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विमुद्रीकरण एवं डिजिटल लेन-देन : नायडू समिति की अहम सिफारिशें

विमुद्रीकरण एवं डिजिटल लेन-देन : नायडू समिति की अहम सिफारिशें

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  बैंक से रुपये निकालने पर लग सकता है टैक्स देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने एवं कैशलेस अर्थव्यवस्था विकसित करने के उद्देश्य से 50 हजार रुपये से अधिक की नकद निकासी पर बैंकिंग कैश ट्रांजेक्शन कर लगाने और प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन से भुगतान पर लगने वाले मर्चेंट डिकाउंट रेट (एमडीआर) को पूरी तरह से समाप्त करने की सिफारिश की गयी है। नोटबंदी के मद्देनजर डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में बनी उप समिति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपी, जिसमें ये सिफारिशें की गयी है। नायडू ने रिपोर्ट सौंपने के बाद संवाददाताओं से कहा कि 50 हजार रुपये से अधिक की नकद निकासी पर कर लगाने का सुझाव दिया गया है। इसके साथ ही एमडीआर को पूरी तरह से समाप्त करने की सिफारिश की गयी है। सरकारी एजेंसियों में...
संसार के प्रत्येक बालक को गुणात्मक शिक्षा मिलनी चाहिए

संसार के प्रत्येक बालक को गुणात्मक शिक्षा मिलनी चाहिए

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            सरकारी बजट में विभिन्न क्षेत्रों का व्यापक ध्यान रखा जाता है फिर भी बजट में शिक्षा व्यवस्था का खास ध्यान रखा जाना चाहिए। प्रायः अधिकांश देशों में शिक्षा का बजट रक्षा से कम होता है, यदि शिक्षा का बजट रक्षा से ज्यादा हो और सही ढंग से इसका प्रयोग हो तो रक्षा की तो जरूरत ही न पड़े। बजट ऐसा हो कि जिससे प्रत्येक युवा को नौकरी या व्यापार शुरू करने में दौड़-भाग न करनी पड़े, क्योंकि इससे व्यक्ति का मनोबल क्षीण होता है। शिक्षा सबसे बड़ा हथियार है जिसके द्वारा सामाजिक परिवर्तन लाया जा सकता है। युद्ध के विचार सबसे पहले मानव के मस्तिष्क में पैदा होते हैं। मानव के मस्तिष्क में शान्ति के विचार डालने होंगे। शान्ति के विचार देने के सबसे श्रेष्ठ अवस्था बचपन है। आज संसार में जो भी मारामारी हो रही है उसके लिए आज की शिक्षा दोषी है। सारे विश्व के प्रत्येक बालक को बाल्यावस्था से शान्ति की शिक्षा मिलनी चा...
मोदी क्यों करें ट्रंप से तुलना?

मोदी क्यों करें ट्रंप से तुलना?

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लोकसभा-सदस्यों के एक रात्रि-भोज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रति सहानुभूति दिखाई और कहा कि पता नहीं क्यों, उन पर लोग पत्थर बरसा रहे हैं? जैसे मैं दिल्लीवाला नहीं हूं, वैसे ही ट्रंप वाशिंगटन डीसी वाले नहीं हैं। जैसे वे बाहरी हैं, मैं भी बाहरी हूं। यह कैसा संयोग है? संयोग यह भी है कि ट्रंप ने अपने चुनाव-अभियान के दौरान भारतीय मूल के वोट पटाते वक्त मोदी की तारीफों के पुल बांध दिए थे। वह ट्रंप की मजबूरी थी। यह मोदी कि मजबूरी हो सकती है कि वे जान-बूझकर ट्रंप के तारीफ में कसीदें काढ़ रहे हैं। मोदी का यह गणित हो सकता है कि ट्रंप को वह खुश रखें, वरना ट्रंप कहीं अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के नागरिकों के पीछे न पड़ जाए। 30 लाख भारतीय वहां रहते हैं। वे संपन्न हैं और अन्य अमेरिकियों की नजर में ईर्ष्या के पात्र हैं। यदि ट्रंप उनसे रोजगार छीनने का अभियान चला दे...
Dr. Abdul Kalam on the Indian media

Dr. Abdul Kalam on the Indian media

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Why is the media here so negative? Why are we in India so embarrassed to recognize our own strengths, our achievements? We are such a great nation. We have so many amazing success stories but we refuse to acknowledge them. Why? We are the first in milk production. We are number one in Remote sensing satellites. We are the second largest producer of wheat. We are the second largest producer of rice. Look at Dr. Sudarshan , he has transferred the tribal village into a self-sustaining, self-driving unit. There are millions of such achievements but our media is only obsessed in the bad news and failures and disasters. I was in Tel Aviv once and I was reading the Israeli newspaper. It was the day after a lot of attacks and bombardments and deaths had taken place. The Hamas had struck. B...
Need for AFSPA in West Bengal

Need for AFSPA in West Bengal

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The ideological-communal polarisation of West Bengal by Chief Minister Mamata Banerjee and the Trinamool Congress has bought the State to the brink of another Direct Action Day, with incidents of organised and planned violence occurring regularly against the hapless Hindu community.   Banerjee has polarised the State in an unprecedented manner, ripping apart the social fabric. Her form of communal (read Islamic) politics could bring the Jamaat e Islami cadres to shame.   Under her rule, even Durga Puja celebrations have been endangered in some places where Islamists objected to them.   A village in Birbhum district has been unable to celebrate and engage in festivities in order to “not antagonise the Muslims” for four years now.   Mamata’s hunger for power has made her res...

