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कश्मीर को धारा 370 से आजाद करें

कश्मीर को धारा 370 से आजाद करें

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डॉ. वेदप्रताप वैदिक जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने दिल्ली की एक संगोष्ठी में जो कहा, वह नहीं कहती तो क्या कहतीं ? उन्होंने कहा कि यदि संविधान की धारा 370 और 35 ए को आपने हटा दिया तो कश्मीर की घाटी में कोई तिरंगा ध्वज फहरानेवाला भी नहीं मिलेगा। इन दोनों धाराओं को लेकर इतनी सख्त बात उन्होंने क्यों कही ? इसका पहला कारण तो यह है कि कश्मीर उनसे संभल नहीं रहा। उनके शासन के दौरान कश्मीर में जैसा कोहराम मच रहा है, वैसा पिछले शासनों में कम ही मचा है। दूसरा, भाजपा के साथ मिलकर सरकार चलाने को ज्यादातर अलगाववादी नेता काफिराना हरकत मानते हैं। महबूबा को पता है कि अगले चुनाव में यही तथ्य उनके गले का पत्थर बन जाएगा और यह उन्हें डुबो देगा। तीसरा, महबूबा के राजनीतिक विरोधी फारुक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला आजकल कश्मीर की घटनाओं पर जिस तरह के बयान दे रहे हैं, वे कश्मीरी वोटरों को रिझाने की को...
मेट्रोमेन के बाशिंदो का हक़

मेट्रोमेन के बाशिंदो का हक़

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संपादक अनुज अग्रवाल दिल्ली मेट्रो विश्व की सबसे आधुनिक रेल प्रणाली, 100 से 200 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर जिसकी लागत है।जिसके कर्ता धर्ता रहे श्रीधरन को हम देशवासी सर चढ़ाए रहते हैं ओर भारत रत्न मानते हैं। वो मेट्रो जिसमें ऑटोमेशन तकनीक का ऐसा खेल हुआ कि 80त्न कम कर्मचारियों से ही काम चल गया। जिस जगह से गुजरी वहाँ की जमीन सोना हो गयी। लोग मालामाल हो गए। जिस देश जापान ने कर्ज दिया उसकी लॉटरी लग गयी। मगर उसी मेट्रो में जो थोड़े बहुत कर्मचारी ऑपरेशनल सेवाओं में लगे हैं वे नाराज हैं, परेशान हैं। उनका कहना है उनको लूटा जा रहा है। दुगना काम करा कर आधा वेतन दिया जा रहा है। जी हाँ यह सच है। दुनिया की अत्याधुनिक मेट्रो में काम करने वाले 80त्न कर्मचारियों का औसत वेतन 8 हज़ार से 20 हज़ार के बीच है। सारी भर्ती पैसे लेकर की जाती हैं और अस्थायी होती हैं, वाह क्या गवर्नेन्स मॉडल है। बेचारे कर्मचारी म...
आइए गुरुपूर्णिमा के पर्व पर संकल्प लें लोकतंत्र की दुष्प्रवृत्तियों के प्रतिकार का और सनातन एवं मौलिक राष्ट्र की स्थापना के लिए कटिबद्ध होते हैं

आइए गुरुपूर्णिमा के पर्व पर संकल्प लें लोकतंत्र की दुष्प्रवृत्तियों के प्रतिकार का और सनातन एवं मौलिक राष्ट्र की स्थापना के लिए कटिबद्ध होते हैं

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श्री अनुज अग्रवाल, महासचिव, मौलिक भारत भारत का हजारों वर्षों का गौरवशाली इतिहास प्राप्त है ।हिन्दू राज्यव्यवस्थाओं का आदर्श इतिहास होते हुए भी स्वतंत्रता के पश्चात तत्कालीन कांग्रेसी नेताओं ने ब्रिटिश राज्यव्यवस्था पर आधारित लोकतंत्र व्यवस्था स्वीकारी । परिणामस्वरूप गत 70 वर्षों में भारत की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है । भ्रष्टाचार, अनाचार, बढते अपराध, अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण, अधिकार-आरक्षण ही सर्व ओर दिखाई दे रहा है । प्राचीन हिन्दू राज्यव्यवस्था में 'पहले शिक्षा तत्पश्चात गुरुदक्षिणाÓ ऐसी प्रथा थी; परंतु पाश्चात्त्य पद्धति के अनुसार आज के लोकतंत्र में पहले 'डोनेशनÓ तत्पश्ïचात 'एडमिशनÓ और उसके पश्चात 'एज्युकेशनÓ यह पद्धति प्रारंभ की । परिणामस्वरूप देश का मार्गक्रमण अधोगति की ओर शीघ्र गति से हो रहा है । यह स्थिति परिवर्तित करने के लिए हमें लोकतंत्र की दुष्प्रवृत्तियों का निर्मूलन करने...
चुनौती  चौतरफा

