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फ्रांस को नस्लीय भेदभाव खत्म करने की आवश्यकता!

फ्रांस को नस्लीय भेदभाव खत्म करने की आवश्यकता!

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
इन दिनों फ्रांस नफरत की आग में जल रहा है। वहां हिंसा पर हिंसा हो रही है। हमें यहां यह जानने समझने की जरूरत है कि आखिर फ्रांस के नफरत की आग में जलाने के पीछे आखिर कारण क्या हैं ? तो इस संबंध में जानकारी देना चाहूंगा कि हाल ही में फ्रांस की राजधानी पेरिस के पास 17 वर्षीय एक युवक नाहेल को ट्रैफिक पुलिस की ओर से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर गोली मार दी गई और इसके बाद वहां हिंसा भड़क उठी। मीडिया के हवाले से जानकारी मिली है कि पुलिस ने जिस 17 वर्षीय नाहेल को गोली मारी, वो अपनी मां की इकलौती संतान था। | वो डिलीवरी ब्वॉय का काम करता था और रग्बी का लीग प्लेयर था। वास्तव में, यह बहुत ही संवेदनशील और गंभीर है कि फ्रांस में घटना के बाद जगह-जगह आगजनी हो रही है। लोगों में इतना गुस्सा है कि उन्होंने शहर की अनेक इमारतों, यहां तक कि दुकानों और वाहनों तक को आग के हवाले कर दिया है। बहुत नुक्सान हुआ है।...
जिन्होंने डीयू को बनाया महान शिक्षा का मंदिर

जिन्होंने डीयू को बनाया महान शिक्षा का मंदिर

EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
आर.के. सिन्हा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दिल्ली यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोहों के अंत में मौजूद रहना इस बात की गवाही है कि यह  कितना खास शिक्षण संस्थान है। महात्मा गांधी 12 अप्रैल, 1915 को पहली बार दिल्ली आए। उनके साथ कस्तूरबा गांधी जी भी थीं। उनका सेंट स्टीफंस कालेज के प्रिंसिपल सुशील कुमार रुद्रा ने स्वागत किया। वे रुद्रा साहब के कॉलेज परिसर में बने आवास में ही ठहरे। वह कश्मीरी गेट स्थित कॉलेज इमारत अब भी है। अब भी सेंट स्टीफंस कॉलेज प्रिंसिपल के कक्ष में एक बड़ी सी ग्रुप फोटो लगी है,जो गांधी जी की उस यात्रा की याद दिलाती है। गांधी जी उसके बाद भी यहां आते  रहे। वे जब भी यहां आये तो उनका सेंट स्टीफंस और हिंदू कॉलेज के छात्रों और अध्यापकों ने स्वागत किया। हालांकि वे जब पहली बार दिल्ली आये थे तब दिल्ली यूनिवर्सिटी की स्थापना तक नहीं हुई थी। तब तक यहां के...
हाथी मेरे साथी विनीत नारायण

हाथी मेरे साथी विनीत नारायण

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, साहित्य संवाद
बचपन से हम विशालकाय हाथियों को देख कर उत्साहित और आह्लादित होते रहे हैं। काज़ीरंगा, जिम कोर्बेट,पेरियार जैसे जंगलों में हाथी पर चढ़ कर हम सब वन्य जीवन देखने का लुत्फ़ उठाते आये हैं। जयपुर में आमेर काक़िला देखने भी लोग हाथी पर चढ़ कर जाते हैं। सर्कस में रिंग मास्टर के कोड़े पर आज्ञाकारी बच्चे की तरह बड़े-बड़ेहाथियों के करतब करते देख बच्चे-बूढ़े दंग रह जाते हैं। धनी लोगों के बेटों की बारात में हाथियों को सजा-धजा करनिकाला जाता है। मध्य युग में हाथियों की युद्ध में बड़ी भूमिका होती थी। देश के तमाम धर्म स्थलों में और कुछशौक़ीन ज़मीदाराना लोगों के घरों में भी पालतू हाथी होते हैं। दक्षिण भारत के गुरुवयूर मंदिर में 60 हाथी हैं जोपूजा अर्चना में भाग लेते हैं।आजतक मैं भी सामान्य लोगों की तरह गजराज के इन विभिन्न रूपों और रंगों को देख कर प्रसन्न होता था। परपिछले हफ़्ते मेरी यह प्रसन्नता दो घंटे में क...
दृढ़ता और संतोष, खुशियों के स्त्रोत

