बदली प्रवृत्तियों को समझने से आकलन संभव होगा
अवधेश कुमारमध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मतदान संपन्न होने के बावजूद आम विश्लेषकों की प्रतिक्रिया है कि परिणाम की स्पष्ट भविष्यवाणी कठिन है। इसका अर्थ क्या है? इन तीनों राज्यों में भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला रहा है और वही प्रवृत्ति इस बार भी है। अगर मुख्यतः दो पार्टियों के मुकाबले के बीच परिणाम का आकलन करने से हम बच रहे हैं तो इससे कई कारण सामने आते हैं। किसी भी चुनाव के परिणाम कई कारकों पर निर्भर करते हैं जिनमें मतदाताओं की आकांक्षा पार्टियों द्वारा उठाए गए मुद्दे, उम्मीदवार राज्य स्तर पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के समर्थन या विरोध में पहले से निर्मित माहौल , नेतृत्व तथा राष्ट्रीय व प्रादेशिक वातावरण। हम आम मतदाता तक नहीं पहुंच पाए या पहुंच कर भी उनकी अभिप्सा भांप नहीं पाए। चुनावों में जो मुद्दे पार्टियों ने उठाये वो जनता के अंतर्मन में कितने गए, उनके पक्ष और विपक्ष मे...