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सभ्यता, संस्कृति एवं संरक्षण : सांस्कृतिक संध्या एवं परिचर्चा

सभ्यता, संस्कृति एवं संरक्षण : सांस्कृतिक संध्या एवं परिचर्चा

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सभ्यता और संस्कृति पर मंडरा रहे विदेशी हस्तक्षेप और बाज़ार के हस्तक्षेप के खतरों पर एक सफल कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली में मैथिली भाषा और संस्कृति के लिए संघर्षरत गैरसरकारी संगठन दीपक फाउंडेशन के द्वारा दिनांक 19 फरवरी 2017 को नई दिल्ली के कॉन्स्टीट्युशनल क्लब के मावलंकर हॉल में किया गया। इस कार्यक्रम में डायलॉग इंडिया और ओपन कोर्ट सहित कई अन्य संस्थान भी सम्मिलित थे। कार्यक्रम का शीर्षक था सभ्यता, संस्कृति एवं संरक्षण। कार्यक्रम की शुरुआत कार्यक्रम के शीर्षक के अनुसार ही हुई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों के आगमन तक दर्शकों के सम्मुख नृत्यांगना अनु सिन्हा के नृत्य समूह ने गणेश वन्दना एवं शिव वंदना प्रस्तुत की। इस वंदना ने कार्यक्रम में जहां एक तरफ दर्शकों को मुख्य अतिथि के आने तक बांधे रखा वहीं उन्होंने अपनी संस्कृति के सबसे प्राचीन रूप के भी दर्शन कराए। जब नन्हे नन्हे कदम इस तरह सधे और आ...
किसने यूपी के दलित नौजवानों को नहीं बनने दिया उद्यमी

किसने यूपी के दलित नौजवानों को नहीं बनने दिया उद्यमी

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मायावती और अखिलेश एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के दलितों को छलने के लिए तैयार खड़े हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव के तीन चरण पूरे हो चुके हैं चार बाकी हैं। इन दोनों मुस्लिमपरस्त नेताओं ने फिर से दलितों और मुसलमानों को अपने हक में वोट देने के लिए लुभावानी कसरतें करनी शुरू कर दी है। पर अब उनसे कुछ सवाल पूछने का मन कर रहा है। यह अहम सवाल उनसे उत्तर प्रदेश की जनता  तो जगह-जगह पूछ रही है। उनसे पूछा जा रहा है कि उन्होंने दलितों को आरक्षण का मोहताज क्यों बना दिया? उन्होंने दलित नवजवानों के स्वरोजगार और उद्यम के लिए क्या ठोस पहल की? और उनसे ये भी पूछा जा रहा है कि उन्होंने पसमांदा मुसलमानों को अंधेरे में क्यों रखा? कायदे से देखा जाए तो दलितों, पिछड़ों या समाज के किसी भी अन्य उपेक्षित वर्ग के हितों में बोलना कतई गलत नहीं है। उनके सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक उत्थान की मांग तो आज के समय की मांग है। ...
उत्तर प्रदेश : कोई ताज़ा हवा चली है अभी…

उत्तर प्रदेश : कोई ताज़ा हवा चली है अभी…

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उत्तर प्रदेश के चुनावों के शुरुआती दो चरणों में मतदाता खामोश दिखा किन्तु जैसे जैसे चरण आगे बढ़ते गये उसका रुझान स्पष्ट दिखने लगा। तीसरा चरण आते आते उत्तर प्रदेश का साइलेंट वोटर भाजपा की तरफ खुल कर वोट करने लगा। उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां जातिगत आंकड़ों पर काम करने के बावजूद साइलेंट वोटर ही सरकार बनाता है। वह सोच समझकर के एक रुझान तय करता है। इस रुझान के द्वारा उत्तर प्रदेश में मतदान के बाद त्रिशंकु विधानसभा बनने से बच जाती है। 2007 में मायावती, 2012 में अखिलेश एवं 2014 में मोदी के पक्ष में दिखा यह वर्ग अब 2017 में भाजपा के पक्ष में रुझान रखता दिख चुका है। सपा और कांग्रेस के गठबंधन से सपा को फायदा कम हुआ है किन्तु कांग्रेस को संजीवनी ज़रूर मिल गयी है। बसपा कुछ क्षेत्रों में इतनी खामोशी से चुनाव लड़ी है कि चुनाव परिणाम आने पर उसके नतीजे चौंकाने वाले होने जा रहे हैं। लोकदल ने जाटों के ...
सच्चर रिपोर्ट के दस साल:- क्या खाक मेहरबान होंगें

सच्चर रिपोर्ट के दस साल:- क्या खाक मेहरबान होंगें

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आजादी के बाद पिछले करीब सात दशकों के दौरान देश का विकास तो काफी हुआ है लेकिन इसमें सभी तबकों, समूहों की समुचित भागीदारी नही हो सकी है. देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समूह मुसलिम समुदाय की दोहरी त्रासदी यह रही कि वह एक तरफ तो विकास की प्रक्रिया में हाशिये पर पहुँचता गया तो दूसरी तरफ असुरक्षा, भेदभाव, संदेह और तुष्टीकरण के आरोपों का भी शिकार रहा. आजादी के करीब 60 सालों बाद मुसलिम समुदाय की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिणक स्थिति की पड़ताल करने के लिए जस्टिस राजेन्द्र सच्चर की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया. सच्चर समिति ने अपनी रिर्पोट के जरिये मुस्लिम समाज के पिछड़ेपन सम्बंधी उन सच्चाइयों को आकंड़ों के ठोस बुनियाद पर रेखाकिंत करते हुए उन्हें औपचारिक स्वीकृती दिलाई है जिन पर पहले ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता था, साथ ही साथ इस रिर्पोट ने बहुत सारे ऐसे मिथकों, भ्रामक दुष्प्रचारों व तुष्टीकरणी के आरो...
Rajiv Gandhi Trust land grab ghotala — Shalini Singh wonders why NDA…

