Shadow

BREAKING NEWS

जिहादी सोच का दमन करना जरूरी

जिहादी सोच का दमन करना जरूरी

addtop, BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राज्य, विश्लेषण, समाचार
जिहादी सोच का दमन करना जरूरी  लेखक::अवधेश कुमार (वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक) उदयपुर में कन्हैयालाल की गला काटकर की गई हत्या की भयानक घटना से देश उद्वेलित है। यदि कन्हैयालाल को नुपुर शर्मा के पक्ष में एक कथित पोस्ट के कारण जान गंवानी पड़ी तो उस कट्टर मानसिकता की वजह से, जिससे उसके हत्यारे रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद भरे हुए थे। इस कट्टर सोच के गिरफ्त में न जाने कितने अन्य रियाज और गौस मजहब के नाम पर अनेक कन्हैयालालों का कत्ल करने को तैयार बैठे हैं।  कन्हैयालाल की हत्या कुछ वैसे ही की गई, जैसे फ्रांस में अक्टूबर, 2020 में शिक्षक सैमुअल पैटी की एक चेचेन जिहादी आतंकी ने की थी। उस हत्यारे को बताया गया था कि पैटी ने अपनी कक्षा में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लेक्चर देते हुए छात्रों को शार्ली आब्दो में छपे वे कार्टन दिखाए थे l जो पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर बनाए गए थे। इसके बाद...
कितने भारतीय कमला हैरिस से ऋषि सुनक तक की कतार में

कितने भारतीय कमला हैरिस से ऋषि सुनक तक की कतार में

BREAKING NEWS, Current Affaires, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES
कितने भारतीय कमला हैरिस से ऋषि सुनक तक की कतार में आर.के. सिन्हा अगर ब्रिटेन के नये प्रधानमंत्री ऋषि सुनक बने जाते हैं, तो वे एक तरह से उसी  परंपरा को ही आगे बढ़ायेंगे, जिसका श्रीगणेश 1961 में सुदूर कैरिबियाई टापू देश गयाना में भारतवंशी छेदी जगन ने किया था। वे तब गयाना के निर्वाचित प्रधानमत्री बन गए थे। उनके बाद मॉरीशस में शिवसागर रामगुलाम से लेकर अनिरूध जगन्नाथ, त्रिनिदाद और टोबैगो में वासुदेव पांडे, सूरीनाम में चंद्रिका प्रसाद संतोखी,  अमेरिका में कमल हैरिस वगैरह उप-राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री बनते रहे। ये सभी उन मेहनतकश भारतीयों की संताने रहे हैं, जिन्हें गोरे दुनियाभर में लेकर गए थे, ताकि वे वहां के चट्टानों की सफाई कर वहां गन्ना की खेती कर लें। दरअसल सन 1834 में दुनिया में गुलामी प्रथा का अंत होने के बाद श्रमिकों की  भारी संख्या में की जरूरत पड़ी जिसके बाद गोरे भारत से एग्रीमेंट करक...
कोरोना की संक्रमण क्षमता कम करने के लिए वैज्ञानिकों ने खोजा नया तंत्र

कोरोना की संक्रमण क्षमता कम करने के लिए वैज्ञानिकों ने खोजा नया तंत्र

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, विश्लेषण, सामाजिक
कोरोना की संक्रमण क्षमता कम करने के लिए वैज्ञानिकों ने खोजा नया तंत्र नई दिल्ली, 15 जुलाई (इंडिया साइंस वायर): भारतीय शोधकर्ताओं ने सिंथेटिक पेप्टाइड्स के एक नये वर्ग की संरचना का खुलासा किया है। है। यह पेप्टाइड संरचना, कोविड-19 के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) के कोशिकाओं में प्रवेश को बाधित करने के साथ-साथ वायरॉन्स (Virions) को जोड़ सकती है, जिससे उनकी संक्रमित करने की क्षमता कम हो सकती है। वायरॉन संपूर्ण वायरस कण को कहते हैं, जिसमें आरएनए या डीएनए कोर होता है। वायरॉन के बाहरी आवरण के साथ प्रोटीन की परत होती है, जो वायरस का बाह्य संक्रामक रूप होता है। कोरोना वायरस के नये रूपों के तेजी से उभरने से कोविड-19 टीकों द्वारा दी जाने वाली सुरक्षा कम हो जाती है, जिससे वायरस संक्रमण रोकने के नये तरीके खोजना आवश्यक हो जाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस अध्ययन से उभरा नया दृष्टिको...
कितने सच है अफसरों पर जवानों की आत्महत्या के आरोप ?

