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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड की तीन इकाइयों के लिये नई निवेश नीति-2012 की प्रयोजनीयता को बढ़ाने की मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड की तीन इकाइयों के लिये नई निवेश नीति-2012 की प्रयोजनीयता को बढ़ाने की मंजूरी दी

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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड की तीन इकाइयों के लिये नई निवेश नीति-2012 की प्रयोजनीयता को बढ़ाने की मंजूरी दी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने उर्वरक विभाग के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के तीन संयंत्रों – गोरखपुर, सिंदरी और बरौनी– के लिये नई निवेश नीति (एनआईपी)-2012 की प्रयोजनीयता को विस्तार देने की बात कही गई है। एचयूआरएल का 15 जून, 2016 को निगमीकरण हुआ था। वह कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), एनटीपीसी लिमिटेड (एनटीपीसी) और इंडियन ऑयल कार्पोरेशन (आईओसीएल) की संयुक्त उपक्रम कंपनी है। एचयूआरएल 12.7 लाख मीट्रिक टन प्रतिवर्ष संस्थापित क्षमता वाले गैस-आधारित यूरिया संयंत्रों की स्थापना करके एफसीआईएल की गोरखपुर और सिंदरी इकाइयों तथा जीएफसीएल की बरौनी इक...
भारतीय भाषाओं में अच्छी गुणवत्ता का वैज्ञानिक साहित्य जरूरी

भारतीय भाषाओं में अच्छी गुणवत्ता का वैज्ञानिक साहित्य जरूरी

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“भारतीय भाषाओं में अच्छी गुणवत्ता का वैज्ञानिक साहित्य जरूरी” केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारतीय भाषाओं में उच्च स्तर के प्रकाशन और अच्छी गुणवत्ता वाले वैज्ञानिक साहित्य तैयार करने के लिए आह्वान किया है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के शोध छात्र सबरीश पी.ए. की पुस्तक "ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ साइंस इन इंडिया" का सोमवार को औपचारिक विमोचन करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन में विज्ञान ने न केवल मानव जीवन के हर क्षेत्र छुआ है, बल्कि यह जीवन को आसान बनाने का साधन भी बनकर उभरा है। इस अवसर पर जेएनयू की नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री पंडित और अन्य शिक्षक उ...
संस्कृति मंत्रालय द्वारा हिमालय की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है

संस्कृति मंत्रालय द्वारा हिमालय की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है

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संस्कृति मंत्रालय द्वारा हिमालय की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है संस्कृति मंत्रालय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम तथा अरुणाचल प्रदेश के इलाके में फैले हिमालयी क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने, संरक्षित करने और इसे बचाये रखने के उद्देश्य से अनुसंधान, प्रलेखन, प्रसार आदि के माध्यम से एक वित्तीय अनुदान योजना लागू करता है, जिसे हिमालय की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं विकास के लिए वित्तीय सहायता योजना के रूप में जाना जाता है। इस योजना के तहत कॉलेजों और विश्वविद्यालयों सहित स्वैच्छिक संगठनों को सांस्कृतिक विरासत पर अध्ययन व अनुसंधान, कला और संस्कृति के दृश्य कार्यक्रम तथा पारंपरिक एवं लोक कला प्रशिक्षण, पुरानी पांडुलिपियों, साहित्य, कला व शिल्प के संरक्षण और सांस्...
भारत-जापान शिखर बैठक : संयुक्‍त वक्‍तव्‍य

