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<strong>मोदी का परिवार’ अभियान विपक्षी दलों के लिये भारी पडे़गा</strong>

मोदी का परिवार’ अभियान विपक्षी दलों के लिये भारी पडे़गा

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
 - ललित गर्ग- बिहार की राजधानी पटना में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के बयान कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास परिवार ही नहीं है। वो हिंदू नहीं हैं। हिंदू अपनी मां के श्राद्ध में दाढ़ी-बाल बनवाता है। मोदी की माताजी का जब देहांत हुआ तो उन्होंने बाल-दाढ़ी क्यों नहीं बनवाया? इस तरह के बेतूके, आधारहीन एवं अमर्यादित बयान के विरोध में पूरी भारतीय जनता पार्टी उतर आई है। अब भाजपा और विपक्षी दलों के बीच ’परिवारवाद’ के मुद्दे पर वार-पलटवार जारी है। मोदी के परिवार एवं विपक्षी दलों के परिवारवाद को लेकर बड़ी बहस चल रही है लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को विपक्ष के एक आरोप ‘चौकीदार चोर है’ का भारी लाभ मिला था, तब भाजपा ने ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान चलाया था। उसी तरह वर्ष 2024 के आम चुनाव से पूर्व ’मोदी का परिवार’ अभियान शुरू कर दिया है, जिसका भाजपा को भरपूर लाभ मिल सकता है, विपक्षी दलों की इस...
यों महिलाएं अपने अधिकारों के लिए आज भी संघर्ष कर रही हैं?

यों महिलाएं अपने अधिकारों के लिए आज भी संघर्ष कर रही हैं?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, साहित्य संवाद
जिस दिन किसी भी क्षेत्र में आवेदक अथवा कर्मचारी को उसकी योग्यता के दम पर आंका जाएगा ना कि उसके महिला या पुरुष होने के आधार पर, तभी सही मायनों में हम महिला दिवस जैसे आयोजनों के प्रयोजन को सिद्ध कर पाएंगे। ईश्वर की बनाई इस सृष्टि में मानव के रूप में जन्म लेना एक दुर्लभ सौभाग्य की बात होती है। और जब वो जन्म एक स्त्री के रूप में मिलता है तो वो परमसौभाग्य का विषय होता है। क्योंकि स्त्री ईश्वर की सबसे खूबसूरत वो कलाकृति है जिसे उसने सृजन करने की पात्रता दी है। सनातन संस्कृति के अनुसार संसार के हर जीव की भांति स्त्री और पुरुष दोनों में ही ईश्वर का अंश होता है लेकिन स्त्री को उसने कुछ विशेष गुणों से नवाजा है। यह गुण उसमें नैसर्गिक रूप से पाए जाते हैं जैसे सहनशीलता, कोमलता, प्रेम,त्याग, बलिदान ममता। यह स्त्री में पाए जाने वाले गुणों की ही महिमा होती है कि अगर किसी पुरुष में स्त...
<strong>भारत</strong> <strong>में तृतीय तिमाही में सकल घरेलू</strong> <strong>उत्पाद</strong> <strong>की</strong> <strong>वृद्धि</strong> <strong>दर ने चौंकाया</strong> <strong>है</strong>

भारत में तृतीय तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर ने चौंकाया है

BREAKING NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, राष्ट्रीय
वित्तीय वर्ष 2023-24 की तृतीय तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर ने भारत सहित विश्व के समस्त आर्थिक विश्लेशकों को चौंका दिया है। इस दौरान, भारत में सकल घरेलू उत्पाद में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि हासिल हुई है जबकि प्रथम तिमाही के दौरान वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत एवं द्वितीय तिमाही के दौरान 7.6 प्रतिशत की रही थी। पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत रही थी। साथ ही, क्रेडिट रेटिंग संस्थान इकरा ने इस वर्ष तृतीय तिमाही में 6 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान एवं भारतीय स्टेट बैंक ने भी 6.9 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया था। कुल मिलाकर, लगभग समस्त वित्तीय संस्थानों के अनुमानों को झुठलाते हुए सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत की रही है।  हम सभी के लिए हर्ष का विषय तो यह है कि विनिर्माण इकाईयों की वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023-24 की तृतीय तिमाह...
<em>कट्टरता के खिलाफ काम करता है 121 मिलियन लोगों का ये इस्लामिक संगठन, 100 साल पुराना इतिहास</em>

कट्टरता के खिलाफ काम करता है 121 मिलियन लोगों का ये इस्लामिक संगठन, 100 साल पुराना इतिहास