कितने सच है अफसरों पर जवानों की आत्महत्या के आरोप ?

addtop, BREAKING NEWS, CURRENT ISSUE, EXCLUSIVE NEWS
कितने सच है अफसरों पर जवानों की आत्महत्या के आरोप ? आखिर क्यों दुश्मन की छाती चीरने वाले बन जाते है अपनी ही जान के दुश्मन। सुरक्षाबलों के प्रशिक्षण के दौरान उन्हें तनाव से निपटने के तरीके बताने चाहिए व म्यूजिक थेरेपी, योग, ध्यान, प्राणायाम जैसे उपायों को पुरजोर अपनाना चाहिए।  पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों के अधिकारियों कि यह जिम्मेवारी बने कि वे कर्मचारियों की समस्याएं सुने तथा उन्हें सुलझाने का प्रयास करें ताकि बातचीत के द्वारा जवानों की परेशानी समय पर दूर हो सके। सुरक्षाबलों में ऐसे सख्त कानून बनाए जाएं जिनसे अफसरों के द्वारा चेतावनी के तौर पर जवानों से लिए जा रहे घरेलू कामों पर रोक लगे और उनके आत्म सम्मान को ठेस न पहुंचे। -प्रियंका 'सौरभ' राजस्थान राज्य के राजगढ़ क्षेत्र के गाँव घणाऊ के सीआरपीएफ सब इंस्पेक्टर विकास वर्मा के बाद अब राजस्थान के जोधपुर में स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस ब...
क्या नयी शब्द नियमावली बदलेगी सदन का माहौल?

क्या नयी शब्द नियमावली बदलेगी सदन का माहौल?

BREAKING NEWS, Current Affaires, EXCLUSIVE NEWS, राज्य, सामाजिक
क्या नयी शब्द नियमावली बदलेगी सदन का माहौल? मृत्युंजय दीक्षित वर्ष- 2022 में संसद का मानसून सत्र एक नई कहानी लिखने जा रहा है क्योंकि इस बार सांसदों के लिए एक पुस्तिका जारी की गयी है जिसके अनुसार कम से कम 60 शब्दों के बोलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। विगत कई वर्षों से जब भी संसद कोई सत्र आहूत किया जाता है तो इसका कोई भी दिन बिना हंगामे और शोरगुल के नहीं बीतता है। इसी हंगामे और शोरगुल के बीच माननीय सांसद गण सदन कि मर्यादा को भूलकर असंसदीय शब्दावली का उपयोग करते जिन्हें बाद में सदन की कार्यवाही के रिकार्ड से बाहर किया जाता है। लेकिन इस बार संभवतः दृश्य अलग होगा क्योंकि अब नये नियमों के अनुसार लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान सदस्य चर्चा में हिस्सा लेते हुए जुमलाजीवी, बालबुद्धि, जयचंद, कोविड स्प्रेडर और स्नूपगेट जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं कर पाएंगे। लोकसभा सचिवालय ने दोहरा चरित्र...
महिलाओं में बढ़ रही है धूम्रपान की लत

महिलाओं में बढ़ रही है धूम्रपान की लत

BREAKING NEWS, Current Affaires, TOP STORIES, राज्य, सामाजिक
महिलाओं में बढ़ रही है धूम्रपान की लत -ललित गर्ग- भारत के लिये यह बेहद चिन्ताजनक एवं दुखद स्थिति है कि बड़ी संख्या में नवयुवतियां एवं महिलाएं धूम्रपान के जाल में फंसती जा रही है। ताजा अध्ययन बताते हैं कि 20 प्रतिशत महिलाएं तंबाकू उत्पादों की गिरफ्त में फंस चुकी हैं। वे इस बात से बेखबर है कि धूम्रपान की लत उन्हें जीवनभर की परेशानी दे सकती हैं। जीवन बहुमूल्य है और हमें इस जीवन को खुल कर जीना चाहिए, इसका भरपूर आनंद उठाना चाहिए, लेकिन नशे में बर्बाद करना बुद्धिमानी नहीं है। कितना अच्छा होता कि जो महिलाएं आज तंबाकू का सेवन कर रही हैं और जीवन को धुएं में उड़ा रही हैं, वे अपनी सेहत, संस्कृति एवं परिवार पर इसके असर को समझती। वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण (गेट्स) के मुताबिक, देशभर में 20 प्रतिशत महिलाएं तंबाकू उत्पादों का शौक रखती हैं। 10 फीसदी लड़कियों ने खुद सिगरेट पीने की बात को स्वीकार किया ह...
बुनियादी सुविधाओं से जूझते सरकारी स्कूल

