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सार्वजनिक धन के कुशल उपयोग के लिए कई सुधारों की आवश्यकता

सार्वजनिक धन के कुशल उपयोग के लिए कई सुधारों की आवश्यकता

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सार्वजनिक धन के कुशल उपयोग के लिए कई सुधारों की आवश्यकता -सत्यवान 'सौरभ' उचित रूप से प्रबंधित लेखा प्रणाली धन पर उचित नियंत्रण सुनिश्चित करने में मदद करती है। लेखांकन नीतियों और प्रक्रियाओं को वित्तीय नियंत्रण को नियंत्रित करने वाली कानूनी/प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने वाले खातों को संकलित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। खाते गतिविधियों के वित्तीय प्रबंधन का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। खातों के आधार पर, सरकार अपनी वित्तीय और राजकोषीय नीतियों के आकार को नियंत्रित करती है। वर्तमान समाज की जरूरतों को पूरा करने के लिए वित्तीय संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए सार्वजनिक धन का कुशल उपयोग इस तरह से आवश्यक है कि यह भविष्य की पीढ़ियों के समाजों की अपनी जरूरतों को पूरा करने की क्षमता से समझौता न करे। भारत में सार्वजनिक धन के प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए कानूनी और ...
संसदीय लोकतंत्र और वैश्वीकरण

संसदीय लोकतंत्र और वैश्वीकरण

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संसदीय लोकतंत्र और वैश्वीकरण  संसद सरकार के कामकाज के लिए एक केंद्रीय आधारभूत संस्था है। दुनिया भर के देशों ने संसदीय संस्थाओं को इस तरह विकसित किया है जो स्थानीय जरूरतों के लिए सबसे उपयुक्त है। सामाजिक, सांस्कृतिक और भाषाई विविधताओं के बावजूद, एक सामान्य बात यह है कि विभिन्न देशों की संसदें लोगों का प्रतिनिधित्व करती हैं और उनकी जरूरतों, आशाओं और आकांक्षाओं की पूर्ति करती हैं; संसद लोगों के प्रतिनिधियों को स्वतंत्र रूप से अपने विचार व्यक्त करने और सरकारी गतिविधियों की जांच करने के लिए एक मंच प्रदान करती है। इस मंच पर ही राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के मामलों पर विस्तार से चर्चा की जाती है और शासन के विभिन्न कानूनों, नीतियों और कार्यक्रमों को आकार दिया जाता है। संसद की संस्था एक जीवित इकाई है। इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उभरती जरूरतों और लगातार बदलते परिदृश्य के साथ खुद...
कौन लोकतंत्र को जीवंतता एवं भ्रष्टाचार मुक्ति देगा

कौन लोकतंत्र को जीवंतता एवं भ्रष्टाचार मुक्ति देगा

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कौन लोकतंत्र को जीवंतता एवं भ्रष्टाचार मुक्ति देगा-ललित गर्ग- राष्ट्र में अन्याय, शोषण, भ्रष्टाचार, अनाचार और राजनीतिक अराजकता के विरुद्ध समय-समय पर क्रांतियां होती रही हैं। लेकिन उनका साधन और उद्देश्य शुद्ध न रहने से उनका दीर्घकालिक परिणाम संदिग्ध रहा है। यही कारण है कि लोकतंत्र को जीवंतता देने की बात हो या भ्रष्टाचार मुक्ति का आह्वान, असरकारक नहीं हो पा रहे हैं। सत्ता और संपदा के शीर्ष पर बैठकर यदि जनतंत्र के आदर्शों को भुला दिया जाता है तो वहां लोकतंत्र के आदर्शों की रक्षा नहीं हो सकती। पश्चिम बंगाल विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्षी नेताओं के बीच हाथापाई इसी का नतीजा थी। पिछले दिनों वहां के रामपुरहाट में हुई हिंसा में आठ लोग जल कर मर गए। उसी के विरोध में विपक्षी दलों ने सदन में जवाब मांगा, तो सत्तापक्ष के नेता हिंसक हो उठे। उस घटना से सबक नहीं लिया गया और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के...
CSE releases analysis of winter air pollution trends for Delhi-NCR