चुनौती चौतरफा

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मा विवाद, सीमा पर गोलीबारी, आतंकियों की घुसपैठ, रोज आतंकी हमले पाकिस्तान की आदत में शुमार हो गया है। रक्षा विशेषज्ञ ओर कुटनीति के जानकारों के अनुसार कश्मीर में चीन पीछे से पाकिस्तान को शह दे रहा है उधर सिक्किम, बंगाल और उत्तर पूर्व में में चीन खुलकर ही सामने आ गया है। चीन द्वारा भारत का खुला विरोध अपने आप में एक बड़ी घटना है। मोदी सरकार द्वारा खुलकर अमेरिका और नाटो देशों के खेमे में आ जाना चीन को अखर रहा है। अमेरिका अफगानिस्तान से अपनी सेना वापसी के बाद से दक्षिण एशिया में बड़ी भूमिका की तलाश में है। पाकिस्तान को मिल रही अमेरिकी आर्थिक मदद भी उत्तरोत्तर कम होती जा रही है ओर वो चीन की गोदी में पूरी तरह जा बैठा है। चीन 61 देशो के साथ मिलकर सिल्क रूट बनाने जा रहा है और भारत को चारों ओर से घेर रहा है। दक्षिण चीन सागर पर कब्जे की उसकी कोशिश ओर आक्रामकता से पूरा विश्व सकते में है। चीन सोवियत स...
जम्मू और कश्मीर में जारी है चुन चुन कर सफाई

जम्मू और कश्मीर में जारी है चुन चुन कर सफाई

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आज सुबह जम्मू और कश्मीर में सुरक्षाबलों का ओपरेशन जारी है. आतंकियों का चुन चुन कर सफाया जारी है, आज लश्कर का टॉप कमांडर अबु दूजाना भी सुरक्षाबलों का शिकार हुआ. अब तक यह पाकिस्तानी 5 बार घेरा जा चुका था, मगर हर बार वह लेकिन पत्थरबाजों की आड़ में भाग निकलता था. इस बार मौक़ा ही नहीं दिया गया और एनकाउंटर में उसे मार गिराया गया. ...
नवाज़ की दूसरी बेदखली

नवाज़ की दूसरी बेदखली

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डॉ. वेदप्रताप वैदिक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मियाॅ नवाज शरीफ को पहले फौज ने बेदखल कर दिया था और अब अदालत ने कर दिया। पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय के पांचों जजों ने सर्वसम्मति से नवाज़ को अयोग्य ठहराया है। उन पर यह मुकदमा ‘पनामा पेपर्स’ को लेकर चला था। उनके बेटे और बेटियों की विदेशों में बेहिसाब संपत्तियों का ठीक-ठीक हिसाब वे नहीं दे सके। पाकिस्तान की अदालतों की तारीफ करनी होगी कि वे परवेज़ मुशर्रफ जैसे सेनापति और नवाज शरीफ जैसे अत्यंत लोकप्रिय नेता को भी नहीं बख्शतीं। मुशर्रफ के खिलाफ जजों और वकीलों ने जबर्दस्त आंदोलन चलाया था। नवाज़ शरीफ तो पाकिस्तान में सबसे ज्यादा वोट पानेवाले नेता रहे हैं। उनकी खूबी यह भी है कि अपने पहले तख्ता-पलट के कई वर्षों बाद जब वे पाकिस्तान लौटे तो वे फिर चुनाव जीत गए। मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान में भ्रष्टाचार कोई बड़ा मुद्दा है। भारत में भी बोफोर्स के बावजूद ...
ये बदलाव और नए ख्वाब

