योगी बदलेंगे यूपी का चेहरा
जैसे ही योगी आदित्यनाथ जी के नाम की घोषणा हुई, टीवी चैनलों पर बैठे कुछ टिप्प्णीकारों ने इस समाचार पर असंतोष जताया। उनका कहना था कि योगी समाज में विघटन की राजनीति करेंगे और प्रधानमंत्री मोदी के विकास के एजेंडे को दरकिनार कर देंगे। यह सोच सरासर गलत है। विकास का एजेंडा हो या कुशल प्रशासन, उसकी पहली शर्त है कि राजनेता चरित्रवान होना चाहिए। आजकल राजनीति में सबसे बड़ा संकट चरित्र का हो गया है। चरित्रवान राजनेता ढूंढे से नहीं मिलते। 21 वर्ष की अल्पायु में समाज और धर्म के लिए घर त्यागने वाला कोई युवा कुछ मजबूत इरादे लेकर ही निकलता है। योगी आदित्यनाथ ने अपने शुद्ध सात्विक आचरण और नैष्टिक ब्रह्मचर्य से अपने चरित्रवान होने का समुचित प्रमाण दे दिया है। पांच बार लोकसभा जीतकर उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता को भी स्थापित कर दिया है। गोरखनाथ पंथ की इस गद्दी का इतिहास रहा है कि इस पर बैठने वाले संत चरित्रवान...