतीय टीम ने 2023 वर्ल्ड कप के अंदर 10 मैच जीते और आज फाइनल हारने पर 140 करोड़ हिंदुस्तानियों का दिल टूटा है। ऐसे हम दो कप जीत चुके। 2027 में फिर मेहनत करेंगे और हम जीतेंगे। हार जीत तो लगी रहती है। लेकिन पूरे वर्ल्ड कप में इण्डियन टीम का प्रदर्शन अच्छा रहा है। फाइनल में हम नहीं जीत पाये कोई बात नहीं। फिर आगे जीतेंगे। मोहब्बत तुम्हारे लिए नीली टी-शर्ट वाले लड़को। ये दिल हर बार ब्लू-ब्वायज़ के लिए ही धड़केगा। निरंतर बेहतरीन खेल दिखाने वाली हमारी भारत टीम को ढेरों बधाइयाँ। आपने लगातार शानदार खेल खेलकर उत्साह और उमंग के साथ भारत को आगे बढ़ाया। हम अपने खिलाड़ियों को रोते हुए नहीं देख सकते। रोकें ये आंसू। खेल ...
भारतीय अर्थ जगत में स्वत्व बोध के परिणाम दिखाई देने लगे हैं

भारतीय अर्थ जगत में स्वत्व बोध के परिणाम दिखाई देने लगे हैं

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भारतीय अर्थव्यवस्था आज न केवल विश्व में सबसे अधिक तेज गति से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गई है बल्कि विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी बन गई है। वर्ष 1980 में चीन द्वारा लागू किए गए आर्थिक सुधारों के चलते चीन की अर्थव्यवस्था भी सबसे तेज गति से दौड़ी थी और चीन के आर्थिक विकास में बाहरी कारकों (विदेशी व्यापार) का अधिक योगदान था परंतु आज भारत की आर्थिक प्रगति में घरेलू कारकों का प्रमुख योगदान है। भारत का घरेलू बाजार ही इतना विशाल है कि भारत को विदेशी व्यापार पर बहुत अधिक निर्भरता नहीं करनी पड़ रही है। वैसे भी, वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों, विकसित देशों सहित, की आर्थिक स्थिति आज ठीक नहीं है एवं इन देशों के विदेशी व्यापार सहित इन देशों के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर भी कम हो रही है। भारत के आर्थिक विकास की वृद्धि दर तेज करने के सम्बंध में घरेलू कारकों में भारत के नागरिकों द्वार...
चुनावी राजनीति और धर्म के दिखावे के चक्रव्यूह में फंसी कांग्रेस

चुनावी राजनीति और धर्म के दिखावे के चक्रव्यूह में फंसी कांग्रेस

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चुनावी राजनीति और धर्म के दिखावे के चक्रव्यूह में फंसी कांग्रेसराहुल क्यों गये केदारनाथ ?मृत्युंजय दीक्षितभारतीय राजनीति में मुस्लिम तुष्टिकरण को चुनाव जीतने का मन्त्र मन जाता रहा है किन्तु 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की सरकार बनने और फिर माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या पर मंदिर के पक्ष में ऐतिहासिक निर्णय दिए जाने के बाद स्थितियों में बड़ा बदलाव आया है।कुछ वर्ष पूर्व तक भरतीय जनता पार्टी की ओर से नारा लगाया जाता था, “रामलला हम आयेंगे मंदिर वहीं बनायेंगे” और विरोधी दल पलटवार करते हुए कहते थे, “रामलला हम आयेंगें मंदिर वहीं बनायेंगें कितु तारीख नहीं बतायेंगे”। इस चुनाव में सब कुछ परिवर्तित हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ जाने के बाद अयोध्या नगरी में दिव्य -भव्य गगनचुम्बी राम मंदिर का निर्माण कार्य पूर्णता की ओर अग्रसर है, रामलला के विराजमान होने क...
एर्नाकुलम विस्फोट एक चेतावनी है

एर्नाकुलम विस्फोट एक चेतावनी है

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अवधेश कुमारकिसी आतंकवादी घटना की गंभीरता का मूल्यांकन केवल इस आधार पर नहीं होता कि उसमें कितने लोगों की मौत हुई। केरल में एर्नाकुलम जिले के कलामसेरी के कन्वेंशन सेंटर यानी सम्मेलन केंद्र में हुआ विस्फोट हर दृष्टि से डराने और चिंतित करने वाली घटना है। निस्संदेह , तीन व्यक्तियों की मृत्यु तथा 51 लोगों का घायल होना सुरक्षा एजेंसियों के लिए थोड़ी राहत का विषय है। हालांकि एक व्यक्ति की भी मृत्यु या घायल होना हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए। यहोवाज विटनेसेस या यहोवा विटनेस समुदाय के तीन दिनों के कार्यक्रम में 2000 के आसपास लोग उपस्थित थे। तीन विस्फोट का मतलब इसकी पहले से पूरी तैयारी की गई थी। यह भी साफ हो गया है कि विस्फोट ईईडी से ही हुआ। अभी यह कहना मुश्किल है कि कोच्चि निवासी डोमिनिक मार्टिन नामक व्यक्ति द्वारा घटना की जिम्मेवारी लेने का सच क्या है। क्या वह अकेले इस विस्फोट में शामिल था या...