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सोलर पावर बनता भारत

सोलर पावर बनता भारत

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भारत एक तेजी से बढ़ता हुआ देश है.... बढ़ती जनसंख्या है, बढ़ते उद्योग हैं... और उसी ratio में बढ़ती हुई उनकी ऊर्जा जरूरतें भी हैं. तेल महंगा होता जा रहा है.. कोयला महंगा हो रहा है... वहीं हाइड्रो dams बनाने में खर्च बढ़ रहा है.. वहीं Nuclear के अपने फायदे नुकसान हैं.. ऐसे में Solar ही सबसे अच्छा option है. आज भारत में 70 GW Solar power बनाने की installed capacity है...और भारत अब दुनिया में चौथा सबसे बड़ी Solar Capacity वाला देश है. इतने बढ़े स्तर पर Solar का इस्तेमाल हम कर रहे हैं... लेकिन इसके लिए काम आने वाले components, जैसे Solarpanels, PV Cells, PV Encapsulants – EVA & POE, and PV back sheets आदि हमारे यहाँ कम बनती थी..... लगभग 95% चीन से Import होती थी. मतलब... हम जितना Solar Capacity को बढ़ाएंगे, उसी Ratio में हमारा चीन से Solar Components का import भी बढ़ता जा र...
<strong>भारत में आयोजित जी-20 की दो बड़ी उपलब्धियां</strong>

भारत में आयोजित जी-20 की दो बड़ी उपलब्धियां

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आर.के. सिन्हा अब तक का सबसे भव्य अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन जी- 20 शिखर सम्मेलन जो भारत की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित हुआ, दो वजहों से याद रखा जायेगा। पहला, जी 20 घोषणा पत्र पर सभी सदस्य देशों की सहमति बन गई। हालांकि, इस मसले पर चीन, कनाडा आदि देशों से विवाद होने की आशंका जताई जा रही थी। दूसरा, अफ्रीका यूनियन को भारत की पहल पर जी-20 में शामिल कर लिया गया जो “जी -20” में भारत की स्थिति को और मजबूत बनायेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा "हमारी टीम की  कड़ी मेहनत से ही नई दिल्ली जी-20 लीडर्स घोषणा पत्र पर आम सहमति बनी है।" अब पाठकों को यह भी जानना जरुरी है कि नई दिल्ली घोषणा पत्र में किन चीज़ों का ज़िक्र है I दरअसल इसमें संसार के मजबूत, दीर्घकालीक, संतुलित और समावेशी विकास पर जोर दिया गया है। ज...
G20 समिट का पूरा शेड्यूल

G20 समिट का पूरा शेड्यूल

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भारत मंडपम में आज से वैश्विक मुद्दों पर होगा महामंथन, दो दिनों तक चलने वाली जी20 की पहले दिन की बैठक के दौरान सभी 20 देशों के नेता भारत में पहली बार एक साथ दिल्ली में एक मंच पर होंगे. दिल्ली इस ऐतिहासिक मौके का गवाह बनने के लिए तैयार है और इसे यादगार बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई है. इस आयोजन के लिए भारत मंडपम में भी तैयारियां पूरी हैं. जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर 20 सबसे ताकतवर देशों के नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं. 9 और 10 सितंबर को भारत मंडपम में होने वाले सम्मेलन में वैश्विक मद्दों पर सभी देशों के नेता चर्चा करेंगे. ऐसा पहली बार हुआ है कि दुनिया के सबसे ताकतवर मंचों के मुखिया एक साथ दिल्ली में हैं और यूएन से लेकर आईएमएफ तक डब्ल्यूटीओ से लेकर वर्ल्ड बैंक तक तमाम वैश्विक संस्थाएं भारत के आह्वान पर दिल्ली में मौजूद हैं. वहीं ये भी पहली बार है कि भारत के आह्वान पर जी20 में अफ्रीकन यून...
जी-20 सम्मेलन से नये विश्व की संरचना संभव

