
हलाल कावड़ यात्रा से दो हजार करोड़ से ज्यादा कमाते हैं मुसलमान
हलाल कावड जिहाद अनभिज्ञ क्यों, अब हिंदुओं को भगवान भी नहीं बचा सकते
====================
आचार्य विष्णु हरि सरस्वती
मैंने कभी लव जिहाद शब्द का नाम दिया था, कभी मैंने नमाजी हिंसा जिहाद शब्द का नाम दिया था, आज मैं हलाल कांवड शब्द का नाम दे रहा हूं। हलाल कांवड का कन्सेप्त अभी तक विचारण और विमर्श से बाहर क्यों है? तुम्हारी पैरों के नीचे से जमीन सिखक रही है और तुम अभी भी अपरिचित और अज्ञानी बने बैठो हों तो फिर भगवान भी तुम्हें बचा नहीं सकते हैं।मेरे परिचित को एक एक कावंड चाहिए था। कांवड खोजने हमलोग निकले। बहुत खोजने के बाद अब्दुल करीम नामक व्यक्ति की दुकान से कांवड मिला। मेरा दोस्त आश्चर्यचकित नहीं था, उसे क्या मतलब कि कांवड कौन बेच रहा है? उसे कांवड खरीदना है और फिर हरिद्वार से गंगा से जल लाकर भगवान शिव मंदिर पर चढा देना है, धर्म-पुण्य का कार्य उसका पूरा हो जाता है।लेकिन मेरे लिए आ...