दृढ़ता और संतोष, खुशियों के स्त्रोत

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, साहित्य संवाद
मनुष्य के रूप में हम उस पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो हमारे पास नहीं है, और जो हमारे पास है उसे नज़रअंदाज़ करते हैं या यहाँ तक कि अनदेखा भी करते हैं। आज बहुत से लोग सोचते हैं कि जीवन एक दौड़ है जहाँ आपको हर चीज़ में सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए। हम शायद एक शानदार कार, एक बड़ा घर, बेहतर कमाई वाली नौकरी, या अधिक पैसा चाहते हैं। जैसे ही हम एक चीज़ हासिल कर लेते हैं, अगली चीज़ की दौड़ शुरू हो जाती है। बहुत से व्यक्ति अपने द्वारा प्राप्त की गई हर उपलब्धि के लिए आभारी होने के लिए एक मिनट का भी समय नहीं निकालते हैं। वे जो दूरी तय कर चुके हैं, उस पर पीछे मुड़कर देखने के बजाय, जो दूरी बची है उसे तय करने के लिए खुद को आगे बढ़ाते हैं। और कुछ मामलों में, यह तब होता है जब महत्वाकांक्षा लालच बन जाती है। -डॉ सत्यवान सौरभ दृढ़ता आत्मा की दृढ़ता है, विशेषकर कठिनाई में। यह सदाचार की खोज में निरंतरता प्...
भारत में किसानों की आय हो रही है दोगुनी

भारत में किसानों की आय हो रही है दोगुनी

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, राज्य
भारत में लगभग 60 प्रतिशत आबादी आज भी ग्रामीण इलाकों में रहती है एवं इसमें से बहुत बड़ा भाग अपनी आजीविका के लिए कृषि क्षेत्र पर निर्भर है। यदि ग्रामीण इलाकों में निवास कर रहे नागरिकों की आय में वृद्धि होने लगे तो भारत के आर्थिक विकास की दर को चार चांद लगाते हुए इसे प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत से भी अधिक किया जा सकता है। इसी दृष्टि से केंद्र सरकार लगातार यह प्रयास करती रही है किसानों की आय को किस प्रकार दुगुना किया जाय। इस संदर्भ में कई नीतियों एवं सुधार कार्यक्रम लागू करते हुए किसानों की आय को दुगुना किये जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। अप्रेल 2016 में इस सम्बंध में एक मंत्रालय समिति का गठन भी केंद्र सरकार द्वारा किया गया था एवं किसानों की आय बढ़ाने के लिए सात स्त्रोतों की पहचान की गई थी, इनमे शामिल हैं, फसलों की उत्पादकता में वृद्धि करना, पशुधन की उत्पादकता में वृद्धि करना, संसाधन के उपयोग मे...
<strong>भारत के समृद्धशालियों एवं प्रतिभाओं का पलायन क्यों?</strong>

भारत के समृद्धशालियों एवं प्रतिभाओं का पलायन क्यों?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
ललित गर्ग धनाढ्य परिवारों का भारत से पलायन कर विदेशों में बसने का सिलसिला चिन्ताजनक है। ऐसे क्या कारण है कि लोगों को देश की बजाय विदेश की धरती रहने, जीने, व्यापार करने, शिक्षा एवं रोजगार के लिये अधिक सुविधाजनक लगती है, नये बनते भारत के लिये यह चिन्तन-मंथन का कारण बनना चाहिए। हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार, अनुमानित 6,500 हाई- नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (एचएनआई) के 2023 में भारत से बाहर जाने की संभावना है, पिछले वर्ष की तुलना में यह करोड़पतियों के देश छोड़कर जाने की 7500 की संख्या भले ही कुछ सुधरी है, लेकिन नये बनते, सशक्त होते एवं आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर भारत के लिये यह चिन्तन का विषय होना ही चाहिए कि किस तरह भारत की समृद्धि एवं भारत की प्रतिभाएं भारत में ही रहे।रिपोर्ट के अनुसार, उच्च निवल मूल्य वाली व्यक्तिगत आबादी के 2031 तक 80 प्रतिशत की उल्लेखनीय...
वीरांगना रानी दुर्गावती बलिदान दिवस

वीरांगना रानी दुर्गावती बलिदान दिवस

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, धर्म, सामाजिक
वीरांगना रानी दुर्गावती बलिदान दिवस- 24 जून, 2023स्वाभिमान एवं शौर्य की प्रतीक थी दुर्गावती-ः ललित गर्ग:-भारत का इतिहास महिला वीरांगनाओं के शौर्य, शक्ति, बलिदान, स्वाभिमान एवं प्रभावी शासन व्यवस्था के लिये दुनिया में चर्चित है। इन वीरांगणाओं ने जहां हिंदू धर्म, संस्कृति एवं विरासत को प्रभावित किया, वहीं इन्होंने संस्कृति, समाज और सभ्यता को नया मोड़ दिया है। अपने युद्ध कौशल एवं अनूठी शासन व्यवस्था से न केवल भारत के अस्तित्व एवं अस्मिता की रक्षा की बल्कि अपने कर्म, व्यवहार, सूझबूझ, स्वतंत्र सोच और बलिदान से विश्व में आदर्श प्रस्तुत किया है। भारतीय इतिहास ऐसी महिला वीरांगनाओं की गाथाओं से भरा हैं। लेकिन उनमें से केवल रानी दुर्गावती ऐसी विलक्षण, साहसी एवं कर्मयोद्धा साम्राज्ञी हैं जिन्हें उनके बलिदान, स्वाभिमान और वीरता के साथ गोंडवाना के एक कुशल शासक के तौर पर याद किया जाता है।  24 जून ...
क्या आस्था मनोरंजन का विषय है?

