ओबीसी के साथ क्रीमीलेयर का भेदभाव क्यों?
ओबीसी के साथ क्रीमीलेयर का भेदभाव क्यों?
(केवल आर्थिक आधार पर क्रीमी लेयर का निर्धारण करना गलत होगा। सामाजिक स्थिति में बढ़ोतरी, शिक्षा, रोजगार, आर्थिक हैसियत जैसे कई तरह के कारक मिलकर किसी की सामाजिक वंचना दूर करते हैं। अगर इस बहस को ईमानदारी से शांत करना है तो सरकार को चाहिए कि वह जातिगत जनगणना करवाए। उसके आधार पर नीति बनाए।)
- सत्यवान 'सौरभ'
आरक्षण, सात दशकों के बावजूद, हमारे विषम समाज में कई समूहों के लिए लाभों के समान वितरण में अनुवादित नहीं हुआ है। नतीजतन, कई समूहों को छोड़ दिया गया है। आरक्षण का लाभ नहीं उठा पाने वाले हाशिए के तबके के लोगों की जोरदार मांग है। इसके लिए कुछ नीति विकल्प तैयार करने की आवश्यकता है जो आरक्षण की मौजूदा प्रणाली को पूरा करने में सक्षम हो सकते हैं। इसका विस्तार से अध्ययन करने के लिए न्यायमूर्ति रोहिणी आयोग का गठन किया गया। न्यायमूर्ति जी. रोहिणी आयोग की ...