जी-20 सम्मेलन से नये विश्व की संरचना संभव

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- ललित गर्ग-हिंसा, आतंक एवं युद्ध से संत्रस्त दुनियाभर की नजरें 9 और 10 सितंबर को दिल्ली में होने वाले जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन पर टिकी हैं। यह सम्मेलन इसलिए भी खास है कि भारत इस साल जी-20 का अध्यक्ष होते हुए दुनिया को नयी दिशाएं एवं नये आयाम दिये हैं। सम्मेलन ऐसे समय हो रहा है, जब दुनिया रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन-ताइवान की तनातनी और उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण को लेकर असुरक्षा एवं अशांति की चिंताओं से घिरी हुई है। हालांकि जी-20 सुरक्षा संबंधी मुद्दों का नहीं, आर्थिक मुद्दों का मंच है, लेकिन सुरक्षा, शांति एवं युद्धमिुक्त से होकर ही आर्थिक उन्नति के रास्ते खुलते हैं। सुरक्षा चिंताओं ने दुनिया की अर्थव्यवस्था को जिस तरह प्रभावित कर रखा है, जी-20 देशों के लिए इसे पूरी तरह नजरअंदाज करना संभव नहीं है। जी-20 के सदस्य देशों की संयुक्त रूप से दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद में करीब 85 फीसदी और अं...
<strong>चीन सुधरेगा नहीं, चौकन्ना रहना होगा</strong>

चीन सुधरेगा नहीं, चौकन्ना रहना होगा

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-ः ललित गर्ग:-चीन अपनी दोगली नीति, षडयंत्रकारी हरकतों एवं विस्तारवादी मंशा से कभी बाज नहीं आता। वह हमेशा कोई ऐसी कुचेष्टा करता ही रहता है जिससे भारत चीन बॉर्डर पर अक्सर तनाव रहता है। ब्रिक्स समिट में जगी भारत-चीन के सामान्य संबंधों की आस आकार लेने से पहले ही धूमिल हो गयी है। नई दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले भारत-चीन के संबंधों में सामंजस्य बैठाने के प्रयास चीन के नापाक इरादों से जटिल ही बने रहने वाले हैं। चीन की ओर से जारी किए गए ताजा नक्शे में अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताकर चीन एक बार फिर सीमा विवाद को बढ़ाने के साथ भारत को उकसाने वाली कार्रवाई में जुटा है। हालांकि भारत ने दो टूक जवाब देते हुए साफ कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और यह चीनी दुष्प्रचार के सिवाय कुछ नहीं है। चीन की इस हरकत ने यह साफ कर दिया है कि उससे संबंध सुधारने की भारत की तरफ से कित...
भाला फेंक में नीरज का स्वर्णिम अभियान

भाला फेंक में नीरज का स्वर्णिम अभियान

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भाला फेंक में नीरज का स्वर्णिम अभियानमृत्युंजय दीक्षितसावन के पवित्र माह में चंद्रयान- 3 की अभूतपूर्व सफलता के बाद भाला फेंक में नीरज ने देशवासियों को यह नई सफलता देकर आनंद से भावविभोर कर दिया है। इस वर्ष का अधिमास सहित सावन अंतरिक्ष व क्रीड़ा जगत में नयी क्रांति का माह बन रहा है।एथलेटिक्स की भालाफेंक प्रतियोगिता में भारत के नीराज चोपड़ा ने हंगरी के बुडापेस्ट में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैपिंयनशिप के फाइनल में पहली बार स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। भालाफेंक में भारत को स्वर्ण दिलाने वाले वह पहले भारतीय एथलीटबन गये हैं।नीरज की सफलता से आज संपूर्ण भारत गर्वित व आनंदित है। नीरज की स्वर्णिम सफलता पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित पूरे देश ने बधाई दी है। नीरज ने इस सफलता के साथ ही अगले ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है। नीरज ने फाइनल में 88.17 मीटर भाला फेंक क...
चंद्रयान-3 के श्रेय पर विवाद क्यों ?

चंद्रयान-3 के श्रेय पर विवाद क्यों ?

