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हम जो कुछ भी हैं वह हमारी सोच का परिणाम है।

हम जो कुछ भी हैं वह हमारी सोच का परिणाम है।

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औपनिवेशिक शासन के समय जब हर कोई बिना किसी नए विचार के अपने जीवन और नींद में व्यस्त था, उस समय हमारे स्वतंत्रता सेनानी ब्रिटिश सरकार से आजादी पाने के लिए अपनी रणनीति बनाने में व्यस्त थे। सुभाष चंदर बोस, चंदर शेखर आज़ाद, सरदार भगत जैसे सेनानी ये सभी नई सोच के साथ आते हैं क्योंकि वे एक स्वतंत्र, निडर या मजबूत भारत बनाना चाहते हैं। वे अंतिम सांस तक संघर्ष करते रहे कभी सफलता मिली तो कभी असफल लेकिन वे अपने विचारों पर अडिग रहे। यदि हमें अपने जीवन में सफल होना है या खुद को समाज में एक आदर्श व्यक्ति के रूप में रखना है तो हमें अपनी सोच सदैव सकारात्मक रखनी चाहीए। नकारात्मक विचारों के साथ आप खुद को और दूसरों को भी निराशा की ओर ले जायेंगे। जीवन में सफलता की इच्छा रखने वाले हर व्यक्ति को सकारात्मक सोच के साथ ही अपना कार्य सम्पन्न करना चाहिए। हमारी हमेशा यही कोशिश होनी चाहिए कि हमारी मित्रता एक सकारात्म...
युगांडा से सूडान संकट तक:बदलती भारतीय विदेश नीति

युगांडा से सूडान संकट तक:बदलती भारतीय विदेश नीति

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आर.के. सिन्हा सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल के बीच चल रहे भीषण गृहयुद्ध के चलते वहां हालात तो बद से बदतर होते चले जा रहे हैं। ऐसे में वहां फंसे हजारों भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाने को लेकर सारा देश चिंतित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूडान में फंसे भारतीयों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकासी के लिए विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं । मतलब यह कि अब सरकार एक्शन मोड में आ गई है। यह बदले हुए मजबूत भारत का नया चेहरा है। अब जहां पर भी भारतवंशी या भारतीय संकट में होते हैं, तो भारत सरकार पहले की तरह हाथ पर हाथ धर कर नहीं बैठती। आपको याद ही होगा कि रूस-यूक्रेन जंग के कारण हजारों भारतीय मेडिकल छात्र-छात्राएं यूक्रेन में फंस गए थे। उन्हें भारत सरकार तत्काल सुरक्षित स्वेदश लेकर आई। भारत के हजारों विद्यार्थी यूक्रेन में थे। वे वहां पर मेडिकल, डेंटल, नर्सिंग औ...
सोशल मीडिया के खतरों से कैसे बचें ?

सोशल मीडिया के खतरों से कैसे बचें ?

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विनीत नारायणजब देश में सोशल मीडिया का इतना प्रचलन नही था तब जीवन ज्यादा सुखमय था। तकनीकी की उन्नति ने हमारेजीवन को जटिल और तानवग्रस्त बना दिया है। आज हर व्यक्ति चाहे वो फुटपाथ पर सब्जी बेचता हो या मुंबई केकॉर्पोरेट मुख्यालय में बैठकर अरबों रूपये के कारोबारी निर्णय लेता हो, चौबीस घंटे मोबाइल फ़ोन और सोशलमीडिया के मकड़जाल में उलझा रहता है। जिसका बेहद ख़राब असर हमारे शरीर, दिमाग और सामाजिक संबंधोंपर पड़ रहा है।नई तकनीकी के आगमन से समाज में उथल पुथल का होना कोई नई बात नही है। सामंती युग से जब विश्वऔद्योगिक क्रांति की और बड़ा तब भी समाज में भरी उथल पुथल हुई थी। पुरानी पीढ़ी के लोग जीवन में आए इसअचानक बदलाव से बहुत विचलित हो गए थे। गाँव से शहरों की और पलायन करना पड़ा, कारखाने खुले औरशहरों की गन्दी बस्तियों में मजदूर नारकीय जीवन जीने पर विवश हो गये। ये सिलसिला आज तक रुका नही है।भारत जैसे देश में...
24 अप्रैल – राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस

