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व्यक्तित्व निर्माण में सहायक सिद्ध होता है दान

व्यक्तित्व निर्माण में सहायक सिद्ध होता है दान

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जो हम देते हैं वो ही हम पाते हैं ' दान के विषय में हम सभी जानते हैं। दान, अर्थात देने का भाव, अर्पण करने की निष्काम भावना। भारत वो देश है जहाँ कर्ण ने अपने अंतिम समय में अपना सोने का दांत ही याचक को देकर, ऋषि दधीचि ने अपनी हड्डियां दान करके और राजा हरिश्चंद्र ने विश्वमित्र को अपना पूरा राज्य दान करके विश्व में दान की वो मिसाल प्रस्तुत की जिसके समान उदाहरण आज भी इस धरती पर अन्यत्र दुर्लभ हैं। शास्त्रों में दान चार प्रकार के बताए गए हैं , अन्न दान,औषध दान, ज्ञान दान एवं अभयदान एवं आधुनिक परिप्रेक्ष्य में अंगदान का भी विशेष महत्व है। दान एक ऐसा कार्य, जिसके द्वारा हम न केवल धर्म का पालन करते हैं बल्कि समाज एवं प्राणी मात्र के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन भी करते हैं। किन्तु दान की महिमा तभी होती है जब वह निस्वार्थ भाव से किया जाता है अगर कुछ पाने की लालसा में दान किया जाए तो वह व्यापार ब...
Take back Padma award from Chanda Kochar

Take back Padma award from Chanda Kochar

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 Review all cases of Padma awards given in past and snatch honours from those found involved in controversies It refers to on-going probe by various investigating agencies against former CEO of ICICI Bank Chanda Kochar. Union Home Ministry should now set procedure whereby prestigious national honours including Padma awards and Bharat Ratna may be snatched back from those found involved in later controversies by starting it with taking back honour from Chanda Kochar. Even there are reports that some of those honoured with Padma awards in recent years, were declined these honours in past because of intelligence agencies not having endorsed their names after being cleared by Awards Committee. Even submissions filed with Union Home Ministry for taking back Padma awards from some celebrit...
नायक बन युवा बदलें गांवों  की दुनिया

नायक बन युवा बदलें गांवों  की दुनिया

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  भारत में सङक, दुकान, बिजली, प्राथमिक स्कूल, प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र और थानायुक्त गांवों की संख्या बढ़ रही है। गांवों में पक्के मकानों की संख्या बढ़ी है। मकानों में मशीनी सुविधाओं की संख्या बढ़ी है; शौचालय बढे़ हैं। मोबाइल फोन, मोटरसाइकिल और ट्रेक्टर  बढ़े हैं। ऊंची डिग्री व नौकरी करने वालों की संख्या बढ़ी है। प्रति व्यक्ति आय और क्रय शक्ति में भी बढ़ोत्तरी हुई है। मज़दूरी और दहेज की राशि बढ़ी है। ग्राम पंचायतों व ग्राम आधारित योजनाओं में शासन की ओर से धन का आवंटन बढ़ा है।   क्या बढ़ोत्तरी के उक्त ग्राफ को सामने रखकर हम कह सकते हैं कि भारत के गांव सशक्त हुए हैं ? यदि हम भारतीय गांवों को सिर्फ एक भौतिक इकाई माने, तो कह सकते हैं कि हां, पूर्व की तुलना में भारतीय गांव आज ज्यादा सशक्त हैं। भौतिक इकाई के तौर पर भी यदि हम भारतीय गांवों की मिट्टी, पानी, हवा, प्रकाश, वनस्पति, मवेशी ...
नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने से पहले राहुल अखिलेश ममता केजरीवाल को जोगेंद्र नाथ मंडल का त्यागपत्र पढ़ना चाहिए

नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने से पहले राहुल अखिलेश ममता केजरीवाल को जोगेंद्र नाथ मंडल का त्यागपत्र पढ़ना चाहिए

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सुबह से शाम तक अल्पसंख्यक की माला जपने वाले राहुल गांधी पाकिस्तान अफगानिस्तान बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का विरोध कर रहे हैं। सुबह से शाम तक दलित-पिछड़ों की बात करने वाले अखिलेश यादव भी शरणार्थियों की नागरिकता का विरोध का विरोध कर रहे हैं जबकि पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आये 70% शरणार्थी दलित और पिछड़े हिंदू हैं। सुबह से शाम तक गरीबों की बात करने वाले केजरीवाल भी शरणार्थियों को नागरिकता देने के खिलाफ हैं जबकि पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आये 80% शरणार्थी अत्यधिक गरीब हैं इसलिए राहुल अखिलेश केजरीवाल से आग्रह है कि एकबार पाकिस्तान के प्रथम कानूनमंत्री जोगेंद्र नाथ मंडल का त्यागपत्र जरूर पढ़ें सत्ता के लिए जितना धोखा मंडल ने उस समय दलित पिछड़े हिंदुओं को दिया था, उससे ज्यादा धोखा अब राहुल अखिलेश केजरीवाल दे रहें हैं इसलिए पिछड़े दलित हिंदू भाइयों और ...
रेप केस के नाबालिग दोषियों पर भी तो चले कानूनी चाबुक