ये बदलाव और नए ख्वाब

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अनुज अग्रवाल सम्पादक देश ने राष्ट्रपति चुनावों में दलित की भी नयी परिभाषा देख ली। अब दलित भी दो खेमो में बंट गया। सेकुलर दलित और राष्ट्रवादी दलित। सेकुलर खेमे की इसी प्रकार की बेसिरपैर की व्याख्याओं के कारण उनका जनाधार सिमटता जा रहा है। वे समझ ही नहीं रहे कि देश राष्ट्रवादी दर्शन और विचारों को स्वीकार कर चुका है। अंग्रेजों के बांटो और राज करो के मंत्र के दिन अब भारत में लद चुके हैं। अब सत्ता हथियाने के दर्शन की इस नाव में इतने छेद हो चुके हैं कि यह डूबने वाली है। जो समझदार हैं वे इस नाव को छोड़ते जा रहे हैं। चलो एक बात अच्छी हुई कि इस दलित राजनीति की चिकचिक से एक सरल,सहज विद्वान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के रूप में देश को मिल गया। इधर राज्यसभा में अल्पमत एन डी ए को उपराष्ट्रपति के रूप में वेंकैया नायडू जैसा तेजतर्रार चेहरा मिलने जा रहा है जिससे उनके लिए आगे की राह बड़ी आसान होने जा रही है...
अमित शाह और राहुल गांधी और बिहार

अमित शाह और राहुल गांधी और बिहार

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मोदी और अमित शाह के डेडली कॉम्बिनेशन के सामने राहुल गांधी कितने कच्चे और बच्चे हैं, बिहार के एपिसोड से भी इसका सबूत मिल गया। सोनिया गांधी हमेशा से लालू यादव पर ही भरोसा करती रहीं, लेकिन राहुल गाधी नीतीश कुमार पर अधिक भरोसा करते थे। आज उन्हीं राहुल गांधी को कहना पड़ा है कि नीतीश जी ने उन्हें धोखा दिया है। लेकिन मुझे लगता है कि नीतीश कुमार ने राहुल गांधी को धोखा नहीं दिया है, बल्कि सीख दी है कि अब तो बड़े बन जाओ राहुल बाबा, कब तक पॉलीटिक्स में पप्पू कहलाते रहोगे? राहुल गांधी जैसे पॉलीटिक्स करते हैं, उससे न उनका भला होगा, न पार्टी का, न विपक्ष का। अगर मेरी मुफ्त की सलाह मानने को वे तैयार हों, तो उ्न्हें कुछ सलाहें दे रहा हूं- 1. सोनिया गांधी को यूपीए का चेयरपर्सन रहने दें और पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में भेजें। 2. स्वयं पार्टी अध्यक्ष बनें, आगे बढ़कर ज़िम्मेदारी लें। 3. दलित कि...
ये मेट्रोमेन के बाशिंदो का हक़

ये मेट्रोमेन के बाशिंदो का हक़

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दिल्ली मेट्रो विश्व की सबसे आधुनिक रेल प्रणाली, 100 से 200 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर जिसकी लागत है।जिसके कर्ता धर्ता रहे श्रीधरन को हम देशवासी सर चढ़ाए रहते हैं ओर भारत रत्न मानते हैं। वो मेट्रो जिसमें ऑटोमेशन तकनीक का ऐसा खेल हुआ कि 80% कम कर्मचारियों से ही काम चल गया। जिस जगह से गुजरी वहाँ की जमीन सोना हो गयी। लोग मालामाल हो गए। जिस देश जापान ने कर्ज दिया उसकी लॉटरी लग गयी। मगर उसी मेट्रो में जो थोड़े बहुत कर्मचारी ऑपरेशनल सेवाओं में लगे हैं वे नाराज हैं, परेशान हैं। उनका कहना है उनको लूटा जा रहा है। दुगना काम करा कर आधा वेतन दिया जा रहा है। जी हाँ यह सच है। दुनिया की अत्याधुनिक मेट्रो में काम करने वाले 80% कर्मचारियों का औसत वेतन 8 हज़ार से 20 हज़ार के बीच है। सारी भर्ती पैसे लेकर की जाती हैं और अस्थायी होती हैं, वाह क्या गवर्नेन्स मॉडल है। बेचारे कर्मचारी मशीन बन चुके हैं। मेट्रो की दुधारू...
Invalid votes from law-makers in Presidential elections: Reforms necessary for Presidential and Vice Presidential polling

Invalid votes from law-makers in Presidential elections: Reforms necessary for Presidential and Vice Presidential polling

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It is indeed a matter of concern that as many as 77 invalid votes including 21 from Parliamentarians were found in counting held on 20.07.2017 for the Presidential elections where only law-makers vote. Persons not knowing how to vote in preferential system of voting cannot be supposed to be good law-makers. While plenty of educated persons in the country are jobless with regular increase in number, it is time that some minimum educational qualification may be fixed for contesting elections. Otherwise also Central Government and Election Commission should have acted jointly for some instant action to remove system of cumbersome preferential voting for the Presidential elections since there were only two contestants. Rather voting could have been arranged through Electronic Voting Ma...