Shadow

BREAKING NEWS

The Corrupt Chief Justices of The Supreme Court of India

The Corrupt Chief Justices of The Supreme Court of India

BREAKING NEWS, TOP STORIES, घोटाला
Rudimentary logic demands that the highest chairs must have the soundest legs. By that measure, judges ought to have impeccable moral character. But in India, judges are protected less by their sterling reputations than by an arcane law: the “contempt of court” act, which - strangely, only in India! - prohibits raising any questions about judges or their actions. This has reduced talk of judicial corruption to a sullen whisper rather than a democratic debate. Supreme Court lawyer Prashant Bhushan has fought this unhealthy immunity for 20 years. In September 2009, partly as a result of his relentless campaigns, the judiciary finally agreed to declare their financial assets. It was a big first step. Much remained to be done. Soon after, in an interview w...
अभिव्यक्ति बनाम देशद्रोह

अभिव्यक्ति बनाम देशद्रोह

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
दिल्ली के रामजस कॉलेज की चर्चा आजकल सुर्ख़ियों में हैं। कुछ दिनों पहले JNU में देशद्रोह के नारे लगाने वाले उमर खालिद को अपने शोध पर व्याख्यान देने के लिए बुलाया गया था। उमर खालिद के व्याख्यान का विरोध ABVP द्वारा किया गया। साम्यवादी मीडिया ABVP के विरोध को गुंडई और खालिद के देशविरोधी नारों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बता रहा हैं। भारत के अभिन्न अंग कश्मीर को आज़ाद करने की बात केवल पाकिस्तान समर्थक करते है। ऐसे में देशद्रोह के आरोप में जमानत पर रिहा खालिद को व्याख्यान के लिए बुलाना देशद्रोही को प्रोत्साहन देने के समान है। खालिद चाहे शैक्षिक रूप से कोई बहुत बड़ा बुद्धिजीवी भी हो तब भी देशद्रोही को किसी प्रकार की छूट नहीं होनी चाहिए। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को समझना अत्यन्त आवश्यक है। स्वामी दयानंद अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बड़े पक्षधर थे। परंतु उन्होंने दो विशेष नियमों के पालन करने पर विशेष...
विकास की नई सोच बनानी होगी

विकास की नई सोच बनानी होगी

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
हाल ही में एक सरकारी ठेकेदार ने बताया कि केंद्र से विकास का जो अनुदान राज्यों को पहुंचता है, उसमें से अधिकतम 40 फीसदी ही किसी परियोजना पर खर्च होता है। इसमें मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, संबंधित विभाग के सभी अधिकारी आदि को मिलाकर लगभग 10 फीसदी ठेका उठाते समय अग्रिम नकद भुगतान करना होता है। 10 फीसदी कर और ब्याज आदि में चला जाता है। 20 फीसदी में जिला स्तर पर सरकारी ऐजेंसियों को बांटा जाता है। अंत में 20 फीसदी ठेकेदार का मुनाफा होता हैै। अगर अनुदान का 40 फीसदी ईमानदारी से खर्च हो जाए, तो भी काम दिखाई देता है। पर अक्सर देखने  आया है कि कुछ राज्यों मेें तो केवल कागजों पर खाना पूर्ति हो जाती है और जमीन पर कोई काम नहीं होता। होता है भी तो 15 से 25 फीसदी ही जमीन पर लगता है। जाहिर है कि इस संघीय व्यवस्था में विकास के नाम पर आवंटित धन का ज्यादा हिस्सा भ्रष्टाचार की बलि चढ़ जाता है। जबकि हर प्रधानमंत्री भ...
हम कैसी दुनिया बनाना चाहते हैं?

