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यूक्रेन: भारत ने मुँह खोला

यूक्रेन: भारत ने मुँह खोला

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यूक्रेन: भारत ने मुँह खोला* *डॉ. वेदप्रताप वैदिक* संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद में हमारे प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने कल यूक्रेन के बारे में जो बयान दिया है, वह विश्व राजनीति में भारत की छवि को तो बेहतर बनाएगा ही, वह रूस को भी अपनी पशुता से बाज आने के लिए शायद प्रेरित कर दे ।तिरुमूर्ति ने यूक्रेन के शहर बूचा में हुए नर-संहार की दो-टूक शब्दों में भर्त्सना की है। उन्होंने मांग की है कि इस नरसंहार की जांच की जानी चाहिए और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए। उन्होंने नरसंहार करनेवाले रूस का नाम नहीं लिया। यह सावधानी उन्होंने जरुर बरती लेकिन यह स्पष्ट है कि उन्होंने रूसी फौज के अत्याचार की उतनी ही सख्त आलोचना की है, जितनी अमेरिका और यूरोपीय देश कर रहे हैं। भारत की इस आलोचना का शायद रूस पर कोई असर न पड़े लेकिन भारत की तटस्थता को अब दुनिया के राष्ट्र भारत का गूंगापन नहीं समझेंगे। भारत ने हालांकि कई अ...
दृष्टिबाधितों को सशक्त कर रहा है ‘दिव्य नयन’

दृष्टिबाधितों को सशक्त कर रहा है ‘दिव्य नयन’

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दृष्टिबाधितों को सशक्त कर रहा है ‘दिव्य नयन’ दिव्यांगों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्नत प्रौद्योगिकी से लैस उपकरणों का विकास इन प्रयासों में प्रमुखता से शामिल है। इसी तरह की एक पहल के अंतर्गत वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा पर्सनल रीडिंग मशीन ‘दिव्य नयन’ विकसित की गई है, जिसकी मदद से किसी भी मुद्रित अथवा डिजिटल दस्तावेज को स्पीच आउटपुट के रूप में प्राप्त किया जा सकता है। ‘दिव्य नयन’ की सहायता से दृष्टिबाधित अथवा निरक्षर लोग मुद्रित एवं डिजिटल दस्तावेज को वॉयस आउटपुट के रूप में सुन सकते हैं। सीएसआईआर की चंडीगढ़ स्थित प्रयोगशाला केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआईओ) के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित यह यंत्र जरूरतमंदों के उपयोग के लिए उपलब्ध करा दिया गया है। केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; राज्...
यूक्रेन संकट के बीच भारत की सामरिक स्वतंत्रता

यूक्रेन संकट के बीच भारत की सामरिक स्वतंत्रता

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यूक्रेन संकट के बीच भारत की सामरिक स्वतंत्रता -सत्यवान 'सौरभ' यूक्रेन में रूस की कार्रवाइयों ने भारत को असहज स्थिति में छोड़ दिया है क्योंकि यह मास्को और पश्चिम दोनों के साथ अपने हितों को संतुलित करने का प्रयास करता है। चीन और पाकिस्तान के साथ अपने ही पड़ोस में अपने अनुभवों को देखते हुए, भारत एक देश की दूसरे के साथ साझा की जाने वाली सीमाओं को बदलने के एकतरफा प्रयास की निंदा नहीं करने के निहितार्थों से भी सावधान है। क्वाड सदस्यों के साथ रियायतें और समझ में भारत ने तटस्थता बनाए रखना उचित समझा और भारत ने यूएनएससी या संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूसी आक्रमण के खिलाफ मतदान नहीं किया है और इस प्रकार तटस्थता बनाए रखी है। रूसी तेल खरीद कर अपने कच्चे तेल को सस्ते में बेचने की रूसी पेशकश का लाभ उठाते हुए, भारत 2022 में स्वीकृत राष्ट्र से लगभग 1.5 मिलियन बैरल कच्चे तेल का आयात कर सकता है। इसके ...
श्रीराम हैं सुशासन एवं लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रेरक

श्रीराम हैं सुशासन एवं लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रेरक