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Zayed Award: इंडोनेशिया का नहदलातुल उलमा दुनिया का सबसे बड़ा इस्लामी संगठन है. ये संगठन इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए शांतिपूर्वक ठंग से पिछले सौ सालों से काम कर रहा है. इंडोनेशिया को कट्टर इस्लाम से बचाए रखने में इस संगठन ने अहम रोल निभाया है. अब यूएई में संगठन को अवॉर्ड दिया गया है. इस्लामिक संगठन नहदलातुल उलमा (Nahdlatul Ulama) को उसके सामाजिक कामों, शिक्षा, शांति और धार्मिक सहिष्णुता के लिए UAE के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. जायद अवॉर्ड (Zayed Award) मिलने के बाद नहदलातुल उलमा के स्कॉलर उलिल अबशार-अब्दल्ला ने कहा, “शांति और धार्मिक सहिष्णुता के लिए नहदलातुल उलमा एक शानदार इंडोनेशियाई मॉडल है. हमारा संगठन 121 मिलियन सदस्यों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा इस्लामी संगठन है.” अपने प्रयासों से ये संगठन इंडोनेशियाई फिलॉसफी पेनकासिला (Pancasila) को देश में बनाए...
रद्द होती भर्ती परीक्षाएं, धूमिल होती सरकार की छवि !

रद्द होती भर्ती परीक्षाएं, धूमिल होती सरकार की छवि !

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डॉ अजय कुमार मिश्राउत्तर प्रदेश पुलिस दुनियां की सबसे बड़ी संख्या बल वाली पुलिस है, जिसमें 2.25 लाख से अधिक कर्मचारी कार्यरत है | विभाग में चल रही भर्ती को सरकार ने रद्द करके आगामी 6 माह में पुनः परीक्षा की घोषणा की है | निसंदेह पुनः परीक्षा में सजगता देखने को मिलेगी, जिससे पेपर लीक को रोका जा सकेगा | पर इस विषय पर कुछ अधिक कहने और लिखने से पहले कुछ मूल तत्त्वों को भी जानना जरुरी है | कुल 60244 पदों की भर्ती के लिए परीक्षा फरवरी 16 से 18 के मध्य उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में 2385 केंद्र बनाकर आयोजित हुयी थी | इस भर्ती के लिए दिसम्बर 2023 में विज्ञापन निकाला गया था | 48.17 लाख ऑनलाइन आवेदन 27 दिसम्बर 2023 से 16 जनवरी 2024 के मध्य प्राप्त हुए थे | इन प्राप्त आवेदनों में लगभग 2.5 लाख बिहार से, 43 लाख उत्तर प्रदेश से, 98,400 मध्य प्रदेश से, 74,769 हरयाणा से, 97,277 राजस्थान से, 42,259 दिल्...
<strong>क्यों यूपी लोकसभा चुनाव में भरेगा भाजपा की झोली</strong>

क्यों यूपी लोकसभा चुनाव में भरेगा भाजपा की झोली

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आर.के. सिन्हा अब कुछ हफ्तों के बाद ही देश में लोकसभा चुनावों की घोषणा हो जाएगी। पर उत्तर प्रदेश (यूपी) को छोड़कर देश के लगभग सभी राज्यों की लोकसभा सीटों के लिए कांटे की टक्कर होने की संभावना है । लेकिन, उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर नतीजे कुल मिलाकर लगभग तय हैं। यह बात उत्तर प्रदेश के शिखर सियासी नेताओं से लेकर आम इंसान तक को भलीभांति यह पता हैं। कभी जंगलराज, भाई भतीजावाद, भ्रष्टाचार से जूझने वाला यूपी अब भारी-भरकम मोटा निवेश भी खींच रहा है। सात साल पहले तक तो यूपी की गिनती बीमारु राज्यों में होती थी,  लोग मजाक में यू.पी. को उल्टा प्रदेश भी कहते थे I लेकिन, आज यूपी की पहचान देश के  खेलों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में भी होने लगी है। यूपी आज विकास की असीमित संभावनाओं के प्रदेश के रूप में स्थापित हो चुका है। यूपी देश...
चुनाव : भाजपा अपनी लीक पर चलेगी

चुनाव : भाजपा अपनी लीक पर चलेगी

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केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा इस बार भी आम चुनाव में कुछ नया करने जाती दिख रही है।लोकसभा चुनाव में भले एन डी ए सरकार की बात कही जाए, भाजपा का पूरा प्रयास अपने दम पर सरकार बनाने का है। जो संकेत मिल रहे हैं, वे 2019 से पृथक नहीं हैं। जैसे कि जब पिछले लोकसभा चुनाव में जब भाजपा ने जब प्रत्याशियों की घोषणा की तो उसने अपने 268 में से 99 सांसदों यानी 36 प्रतिशत के टिकट एक झटके में काट दिए। वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा के 282 सांसद जीत कर लोकसभा पहुंचे थे, लेकिन कुछ सासंदों की मौत होने और कुछ उपचुनावों में हार के कारण उसके 268 सांसद ही बचे थे। तब पार्टी ने जितने सांसदों के टिकट काटे, उनकी जगह सेवानिवृत्त अफसरशाहों, कलाकारों, क्रिकेटरों जैसे नए चेहरों को मैदान में उतारा। इनमें फिल्मी सितारे सनी देओल, रवि किशन, लॉकेट चटर्जी, गायक हंसराज हंस, क्रिकेटर गौतम गंभीर एवं अपराजिता सारंगी जैसे ब्यूरोक्...
<em>संघीय मान्यता प्राप्त संवैधानिक संस्थाओं की अवहेलना क्यों?</em>

संघीय मान्यता प्राप्त संवैधानिक संस्थाओं की अवहेलना क्यों?