हम कैसी दुनिया बनाना चाहते हैं?

addtop, BREAKING NEWS, सामाजिक
(अब से समस्या को तभी पकड़िये जब वह छोटी हो) पाकिस्तान में सिंध प्रांत की मशहूर दरगाह लाल शाहबाज कलंदर को आत्मघाती हमले से दहल गई। हमले में 100 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। आतंकवाद का संरक्षण देने वाला पाकिस्तान स्वयं आतंकवाद से सबसे ज्यादा पीड़ित है। वहीं प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सूफी अल्पसंख्यक समुदाय पर हुए इस हमले की निंदा की है। पाकिस्तानी अखबार द न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार लाल शाहबाज कलंदर जैसी सूफी दरगाह पर हमले से सब सकते में हैं। पवित्र दरगाह उस वक्त निशाना बनी, जब वहाँ भारी तादाद में बच्चे और औरतें भी मौजूद थे। यानी मकसद साफ था कि ज्यादा से ज्यादा जानें जाएं। वैसा ही हुआ भी। आतंकी हमलों की कड़ी में इस ताजा घटना ने कई सवाल उठाए हैं। सबसे बड़ा सवाल पाकिस्तानी खुफिया तंत्र की विफलता का है, जिसे इतनी बड़ी दरगाह के टारगेट होने की भनक तक नहीं हुई। घटना के बाद आतंकव...
नालंदा के बहाने अतीत की महानताओं से मुलाकात..

नालंदा के बहाने अतीत की महानताओं से मुलाकात..

addtop, BREAKING NEWS, Today News, TOP STORIES, राष्ट्रीय
कल पटना से दिल्ली की ओर बढ़े तो सोचा कि क्यों न कुछ दर्शनीय स्थानों को देखते चलें। एक-दो वरिष्ठ रिश्तेदारों और बिहार में पोस्टेड दोस्तों से सलाह ली; बिहार का नक्शा उठाया और अपने भीतर के कोलंबस को जगाकर रास्ता निर्धारित किया। योजना बनी कि पहले दिन नालंदा, पावापुरी, राजगीर, गहलौर और बोधगया को कवर किया जाए। वक़्त की कमी के चलते पावापुरी और गहलौर ठीक से नहीं देख पाए, पर बाकी तीन जगहों को ठीक से 'जिया'।पहला पड़ाव था- नालंदा। मेरे मन में उसकी छवि यही थी कि वह गुप्त काल में विकसित हुआ एक शानदार विश्वविद्यालय था जिसमें पढ़ने की आकांक्षा लेकर देश-विदेश के बड़े-बड़े जिज्ञासु और शोधार्थी खिंचे चले आते थे। एक बात और सुनी हुई थी कि जब बख्तियार खिलजी ने इसे नष्ट करने के लिये इसकी लाइब्रेरी में आग लगाई थी तो करीब 6 महीनों तक आग जलती रही थी। दंतकथाओं में अक्सर अतिशयोक्तियाँ शामिल हो जाती हैं - इस तर्क से 6 महीन...
BLOOD DONATION – SOME FACTS

BLOOD DONATION – SOME FACTS

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, सामाजिक
Some Facts on Blood Donation An adult has about 5 liters of blood in the body.Typically, about 300 ml (anywhere between 200 and 450 ml) of blood is taken by a blood bank (depending on requirement) from a person.The blood donated is recouped by the body within 2 to 7 days.One unit of blood (about 450 ml) helps save 3 lives.This is because, the blood taken from a donor is separated into its components (Red cells, White cells, Plasma and Platelets), each of which can be transfused into the blood of a recipient, separately.It takes approximately 10 minutes to remove one unit of blood from the donor . Including the time taken for filling up a form prior to donation, a physical examination (BP and weight) of the donor and the time to relax after donating blood, the whole process can be completed...
कितना असाधारण अब सौ फीसदी कुदरती हो जाना

कितना असाधारण अब सौ फीसदी कुदरती हो जाना

addtop, BREAKING NEWS, Today News, TOP STORIES, विश्लेषण
प्रकृति का एक नियम है कि हम उसे जो देंगे, वह हमें किसी न किसी रूप में उसे लौटा देगी। जो खायेंगे, पखाने के रूप में वही तो वापस मिट्टी में मिलेगा। सभी जानते हैं कि हमारे उपयोग की वस्तुएं जितनी कुदरती होंगी, हमारा पर्यावरण उतनी ही कुदरती बना रहेगा; बावजूद इसके दिखावट, सजवाट और स्वाद के चक्कर में हम अपने खपत सामग्रियों में कृत्रिम रसायनों की उपस्थिति बढ़ाते जा रहे हैं। गौर कीजिए कि कुदरती हवा को हम सिर्फ धुआं उठाकर अथवा शरीर से बदबूदार हवा छोड़कर खराब नहीं करते; ऐसी हज़ारों चीजें और प्रक्रियायें हैं, जिनके जरिये हम कुदरती हवा में मिलावट करते हैं। जिस भी चीज में नमी है; तापमान बढ़ने पर वह वाष्पित होती ही है। वाष्पन होता है तो उस चीज की गंध तथा अन्य तत्व हवा में मिलते ही हैं। होठों पर लिपस्टिक, गालों में क्रीम-पाउडर, बालों में मिनरल आॅयलयुक्त तेल-शैंपू-रंग, शरीर पर रासायनिक इत्र.. अपनी रोजमर्रा की ज...
Meaning and Significance of Vedic Caste System

