
अवसादों भरा हफ़्ता
अवसादों भरा हफ़्ता
विनीत नारायण
पिछला हफ़्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अवसादों से भरा रहा। जो घटनाएँ घटीं उनका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष असर भारत
पर भी पड़ेगा। इस क्रम में सबसे ज़्यादा दुखद घटना जापान के पूर्व प्रधान मंत्री शिंजो आबे की नृशंस हत्या है। वे न
केवल जापान के सशक्त और लोकप्रिय नेता थे बल्कि विश्व राजनीति में भी उनका सर्वमान्य प्रभावशाली व्यक्तित्व
था। इस तरह की हिंसा जापान की संस्कृति में अनहोनी घटना है। कुछ लोगों को अंदेशा है कि इसके पीछे चीन का
हाथ हो सकता है। जिसने हत्यारे को मनोवैज्ञानिक रूप से इस हाराकिरी के लिए उकसाया होगा। ऐसे षड्यंत्रों का
प्रमाण आसानी से जग-ज़ाहिर नहीं होता, इसलिए दावे से कुछ भी नहीं कहा जा सकता। पर ऐसा अंदेशा लगाने
वालों का तार्किक आधार यह है कि ‘साउथ एशिया सी’ में चीन की बढ़ती दादागिरी को रोकने की जो पहल शिंजो
आबे ने की उससे चीन जाहिरन बहुत विचलित...