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राजस्थान में बदलाव की बयार

राजस्थान में बदलाव की बयार

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रमेश सर्राफ धमोरा राजस्थान में पिछले तीस वर्षों से हर पांच साल बाद सत्ता बदलने का रिवाज चला आ रहा है। अगले महीने होने वाले राजस्थान विधानसभा के चुनाव में जहां भाजपा हर बार राज बदलने के रिवाज को बनाए रखने का प्रयास कर रही है। वही सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी फिर से सरकार बनाकर रिवाज बदलना चाहती है। चुनाव में दोनों ही पार्टियों पूरे दमखम के साथ उतरने जा रही है। तीसरे मोर्चे के रूप में बसपा, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, आम आदमी पार्टी, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन, भारतीय आदिवासी पाटी, वामपंथी पार्टिया जैसे छोटे राजनीतिक दल भी प्रदेश की राजनीति में तीसरी शक्ति बनकर सत्ता की चाबी अपने हाथ में लेना चाहते हैं। राजस्थान में पिछले 30 वर्षों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस की मुख्य धुरी बने हुए हैं। तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके अशोक गहलोत के इर्द-गिर्द ही कांग्रेस की राजनीति घ...
संकट के मित्र इजराइल का साथ देने का वक्त

संकट के मित्र इजराइल का साथ देने का वक्त

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आर.के. सिन्हा चरमपंथी संगठन हमास ने इजराइल पर अचानक हमला करके जिस तरह का नृशंस भीषण कत्लेआम किया, उसकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से की गई त्वरित निंदा से यह साफ हो गया है कि भारत अब इजराइल से किसी प्रकार की दूरी बनाने के लिए तैयार नहीं है। हां, भारत की यह दिली चाहत है कि फिलिस्तीनी संकट का कोई स्थायी समाधान निकले। हमास के इजराइल पर बिना कारण अचानक हमले के बाद दुनिया के बहुत से देश इजराइल के साथ स्वाभाविक रूप से खड़े हो गए। भारत भी इजराइल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। इजराइल भारत के सच्चे मित्र के रूप में संकट के समय लगातार सामने आता रहा है। यह बात अलग है कि फिलिस्तीन मसले पर इंदिरा गाँधी के समय आजतक भारत आंखें मूंद कर अरब संसार के साथ खड़ा रहा। कश्मीर के सवाल पर अरब देशों ने सदैव पाकिस्तान का ही साथ दिया। लेकिन, इजराइल ने संकट के समय तो हमेशा भारत की हर...
भारत के चांद तक के सफर की पूरी कहानी

भारत के चांद तक के सफर की पूरी कहानी

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भारत ने 90 के दशक में जब पहला ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (पीएसएलवी) लाॅन्च किया तभी से चांद की रहस्यमयी सतह छूने के वैज्ञानिक प्रयास तेज हो गए। लगभग तीन दशक बाद आखिरकार भारत ने इतिहास दर्ज करते हुए चंद्रमा के उस अंधेरे भू-भाग को छू लिया जिसे दुनिया के बड़े और विकसित देश भी दर्जनों मून मिशन के जरिए नहीं कर पाए। भारत अब चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव यानी अंधेरे पक्ष का उजाला दुनिया के सामने रख रहा है। चंद्रयान-3 लगातार मानव कल्याण के लिए हर वो जानकारी साझा कर रहा है जिससे दुनिया का दूसरे उपग्रह या ग्रहों का सफर आसान हो जाएगा By Rohini K Murthy  यह चंद्रमा की पहली फार साइड फोटो है। अक्टूबर 1959 में लूना 3 स्पेसक्राफ्ट को कजाकिस्तान के बैकोनूर कॉस्मोड्रोम से लॉन्च किया गया था। यह तीसरा स्पेसक्राफ्ट था जो चंद्रमा पर पहुंचा और इसने पहली बार मून फार साइड की फोटो भेजी। फोटो : ना...
गरीबी हटाओ’ में गरीब हट गए, लेकिन गरीबी नहीं हटी