भारत-जापान शिखर बैठक : संयुक्‍त वक्‍तव्‍य

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भारत-जापान शिखर बैठक : संयुक्‍त वक्‍तव्‍य जापान के प्रधानमंत्री महामहिम श्री किशिदा फुमियो अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा के रूप मेंभारत के प्रधानमंत्री महामहिम श्री नरेन्द्र मोदी केसाथ 14वें भारत-जापान वार्षिक शिखर बैठक में भाग लेने के लिए 19 मार्चसे 20मार्च 2022के दौरान एक आधिकारिक दौरे पर भारत आए। दोनों प्रधानमंत्रियों ने यह स्वीकार किया कि यह शिखर बैठक एक ऐसे महत्वपूर्ण समय पर हो रही है जब दोनों देश अपने द्विपक्षीय राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं और भारत अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। दोनों नेताओं ने पिछले वार्षिक शिखर बैठक के बाद के घटनाक्रमों की समीक्षा की और आपसी सहयोग के व्यापक मुद्दों पर चर्चा की। 1. भारत और जापान के बीच विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी को दोहराते हुए, दोनों प्रधानमंत्रियों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि 2018 में जार...
जैव विविधता संरक्षण में मददगार हो सकता है नया अध्ययन

जैव विविधता संरक्षण में मददगार हो सकता है नया अध्ययन

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जैव विविधता संरक्षण में मददगार हो सकता है नया अध्ययन भारतीय शोधकर्ताओं की एक ताजा खोज से जैव विविधता संरक्षण के वैश्विक प्रयासों को बढ़ावा मिल सकता है। अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों समेत बंगलूरू स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के शोधकर्ताओं के संयुक्त अध्ययन में पता चला है कि भारत के पूर्वी घाट, और पश्चिमी घाट के पूर्वी किनारों पर स्थित घास के मैदान पौधों की नई प्रजातियों की खोज के लिए समृद्ध स्रोत हो सकते हैं। पौधों की नई प्रजातियों की खोज के लिए वैज्ञानिक अब तक उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में वनों पर ही मुख्य रूप से अपना ध्यान केंद्रित करते रहे हैं। घास के मैदानों को इस धारणा के आधार पर नजरअंदाज कर दिया जाता है कि वे जंगलों के कृत्रिम क्षरण से बने हैं। अक्सर मान लिया जाता है कि घास के मैदानों में केवल पहले से ही ज्ञात कुछ प्रजातियाँ हो सकती हैं, और वहाँ कुछ भी नया मिलने की उम्मीद नहीं ह...
हिजाब पर फैसले में बाबा साहेब की राय कितनी अहम

हिजाब पर फैसले में बाबा साहेब की राय कितनी अहम

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हिजाब पर फैसले में बाबा साहेब की राय कितनी अहम आर.के. सिन्हा बाबा साहेब डॉ बी० आर० अम्बेडकर किसी गंभीर और संवेदनशील मसले पर भी अपनी राय  बेबाकी से ही रखते थे। उनकी मुस्लिम समाज की औरतों के हिजाब और बुर्का पहनने पर प्रगट किये गए सार्वजनिक विचार 75 सालों के बाद भी समीचिन और स्पष्ट हैं। इसलिए ही  कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्य के स्कूलों में हिजाब पहनने या ना पहनने को लेकर चल रही बहस पर अपना फैसला सुनाते हुए बाबा साहेब के विचारों का भी विस्तार से हवाला दिया। बाबा साहब ने अपनी मशहूर किताब “पाकिस्तान ओर द पार्टिशन ऑफ इंडिया (1945)”  में लिखा था, 'एक मुस्लिम महिला सिर्फ अपने बेटे, भाई, पिता, चाचा ताऊ और शौहर को देख सकती है या फिर अपने वैसे रिश्तेदारों को जिन पर विश्वास किया जा सकता है। वो मस्जिद में नमाज अदा करने तक भी नहीं जा सकती। मुसलमानों में भी हिंदुओं की तरह और कई जगह तो उनसे भी ज्यादा साम...
बिना युद्ध विराम और शांति के कैसे होगी स्वास्थ्य सुरक्षा?

बिना युद्ध विराम और शांति के कैसे होगी स्वास्थ्य सुरक्षा?

