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क्या ‘द कश्मीर फाइल्स’ से बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक के चश्मे को उतार पाएंगे?

क्या ‘द कश्मीर फाइल्स’ से बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक के चश्मे को उतार पाएंगे?

BREAKING NEWS, Current Affaires, सामाजिक
क्या 'द कश्मीर फाइल्स' से बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक के चश्मे को उतार पाएंगे? -प्रियंका 'सौरभ' 'द कश्मीर फाइल्स' 1990 में कश्मीरी पंडितों द्वारा कश्मीर विद्रोह के दौरान सहे गए क्रूर कष्टों की सच्ची कहानी बताती है। यह एक सच्ची कहानी है, जो कश्मीरी पंडित समुदाय के कश्मीर नरसंहार की पहली पीढ़ी के पीड़ितों के वीडियो साक्षात्कार पर आधारित है। ये ऐसी कहानियां हैं जिन्हें बताने की जरूरत है जो कई अलगाववादियों के लिए सुनना कठिन हो सकती है। इसके बारे में एक पल के लिए सोचें, अगर कश्मीरी हिंदुओं पर इस तरह के क्रूर अत्याचार हुए हैं, तो क्या आप मानवता की खातिर अपने राजनीतिक झुकाव को अलग नहीं रखेंगे और न्याय के अधिकार में पहली पीढ़ी के पीड़ितों के लिए न्याय की उम्मीद नहीं करेंगे ? यह घाटी में अल्पसंख्यक हिंदू पंडितों की रक्षा करने के अपने दायित्व में राज्य की ओर से एक बड़ी विफलता थी। इसने भारत को...
मुसलमानों का क्या करें?

मुसलमानों का क्या करें?

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मुसलमानों का क्या करें? विनीत नारायण सुजलाम, सुफलाम, मलयज शीतलाम, शस्य श्यामलाम, भारत माता इतनी उदार हैं कि हर भारतवासी सुखी, स्वस्थ व सम्पन्न हो सकता है। पर स्वतंत्रता के 75 वर्ष बाद भी अधिकतर आबादी पेट पालने के लिए भी दान के अनाज पर निर्भर है। कई दशकों तक ‘ग़रीबी हटाओ’ के नाम पर उसे झुनझुना थमाया गया। पर उसकी ग़रीबी दूर नहीं हुई। आज ग़रीबी के साथ युवा बेरोज़गारी एक बहुत बड़ी समस्या बन गयी है । जिसका निदान अगर जल्दी नहीं हुआ तो करोड़ों युवाओं की ये फ़ौज देश भर में हिंसा, अपराध और लूट में शामिल हो जाएगी। हर राजनैतिक दल अपने वोटों का ध्रुवीकरण के लिए जनता को किसी न किसी नारे में उलझाए रखता है और चुनाव जीतने के लिए उसे बड़े-बड़े लुभावने सपने भी दिखाता है। पिछले कुछ वर्षों से अल्पसंख्यक मुसलमानों का डर बहुसंख्यक हिंदुओं को दिखाया जा रहा है। आधुनिक सूचना तकनीकी की मदद से ‘इस्लमोफोबिया’ को घर-घ...
भारत के हित और पड़ोसियों के साथ संपर्क

भारत के हित और पड़ोसियों के साथ संपर्क

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भारत के हित और पड़ोसियों के साथ संपर्क-प्रियंका 'सौरभ' शीत युद्ध के दौरान रणनीतिक अलगाव, उपेक्षा की नीति और किसी भी गुट में न शामिल होने की घोषणा के बाद भारत की क्षेत्रीय नीति सीमा पार संबंधों को मजबूत करने की दिशा में स्थानांतरित हो गई। भारत ने अपनी प्रगति पर विशेष ध्यान देते हुए नई पाइपलाइन बिछाने, बिजली नेटवर्क का निर्माण, बंदरगाह, रेल और हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे का उन्नयन, और लोगों से लोगों के आदान-प्रदान को मजबूत करना अपनी नीतियों में शामिल किया। भारत के सामरिक और आर्थिक हितों के लिए पड़ोसियों के साथ क्षेत्रीय संपर्क का महत्व भारत ने अच्छी तरह समझा। मगर कनेक्टिविटी की इस नीति के साथ दशकों के भू-रणनीतिक विचलन, राजनीतिक राष्ट्रवाद और आर्थिक संरक्षणवाद को भी हमने अपने सामने पाया। नई कनेक्टिविटी नीति से चीन ने भारत को चुनौती मानाऔर अपनी  भू-रणनीतिक प्रतिक्रिया से उपमहाद्वीप म...
Why are women and female entrepreneurs denied equal opportunities

