राम मंदिर: सियासी मंच या आस्था का उत्सव
राजनीति अपनी जगह है लेकिन राम मंदिर करोडों भारतीयों के लिए आस्था का विषय है। राजनीति कैसे साधारण विषयों को भी उलझाकर मुद्दे में तब्दील कर देती है, रामजन्मभूमि का विवाद इसका उदाहरण है। आज के भारत का मिजाज़, अयोध्या में स्पष्ट दिखता है। आज यहां प्रगति का उत्सव है, तो कुछ दिन बाद यहां परंपरा का उत्सव भी होगा। आज यहां विकास की भव्यता दिख रही है, तो कुछ दिनों बाद यहां विरासत की भव्यता और दिव्यता दिखने वाली है। अयोध्या में राममंदिर का निर्माण तथा भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हमारी गौरवशाली आस्था के क्षण है और वर्तमान पीढ़ी बेहद भाग्यशाली है, जो इन ऐतिहासिक क्षणों की साक्षी बनने जा रही है। सोचे तो राममंदिर सबका है क्योंकि राम किसी के साथ भेदभाव नहीं करते है, राम सबके है। लेकिन यह बात बार-बार इसलिए दोहराई जा रही है ताकि राम मंदिर आंदोलन से लेकर निर्माण तक भाजपा को जो श्रेय मिल रहा है उसे क...