
न्यायपालिका अपराधियों का
न्यायपालिका अपराधियों कागठजोड़ दिखाई देता है लालू कीजमानत का केस देख कर -मीलॉर्ड रात को 9 बजे सुनवाईनहीं कर सकते थे क्या ?लालू मोदी की “गर्दन” दबानेकी बात कर रहा है, जानते हो ?
CBI ने लालू की जमानत रद्द करने की मांग की थी जिस पर जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने शुक्रवार को मामले को सुनवाई के लिए लगाने पर ही सवाल खड़ा कर दिया और अगली तारीख 17 अक्टूबर, लगा दी -
जजों ने इतने पुराने केस के लिए भी कह दिया कि इसे ऐसे दिन लगना चाहिए जब नए केसों की सुनवाई होती है, सोमवार और शुक्रवार इसमें शामिल नहीं हैं -
दिसंबर, 2013 में सजा के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में पहली अपील दायर की थी लालू ने लेकिन आज तक सुनवाई नहीं हुई है जबकि अन्य 4 और केस में कुल मिला कर 32.5 साल की सजा हो चुकी है -
एक केस में उसके वकील सिब्बल ने दलील दी की उसने साढ़े तीन साल यानि आधी सजा भुगत ली है और इसलिए...