डॉक्टरी बना कारोबार, ‘झोलाछाप’ कर रहे उपचार
देशभर में खासकर गांवों में बिना जरूरी डिग्री वाले डॉक्टरों की भरमार है। कोई तीन-चार साल तक मेडिकल स्टोर पर काम करने के बाद डॉक्टर बन जा रहा है, तो किसी के पूर्वज इलाज करते आ रहे हैं। ये लोग मरीजों को दर्द निवारक दवाएं व इंजेक्शन की बदौलत तुरंत आराम तो दिला देते लेकिन इसका दुष्प्रभाव मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। ये झोलाछाप डॉक्टर (वे डॉक्टर जो न तो पंजीकृत हैं और न ही उनके पास उचित डिग्री है) नकली दवाओं के साथ इलाज कर मरीजों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे है। ऐसा भी देखा गया है कि कई झोलाछाप डाक्टर नशे के व्यापार से भी जुड़े हुए हैं। ऐसे में गावों में चल रहे ये क्लीनिक नशेड़ियों की पौध को पैदा करने में जुटे हुए है। मगर देश भर में प्रशासन को जानकारी के बावजूद इन पर नकेल कसने की कोई कार्रवाई अंजाम नहीं दी जाती।
-प्रियंका सौरभ
पूरी दुनिया में डॉक्टर भगवान् के रूप में लोगों को नज़र आये है और ...