Why are women and female entrepreneurs denied equal opportunities

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Why are women and female entrepreneurs denied equal opportunities in boardrooms and the corporate world? - R.K. Sinha On March 8, the auspicious occasion of International Women's Day, several opinions and perspectives came to light about the numerous successful accomplishments of women across the globe. It was indeed refreshing news to come across. But one aspect that seemed to have not been mentioned was that now women are triumphantly climbing the corporate ladders and snagging peak positions. The appointment of Nishi Vasudeva as the Chairman and Managing director of state-owned Hindustan Petroleum Corporation Limited (HPCL), and Alka Mittal as Interim Chairman and Managing Director of the Oil and Natural Gas Corporation (ONGC) indicates that women are now given favorable opportunit...
संक्रमण पर लगाम लगा सकती है नई टच-लेस स्क्रीन प्रौद्योगिकी

संक्रमण पर लगाम लगा सकती है नई टच-लेस स्क्रीन प्रौद्योगिकी

BREAKING NEWS, Current Affaires, सामाजिक
संक्रमण पर लगाम लगा सकती है नई टच-लेस स्क्रीन प्रौद्योगिकी कोरोना वायरस संक्रमण से उपजी कोविड-19 महामारी  ने हमारी जीवन शैली को बड़े पैमाने पर बदल दिया है। महामारी के प्रकोप ने दुनिया को कोविड-19 अनुकूल व्यवहार और इसके प्रति अनुकूलन स्थापित करने संबंधी प्रयासों को तेज करने के लिए बाध्य किया है। आज अधिकांश गतिविधियां स्वाभाविक रूप से वायरस फैलने के जोखिम को कम करने वाली रणनीतियों से प्रेरित हैं, खासतौर से सार्वजनिक स्थलों पर; जहाँ सेल्फ-सर्विस कियोस्क, एटीएम और अन्य वेंडिंग मशीनों पर टचस्क्रीन का उपयोग करना प्रायः जरूरी होता है। एक नई शोध परियोजना के अंतर्गत भारतीय शोधकर्ताओं को टचलेस सेंसर आधारित स्क्रीन के विकास को मूर्त रूप देने में सफलता मिली है। शोधकर्ताओं ने टच-कम-प्रॉक्सिमिटी सेंसर अर्थात स्पर्श-सह-सामीप्य संवेदक (Sensor) विकसित करने के लिए प्रिंटिंग प्रौद्योगिकी के जरिये एक कि...
उत्तर प्रदेश के लिए भारत की राजनीति में मतलब

उत्तर प्रदेश के लिए भारत की राजनीति में मतलब

Current Affaires, राज्य, विश्लेषण
उत्तर प्रदेश के लिए भारत की राजनीति में मतलब  आर.के. सिन्हा उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के बहुप्रतीक्षित नतीजे सबके सामने आ चुके हैं। वहां पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को प्रचंड बहुमत मिल गया है। यह तो सबको पता है ही। इससे पहले वहां अन्य राज्यों के साथ विधान सभा के लिए ज़ोरदार कैंपेन हुई। पर उत्तर प्रदेश में मतदान के दौरान सुरक्षा, विकास, दलितों के हक में शुरू की गई योजनाओं, हिन्दुत्व के मुद्दों के साथ-साथ ‘देश को मजबूत करना है’ तथा ‘भारत का हित सर्वोपरि है’ जैसे जुमले भी सामान्य मतदाता की तरफ से भी सुनने को मिले। एक तरह से इसका यह अर्थ लगाया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश का हित और विकास भारत के विकास और मजबूती से जुड़ा हुआ है। दरअसल पत्रकारों के राज्य के चुनावी माहौल से जुड़े सवालों के जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश का आम जन मौजूदा सरकार के कामकाज को लेकर राय देते हुए ‘भारत की मजबूती’ या ‘द...
श्रीराम का सूक्ष्म सीतान्वेषण, उनकी पीड़ा, लक्ष्मण द्वारा समझाईश तथा जटायु का उत्सर्ग

श्रीराम का सूक्ष्म सीतान्वेषण, उनकी पीड़ा, लक्ष्मण द्वारा समझाईश तथा जटायु का उत्सर्ग

Current Affaires, धर्म, संस्कृति और अध्यात्म
श्रीराम का सूक्ष्म सीतान्वेषण, उनकी पीड़ा, लक्ष्मण द्वारा समझाईश तथा जटायु का उत्सर्ग श्रीरामकथा के अल्पज्ञात दुर्लभ प्रसंग श्रीराम का सूक्ष्म सीतान्वेषण, उनकी पीड़ा, लक्ष्मण द्वारा समझाईश तथा जटायु का उत्सर्ग नास्ति गंगासमं तीर्थं नास्ति मातृसमो गुरु:। नास्ति विष्णुसमोदेवो नास्ति रामायणात् परम्।। नास्ति वेदसमं शास्त्रं नास्ति शांतिसमं सुखम्। नास्ति शांतिपरं ज्योतिर्नास्ति रामायणात् परम्।। वाल्मीकि रामायण माहात्म्य अध्याय ५-२१-२२ गंगा के समान तीर्थ माता के समान गुरु भगवान् विष्णु के सदृश देवता तथा रामायण से बढ़कर कोई उत्तम वस्तु (ग्रंथ) नहीं है। वेद के समान शास्त्र, शान्ति के समान सुख शान्ति से बढ़कर ज्योति तथा रामायण से उत्कृष्ट कोई काव्य नहीं है। नास्ति क्षमासमं सारं नास्ति कीर्तिसमं धनम्। नास्ति ज्ञानसमो लाभे नास्ति रामायणयात् परम्।। वाल्मीकि रामायण माहात्म्य अध्याय ५-२३ क्षमा क...
खंडित हो रहे परिवार, हमारी संस्कृति में गिरावट के प्रतीक