गरीबी हटाओ’ में गरीब हट गए, लेकिन गरीबी नहीं हटी

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अन्तर्राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस- 17 अक्टूबर, 2023‘गरीबी हटाओ’ में गरीब हट गए, लेकिन गरीबी नहीं हटी -ललित गर्ग - दुनियाभर में फैली गरीबी के निराकरण के लिए ही संयुक्त राष्ट्र ने साल 1992 में हर साल 17 अक्टूबर को विश्व स्तर पर गरीबी उन्मूलन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। अंतर्राष्ट्रीय आंदोलन एटीडी फोर्थ वर्ल्ड के संस्थापक जोसेफ रेसिंस्की की मृत्यु के चार साल बाद, संयुक्त राष्ट्र ने आधिकारिक तौर पर इस दिवस को मनाने की घोषणा की। जोसेफ रेसिंस्की ने पेरिस में लगाये गये गरीबी उन्मूलन अभियान के मूल स्मारक पत्थर पर उत्कीर्ण पाठ में जहां भी पुरुषों और महिलाओं को अत्यधिक गरीबी में रहने की निंदा करते हुए इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन कहा और यह सुनिश्चित करने के लिए एक साथ आना कि इन अधिकारों का सम्मान किया जाए, हमारा गंभीर कर्तव्य है।गरीबी पहले भी अभिशाप थी लेकिन दुनिया में विकास की अ...
इज़रायल हमास युद्ध क्या

इज़रायल हमास युद्ध क्या

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ईसाई - मुस्लिम युद्ध में बदल जाएगा -इसका दुष्परिणाम हर देश झेलेगा,आज नहीं तो कल, यह युद्ध होगा -वर्तमान में ईरान इसी कोशिश में है - ऐसे आसार बहुत समय से बन रहे थे जिन्हें देख कर लगता था कि एक न दिन विश्व ईसाई-मुस्लिम युद्ध देखेगा - इस्लामिक आतंकियों ने कभी अमेरिका पर, कभी इज़रायल पर और कभी यूरोप के देशों में हमले करके चिंगारी भड़काने की कोशिश की है - ईरान, इराक और पाकिस्तान इस कार्य में आगे रहे हैं - अबकी बार जिस तरह हमास ने यहूदी कौम का नरसंहार किया वह हिटलर के समय में यहूदियों पर की गई बर्बरताके बाद दूसरा प्रयास था यहूदी कौम को ख़त्म करने का - लेकिन इस के पीछे बेशक ईरान का प्रत्यक्ष हाथ नज़र ना आ रहा हो मगर उससे इंकार भी नहीं किया जा सकता, खासकर जिस तरह ईरान इज़रायल के आसपास के इस्लामिक देशों को उसके खिलाफ भड़का रहा है, उसे देख कर यही लगता है कि ईरान इस युद्ध को ईसाई मुस्लिम युद्ध...
पांच राज्यों के चुनाव को कैसे देखें

पांच राज्यों के चुनाव को कैसे देखें

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अवधेश कुमारचुनाव आयोग ने भले पांच राज्यों के विधानसभाओं की औपचारिक घोषणा अब की है, देश पहले से ही चुनावी मोड में है। काफी समय से पूरी राजनीति की रणनीति 2024 लोकसभा चुनाव के इर्द-गिर्द बनाई जा रही है। लोकसभा चुनावों के पूर्व यही विधानसभा चुनाव हैं और इसके परिणाम कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण होंगे। कुल 16 करोड़ 14 लाख मतदाताओं, 679 विधानसभा सीटों तथा 83 लोकसभा स्थानों का महत्व समझना कठिन नहीं है। इन चुनावों के पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाकर महिलाओं को लोकसभा एवं विधानसभाओं में आरक्षण के लिए नारी सम्मान वंदन कानून बना दिया है। इन चुनाव में करीब 7 करोड़ 80 लाख महिला मतदाता हैं। यह पता चलेगा कि महिलाओं को आरक्षण देने से ये कितना प्रभावित हैं। यह चुनाव भाजपा, कांग्रेस तथा क्षेत्रीय स्तर पर बीआरएस यानी भारत राष्ट्र समिति के लिए एक हद तक करो या मरो जैसा है। कांग्...
क्या नई विश्व व्यवस्था के लिए अपरिहार्य है विश्वयुद्ध ? – अनुज अग्रवाल

क्या नई विश्व व्यवस्था के लिए अपरिहार्य है विश्वयुद्ध ? – अनुज अग्रवाल

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क्या नई विश्व व्यवस्था के लिए अपरिहार्य है विश्वयुद्ध ? - अनुज अग्रवालइसराइल पर हमास द्वारा आतंकी हमला करा, रुस व चीन ने अमेरिका व नाटो पर निर्णायक चोट कर ही दी। हालाँकि मंच पर ईरान , तुर्की व कतर खेल खेल रहे हैं किंतु पर्दे के पीछे डोरियाँ रुस - चीन के हाथो में ही हैं।यह सीधा सीधा अमेरिका पर हमला है और अमेरिका इसी रूप में इसको ले भी रहा है क्योंकि इसराइल का जन्म व अस्तित्व अमेरिका पर ही टिका हुआ है।नृशंस, ख़ूँख़ार व घातक इस युद्ध के लंबा और बहुत लंबा चलने के आसार हैं क्योंकि लगभग सभी इस्लामिक कट्टरपंथी गुट व राष्ट्र इससे जुड़ते जा रहे हैं।  तेल - गैस की आर्थिक व्यवस्था पर क़ब्ज़े के इस खेल में सदियो से चल रहा इस्लाम बनाम ईसाई - यहूदी  संघर्ष भी उभर कर सामने आ गया है, बल्कि इसी को हथियार बनाया है रुस व चीन ने। प्रथम व दूसरे विश्व युद्ध के साथ बनी विश्व व्यवस्था जिसके...
आदर्श भारत का संकल्प एवं घोषणापत्र…