Rajiv Gandhi Trust land grab ghotala — Shalini Singh wonders why NDA…

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If Congress vice-president Rahul Gandhi is guilty of crying wolf over instances of alleged "personal corruption" by Prime Minister Narendra Modi and dilly-dallying over producing "concrete evidence", the latter is perhaps guilty of the reverse: sitting on substantial ammunition already available against the Gandhi family. A case in point is the allotment of prime panchayat land to the Rajiv Gandhi Charitable Trust (RGCT) in Haryana during the chief ministership of Congressman Bhupinder Singh Hooda. The five-acre prime property on the Gurgaon-Faridabad highway – a real estate gold mine – was allotted to the trust for constructing an eye hospital for the poor. The RGCT is headed by Congress president Sonia Gandhi. Manoj Muttu is the trustee/administrator, while the other trustees inclu...
Government plans on electric vehicles are non-starters: CSE

Government plans on electric vehicles are non-starters: CSE

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Centre for Science and Environment presents its latest analysis here today at a stakeholders’ round table meeting. Almost 60 per cent of the FAME incentives have gone to mild diesel hybrid cars that already enjoy substantial excise cuts. Electric and strong hybrids have remained neglected. 95 per cent of all four-wheeled vehicles sold under this programme have been mild diesel hybrid versions; a mere 3 per cent have been strong hybrids and 2 per cent, electric cars. Defeats the original purpose of promoting electric vehicles. Undercuts the fuel efficiency and emissions-saving benefits of the programme. Has not worked for public transport at all. Blurs the power ministry’s vision of 100 per cent electric vehicles by 2030.    No course correction done to ensure that the pr...
“मिशन 2018” का बजट

“मिशन 2018” का बजट

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  मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह की सरकार राजनीतिक रूप से पहले ही मिशन 2018 के मूड में आ चुकी थी. अब सूबे का नया बजट भी अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव के रंग में रंगा हुआ नजर आ रहा है. वित्तमंत्री जयंत मलैया द्वारा वित्त वर्ष 2017-18 के लिये पेश किये गये बजट में 2018 के जीत की चाभी तलाशने की कोशिश गयी है. यह घोषणाओं से भरपूर बजट है जिसके जरिए सभी को साधने की कोशिश की गई है. बजट में शहरी गरीबों के लिये पांच रुपये में भोजन, विधवा महिलाओं के लिये पेंशन और प्रदेश सरकार के कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग का लाभ देने जैसी घोषणायें दक्षिण के राजनीति की याद दिलाती हैं. इस लोक लुभावन बजट में कोई नया “कर” नहीं लगाया गया है और शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है.मुख्यमंत्री द्वारा चलाये जा रहे नर्मदा सेवा यात्रा को भी ख़ास महत्त्व देते हुए इसके लिए धन की कमी ना होने देने...
Delhi Media Is Hurting Brand India With Distortions

Delhi Media Is Hurting Brand India With Distortions

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There has been a worrisome tendency over the last two years of Delhi-based media using highly local events, mostly in Delhi, to broad-brush the entire country as religiously intolerant; increasingly intolerant; as Freedom of Expression (FOE) and our rights being under attack; becoming increasingly communal; becoming fascist, etc. The good citizens of India are perplexed, hurt and angry at being so branded. The same media also brands citizens who do not agree with their India view as communal, intolerant, Bhakts, internet Hindus and the like, reducing the space for a genuine debate on multiple issues. Local incidents are blown up as All-India issues. Known and unknown political leaders who hold strong extreme views have often had mics thrust into their faces and their vi...
SCIENTIFIC REASON BEHIND HINDU TRADITION

SCIENTIFIC REASON BEHIND HINDU TRADITION

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Joining Both Palms Together To Greet In Hindu culture, people greet each other by joining their palms – termed as “Namaskar.” The general reason behind this tradition is that greeting by joining both the palms means respect. However, scientifically speaking, joining both hands ensures joining the tips of all the fingers together; which are denoted to the pressure points of eyes, ears, and mind. Pressing them together is said to activate the pressure points which helps us remember that person for a long time. And, no germs since we don’t make any physical contact!   2. Why Do Indian Women Wear Toe Ring image courtesy Wearing toe rings is not just the significance of married women but there is science behind it. Normally toe rings are worn on the second toe. A particular nerve f...
Eight anti-India intellectuals and academics you must be aware of

Eight anti-India intellectuals and academics you must be aware of

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1. Angana Chatterji Books: Violent Gods: Hindu Nationalism in India’s Present; Narratives from Orissa Land and Justice: The Struggle for Cultural Survival in Orissa Pronouncements:  In Gujarat, Hindu extremists killed 2,000 people in February-March of 2002. Muslims live in fear there, victims of pathological violence. Raped, lynched, torched, ghettoised. A year and half later, Muslims in Gujarat are afraid to return to their villages, many still flee from town to town. Ghosts haunted by history. Country, community, police, courts — institutions of betrayal that broker their destitution. This is India today. Grassroots movements in resistance to the debacle of nation making are combating the sangh. Where Dalits, Adivasis and others are allied in subalt...