बुनियादी सुविधाओं से जूझते सरकारी स्कूल

BREAKING NEWS, Current Affaires, राष्ट्रीय, समाचार, सामाजिक
बुनियादी सुविधाओं से जूझते सरकारी स्कूल (निजी स्कूलों का बढ़ता कारोबार और बंद होते सरकारी स्कूल देश में एक समान शिक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है, उदाहरण के लिए हरियाणा जैसे विकसित राज्य की सरकार अभी सरकारी स्कूली शिक्षा को खत्म करने की चिराग योजना लाई है. अगर आप सरकारी स्कूलों में बच्चे पढ़ाएंगे तो 500₹ आपको भरने हैं, प्राइवेट में पढ़ाएंगे तो 1100₹ सरकार आपके बच्चे की फीस के भरेगी. ये किसे प्रमोट किया जा रहा है? सरकारी स्कूली शिक्षा को या प्राइवेट को?) -सत्यवान 'सौरभ' पिछले तीन दशकों में, भारत ने हर गांव में एक स्कूल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है। किसी भी समुदाय में चलो, चाहे वह कितना भी दूरस्थ क्यों न हो, और यह संभव है कि आप एक सरकारी स्कूल देखेंगे। करीब 11 लाख प्राथमिक विद्यालयों के साथ, हमारे पास दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी स्कूल प्रणाली है। लिंग, जाति या धर्म के बावजूद, स्कूल ...
ज़मानत क़ानून में सुधार की ज़रूरत

ज़मानत क़ानून में सुधार की ज़रूरत

BREAKING NEWS, Current Affaires, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, विश्लेषण
ज़मानत क़ानून में सुधार की ज़रूरत *रजनीश कपूर गर्मियों की छुट्टियों के बाद जहां एक दिन में 44 फ़ैसले सुना कर सुप्रीम कोर्ट ने अपने इतिहास में एक नया रिकोर्ड बनाया वहीं ज़मानत के क़ानून में सुधार को लेकर केंद्र सरकार को एक नया क़ानून बनाने पर विचार करने को भी कहा। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल व न्यायमूर्ति एमएम सुंद्रेश की बेंच वाली कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि “भारत को कभी भी एक पुलिस स्टेट नहीं बनना चाहिए, जहां जांच एजेंसियां औपनिवेशिक युग की तरह काम करें।” इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिकाओं के निपटारे के लिए समय-सीमा की जरूरत को भी दोहराया है। कोर्ट ने इस बात पर भी चिंता जताई कि महिला क़ैदियों के साथ लगभग एक हज़ार बच्चों को भी जेलों में रहना पड़ रहा है। ये बच्चे बड़े हो कर अपराधी बनेंगे इस बात के अंदेशे से इन्कार नहीं किया जा सकता। क़ानून में यह बात स्पष्ट रूप से लिखी...
शेरों के बहाने हंगामा, विपक्ष की दहशत का प्रतीक

शेरों के बहाने हंगामा, विपक्ष की दहशत का प्रतीक

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, राज्य, राष्ट्रीय, सामाजिक
शेरों के बहाने हंगामा, विपक्ष की दहशत का प्रतीक  (क्या भारत के प्रतीक चिन्ह को एक राजनीतिक मुद्दा बनाना सही है? अगर मेरी व्यक्तिगत राय पूछें तो शेरों के खुले मुहं को दिखाना एक बहुत अच्छी बात है. ये शेर हमारे राष्ट्रीय प्रतीक हैं. शांति हमारी आत्मा में बसी है लेकिन बदलते दौर में अग्रेशन दिखाना भी बहुत जरुरी है. क्योंकि आज के पॉलिटिकल और शक्तिशाली होते युग में हम केवल शांति के दूत बनकर नहीं रह सकते. हम चारों तरफ दुश्मनों से घिरे हुए हैं इसलिए राष्ट्र के अग्रेशन को दिखाना बहुत जरूरी है. यह भारत की एग्रेसिव विदेश नीति का प्रतीक  भी हो सकते हो सकते हैं ताकि दुश्मन इस देश की तरफ नजर करने से पहले हजार बार सोचे.) -प्रियंका 'सौरभ' अशोक स्तंभ संवैधानिक रूप से भारत सरकार ने 26 जनवरी 1950 को राष्ट्रीय प्रतीक के तौर पर अपनाया था. इसे शासन, संस्कृति और शांति का सबसे बड़ा प्रतीक माना गया है. ल...
Plastic 2 Precious: Students use art to reimagine plastic recycling

Plastic 2 Precious: Students use art to reimagine plastic recycling

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES
Plastic 2 Precious: Students use art to reimagine plastic recycling New Delhi, July 13th (India Science Wire): The government has launched a mega coastal cleanup drive for 75 days to clean 75 beaches across the country. The campaign named as ‘Swachh Sagar, Surakshit Sagar’ was launched on July 3 and will culminate with the largest beach cleaning event on September 17th, observed as International Coastal Cleanup Day. The government along with several national civil society organizations target to remove 1,500 tonnes of garbage from the sea coasts in the first-of-its-kind clean up drive across 75 beaches of India. This will be a huge relief to not only locals and tourists but also to the aquatic life and marine animals endangered by littering on the shores. The cleanup drive will also ...