
यह कैसा अंकशास्त्र?
सीबीएसई बोर्ड की बारहवीं की परीक्षा का रिजल्ट आया है। 2 बच्चों ने 500 में से 500 अंक हासिल किये हैं। बच्चे बधाई के पात्र हैं। मौजूदा शिक्षा व्यवस्था रुलाई की पात्र है। पेपर सेट करने वाले दुहाई के पात्र हैं और कॉपियाँ जाँचने वाले कुटाई के पात्र हैं।
जिस बोर्ड के अंतर्गत पढ़ रहे बच्चे 500 में से 499 अंक ले आएं उस बोर्ड के मेम्बरान को साइकिल के नीचे कूद कर जान दे देनी चाहिए। जिस पेपर में बच्चों के 100 में से 100 अंक आएँ, उसकी पेपर सेटर समिति के हर सदस्य को मुँह खोलकर अंदर थोड़ा थोड़ा काला हिट स्प्रे करना चाहिए। चुल्लू भर पानी भी इनके लिए ज्यादा होगा। ये अंक बच्चों की प्रतिभा की निशानी कत्तई नहीं हैं, ये एक पूरी शिक्षा व्यवस्था की दिमागी रूप से दिवालिया हो जाने की निशानी है। और कॉपी जांचने वाले महानुभावों के कहने ही क्या? ये अंक कुबेर जन्म नहीं अवतार लेते हैं।
हिंदी के प्रश्नपत्र में ...