24 अप्रैल – राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस

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बिखर गई पंचायतें, रूठ गए है पंच।भटक राह से है गए, स्वशासन के मंच।। राज्य सरकार स्थानीय नौकरशाही के माध्यम से स्थानीय सरकारों को बाध्य करती हैं। उदाहरण के लिए, सार्वजनिक निर्माण परियोजनाओं के अनुमोदन के लिए अक्सर ग्रामीण विकास विभाग के स्थानीय अधिकारियों से तकनीकी स्वीकृति और प्रशासनिक अनुमोदन की आवश्यकता होती है, सरपंचों के लिए एक थकाऊ प्रक्रिया जिसके लिए सरकारी कार्यालयों में बार-बार जाने की आवश्यकता होती है। स्थानीय कर्मचारियों पर प्रशासनिक नियंत्रण रखने की सरपंचों की क्षमता सीमित है। कई राज्यों में, पंचायत को रिपोर्ट करने वाले स्थानीय पदाधिकारियों, जैसे ग्राम चौकीदार या सफाई कर्मचारी, की भर्ती जिला या ब्लॉक स्तर पर की जाती है। अक्सर सरपंच के पास इन स्थानीय स्तर के कर्मचारियों को बर्खास्त करने की शक्ति भी नहीं होती है। -डॉ सत्यवान सौरभ आजकल हमें ऐसी ख़बरें सुनंने और पढ़ने क...
22 अप्रैल अक्षय तृतीया: भगवान परशुराम जी का अवतार दिवस

22 अप्रैल अक्षय तृतीया: भगवान परशुराम जी का अवतार दिवस

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सबसे व्यापक और प्रचण्ड अवतार है परशुरामजी का झूठी है उनके क्रोधी होने और क्षत्रिय क्षय की बातें --रमेश शर्मा पृथ्वी पर सत्य, धर्म और न्याय की स्थापना के लिये भगवान् नारायण ने अनेक अवतार लिये हैं। इनमें परशुरामजी का अवतार पहला पूर्ण अवतार है । जो सर्वाधिक व्यापक है । संसार का ऐसा कोई कोना, कोई क्षेत्र या कोई देश ऐसा नहीं जहाँ भगवान् परशुरामजी की स्मृति या चिन्ह नहीं मिलते हों । उन्होंने संसार में शाँति और मानवता की स्थापना के लिये पूरी पृथ्वी की सतत यात्राएँ की । यदि यह कहा जाय कि विश्व में आर्यत्व की स्थापना भगवान् परशुरामजी ने की तो यह सच्चाई का महत्वपूर्ण तथ्य होगा ।भगवान् परशुरामजी का चरित्र वैदिक और पौराणिक इतिहास में सबसे प्रचण्ड और व्यापक है । उन्हे नारायण के दशावतार में छठे क्रम पर माना गया । वे पहले पूर्ण अवतार हैं । उन्हे चिरंजीवी माना गया इसीलिए ऊनकी उपस्थित हरेक युग में म...
April 22, Earth Day 2023 Special

April 22, Earth Day 2023 Special

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धरती माता की रक्षा करें और आने वाली पीढ़ी के लिए एक बेहतर जगह बनाएं महात्मा गांधी ने एक बार कहा था - पृथ्वी हर आदमी की जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त प्रदान करती है, लेकिन हर आदमी के लालच को नहीं। मनुष्यों ने पिछले 25 वर्षों में पृथ्वी के जंगल के दसवें हिस्से को नष्ट कर दिया है और यदि प्रवृत्ति जारी रहती है तो एक सदी के भीतर कुछ भी नहीं बचा हो सकता है। करंट बायोलॉजी जर्नल में कुछ महीने पहले प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, दो अलास्का के आकार का एक विशाल क्षेत्र - लगभग 3.3 मिलियन वर्ग किलोमीटर - 1993 के बाद से मानव गतिविधि से कलंकित हो गया है। मनुष्य पृथ्वी पर सभी बायोमास का केवल 0.01% खाता है, लेकिन ग्रह का इतना छोटा हिस्सा होने के बावजूद, उन्होंने सभी जंगली स्तनधारियों के 83% और सभी पौधों के आधे हिस्से का विनाश किया है। हमें खुद को यह याद दिलाने की आवश्यकता बढ़ रही है कि हमें अपनी आन...
भारत में शिक्षा – “मौलिक भारत” के स्थान पर “भ्रमित भारत” बनाने के खेल – अनुज अग्रवाल, संपादक, डायलॉग इंडिया

भारत में शिक्षा – “मौलिक भारत” के स्थान पर “भ्रमित भारत” बनाने के खेल – अनुज अग्रवाल, संपादक, डायलॉग इंडिया

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भारत के शिक्षा संस्थानों में भारतीय परंपरागत ज्ञान व विद्या को नहीं पढ़ाया व सिखाया जाता वरन् हमारा शिक्षा तंत्र , पश्चिमी शिक्षा तंत्र की कॉपी मात्र है।चूँकि भारत का शासन तंत्र भी पश्चिम की कॉपी है तो शिक्षा तंत्र भी वैसा ही होना स्वाभाविक है। मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति में भारत के शिक्षा तंत्र व शासन व्यवस्था का भारतीयकरण करने का उद्देश समाहित है किंतु क्या ऐसा हो पाना संभव है? वैसे भी लागू होने की प्रक्रिया में ही इस नीति में इतने अधिक संशोधन हो चुके हैं व कई प्रस्तावों को लागू करने में टालमटोल हो रही है कि मूल उद्देश्यों को पाना असंभव सा हो गया है।देश का वर्तमान शिक्षा तंत्र कितना प्रभावी अथवा खोखला है इसका गहन विश्लेषण आवश्यक है ताकि सच से सामना हो सके।हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक समिति का गठन किया है जो देश के प्रत्येक वकील की डिग्री की वैधता की जाँच करेगा। देश में ला कॉ...
मेडिकल टूरिज्म में छलांग लगाता भारत