Indian politicians should follow American rulers during tenures and retirements

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  Recently retired American Vice President Joe Biden should be role-model for Indian politicians. There was an occasion when Joe Biden during his tenure as American Vice president even thought of selling his house to meet medical-expenses of his young son Beau fighting with cancer (who unfortunately later died). It was greatness of the then American President Barrack Obama who assisted him, rather than using public-funds for personal needs. Joe Biden during his long career as Senator from the year 1973 never claimed a single penny from public-exchequer.   Other great examples are retired American Presidents who spend their lives like ordinary American citizens in their private residences without any government-provided facilities including status-symbol of security. Recently retired Ame...
नोटबंदी से बदहाल किसान को बजट से अपेक्षा

नोटबंदी से बदहाल किसान को बजट से अपेक्षा

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भारत एक कृषि प्रधान देश है। इसके चलते यहां की अर्थव्यवस्था का आधार भी खेती-किसानी है। आज भी गांव व शहर की आबादी को मिला कर अस्सी फीसदी तक लोग खेती-किसानी के काम में जुटे है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि केन्द्र सरकार जो भी काम करेगी या निर्णय लेगी इतनी बड़ी आबादी को ध्यान में रख कर ही  लेगी, लेकिन मोदी सरकार ने नोटबंदी के समय इस पूरी आबादी को नजर अंदाज कर दिया। हालात ये बने कि देश का तमाम सारा किसान दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज हो गया। नोटबंदी को लेकर जैसे-जैसे वक्त बितते जा रहा है वैसे-वैसे इसकी सच्चाई सामने आती जा रही है। नोटबंदी के चलते आम नागरिकों ने जो नरक भोगा है उसका जिक्र करना तो यहां लाजिमी नही लगता है लेकिन किसानों ने जो भोगा है उस पर नजरे इनायत करते है। फिलहाल हम नोटबंदी से किसान को होने वाले नुकसान और परेशानी पर बात करते है। नोटबंदी को लेकर हाल ही में देश के किसान नेताओं का...
Resignation of Meghalaya Governor not enough

Resignation of Meghalaya Governor not enough

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It refers to Meghalaya Governor V Shanmuganathan resigning after about 100 staffers of Raj-Bhawan made complaints to President and Prime Minister about state-governor virtually turning Governor-House into a club of young ladies, further adding to serious charge about undignified gestures of the state-governor towards a young lady coming for a job at Raj-Bhawan. Media-reports indicate that staffers complaining against V Shanmuganathan are armed with photos and videos of his undignified behavior towards ladies. Mere accepting resignation of V Shanmuganathan should not close the matter. Enquiry should be made by a Supreme Court appointed committee under various provisions of law including Vishakha Committee guidelines and The Criminal Law (Amendment) Act, 2013 legislated subsequent to infamo...
दाऊद-छोटा शकील-नदीम पर कब चलेगा मुकदमा ?

दाऊद-छोटा शकील-नदीम पर कब चलेगा मुकदमा ?

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मुंबई,12 अगस्त 1997। इसी दिनएक छोटी सी म्यूजिक कैसेट कंपनी से शुरू करके म्यूजिक की दुनिया में तहलका मचाने वाले गुलशन कुमार की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या का षडयंत्र रचने के मामले में संगीत निर्देशक नदीम सैफी का नाम आया था। नदीम सैफी मामले में अपना नाम आते ही देश से ब्रिटेन के लिए भाग गया। देश के इतने संभावनाओं से लबरेज कारोबारी का हत्यारा ब्रिटेन में है और अब सारा देश लगभग गुलशन कुमार के कैसेट तो रोज ही सुनता रहता है परन्तु निर्मम हत्याकांड को भूल चुका है। इसी तरह से 1992 में मुंबई धमाकों का गुनाहगार दाऊद इब्राहीम और छोटा शकील पाकिस्तान में मौज कर रहे हैं। पाकिस्तान जाने से पहले मुंबई पुलिस के सब इंस्पेक्टर का बेटा दाऊद इब्राहीम दुबई में अपने काले कारोबार को चला रहा था।क्या कभी नदीम सैफी, दाऊद इब्राहीम, बैंकों का हजारों करोड़ रुपये का लोन डकारने वाला विजय माल्या, ललि...
विमुद्रीकरण के उपरांत सरकार, राजनीति और समाज में उभरी विसंगतियों को दूर करने संबंधी सुझावों हेतू मौलिक भारत का प्रतिवेदन

विमुद्रीकरण के उपरांत सरकार, राजनीति और समाज में उभरी विसंगतियों को दूर करने संबंधी सुझावों हेतू मौलिक भारत का प्रतिवेदन

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प्रतिष्ठा में, माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री भारत सरकार, नई दिल्ली -110001 बिषय : विमुद्रीकरण के उपरांत सरकार, राजनीति और समाज में उभरी विसंगतियों को दूर करने संबंधी सुझावों हेतू मौलिक भारत का प्रतिवेदन माननीय महोदय, व्यवस्था में सुशासन और पारदर्शिता के लिए संघर्षरत हमारी संस्था मौलिक भारत के माध्यम से विमुद्रीकरण के उपरांत पिछले एक माह में हमने चार प्रतिवेदनों द्वारा सरकार के विमुद्रीकरण के उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा आ रहे अवरोधों को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए और हमें हर्ष है कि उनमें से अधिकांश को सरकार द्वारा माना गया। महोदय, देश में अत्यंत भ्रम की स्थितियां उतपन्न हो चुकी हें। कालेधन के कुबेर जो व्यवस्था के अंदर और बाहर बड़ी मजबूती से घुसे हुए हें ने वृहद स्तर पर सरकार की मंशा और सद्प्रयासों को विफल करने के लिए सुनियोजित अभियान चला रखा है। दुः...