संबंधों के बीच पिसते खून के रिश्ते
आज हम में से बहुतों के लिए खून के रिश्तों का कोई महत्त्व नहीं। ऐसे लोग संबंधों को महत्त्व देने लगे हैं। और आश्चर्य की बात ये कि ऐसा उन लोगों के बीच भी होने लगा है जिनका रिश्ता पावनता के साथ आपस में जोड़ा गया है। वैसे तो हमारे सामाजिक संबंधों और सगे रिश्तों में खूनी जंग का एक लंबा इतिहास रहा है। पर पहले इस प्रकार की घटनाएं राजघरानों के आपसी स्वार्थों के टकराने तक सीमित रहती थीं। लेकिन अब यह मुद्दा और भी गंभीर हो गया है, क्योंकि अब छोटे-छोटे निजी स्वार्थों को लेकर रक्त संबंधों अथवा नातेदारी संबंधों की बलि चढ़ाने में आमजन भी शामिल हो गए हैं। वर्तमान की इस सच्चाई को प्रस्तुत करने में कोई हिचक नहीं कि तकनीकी मूल्यो, पूंजी के जमाव, आक्रामक बाजार, सूचना तकनीकी के साथ में सोशल मीडिया से बढ़ती घनिष्ठता जैसे कारकों के फैलाव के सामने परिवार, समुदाय तथा इनमें समाहित...