Meaning and Significance of Vedic Caste System

addtop, BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
The Vedic Caste System during Ancient Indian Period.       Meaning and Significance of Vedic Caste System The institution of the Vedic caste system of Ancient India which is found among the Hindus has no parallel in the world. The ancient Iranians had some class divisions. But the Hindu caste system with hereditary castes, interdict on intermarriage and inter-dining among various castes is unique. The Vedic caste system in its extreme form makes the lower classes untouchable to the higher classes. This strange social system warrants our study in regard to the origin and development of Ancient Vedic Caste System of India. Three Stages of Evolution When the Aryans first came to India perhaps they did not know the caste system. Scholars have traced three principal stages of evolution ...
अखिलेश के काम नहीं, कारनामें बोलते हैं!

अखिलेश के काम नहीं, कारनामें बोलते हैं!

addtop, BREAKING NEWS, राज्य, विश्लेषण
यूपी में एक के बाद एक ताबड़तोड़ हो रही हत्याएं, लूटपाट, डकैती, बलात्कार, योजनाओं में बंदरबाट, यादव सिंह जैसे भ्रष्ट अफसरों को बचाने, जवाहरबाग की तर्ज पर जगह-जगह जमीन हथियाने, सरकारी नौकरियों के भर्ती में धांधली एवं मानक में अनदेखी, न्याय के लिए सड़क पर उतरे लोगों को लाठियां, सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों की सपाई गुंडो द्वारा सरेराह कत्लेआम, पेड़ों पर फलों की जगह लटकती बहन-बेटियों की लाशे, हाईवे पर दरिंदगी का तांडव, करोड़ों-अरबों की लागत से बनी सड़कों का छह माह में ही उखड़ जाना, मुजफ्फरनगर समेत 200 से अधिक दंगों में कत्लेआम, आगजनी व खून-खराबा तथा आरोपियों को छोड़ निर्दोषों पर फर्जी मुकदमें दर्ज कर प्रताड़ना और कार्य पूरा हुए बगैर उद्घाटन की संस्कृति, दिन-रात बिजली की अघोषित कटौती, साफ पानी को तरसते शहर, ,अपनी किस्मत पर रोता बुंदेलखंड, बालीवुड के ठुमको पर झूमता सैफई, कश्मीर बनता कैराना ही अगर आपकी ...
चुनाव सुधार : बस, चार कदम चलना होगा

चुनाव सुधार : बस, चार कदम चलना होगा

addtop, BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय
  जनगणना-2011 के अनुसार, कुल भारतीय ग्रामीण आबादी में से 74.5 प्रतिशत परिवारों की आय पांच हजार रुपये प्रति माह से कम है। इसके विपरीत भारत की वर्तमान केन्द्रीय मंत्रिपरिषद के 78 मंत्रियों में से 76 करोड़पति हैं। राज्य विधानसभाओं के 609 मंत्रियों में से 462 करोड़पति हैं। स्पष्ट है कि भारत की जनता गरीब है, किंतु वह जिन्हे चुनकर भेज रही है, वे अमीर हैं। आम भारतीय इरादतन अपराधी नहीं है। किंतु भारत सरकार की केन्द्रीय मंत्रिपरिषद के 78 मंत्रियों में से 24 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। राज्य सरकारों के 609 मंत्रियों से 210 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। इसका मतलब है कि गैर अपराधी जनता करीब-करीब 33 प्रतिशत अपराधियों को चुनकर भेज रही है।    उक्त चित्र, लोकतंत्र की मूल आस्था के विपरीत है। उक्त चित्र के मद्देनजर भारत में चुनाव सुधार का मुख्य मुद्दा फिलहाल एक ही है कि चुनाव में बाहुबल और धनबल क...