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श्रीरामनवमी-10 अप्रैल 2022 पर विशेष श्रीराम हैं सुशासन एवं लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रेरक - ललित गर्ग- हिन्दु धर्म शास्त्रों के अनुसार त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों को समाप्त करने तथा धर्म की पुनःर्स्थापना के लिये भगवान विष्णु ने मृत्यु लोक में श्रीराम के रूप में अवतार लिया था। श्रीरामचन्द्रजी का जन्म चैत्र शुक्ल की नवमी के दिन पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में रानी कौशल्या की कोख से, राजा दशरथ के घर में हुआ था। रामनवमी का त्यौहार इस वर्ष 10 अप्रैल 2022 को मनाया जायेगा। इस पर्व के साथ ही माँ दुर्गा के नवरात्रों का समापन भी होता है। हिन्दू धर्म में रामनवमी के दिन पूजा अर्चना की जाती है। रामनवमी का सनातन धर्म में विशेष धार्मिक और पारंपरिक महत्व है जो हिंदू धर्म के लोगों के द्वारा पूरी भक्ति, आस्था एवं उत्साह के साथ मनाया जाता है। भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम का धरती पर अवतार लेने का...
कोरोना को संक्रामक बनाने वाली आणविक संरचना का खुलासा

कोरोना को संक्रामक बनाने वाली आणविक संरचना का खुलासा

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नई दिल्ली, 05 अप्रैल (इंडिया साइंस वायर): भारतीय शोधकर्ताओं को कोविड-19 के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस के सक्रिय प्रोटीन क्षेत्र की आणविक संरचना दर्शाने में सफलता मिली है। शोधकर्ताओं ने एक महत्वपूर्ण स्पाइक प्रोटीन के एक अनुभाग की संरचना का अध्ययन किया है, जो कोरोना वायरस को संक्रामक बनाता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया यह अध्ययन महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके आधार पर स्पाइक प्रोटीन के विशिष्ट हिस्से को लक्ष्य बनाने वाली दवाओं की खोज का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज के प्रमुख शोधकर्ता डॉ रजनीश गिरी बताते हैं कि “एंडोडोमेन, स्पाइक प्रोटीन का वायरस के अंदर वाला हिस्सा होता है। हमने पाया कि इसकी आणविक संरचना कठोर नहीं होती, बल्कि एंडोडोमेन बेहद लचीला होता है। किसी संरचना के अभाव में यह वायरस के डार्क प्राटीयोम का हिस...
एचडीएफसी की कामयाबी का राज क्या?

एचडीएफसी की कामयाबी का राज क्या?

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एचडीएफसी की कामयाबी का राज क्या? या कैसे कोई कंपनी बन जाती है एचडीएफसी की तरफ कामयाब आर.के. सिन्हा एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी लिमिटेड के विलय को कई स्तरों पर गंभीरतापूर्वक देखना होगा। हिन्दुस्तान का हरेक वह शख्स जो अपने घर का सपना देखता है वह हाउसिंग लोन एचडीएफसी बैंक से ही पहले लेने के संबंध सोचता है। दूसरी बात यह कि एचडीएफसी बैंक देश के नौजवानों की पहली पसंद हो गया है। अगर आपको यकीन ना हो तो किसी एचडीएफसी बैंक की शाखा में कुछ देर खड़े होकर देख लें कि वहां के कस्टमर का सामान्य प्रोफाइल किस तरह का है। अब यह माना जा रहा है कि विलय के बाद एचडीएफसी बैंक टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को पीछे छोड़कर भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी। पर यह कितने लोगों को पता है कि इस सफलता की इबारत लिखने में एचडीएफसी के चेयरमेन दीपक पारेख और कुछ समय पहले तक एचडीएफसी बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर र...
आईपीसीसी की छठी आकलन रिपोर्ट के सबक

आईपीसीसी की छठी आकलन रिपोर्ट के सबक

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आईपीसीसी की छठी आकलन रिपोर्ट के सबक: बाद में फायदेमंद होंगे आज महंगे लग रहे उत्सर्जन कम करने के तरीके यह रिपोर्ट ऊर्जा, भवन, यातायात, भूमि और औद्योगिक क्षेत्रों में अपनाए जाने वाले उन उपायों की विस्तृत सूची पेश करती है, जिनसे उत्सर्जन में तेजी से और सस्ते तरीके से कटौती की जा सकती है संयुक्त राष्ट्र की जलवायु-विज्ञान संस्था, जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी समिति यानी आईपीसीसी ने चार अप्रैल, 2022 को अपनी छठी आकलन रिपोर्ट की तीसरी किस्त जारी की। इसे आईपीसीसी के वर्किंग ग्रुप-3 ने तैयार किया है, और इसका फोकस ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए, जलवायु परिवर्तन में कमी लाने पर है। इस पूरी रिपोर्ट में दुनिया भर के ताजे वैज्ञानिक शोधों को शामिल किया गया है, जिसके चलते यह हजारों पेज में है। हालांकि ‘समरी ऑफ पॉलिसीमेकर्स’ शीर्षक वाले 63 पेज के अध्याय में इसके मुख्य बिंदुओं को शामिल किया गया है। न...
श्रीलंका में अराजकता

