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यूपी में नहीं बढ़ेंगी कीमतें, बढ़ेगा आबकारी का राजस्व

यूपी में नहीं बढ़ेंगी कीमतें, बढ़ेगा आबकारी का राजस्व

BREAKING NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, राज्य
*- योगी सरकार की नई आबकारी नीति को एक्साइज कमिश्नर ने किया स्पष्ट* *- राजस्व बढ़ाने के लिए किये गये हैं कई उपाय, फिर भी नहीं बढ़ेंगी शराब की कीमतें* *- पांच रुपए सस्ती मिलेगी यूपीएमएल की 42.8 डिग्री की शराब* *- 36 डिग्री यूपीएमएल की नई श्रेणी को भी किया गया है इंट्रोड्यूस* *- 25 और 36 डिग्री शीरे वाली शराबों के रेट में भी नहीं हुआ है कोई परिवर्तन* *- पहले ग्रेन अल्कोहल को हरियाणा और पंजाब से किया जाता था इम्पोर्ट, अब यूपी में बन रही* *- देसी शराब की कैटगरी को भी नौ से घटाकार किया गया चार* *- नई नीति से 2024-25 में 50 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य* *लखनऊ, 20 दिसंबर।* योगी सरकार की नई आबकारी नीति लागू होने के बाद प्रदेश में ना सिर्फ कंट्री मेड शराब की कीमतों में कमी आएगी, बल्कि सरकार के खजाने को भी समृद्ध किया जा सकेगा। प्रदेश के आबकारी आयुक्...
नरसी मेहता की जन्म जयन्ती- 19 दिसम्बर, 2023 के लिये विशेष

नरसी मेहता की जन्म जयन्ती- 19 दिसम्बर, 2023 के लिये विशेष

BREAKING NEWS, TOP STORIES, धर्म, सामाजिक
संतकवि नरसी मेहता :परमात्मा नहीं, पर परमात्मा से कम नहीं-ः ललित गर्ग:- नरसी मेहता न केवल गुजराती भक्ति साहित्य बल्कि समूचे राष्ट्र के भक्ति साहित्य की श्रेष्ठतम विभूति थे। उनके कृतित्व और व्यक्तित्व की महत्ता के अनुरूप साहित्य के इतिहास-ग्रंथों में ‘नरसिंह-मीरा-युग’ नाम से एक स्वतंत्र काव्यकाल का निर्धारण किया गया है जिसकी मुख्य विशेषता भावप्रवण कृष्णभक्ति से अनुप्रेरित पदों का निर्माण है। पद-प्रणेता के रूप में गुजराती साहित्य में नरसी का लगभग वही स्थान है जो हिंदी में सूरदास का। ‘वैष्णव जन तो तैणे कहिए जे पीड पराई जाणे रे’ पंक्ति से आरंभ होनेवाला सुविख्यात पद नरसी मेहता का ही है। उन्होंने इस भजन में एक बात अच्छी प्रकार से कह दी है। ‘पर दुःखे उपकार करे’ कह कर भजन में रुक गए होते, तो वैष्णव जनों की संख्या बहुत बढ़ जाती है। ‘पर दुःखे उपकार करे तोए मन अभिमान न आणे रे“ कह कर हम सब में ...
यों काशी में आते अब गोवा से भी ज्यादा पर्यटक

यों काशी में आते अब गोवा से भी ज्यादा पर्यटक

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आर.के. सिन्हा अगर कोई यह मानता है कि सबसे अधिक टुरिस्ट समुद्र के किनारे के तटों पर या फिर आकाश को छूते पहाड़ों में सैर करने को आते हैं तो उन्हें एक बार फिर सोचना होगा। मतलब यह है कि अब न तो सबसे अधिक  टूरिस्ट गोवा आ रहे हैं या फिर शिमला, नैनीताल या कश्मीर या हिमाचल किसी अन्य हिल स्टेशन पर। आज के दिन सबसे ज्यादा टूरिस्ट को अपनी तरफ आकर्षित करने लगा है वाराणसी। आईसीआईसीआई के एक सर्वे से पता चला है कि पिछले साल-2022 में वाराणसी में 7.02 करोड़ टुरिस्ट पहुंचे। गोवा के हिस्से में लगभग मात्र 85 लाख टूरिस्ट । यूं तो वाराणसी में लगातार खूब टूरिस्ट पहले से ही आते थे पर 2015 के बाद तो स्थिति वाराणसी के पक्ष में पूरी तरह से पलट गई। इस लिहाज से गेम चेंजर साबित हुआ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ( अब स्मृति शेष) का ...
संसद में “धुँआ स्प्रे” आतंकी हमले से कम नहीं