CSE releases analysis of winter air pollution trends for Delhi-NCR

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Centre for Science and Environment (CSE) PRESS RELEASE CSE releases analysis of winter air pollution trends for Delhi-NCR Minor drop in seasonal air pollution, but the level still very high Pollution from non-stubble sources dominate Marginal improvement in Delhi’s winter air quality despite the wettest winter Despite the stabilised trend in average levels, Delhi still had higher numbers of ‘severe’ or ‘worse’ air quality days compared to other big cities in NCR Contribution of stubble smoke intensified post-Diwali due to concentrated burning. But non-stubble sources accounted for almost 80 per cent of the seasonal average levels 30 monitoring locations in Delhi recorded declining trend in seasonal averages this winter. However, Lodhi Road and Rohini registered high...
क्या सफल होंगे समांतर व नई विश्व व्यवस्था के संघर्ष ? अनुज अग्रवाल

क्या सफल होंगे समांतर व नई विश्व व्यवस्था के संघर्ष ? अनुज अग्रवाल

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क्या सफल होंगे समांतर व नई विश्व व्यवस्था के संघर्ष ? - अनुज अग्रवाल जो बाइडेन के अनुसार पुतिन "युद्ध अपराधी" व "कसाई " हैं। सच में ऐसा ही है। पुतिन अत्यंत ही क्रूरता से अमेरिका के वर्चस्व की हत्या कर रहे हैं। यूक्रेन पर गिरती हर मिसाइल अमेरिका , नाटो , यूरोपियन यूनियन व जी- 7 देशों के घमंड को तोड़ती जा रही है। नाटो देशों के हर नए प्रतिबंधों की घोषणा रूस की युद्ध आक्रामकता को और बढ़ा देती है। रूस यूक्रेन के शहर दर शहर सैन्य ठिकानों को नष्ट करता जा रहा है और उसका वि-सैन्यकरण कर रहा है तो उधर नाटो देशों से हथियारों की नई खेप पहुँच जाती है और फिर दूसरे चरण में रूस यूक्रेन के शहरों को तबाह कर देता है। यूक्रेन के वि-सैन्यकरण व उसको नाज़ीवाद से मुक्त करने के इस तथाकथित अभियान में यूक्रेन की एक चौथाई जनता विस्थापित हो गयी है इसके बाद भी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलांसकी अमेरिका व न...
भारत वर्तमान में यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, इज़राइल और अन्य देशों के साथ एफटीए पर बातचीत करने की प्रक्रिया में है

भारत वर्तमान में यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, इज़राइल और अन्य देशों के साथ एफटीए पर बातचीत करने की प्रक्रिया में है

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भारत वर्तमान में यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, इज़राइल और अन्य देशों के साथ एफटीए पर बातचीत करने की प्रक्रिया में है वस्त्र राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने हाल ही में एक मुक्त व्यापार समझौते-एफटीए पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे भारतीय वस्त्र और परिधानों के निर्यात को बढ़ावा मिलने की संभावना है। भारत, वर्तमान में यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, इज़राइल और अन्य देशों/क्षेत्रों के साथ एफटीए पर बातचीत करने की प्रक्रिया में है। बांग्लादेश, कंबोडिया और श्रीलंका आदि जैसे पड़ोसी प्रतिस्पर्धी देशों की तुलना में भारत कुछ बाजारों जैसे यूरोपीय संघ, ब्रिटेन आदि में शुल्क हानि का सामना कर रहा है। सरकार अपनी बाज़ार पहुंच पहल (एमएआई) योजना के अंतर्गत विभिन्न निर्यात को व्यापार मेलों, प्रदर्शनियों, क्रेता-विक...
स्टील कचरे के उपयोग से टिकाऊ सड़क

स्टील कचरे के उपयोग से टिकाऊ सड़क

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स्टील कचरे के उपयोग से टिकाऊ सड़क नई दिल्ली, 30 मार्च (इंडिया साइंस वायर): हर साल देश भर में विभिन्न संयंत्रों से निकला करीब 1.90 करोड़ टन स्टील अपशिष्ट आमतौर पर लैंडफिल में चला जाता है। यह स्टील अपशिष्ट अब ‘कचरे से कंचन’ की कहावत चरितार्थ कर रहा है। स्टील अपशिष्ट का उपयोग ऐसी मजबूत सड़कें बनाने में हो रहा है, जिन्हें  सड़क परिवहन को सशक्त बनाने के साथ ही साथ स्टील अपशिष्ट  के निपटान  के एक सुरक्षित विकल्प के रूप में भी देखा जा रहा है। गुजरात के सूरत शहर में हजीरा औद्योगिक क्षेत्र में पायलट परियोजना के अंतर्गत ऐसी एक किलोमीटर लंबी सड़क तैयार की गयी है। स्टील कचरे से इस सड़क का निर्माण वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की घटक प्रयोगशाला सीएसआईआर-केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई), नीति आयोग, और आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील (एएमएनएस) इंडिया की पहल पर आधारित है। यह ...
भारत का लक्ष्य दुनिया का सबसे बड़ा स्टार्टअप केंद्र बनने का है