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-विनीत नारायणचंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर उतारकर भारत ने पूरी दुनिया में अपनी कामयाबी के झंडे गाढ़दिए हैं। हमारी इस सफलता पर पूरी दुनिया हर्षित है। यहाँ तक कि हमेशा खफ़ा रहने वाला पाकिस्तानभी हमें इस कामयाबी के लिए बधाई दे रहा है। अब भारत दुनिया के उन चार देशों में से एक है जिन्होंनेचाँद पर अपना उपग्रह उतारा है। इनमें भी चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर ये करामात दिखने वाला भारतअकेला देश है। इस अभूतपूर्व सफलता के लिए वो सैकड़ों वैज्ञानिक जिम्मेदार हैं जिन्होंने पिछले साठसालों में रात-दिन मेहनत करके यह संभव कर दिखाया है। इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेविश्व को दक्षिण अफ़्रीका से संबोधित करते हुए कहा कि, “अब चंदा मामा दूर के नहीं बल्कि चंदा मामा टूरके हो गये हैं”।जब से ये उपलब्धि हुई है तब से इसका श्रेय लेने वालों में होड़ लग गई है। जहाँ भाजपा और संघ परिवारइसे मोदी जी के नेत...
चाँद के बाद, अब सूरज की बारी

चाँद के बाद, अब सूरज की बारी

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अब सूरज की बारी है,यह भारत की तैयारी है। भारत के वैज्ञानिकों का यह ताज़ा संकल्प है, चाँद पर अवरोहण से पूरा देश उत्साहित है, भारत ने विश्व गुरु बनने की दिशा में बीते कल बड़ी छलांग लगाते हुए चांद के उस हिस्से पर राष्ट्रीय ध्वज लहरा दिया जहां आज तक कोई भी देश नहीं पहुंच सका था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारकर अंतरिक्ष की दुनिया में इतिहास रच दिया। देश ने धरती पर सपना देखा और चांद पर साकार किया, अब सूरज की बारी है । कुछ दिन पहले रूस ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने की कोशिश की थी लेकिन उसका लूना-25 अंतरिक्ष यान चांद की सतह से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। ऐसे में भारत के चंद्रयान-3 मिशन की अहमियत और बढ़ गई थी। समूचे विश्व की निगाह इस मिशन पर थी। चंद्रयान-3 की सफलता के लिए देश के कोने-कोने में कल सुबह से पूजा, प...
आज हम चांद पर है।

आज हम चांद पर है।

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सांप और साधुओं का देश कहा जाने वाला भारत आज स्पेस टेक्नोलॉजी में दुनिया के ताकतवर देशों के साथ खड़ा है। भारत चंद्रयान-3 मिशन के साथ चंद्रमा पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया है। चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान का रोवर चांद की सतह का अध्ययन करेगा और यह लैंडर के अंदर बैठकर गया है। लैंडर के मिशन की पूरी अवधि एक चंद्र दिवस की रहने वाली है, जो पृथ्वी के 14 दिन के बराबर है। पिछली बार क्रैश लैंडिंग हुई थी। पर इस बार अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चांद की सतह पर लैंड करने वाला चौथा देश बन गया है। 'स्पेस के क्षेत्र में हमारी विशेषज्ञता में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। भारत के चंद्रयान-3 को सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता से भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश तो बना ही है साथ ही दक्षिणी ध्रुव के इलाके में लैंडिंग कराने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। -डॉ सत्यवान सौरभ भारत की अंतरिक्...
तीर्थों की भीड़ संभालें !

तीर्थों की भीड़ संभालें !

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-विनीत नारायणप्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री योगी जी ने हिन्दू तीर्थों के विकास की तरफजितना ध्यान पिछले सालों में दिया है उतना पिछली दो सदी में किसी ने नही दिया था। ये बात दूसरी हैकि उनकी कार्यशैली को लेकर संतों के बीच कुछ मतभेद है। पर आज जिस विषय पर मैं अपनी बात रखनाचाहता हूँ उससे हर उस हिन्दू का सरोकार है जो तीर्थाटन में रुचि रखता है। जब से काशी, अयोध्या,उज्जैन व केदारनाथ जैसे तीर्थ स्थलों पर मोदी जी ने विशाल मंदिरों का निर्माण करवाया है, तब से इनसभी तीर्थों पर तीर्थयात्रियों का सागर उमड़ पड़ा है। इतनी भीड़ आ रही है कि कहीं भी तिल रखने कोजगह नही मिल रही।इस परिवर्तन का एक सकारात्मक पहलू ये है कि इससे स्थानीय नागरिकों की आय तेज़ी से बढ़ी है औरबड़े स्तर पर रोजगार का सृजन भी हुआ है। स्थानीय नागरिक ही नहीं बाहर से आकार भी लोगों ने इनतीर्थ नगरियों में भारी...