खंडित हो रहे परिवार, हमारी संस्कृति में गिरावट के प्रतीक

Current Affaires, संस्कृति और अध्यात्म
खंडित हो रहे परिवार, हमारी संस्कृति में गिरावट के प्रतीक--प्रियंका 'सौरभ' परिवार, भारतीय समाज में, अपने आप में एक संस्था है और प्राचीन काल से ही भारत की सामूहिक संस्कृति का एक विशिष्ट प्रतीक है। संयुक्त परिवार प्रणाली या एक विस्तारित परिवार भारतीय संस्कृति की एक महत्वपूर्ण विशेषता रही है, जब तक कि शहरीकरण और पश्चिमी प्रभाव के मिश्रण ने उस संस्था को झटका देना शुरू नहीं किया। परिवार एक बुनियादी और महत्वपूर्ण सामाजिक संस्था है जिसकी व्यक्तिगत और साथ ही सामूहिक नैतिकता को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका है। परिवार सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों का पोषण और संरक्षण करता है।  एक संस्था के रूप में परिवार का आज पतन देखें तो अर्थव्यवस्था के बढ़ते व्यावसायीकरण और आधुनिक राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास ने 20 वीं शताब्दी में भारत में परिवार की संरचना में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। विशेष रूप से...
यूक्रेन युद्ध संकट से उठे भारतीय चिकित्सा शिक्षा प्रणाली पर सवाल

यूक्रेन युद्ध संकट से उठे भारतीय चिकित्सा शिक्षा प्रणाली पर सवाल

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यूक्रेन युद्ध संकट से उठे भारतीय चिकित्सा शिक्षा प्रणाली पर सवाल-सत्यवान 'सौरभ' हाल ही में भारत की चिकित्सा शिक्षा प्रणाली ने यूक्रेन में युद्ध संकट और वाहन फंसे भारतीय मेडिकल  छात्रों को निकालने की आवश्यकता, आरक्षण संबंधी मुकदमेबाजी और तमिलनाडु के एनईईटी से बाहर निकलने के लिए कानून बनाने के कारण हमारा ध्यान अपनी ओर किया है। हमें अब इस बात पर गौर करने की जरूरत है कि व्यवस्था में क्या खराबी है और स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त उपाय करने की जरूरत है। भारत में चिकित्सा शिक्षा की प्रमुख समस्याओं में जनसंख्या मानदंडों के मामले में  मेडिकल छात्रों की  अपर्याप्त सीटें हैं। भारत में आवेदक उम्मीदवारों के अपेक्षा सीटों की संख्या काफी कम है। यहां प्रति वर्ष लाखों छात्र मेडिकल कोर्स में दाखिले के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा यानी नीट में भाग लेते हैं। लेकिन सरकारी कॉलेजों में अभ्यर्थियो...
सशक्त लोकतंत्र के लिये सशक्त विपक्ष जरूरी

सशक्त लोकतंत्र के लिये सशक्त विपक्ष जरूरी

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सशक्त लोकतंत्र के लिये सशक्त विपक्ष जरूरी ललित गर्ग उत्तरप्रदेश सहित पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों परिणामों के बाद एक बात विशेष रूप से उभर कर सामने आयी है कि सशक्त लोकतंत्र के लिये सशक्त विपक्ष बहुत जरूरी है। पंजाब में दिल्ली की ही भांति आम आदमी पार्टी की जो आंधी चली और नगण्य विपक्ष के रूप में आप की सरकार बनने जा रही है, उस तरह की सरकारें बनना एवं प्रचंड बहुमत मिलना लोकतंत्र के लिये गंभीर खतरा है। देश में लोकतंत्र को मजबूत बनाये रखना है तो जितना आवश्यक सत्ता धारी दल का स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाना है, उतना ही आवश्यक है सशक्त विपक्ष का होना ताकि सरकार के कामों पर निगरानी रखी जा सके एवं उसकी गलत नीतियों का विरोध किया जा सके। मजबूत विपक्ष होने से ही सत्तारूढ़ दल भी अपने कार्यों को मर्यादा में रहते हुए जनता के हित में कार्य करता रहेगा अन्यथा सत्ताधारी पार्टी क...