रेप केस के नाबालिग दोषियों पर भी तो चले कानूनी चाबुक

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निर्भया के साथ बलात्कार और फिर उसकी हत्या करने वाले चारों गुनाहगारों को आगामी 22 जनवरी को फांसी की सजा दे दी जाएगी। फांसी का समय सुबह 7 बजेरहेगा। पर इस भयानक केस से जुड़ा एक नाबालिग दोषी  के खिलाफ कोई एक्शन नहीं होगा। खैऱ, आखिरकार, इस तरह 7 साल 37 दिन के बाद ही सही निर्भया कोइंसाफ मिलेगा। यह घटना इतनी दिल दहला देने वाली थी कि आम आदमी उस हालात की कल्पना तक नहीं कर सकता था जिन हालातों में उसे इलाज के लिएअस्पताल में लाया गया था। उसे देख कर उसका इलाज करने वाले डॉक्टरों तक के रोंगटे खड़े हो गए थे। इस बेटी का नाम रखा था “निर्भया” और यह घटना घटितहुई थी दक्षिण दिल्ली के एक बस स्टॉप के पास। यह क्रूर हादसा 16 दिसम्बर की रात साल 2012 में हुआ था। पर बलात्कार की शिकार हुई हजारों अन्य महिलाओं को इंसाफ कब मिलेगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है। यही ढीलापन की  स्थिति तो बलात्कारियों के हौंसलेबुलंद करती हैं।...
कितने पवित्र रह गए धरने-प्रदर्शन

कितने पवित्र रह गए धरने-प्रदर्शन

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जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में छात्रों के बीच हुई हालिया झड़प पर पाकिस्तान के शहर लाहौर में प्रदर्शन का होना सच में हर किसी को हैरान करने वाला है।वहां पर कुछ लोग जेएनयू के वामपंथी छात्रों के हक में नारेबाजी भी कर रहे थे। पर उसी पाकिस्तान के क्वेटा शहर में विगत शुक्रवार को तड़के एक बाजार में हुए बमविस्फोट में कम से कम 20 लोग मारे गए जबकि 48 अन्य घायल हो गए। मारे गये लोगों में से कई शिया हजारा समुदाय के थे। इस दिल दहलाने  वाले कांड की हरकोने में निंदा होनी चाहिए। आतंकवाद कहीं भी हो उसकी भर्त्सना होनी ही चाहिए। पर पाकिस्तान के किसी कोने में  इस हादसे को लेकर कोई प्रदर्शन तक नहीं हुआ।सरकार से सवाल तक नहीं पूछे गए कि वह आतंकवाद को काबू  करने में विफल क्यों रही है। प्रधानमंत्री इमरान खान, जो भारत के मुसलमानों के लिए आंसू बहातेरहते हैं, क्वेटा कांड पर चुप्पी साध गए। वे चीन में मुसलमामों ...
आखिर कब जानेंगे भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री जी की मौत का सच !

आखिर कब जानेंगे भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री जी की मौत का सच !

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11 जनवरी आते ही छोटे से कद-काठी वाला एक ऐसा चेहरा स्मृति में कौंधने लगता है जो अपने जीवन की असंख्य कठिनाइयों से लड़ते हुए देश को तो विजय दिला गया किन्तु स्वयं अपनी जिंदगी को नहीं बचा पाया। उनके जीवन यात्रा का वृत्तांत तो सबको पता है किन्तु जीवन के अंतिम कुछ घंटों में उनके साथ क्या हुआ यह गोपनीयता के पिटारे में अभी तक बंद है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के करोड़ों नागरिकों द्वारा चुने गए यशस्वी प्रधानमंत्री की एक महान विजय के तुरंत बाद असमय विदेशी धरती पर रहस्यमय मौत गत 54 वर्षों से मात्र एक पहेली बनी हुई है। जिसे जानने के लिए ना सिर्फ उनकी पत्नी बेटे पोते या अन्य परिजन बल्कि सम्पूर्ण देशवासी उत्सुक हैं। 2 अक्टूबर 1904 को देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी से मात्र सात मील दूर एक छोटे से रेलवे टाउन, मुगलसराय में एक स्कूल शिक्षक के घर जन्मे श्री लाल बहादुर शास्त्री क...
ऑपरेशन न्यू इंडिया : ‘उदारवाद’ और ‘लोकतंत्र’ की आड़ में इस्लामिक सांप्रदायिकता का नंगा नाच