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देश के सर्वोच्च न्यायालय को राज्य सरकारों के प्रमुखों को संवैधानिक संस्थाओं के सम्मान के बारे में निर्देश देना ही पड़ेंगे, इसकी ज़रूरत अब साफ़ नज़र आ रही है। आज ये प्रश्न खड़े हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल संवैधानिक जांच एजेंसियों के सामने पेश क्यों नहीं हो रहे ? क्या आम आदमी इन एजेंसियों के समन को लगातार खारिज कर सकता है? क्या इनके समन को स्वीकार न करना ‘असंवैधानिक’ नहीं है? अदालत का इस व्यवस्था पर एक स्पष्ट आदेश जरूर आना चाहिए। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई सरीखी एजेंसियों को संवैधानिक, संघीय मान्यता हासिल है कि वे देश के प्रधानमंत्री को भी जांच के लिए तलब कर सकती हैं। केजरीवाल भी संवैधानिक पद पर हैं और संविधान, लोकतंत्र बचाने के नारों पर राजनीति करते रहे हैं। फिर ईडी के समन को बार-बार ‘अवैध’ करार देना क्या संविधान-सम...
समृद्धि के शिखर एवं गरीबी के गड्ढ़े वाली दुनिया

समृद्धि के शिखर एवं गरीबी के गड्ढ़े वाली दुनिया

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- ललित गर्ग - वैश्विक संस्था ऑक्सफैम ने अपनी आर्थिक असमानता रिपोर्ट में समृद्धि के नाम पर पनप रहे नये नजरिया, विसंगतिपूर्ण आर्थिक संरचना एवं अमीरी गरीबी के बीच बढ़ते फासले की तथ्यपरक प्रभावी प्रस्तुति समय-समय पर देते हुए इसे संतुलित एवं समानतामय संसार-संरचना के लिये घातक बताया है। संभवतः यह एक बड़ी क्रांति एवं विद्रोह का कारण भी बन सकता है। ऑक्सफैम के अनुसार आर्थिक असमानता के लिहाज से पिछले कुछ साल काफी खराब साबित हुए हैं। आज देश एवं दुनिया की समृद्धि कुछ लोगों तक केन्द्रित हो गयी है, भारत में भी ऐसी तस्वीर दुनिया की तुलना में अधिक तीव्रता से देखने को मिल रही है। भारत में भी भले ही गरीबी कम हो रही हो, लेकिन अमीरी कुछ लोगों तक केन्द्रित हो गयी है। बीते चार सालों की घटनाएं, इनमें चाहे कोरोना हो या युद्ध या इससे उपजी महंगाई, बेरोजगारी, अभाव इन सभी कारणों के चलते साल 2020 के बाद दुनियाभर म...
<strong>उथल-पुथल में पाक, भारत रहे चौकस</strong>

उथल-पुथल में पाक, भारत रहे चौकस

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उथल-पुथल में पाक, भारत रहे चौकस आर.के. सिन्हा पाकिस्तान में बीती 8 फरवरी को हुए आम चुनावों के बाद देश में जो एक राजनीतिक स्थिरता की उम्मीद थी, वह फिलहाल तो पूरी तरह खत्म हो गई हैं। पाकिस्तान, जिसकी नियति ही हो गई है हमेशा संकट में रहना I अब तो वह अराजकता की चपेट में है और भारी मुश्किल की स्थिति में दिखाई दे रहा है। हालांकि लंबी कवायद के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग ( नवाज) और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी) ने देश में मिल कर सरकार बनाने का फैसला कर लिया है। फिलहाल राजनीतिक विश्लेषकों, पत्रकारों और आम जन को कुछ समझ नहीं आ रहा कि देश किस दिशा में जा रहा है। हर कोई अनभिज्ञ सा ही दिख रहा है। चुनाव के नतीजों ने पाकिस्तानी सेना के मोटी तोंद वाले जनरलों को उनकी औकात दिखा दी है। उनके लाख चाहने के बावजूद नवाज शरीफ की मुस्लिम लीग को जनता ने बहुमत नहीं दिया। नवाज शरीफ लंदन ...