श्रीलंका में अराजकता

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श्रीलंका में अराजकता* *डॉ. वेदप्रताप वैदिक* भारत के दो पड़ौसी देशों, पाकिस्तान और श्रीलंका में अस्थिरता के बादल छा गए हैं। पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय का फैसला जो भी हो और श्रीलंका की राजपक्ष भाइयों की सरकार रहे या चली जाए, हमारे इन दो पड़ौसी देशों की राजनीति गहरी अस्थिरता के दौर में प्रवेश कर गई है। जहां तक श्रीलंका का प्रश्न है, वहां राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य तीन मंत्री एक ही राजपक्ष परिवार के सदस्य हैं। ऐसी पारिवारिक सरकार शायद दुनिया में अभी तक कभी नहीं बनी है। जब सर्वोच्च पदों पर इतने भाई और भतीजे बैठे हों तो वह सरकार किसी तानाशाह से कम नहीं हो सकती। राजपक्ष-परिवार श्रीलंका का राज-परिवार बन गया। श्रीलंका में आर्थिक संकट इतना भीषण हो गया है कि कल पूरे मंत्रिमंडल ने इस्तीफा दे दिया। सबसे बड़ी बात यह कि जिन चार मंत्रियों को फिर नियुक्त किया गया, उनमें वित्तमंत्री बसील राजपक्...
कश्मीर में हिन्दुओं की वापसी राष्ट्रीय मुद्दा बने

कश्मीर में हिन्दुओं की वापसी राष्ट्रीय मुद्दा बने

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कश्मीर में हिन्दुओं की वापसी राष्ट्रीय मुद्दा बने - ललित गर्ग- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि कश्मीरी हिन्दुओं की कश्मीर में वापसी इस तरह होनी चाहिए कि उन्हें फिर उजाड़ा न जा सके, उस पर सरकार ही नहीं, सभी दलों को भी गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। भागवत का यह बयान न केवल कश्मीरी पंडितों के दर्द, वेदना, उपेक्षा के घावों पर मरहम लगाने का काम कर रहा है, बल्कि उनके दर्द को समझने के साथ ऐसा वातावरण बनाने में सहयोग देने की अपेक्षा को भी उजागर कर रहा है कि कश्मीर में हिन्दुओं की वापसी सम्मानजनक तरीके से हो, उनको इस तरह मजबूती से बसाया जाये कि कोई भी शक्ति उन्हें उजाड़ न सके, उन्हें बहिर्गमन करने की विवशता को न भोगना पड़े। यह एक राष्ट्रीय मुद्दा बनना चाहिए। कश्मीरी हिंदुओं का बहिर्गमन एक त्रासदी थी, एक उत्पीड़न की चरम पराकाष्ठा थी, एक राजनीतिक स्वार्थ की घिनौनी एवं अशोभनीय मा...
भारतीय ड्राइव-साइकिल आधारित इलेक्ट्रिक वाहन मानकीकरण प्रौद्योगिकी

भारतीय ड्राइव-साइकिल आधारित इलेक्ट्रिक वाहन मानकीकरण प्रौद्योगिकी

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भारतीय ड्राइव-साइकिल आधारित इलेक्ट्रिक वाहन मानकीकरण प्रौद्योगिकी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जो मानकीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में उपयोगी हो सकती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रिक वाहनों की मोटरों और बैटरियों का मूल्यांकन करके मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) को भारतीय परिदृश्य के अनुकूल सर्वश्रेष्ठ उपकरण घटकों के निर्माण को सुनिश्चित करने में कारगर हो सकती है। विभिन्न देशों और संगठनों द्वारा विभिन्न तरीकों से वाहनों के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए ड्राइव-साइकिल का उपयोग किया जाता है, जिसमें ईंधन की खपत, इलेक्ट्रिक वाहन स्वायत्तता और प्रदूषण उत्सर्जन इत्यादि शामिल हैं। वाहन बनाम समय की गति का प्रतिनिधित्व करने वाले डेटा-बिंदुओं की श्रृंखला को ड्राइव-साइकिल कहते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अपनी...