ऑपरेशन न्यू इंडिया : ‘उदारवाद’ और ‘लोकतंत्र’ की आड़ में इस्लामिक सांप्रदायिकता का नंगा नाच

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  नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने के बीच राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर व राष्ट्रीय जनगणना - 2021 को भी केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गयी है। इनके बीच विवादों में आए "राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर" पर सरकार मौन हो गयी है। विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर पिछले दरवाजे से राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर बनाने का ही काम है। अनपेक्षित रूप से सेकुलरपंथी दलों व वामपंथी बुद्धिजीवियों द्वारा सरकार के इन सभी संवैधानिक व उचित कदमों का विरोध कान खड़े करने वाला है। जिस प्रकार विपक्ष द्वारा सुनियोजित तरीके से अप्रत्यक्ष रूप से देश के मुस्लिम समुदाय को उकसाया व भ्रमित किया गया, यह भी आश्चर्यजनक है। देश में पिछले चार दशकों में करोड़ों घुसपैठियों को सेकुलरपंथी दलों ने देश में बसने में मदद की है। इनमें अधिसंख्य मुस्लिम समुदाय के हैं व इनको इन दलों ने राशन कार्ड व वोटर आईडी कार्ड दिलाकर अपना ...
इतिहास के अनुसार ‘यौन अपराध’ इस्लाम की देन है

इतिहास के अनुसार ‘यौन अपराध’ इस्लाम की देन है

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खिर भारत जैसे देवियों को पूजने वाले देश में बलात्कार की गन्दी मानसिकता कहां से आयी? आखिर क्या बात है कि जब प्राचीन भारत के रामायण, महाभारत आदि लगभग सभी हिन्दू-ग्रंथ के उल्लेखों में अनेकों लड़ाईयां लड़ी और जीती गयीं, परन्तु विजेता सेना द्वारा किसी भी स्त्री का बलात्कार होने का जिक्र नहीं है। तब आखिर ऐसा क्या हो गया? कि आज के आधुनिक भारत में बलात्कार, रोज की सामान्य बात बन कर रह गयी है? प्रभु श्री राम ने लंका पर विजय प्राप्त की, पर न ही उन्होंने और न उनकी सेना ने पराजित लंका की स्त्रियों को हाथ लगाया। महाभारत में पांडवों की जीत हुयी, लाखों की संख्या में योद्धा मारे गए। पर किसी भी पांडव सैनिक ने किसी भी कौरव सेना की विधवा स्त्रियों को हाथ तक नहीं लगाया। अब आते हैं ईसापूर्व इतिहास में, 220-175 ईसापूर्व में यूनान के शासक 'डेमेट्रियस प्रथम’ ने भारत पर आक्रमण किया। 183 ईसापूर्व के लगभग उसने...
क्या भारतवासियों को जल्दी ही पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित शारदापीठ के दर्शन होंगे ?

क्या भारतवासियों को जल्दी ही पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित शारदापीठ के दर्शन होंगे ?

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आज हमारे कार्यालय में शारदापीठ कश्मीर के शंकराचार्य स्वामी अमृतनंद देव तीर्थ  पधारे। उन्होंने इस विषय में निम्न जानकारी दी। 1947 में जब भारत आजाद हुआ था तब जम्मू-कश्मीर का कुल क्षेत्रफल था 2,22,236 वर्ग किलोमीटर जिसमें से चीन और पाकिस्तान ने मिलकर लगभग आधे जम्मू-कश्मीर पर कब्ज़ा किया हुआ है और भारत वर्ष के पास केवल 1,02,387 वर्ग किलोमीटर कश्मीर भूमि शेष है। जम्मू-कश्मीर के जो भाग आज हमारे पास नहीं हैं उनमें से गिलगिट, बाल्टिस्तान, बजारत, चिल्लास, हाजीपीर आदि हिस्से पर पाकिस्तान का सीधा शासन है और मुज़फ्फराबाद, मीरपुर, कोटली और छंब आदि इलाके हालांकि स्वायत्त शासन में हैं परंतु ये इलाके भी पाक के नियंत्रण में हैं।पाक नियंत्रण वाले इसी कश्मीर के मुज़फ्फराबाद जिले की सीमा के किनारे से पवित्र "कृष्ण-गंगा" नदी बहती है। कृष्ण-गंगा नदी वही है जिसमें समुद्र मंथन के पश्चात् शेष बचे अमृत को असुरों से...