एमपी चुनाव, बनते बिगड़ते मुद्दे और हाव-भाव
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रण मिलते ही चुनावी राज्यों में सियासत शुरू हो गई. मध्यप्रदेश से सबसे पहली आवाज कांग्रेस के सीएम फेस कमलनाथ ने उठाई. उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए भाजपा नेताओं को ही क्यों आमंत्रित किया गया है? जब श्रीराम की जन्मभूमि को मुक्त कराने के लिए कारसेवकों ने अपने प्राण न्योछावर किए थे. तब यह आवाज़ क्यों नहीं आई थी कि अयोध्या का आंदोलन सभी राजनीतिक दलों का है?
चुनावी घोषणा पत्र में राम मंदिर निर्माण का संकल्प व्यक्त करने वालों को ही मंदिर निर्माण के श्रेय का हक बनता है. सनातन धर्म और आस्था के लिए श्रीराम जन्मभूमि मंदिर चुनावी वाद-विवाद का विषय नहीं हो सकता है. सनातन को डेंगू और मच्छर मानने वाली विचारधारा के सहयोगी और समर्थक चुनावी नजरिये से राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा में भागीदारी की मांग कर रहे हैं...