क्या आस्था मनोरंजन का विषय है?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, संस्कृति और अध्यात्म
रजनीश कपूरपिछले कुछ दिनों से एक फ़िल्म को लेकर देश भर में काफ़ी विवाद चल रहा है। कारण है इस फ़िल्म में दिखाए गएभ्रामक दृश्यों और आपत्तिजनक डायलॉग। समाज का एक बड़ा हिस्सा, धार्मिक गुरु व संत और राजनैतिक दलफ़िल्म के निर्माताओं को हर मंच पर घेर रहे हैं। विवादों के चलते सोशल मीडिया पर इस फ़िल्म को दुनिया भर सेकाफ़ी ट्रोल भी किया गया है। सवाल उठता है कि क्या मनोरंजन के लिए आप आस्था से खिलवाड़ कर सकते हैं?क्या आस्था मनोरंजन का विषय है?रामायण पर आधारित फ़िल्म ‘आदिपुरुष’ के निर्माताओं ने इस फ़िल्म में कुछ पात्रों का विवादास्पद चित्रण कियाहै, जो हिंदुओं की भावना को ठेस पहुँचा रहा है। इसके साथ ही इस फ़िल्म में बोले गये कई ऐसे डायलॉग भी हैं जोकि सभ्य नहीं माने जा सकते। जैसे ही विवाद बढ़ा तो फ़िल्म के निर्माता व संवाद लेखक ने अपने पुराने बयानों सेपलटते हुए यह सफ़ाई दी कि “यह फ़िल्म रामायण पर आधारित न...
<strong>नेताजी सुभाष जीवित होते तो देश का बंटवारा न होने देते</strong>

नेताजी सुभाष जीवित होते तो देश का बंटवारा न होने देते

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
आर.के. सिन्हा क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस जीवित होते तो पाकिस्तान कभी  बन पाता? यह बहस लंबे समय से चल रही है। इस विषय पर इतिहासकारों और विद्वानों में मतभेद भी रहे हैं।    अब इस बहस में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने हाल ही में कहा कि "अगर नेताजी सुभाष चंद्र बोस जिंदा होते तो भारत का बंटवारा नहीं होता।” क्या वे मोहम्मद अली जिन्ना को समझा पाते कि भारत के बंटवारे से किसी को कुछ लाभ नहीं होगा? यह सवाल अपने आप में काल्पनिक होते हुए भी महत्वपूर्ण हैं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन काल में ही अखिल भारतीय मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान का प्रस्ताव पारित किया था। जिन्ना ने 23 मार्च, 1940 को लाहौर के बादशाही मस्जिद के ठीक आगे बने मिन्टो पार्क में जनसभा को संबोधित करते हुए अपनी घनघोर सांप्रदायिक सोच को प्रकट कर दिया था। जिन...
<em>लोकसभा चुनाव 2024 में अहम् भूमिका अदा करेगा ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा के निर्णय ?</em>

लोकसभा चुनाव 2024 में अहम् भूमिका अदा करेगा ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा के निर्णय ?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, समाचार
डॉ. अजय कुमार मिश्राअखिलेश मिश्रालोकसभा चुनाव अप्रैल-मई 2024 में महज 7 महीने की अवधि अब शेष है | हालियाँ विधानसभा चुनाव परिणाम ने केंद्र सरकार को पुनः उत्तर प्रदेश पर गहराई से फोकस करने हेतु सजग किया है, क्योंकि देश की सत्ता की चाभी उत्तर प्रदेश की सहमति के बिना संभव नहीं है | सर्वाधिक लोकसभा सीट (80) उत्तर प्रदेश में ही है | केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को प्रदेश में लागूं करने में उत्तर प्रदेश सरकार प्रथम भी रहा है | पर यदि यहाँ की आम जनता की आवश्यकताओं को मूल्यांकित कर प्राथमिक आवश्यकताओं का चुनाव करना हो तो बिजली की आपूर्ति महत्वपूर्ण आवश्यकताओं में से एक है | रोजगार, स्व-रोजगार सभी की धूरी बिजली पर निर्भर करती है | ऐसे में ऊर्जामंत्री की भूमिका अति महत्वपूर्ण रूप से निकलकर सामने आती है जिन्होंने महज एक वर्ष के कार्यकाल में अपने निर्णय से यह सुनिश्चित कर दिया है की प्रत्येक आदमी तक...