संसद में “धुँआ स्प्रे” आतंकी हमले से कम नहीं

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तिथि का चयन और आतंकवादी पुन्नू की धमकी भी षड्यंत्र का हिस्सा -- रमेश शर्मा तेरह दिसम्बर को संसद के भीतर और बाहर रासायनिक धुँआ छोड़कर नारे लगाना साधारण नहीं है । यह वही तिथि है जिस दिन बाईस साल पहले संसद में आतंकवादी हमला हुआ था और अभी कुछ महीने पहले ही कनाडा में बैठे आतंकवादी पुन्नू ने संसद पर हमला करने की धमकी भी दी थी । और अब बिल्कुल आतंकी हमले के अंदाज में यह घटना घटी ।घटना की प्रारंभिक जांच में जो तथ्य सामने आये है वे असाधारण है । ये लोग अकस्मात संसद नहीं पहुँचे थे । उन्होंने इसकी तैयारी महीनों पहले से की जा रही थी । आरोपी कई बार संसद भवन गये थे । उन्होंने संसद में जाँच का तरीका समझा, रास्ते समझे और यह भी कि दर्शक दीर्घा के किस कोने से कूदना आसान है । इतना करके फिर धुँये से हमला करने की तैयारी हुई । हमले के लिये तेरह दिसम्बर की तिथि का निर्धारण हुआ । इनके बीच समय का प्रबंधन ...
16 दिसम्बर 1971 : भारत का विजय दिवस

16 दिसम्बर 1971 : भारत का विजय दिवस

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*तेरह दिन में टूट गया था पाकिस्तान*पाकिस्तान ने शुरुआत नवम्बरमें ही करदी थी --रमेश शर्मा पाकिस्तान भारत का ही हिस्सा है, उसका जन्म भारत की भूमि पर हुआ । वहां रहने वाले लोग भी भारतीय पूर्वजों के वंशज हैं । फिर भी वे लोग दिन रात भारत के विरुद्ध विष वमन और भारत को मिटाने का दंभ भरते हैं । पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो अपने जन्म के पहले दिन से नहीं बल्कि अपने गर्भ काल से अपने जन्मदाता भारत की धरती पर रक्तपात का षडयंत्र कर रहा है । पाकिस्तान के इन षडयंत्रों में सबसे भीषण षडयंत्र था 1971 का युद्ध । जो उसने भारत पर थोपा था लेकिन बुरी तरह मुँह की खाई । भारत के प्रति उत्तर से वह मात्र तेरह दिन में टूट गया । यह टूटन उसके मनोबल पर भी आई और उसके भूभाग पर भी । पर ढीढ इतना कि अपनी कुचालें बंद नहीं करता । आज भी प्रतिदिन कुछ न कुछ षडयंत्र करता ही रहता है । 1971 का यह युद्ध कुल तेरह दिन तक चला था । दुन...
सरदार वल्लभभाई पटेल स्मृति दिवस 15 दिसम्बर 2023 को विशेष

सरदार वल्लभभाई पटेल स्मृति दिवस 15 दिसम्बर 2023 को विशेष

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राष्ट्र को संगठित करने वाले महायोद्धा थे सरदार पटेल- ललित गर्ग- कर्मवीर व्यक्तियों का जीवन विलक्षण होता है, वे अपने जीवन काल में तथा उसके बाद प्रेरणास्रोत बने रहते हैं। इतिहास अक्सर ऐसे महान् लोगों से ऐसा काम करवा देता है जिसकी उम्मीद नहीं होती। और जब राष्ट्र की आवश्यकता का प्रतीक ऐसे महान् इंसान बनते हैं तो उनका कद सहज ही बड़ा बन जाता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल ऐसे ही विराट व्यक्तित्व के धनी एवं कर्मवीर महापुरुष थे। वे एक राजनेता ही नहीं, एक स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं बल्कि इस देश की आत्मा थे। राष्ट्रीय एकता, भारतीयता एवं राजनीति में नैतिकता की वे अद्भुत मिसाल थे। आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरूष भी कहा जाता है। उन्हें 1991 में भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है। पटेल की राष्ट्री...
जम्मू-कश्मीर: सत्यमेव जयते

जम्मू-कश्मीर: सत्यमेव जयते

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-बलबीर पुंज सोमवार (11 दिसंबर) को सर्वोच्च न्यायालय ने धारा 370-35ए को बहाल करने संबंधित 23 याचिकाओं पर अपना फैसला सुना दिया। पांच न्यायाधीशों की संविधान खंडपीठ ने एकमत होकर मोदी सरकार द्वारा 5 अगस्त 2019 को उपरोक्त धाराओं के संवैधानिक क्षरण को न्यायोचित बताया। अदालत के विस्तृत फैसले का मर्म यह है कि धारा 370 एक अस्थायी प्रावधान था, जम्मू-कश्मीर के पास कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं थी, राष्ट्रपति को धारा 370-35ए हटाने का अधिकार था और लद्दाख को अलग करने का निर्णय भी वैध था। इस पृष्ठभूमि में देश का एक राजनीतिक-वैचारिक वर्ग, जोकि इन धाराओं का प्रत्यक्ष-परोक्ष समर्थक है— वह अदालत के फैसले से हताश है और उसे ‘मौत की सजा’ बता रहा है। वास्तव में, शीर्ष अदालत का निर्णय राष्ट्रीय विचारधारा की भी विजय है, जिसने दशकों तक देश के एकीकरण हेतु, राष्ट्रहित के लिए और जिहादी-वामपंथी दर्शन के खिलाफ सतत संघर्ष...
भाजपा ने मुख्यमंत्री चयन के माध्यम से हैरान किया