भारत का लक्ष्य दुनिया का सबसे बड़ा स्टार्टअप केंद्र बनने का है

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भारत का लक्ष्य दुनिया का सबसे बड़ा स्टार्टअप केंद्र बनने का है: श्री पीयूष गोयल केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता कार्य और खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री, श्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि देश का लक्ष्य दुनिया में सबसे बड़ा स्टार्टअप ईकोसिस्टम बनने का है। संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में 'गेटवे टू ग्रोथ - राउंडटेबल ऑन इंडियन स्टार्टअप इकोसिस्टम' पर एक सत्र को संबोधित करते हुए, श्री गोयल ने कहा, "आज हम तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं, लेकिन हमारी आकांक्षा दुनिया का नंबर एक स्टार्टअप केंद्र बनने की है। स्टार्टअप बग ने भारत की कल्पना को पहचान लिया है। संपूर्ण नवाचार ईकोसिस्टम जिसका स्टार्टअप उद्योग प्रतिनिधित्व करता है, भारत को एक नई दिशा, नई गति दे रहा है।” संयुक्त अरब अमीरात के उद्यमिता और एसएमई राज्य मंत्री, अहमद बेलहौल अल फलासी (वर्चुअल माध्यम से), डॉ. थानी ...
टीबी उन्मूलन के लिए तम्बाकू उन्मूलन और ग़ैर-संक्रामक रोग नियंत्रण ज़रूरी

टीबी उन्मूलन के लिए तम्बाकू उन्मूलन और ग़ैर-संक्रामक रोग नियंत्रण ज़रूरी

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टीबी उन्मूलन के लिए तम्बाकू उन्मूलन और ग़ैर-संक्रामक रोग नियंत्रण ज़रूरी शोभा शुक्ला और बॉबी रमाकांत - सीएनएस भारत सरकार ने 2025 तक (45 माह शेष) और दुनिया के सभी देशों ने 2030 तक (105 माह शेष) टीबी उन्मूलन के सपने को साकार करने का वादा किया है। परंतु जब तक वह अनेक कारण जो टीबी रोग होने का ख़तरा बढ़ाते हैं, जाँच में मुश्किल पैदा करते हैं, उपचार निष्फल करते हैं, और टीबी से मृत्यु तक का ख़तरा बढ़ाते हैं – जब तक ऐसे कारणों पर अंकुश नहीं लगेगा, तब तक टीबी उन्मूलन कैसे मुमकिन होगा? विश्व स्वास्थ्य संगठन की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एक साल में (2020) 25.90 लाख लोग टीबी से संक्रमित हुए, और 5.1 लाख से अधिक लोग मृत। इन टीबी से ग्रसित 25.90 लाख लोगों में से सिर्फ़ 63% को उपचार नसीब हुआ। जब दवाएँ उपलब्ध हैं और टीबी सेवा केंद्र देश भर में हैं, तो 37% लोग क्यों टीबी उपचार से वंचित रह ग...
‘अमृतकाल’ के रोडमैप पर वैज्ञानिकों का विमर्श

‘अमृतकाल’ के रोडमैप पर वैज्ञानिकों का विमर्श

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‘अमृतकाल’ के रोडमैप पर वैज्ञानिकों का विमर्श नई दिल्ली, 28 मार्च (इंडिया साइंस वायर): लाल किले की प्राचीर से 75वें स्‍वतंत्रता दिवस पर ‘आजादी का अमृत महोत्‍सव’ मनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 'इंडिया@75'; यानी आजादी के 75 वर्षों की बात की, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि आगामी 25 वर्ष (2022-2047) ‘अमृतकाल’ होगा। इस कालखण्ड में हमारे संकल्‍पों की सिद्धि, हमें स्वतंत्रता के 100वें वर्ष तक लेकर जाएगी। प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण इसी पर आधारित है कि 25 साल बाद 2047 में; देश जब स्वतंत्रता का शताब्दी वर्ष मनाएगा, तब तक हमें उतना सामर्थ्यवान बनना होगा, जितना हम पहले कभी नहीं थे। प्रधानमंत्री के विज़न-2047 को साकार करने से जुड़ी एक नई पहल के अंतर्गत हैदराबाद में हाल में दो दिवसीय ‘साइंस लीडर्स कॉन्क्लेव’ आयोजित किया गया, जिसमें शीर्ष वैज्ञानिक संस्थानों के प्रमुख और विचारकों ने आगा...