जाधव को सजा—ए—मौत क्यों?
पाकिस्तान की फौजी अदालत ने यदि कुलभूषण जाधव को फांसी पर लटका दिया तो भारत-पाक संबंधों को इतना गहरा झटका लगेगा कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की यह शेष अवधि बांझ साबित हो जाएगी। भारत की जनता नरेंद्र मोदी को किसी भी हालत में पाकिस्तान से संबंध सामान्य नहीं करने देगी। अभी तो भारत सरकार ने इतनी ही प्रतिक्रिया की है कि वह जिन 11 पाकिस्तानी कैदियों को रिहा करनेवाली थी, उन्हें अभी छोड़ा नहीं है और पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को बुलाकर हमारे विदेश सचिव जयशंकर ने अपनी नाराज़गी जाहिर की है। यदि जाधव को पाकिस्तान की फौजी अदालत ने अपील का मौका दे दिया तो यह अनुमान लगाया जा सकता है कि दोनों सरकारें कुछ लेन-देन करके समझौता करना चाहेंगी। जाधव पर आरोप यह है कि वह भारतीय गुप्तचर संस्था ‘राॅ’ का एजेंट है और वह बलूचिस्तान में रहकर न सिर्फ जासूसी कर रहा था बल्कि वहां बगावत भी भड़का रहा था। पाकिस्तानी फ...