भाजपा ने मुख्यमंत्री चयन के माध्यम से हैरान किया

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तीनों राज्यों से मिले बड़े राजनैतिक संकेतमृत्युंजय दीक्षितपांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में तीन प्रमुख राज्यों में भाजपा को अप्रत्याशित विजय मिली। भाजपा ने ये चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लड़ा था और राज्य में किसी भी नेता को मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तुत नहीं किया गया था। विपक्ष के लिए ये भी हैरान करने वाली बात थी कि कई सांसदों को भी जिनमें कुछ तो मंत्री थे पार्टी ने विधानसभा का चुनाव लड़ने का आदेश दिया था। कई बड़े चेहरे जीते तो मुख्यमंत्री कौन होगा ? भाजपा की विजय के साथ ही मुख्य धारा और सोशल मीडिया के सूत्र अटकलें लगाने लगे। मुख्यमंत्री चयन की प्रक्रिया में देरी, राजस्थान में वसुंधरा के घर हलचल और मध्य प्रदेश में शिवराज जी की दिल्ली न जाने की घोषणा ने राजनैतिक विश्लेषकों और भविष्यवक्ताओं को काम पर लगा रखा था । मीडिया के सूत्र प्रतिदिन सुबह से शाम तक चार-पांच नाम चलाते और पीछे...
स्वदेशी दिवस, 12 दिसम्बर 2023 पर विशेष स्वदेशी रोजगार एवं व्यापार की आत्मा है

स्वदेशी दिवस, 12 दिसम्बर 2023 पर विशेष स्वदेशी रोजगार एवं व्यापार की आत्मा है

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स्वदेशी दिवस, 12 दिसम्बर 2023 पर विशेषस्वदेशी रोजगार एवं व्यापार की आत्मा है- ललित गर्ग-भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन का स्वदेशी एक महत्वपूर्ण आन्दोलन, सफल रणनीति व राष्ट्रीय दर्शन है। ‘स्वदेशी’ का अर्थ है- अपने देश का, अपने देश मंे निर्मित। इस रणनीति का लक्ष्य ब्रिटेन में बने माल का बहिष्कार करना तथा भारत में बने माल का अधिकाधिक प्रयोग करके साम्राज्यवादी ब्रिटेन को आर्थिक हानि पहुँचाना व भारत के लोगों के लिये रोजगार सृजन करना था। यह ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने और भारत की समग्र आर्थिक व्यवस्था के विकास के लिए अपनाया गया साधन था। आज आजादी के अमृतकाल को अमृतमय बनाने के लिये स्वदेशी-दर्शन के बल पर भारत को दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संकल्पबद्ध है। उपनिवेशी मानसिकता से मुक्त होकर, अपने देश में जो है उसको युगानुकूल बनाते हुए, ‘स्व’ आधारित स्व-देशी विकासपथ अप...
ईवीएम पर रोने से क्या होगा?

ईवीएम पर रोने से क्या होगा?

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-विनीत नारायणयह सही है कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की विधान सभाओं के चुनावों के नतीजे चौकने वाले आए हैं।क्योंकि इन दोनों राज्यों में पिछले कुछ महीनों से हवा कांग्रेस के पक्ष में बह रही थी। इसलिये सारा विपक्षहैरान है और हतोत्साहित भी। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और कमल नाथ इन परिणामों के लिएइलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और चुनाव आयोग को दोषी ठहरा रहे हैं। अपने सैंकड़ों आरोपों केसमर्थन में इन नेताओं के कार्यकर्ता तमाम साक्ष्य जुटा चुके हैं। इसी चुनाव में मध्य प्रदेश में डाक से आयेमत पत्रों में 171 विधानसभाओं में कांग्रेस जीत रही है यह सूचना चुनाव आयोग के रिकॉर्ड से पता चलीहै। फिर मध्य प्रदेश में कांग्रेस कैसे हार गई। जिस इलाके के सारे मतदाताओं ने कांग्रेस के पक्ष में वोट दियाथा वो भी ये देखकर हैरान हैं कि उनके इलाके से भाजपा को इतने वोट कैसे मिल गये। ऐसे तमाम प्रमाणोंको लेकर मध्य प्रदेश क...