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बिना युद्ध विराम और शांति के कैसे होगी स्वास्थ्य सुरक्षा? बॉबी रमाकांत - सीएनएस वैश्विक स्तर पर कोविड महामारी की जन स्वास्थ्य आपदा चल रही है, पर जब अस्पताल पर बमबारी हो रही हो तो ऐसे में स्वास्थ्य सुरक्षा की बात करना कितना बेमायने है। यदि स्वास्थ्य सुरक्षा प्राथमिकता है तो यूक्रेन और रूस के मध्य तुरंत युद्ध विराम हो और शांति क़ायम हो। संवाद से समस्याओं का हल निकले क्योंकि युद्ध से समस्याएँ सुलझती नहीं बल्कि और जटिल हो जाती हैं। हालत इतने ख़राब हैं कि बच्चों के अस्पताल भी सुरक्षित न रहें। ऐम्ब्युलन्स हो या क्लिनिक, अस्पताल हो या स्वास्थ्यकर्मी या ज़ख़्मी लोग या अन्य रोगी, सब पर बमबारी हो गयी। इन स्वास्थ्यकर्मी या ज़ख़्मी लोगों या रोगियों पर हमला करने से क्या रूस और यूक्रेन की समस्या हल हो जाएगी? स्वास्थ्य व्यवस्था को ध्वस्त करने से न सिर्फ़ वर्तमान बल्कि भविष्य भी अंधकारमय हो रहा है। इसील...
चार राज्यों के चुनाव में नये  मिथक गढ़ती भाजपा

चार राज्यों के चुनाव में नये मिथक गढ़ती भाजपा

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चार राज्यों के चुनाव में नये  मिथक गढ़ती भाजपा पांच राज्यों में से चार राज्यों में नयी ताकत से लौटी भाजपा ने कई मिथक तोड़े द्य यूपी और उत्तराखंड में उसकी वापसी पर राजनीतिक गलियारों में आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है द्य अलबत्ता पंजाब में आप की जीत भी कोई कम करिश्माई नहीं मानी जा रही है द्य जहां सबसे नई आम आदमी पार्टी ने देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का एक तरह से सूपड़ा ही साफ़ कर दिया द्य यहां भी कुछ वैसा ही घटा जैसा दो बार दिल्ली में घट चुका द्य पांचो राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने अपनी जमीन और छोटी कर ली है द्य हर  राज्य में उसका प्रदर्शन सबसे लचर रहा द्य यद्यपि महत्व  सभी राज्यों के चुनावों का अपनी जगह पर है लेकिन यूपी और पंजाब पर देश की ख़ास निगाहें थीं द्य पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस आंतरिक कलह से जूझ रही थी द्य उसके सामने सत्ता बचाने का संकट था द्य सिद्धू की अकड़ ए पार्ट...
बिजली ट्रांसफॉर्मर की दक्षता बढ़ाने के लिए सिलिका का उपयोग

बिजली ट्रांसफॉर्मर की दक्षता बढ़ाने के लिए सिलिका का उपयोग

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बिजली ट्रांसफॉर्मर की दक्षता बढ़ाने के लिए सिलिका का उपयोग पिछले कुछ वर्षों से बिजली की निरंतर बढ़ती माँग के साथ-साथ विद्युत प्रणालियों को बेहतर बनाने की चुनौती भी बढ़ी है। बिजली व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग ट्रांसफार्मर है, जिसके कोर में ऊर्जा क्षरण के साथ-साथ करंट प्रवाह में भूमिका निभाने वाली वाइंडिंग में गर्मी उत्पन्न होती है। इस समस्या से बचने के लिए ट्रांसफार्मर में इंसुलेटिंग ऑयल का उपयोग किया जाता है, जो कूलेंट का काम करता है, और ट्रांसफार्मर के ताप को संतुलित रखता है। ट्रांसफार्मर ऑयल उचित इन्सुलेशन प्रदान नहीं करता, तो ट्रांसफार्मर फेल हो सकता है, जिससे बिजली का प्रवाह बंद हो जाता है। ट्रांसफार्मर में तापमान 200 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने से आग लग सकती है। पारंपरिक ट्रांसफार्मर ऑयल के साथ एक समस्या है कि यह अपघटित नहीं होता। इसीलिए, ट्रांसफार्मर में उपयोग होने वाले पारंपरिक ...