समान नागरिक संहिता का विरोध अनुचित
अवधेश कुमारविधि आयोग द्वारा समान नागरिक संहिता या कॉमन सिविल कोड पर फिर से आम लोगों और धार्मिक संस्थाओं आदि का सुझाव मांगना स्पष्ट करता है कि अब इसके साकार होने का समय आ गया है। पिछले वर्ष ही गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि अब कॉमन सिविल कोड की बारी है। उसी समय लग गया था कि केंद्र सरकार इस दिशा में आगे बढ़ चुकी है। उत्तराखंड सरकार ने इसके लिए एक समिति का गठन किया था। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने भी समान नागरिक संहिता की बात की।फिर असम सरकार ने भी इसकी घोषणा की। कुल मिलाकर केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारों की ओर से धीरे-धीरे यह संदेश दिया जाता रहा है कि हमारे संविधान निर्माताओं ने भारत के लिए जिस समान नागरिक कानून का सपना देखा और संविधान में उसे शामिल किया उसको साकार करने का कार्य नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार भीऔर प्रदेश की भाजपा सरकार है करने जा रही है।...