आदर्श भारत का संकल्प एवं घोषणापत्र…

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जनहित की बात करनेवाला ही जनता के दिल को छुएगा... 1.अच्छी शिक्षा एवं अच्छा स्वास्थ्य सभी के लिए सुनिश्चित होगी।2.निजी अस्पतालों, लैबों एवं बीमा कंपनियां को दी जाने वाली रकम का इस्तेमाल दवा के निर्बाध आपूर्ति एवं टेस्ट और ऑपरेशन हेतु लंबी लाइन को खत्म करने में करेंगे।3.शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा सभी के लिए निशुल्क होगी।4.संपूर्ण देश में शिक्षा का एक समान पाठ्यक्रम होगा। नैतिकता व संस्कारयुक्त गुणवत्तापूर्ण रोजगारपरक समानशिक्षा व्यवस्था लागू की जाएगी।5.प्रत्येक परिवार को कम से कम एक सरकारी नौकरी की गारंटी होगी।6.सभी बेरोजगारों के बेरोजगारी भत्ता में वृद्धि होगी।7.वोट देनेवाले सभी वोटरों को वोटर पेंशन दी जाएगी।8.सभी सरकारी योजनाओं की कड़ी मॉनिटरिंग एवं क्रियान्वयन की समीक्षा होगी।9.सभी सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाएगी।10.तुरंत न्याय, सस्ता न्याय, सुलभ न्याय, सभी...
भाजपा में टिकटों पर मची रार

भाजपा में टिकटों पर मची रार

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रमेश सर्राफ धमोरा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में अगले विधानसभा चुनाव के टिकटों को लेकर अंदरूनी गुटबाजी वह आपसी कलह बहुत बढ़ गई है। आगामी नवंबर महीने में देश के पांच प्रदेशों मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान व तेलंगाना में विधानसभा के चुनाव होने हैं। भाजपा ने अभी तक मध्य प्रदेश में 136 सीटों पर छत्तीसगढ़ में 84 सीटों पर व राजस्थान में 41 सीटों पर प्रत्याशियों के नामो की घोषणा कर दी है। भाजपा द्वारा जारी की गई सूची में बहुत से मौजूदा विधायकों व पूर्व में प्रत्याशी रहे नेताओं के नाम काट दिए जाने से पार्टी में विरोध की स्थिति उत्पन्न हो रही है। विभिन्न चुनावी एजेंसियों द्वारा किये गए सर्वे में भाजपा की स्थिति बहुत ज्यादा मजबूत नजर नहीं आ रही है। इसीलिए भाजपा ने पार्टी विरोधी लहर को रोकने के लिए बहुत सी सीटों पर प्रत्याशियों में फेरबदल किया है। भाजपा द्वारा राजस्थान में 6 लोक...
इजरायल पर भारत की स्पष्ट नीति

इजरायल पर भारत की स्पष्ट नीति

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अभी तक अरब जगत को प्रसन्न करने और वोट बैंक की राजनीति के कारण भारतीय नेतृत्व इजरायल-फलस्तीन मुद्दे पर न्याय की बात नहीं कर सका था तो इसका अर्थ यह नहीं है कि वर्तमान भारतीय नेतृत्व सही के पक्ष में न खड़ा हो। भारत तो वह भूमि है जहाँ ढाई हजार वर्ष पूर्व भी यहूदियों को शरण प्राप्त हुआ था और उसके बाद भी अपनी भूमि से मारे गए, सताए गए यहूदि भारत में आकर शरण लेते रहे। क्या कोई यह बता सकता है कि यहूदी कहाँ उत्पन्न हुए? यहूदी न मक्का में उत्पन्न हुए न मदीना में, न रोम में उत्पन्न हुए न अमेरिका में, न भारत में उत्पन्न हुए न यूरोप में। इजरायल यहूदियों की मूल भूमि है। यहूदी अच्छे हों या बुरे हों, चालाक हों या मक्कार हों, लेकिन जब न्याय की बात आएगी तो यहूदी समाज उन लोगों में है जो मजहबी बर्बरता के सर्वाधिक शिकार हुई। यह अलग बात है कि जिन अब्राहमिक मजहबों ने यहूदियों पर सर्वाधिक बर्बरता ...