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EXCLUSIVE NEWS

Demonetization of high denomination notes

Demonetization of high denomination notes

EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
Prime Minister Narendra Modi has announced demonetization of high denomination currency keeping in view the manifesto of the party to fight corruption and respecting the sentiments of voters. Despite the pain which people are facing in the exercise, generally the scheme has been hailed by Indians across the spectrum. The sentiments are positive and encouraging. In 1946 and 1978, similar demonetization was done in India but the scale at which it is being done now is unprecedented. First, some facts about the demonetized currencies. The note of Rs. 500 was introduced in October 1987-88 while notes of Rs.1,000 were discontinued in January 1978 and reissued in November 2000. The history of Rs.1,000 note is interesting. It was first introduced in 1938 under the British rule and then d...
कूटनीति के स्तर पर व्यर्थ का आशावाद

कूटनीति के स्तर पर व्यर्थ का आशावाद

EXCLUSIVE NEWS, SPECIAL ISSUE, विश्लेषण
भारत-श्रीलंका के मध्य कतिपय मुद्दों को लेकर तनाव बना हुआ है। जल क्षेत्र और मछुआरों को लेकर प्रायः संघर्ष की स्थिति बनी रहती है। रानिल विक्रमसिंघे ने दो टूक ढंग से कह दिया है कि श्रीलंकाई जलक्षेत्र में भारतीय मछुआरों को महाजाल का प्रयोग करने की अनुमति बिल्कुल नहीं दी जाएगी। वास्तव में भारत और श्रीलंका के परस्पर संबंध पिछले कुछ दशकों से निरंतर जटिल बने रहे हैं। भारतीय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा श्रीलंका के गृह युद्ध में हस्तक्षेप किया गया था, जिसके बाद से ही श्रीलंका और भारत के संबंधों में फिर कभी वैसी उष्मा और सहिष्णुता दिखाई नहीं पड़ सकी। श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे के कार्यकाल के आखिरी दौर में तो भारत-श्रीलंका के द्विपक्षीय संबंध बहुत अधिक खराब हो गए थे। यह उम्मीद की जा रही थी कि श्रीलंका में सत्ता परिवर्तन के उपरांत भारत-श्रीलंका संबंधों को नई दिशा और उष्मा...
विमुद्रीकरण के उपरांत सरकार, राजनीति और समाज में उभरी विसंगतियों को दूर करने संबंधी सुझावों हेतू मौलिक भारत का प्रतिवेदन

विमुद्रीकरण के उपरांत सरकार, राजनीति और समाज में उभरी विसंगतियों को दूर करने संबंधी सुझावों हेतू मौलिक भारत का प्रतिवेदन

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प्रतिष्ठा में, माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री भारत सरकार, नई दिल्ली -110001 बिषय : विमुद्रीकरण के उपरांत सरकार, राजनीति और समाज में उभरी विसंगतियों को दूर करने संबंधी सुझावों हेतू मौलिक भारत का प्रतिवेदन माननीय महोदय, व्यवस्था में सुशासन और पारदर्शिता के लिए संघर्षरत हमारी संस्था मौलिक भारत के माध्यम से विमुद्रीकरण के उपरांत पिछले एक माह में हमने चार प्रतिवेदनों द्वारा सरकार के विमुद्रीकरण के उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा आ रहे अवरोधों को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए और हमें हर्ष है कि उनमें से अधिकांश को सरकार द्वारा माना गया। महोदय, देश में अत्यंत भ्रम की स्थितियां उतपन्न हो चुकी हें। कालेधन के कुबेर जो व्यवस्था के अंदर और बाहर बड़ी मजबूती से घुसे हुए हें ने वृहद स्तर पर सरकार की मंशा और सद्प्रयासों को विफल करने के लिए सुनियोजित अभियान चला रखा है। दुः...
गौरक्षक आहत क्यों ?

गौरक्षक आहत क्यों ?

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जिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिला जिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिला सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज बरसी है. नरेंद्र मोदी के उभार के बाद से बीजेपी बेहद मजबूती से उन पर दावा ठोंक रही है इसीलिए सरकार बनते ही अक्टूबर 2014 में सरदार पटेल का एक स्टैच्यू बनाने का ऐलान किया गया. कहा गया कि 182 फुट का ये स्टैच्यू दुनिया में सबसे ऊंचा होगा और इसे ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (SOU) कहा जाएगा. ...
ये आतंकी हमले तो होते रहेंगे

ये आतंकी हमले तो होते रहेंगे

EXCLUSIVE NEWS
सूचना क्रांति के इस युग में जबकि घटना घटित होने से पूर्व ही विश्लेषण एवं निष्कर्र्ष संभव होने के दावे किये जा रहे हैं, एक नयी मासिक पत्रिका का प्रकाशक चौकाता तो है ही, साथ ही इससे स्पष्ट हो जाता है कि या तो प्रकाशक भावावेशी है अथवा एक सुनियोजित मस्तिष्क, किन्तु व्यवसायिक बिल्कुल भी नहीं। निश्चय ही यह कदम एक सुनियोजित योजना का प्रथम पग है। सैंकड़ो राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक पत्र-पत्रिकाओं, चैनलों, प्रकाशनों, सेमिनारों, जनर्लों व पुस्तकों आदि के बाद भी अगर 'डॉयलाग' की आवश्यकता है तो क्यों? क्या अब तक के डॉयलाग अधुरे थे? अथवा उनके निष्कर्ष अप्रभावी? शायद ऐसा नहीं है। हमारा उद्देश्य किसी वाद, विचारधारा, दर्शन अथवा मत को बड़ा या छोटा करना नहीं है, न ही उसे नकारना अथवा उसको महत्वहीन या महत्वपूर्ण साबित करना। हम सब मतों, विचारों, आन्दोलनों दर्शनों का सम्मान करते हैं और उनकी अपने समय के अनुरुप ...
चक्रव्यूह में मोदी सरकार

चक्रव्यूह में मोदी सरकार

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