मेडिकल टूरिज्म में छलांग लगाता भारत

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आर.के. सिन्हा भारत को मेडिकल टूरिज्म के हब के रूप में स्थापित करने को लेकर जो कोशिशें बीते कुछ सालों से चल रही हैं उनके सुखद परिणाम अब सामने आने भी लगे हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्रीपद नाईक ने हाल ही में गोवा में आयोजित जी-20 से जुड़े के एक कार्यक्रम में बताया कि पिछले साल भारत में 14 लाख विदेशी पर्यटक मात्र इलाज के लिए भारत आए। जाहिर है, इनमें वे भी शामिल हैं जो  रोगियों के साथ आए थे। यह आंकड़ा ही साबित करता है कि भारत की मेडिकल सुविधाओं को लेकर दुनिया में भरोसा बढ़ रहा है।  यह तो अभी शुरुआत है। अभी तो भारत को बहुत सी मंजिलों को पार करना है। आप दिल्ली,चंडीगढ़,मुंबई वगैरह के किसी भी प्रतिष्ठित अस्पताल में खुद जाकर देख लें। वहां आपको अनेक विदेशी रोगी और उनके परिजन बैठे मिल जाएंगे। इनमें अफ्रीकी और खाड़ी देशों के रोगियों की तादाद भी खासी रहती है। भारत में ओम...
पराली के उपलों का दाह-संस्कार में अनूठा प्रयोग(नवाचार)

पराली के उपलों का दाह-संस्कार में अनूठा प्रयोग(नवाचार)

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वायु प्रदूषण आज भारत की ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व की एक बहुत बड़ी व ज्वलंत समस्या है। बढ़ती जनसंख्या, औधौगिक धंधों के फलने-फूलने, बढ़ते हरित ग्रह प्रभाव, बदलती जलवायु परिस्थितियों, शहरीकरण के कारण निरंतर हो रहे कंक्रीट के जंगलों का विकास, बढ़ते ट्रैफिक, पेड़-पौधों की अंधाधुंध कटाई, धरती के सीमित संसाधनों का असीमित तरीकों से दोहन(खनन, पहाड़ों की कटाई, टनल आदि का निर्माण) के बीच धरती का संपूर्ण पारिस्थितिकीय तंत्र गड़बड़ा गया है। इसी बीच पर्यावरण को बचाने के लिए नित नये अनुसंधान, प्रयोगों, नवाचारों, नई पहल आदि में भी लगातार इजाफा भी हो रहा है। पिछले दिनों पंजाब के पटियाला में प्रदूषण को लेकर एक नई पहल की गई है। जानकारी देना चाहूंगा कि पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने पेड़ों की अंधाधुंध कटाई रोकने व इसे कम करने के उद्देश्य से क्षेत्र में पिछले दिनों एक नई पहल की है। बोर्ड ने मोहाली की एक निज...
हर 5 वां व्यक्ति आज भारतीय ! (यूएनपीएफ रिपोर्ट-2023)

हर 5 वां व्यक्ति आज भारतीय ! (यूएनपीएफ रिपोर्ट-2023)

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हाल ही में भारत जनसंख्या मामले में चीन को पछाड़ विश्व में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन गया है। आज दुनिया की आबादी आठ सौ करोड़ के पार हो गई है और हर पांचवें व्यक्ति में एक भारतीय है। आज की तारीख में भारत में चीन से उनतीस लाख लोग ज्यादा है। जानकारी देना चाहूंगा कि यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट (वर्ष 2023) के मुताबिक अब भारत की जनसंख्या 142 करोड़ 86 लाख है। वहीं चीन की जनसंख्या 142 करोड़ 57 लाख है। हालांकि आंकड़़ों के मुताबिक चीन की जनसंख्या 142.57 करोड़ है, इसलिए भारत और चीन की जनसंख्या में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि भविष्य में यह अंतर धीरे धीरे बढ़ता चला जाएगा। बताया जा रहा है कि वर्ष 2050 तक भारत की जनसंख्या करीब 166.8 करोड़ होगी। वहीं, चीन की जनसंख्या में बड़ी कमी आने से वह 131.7 करोड़ के आंकड़़ें तक ही सीमित रहने की संभावना ह...