कितने परोपकारी हैं भारत के पूंजीपति
कितने परोपकारी हैं भारत के पूंजीपति
आर.के. सिन्हा
गौतम अडाणी ने सेहत, शिक्षा और कौशल विकास के लिए 60 हजार करोड़ रुपए देने का संकल्प लिया है। जाहिर है कि यह कोई-छोटी मोटी राशि तो नहीं है न?
देखिए , इससे सुखद कोई बात नहीं हो सकती कि देश में आप जो भी अपनी बुद्धि और मेहनत से दिन - रात एक करके पैसा कमाते हैं, उसे यदि वे उसी देश-समाज को वापस कर दें जिससे आपने कमाया है। बेशक, यह भारतीय कॉरपोरेट इतिहास के सबसे बड़े दानों में से एक है। पर इतना कहना ही होगा कि हमारे देश में अब भी गिनती के ही कारोबारी या पैसे वाले लोग हैं जो परोपकार के लिए अपना कमाया धन समाज के परोपकार में देते हैं। इस लिहाज से मोटा-मोटी अजीम प्रेमजी, शिव नाडार, मुकेश अंबानी, नंदन नीलकेणी, टाटा ग्रुप वगैरह का ही नाम मुख्य रूप से सबसे पहले जेहन में आता है। अजीम प्रेमजी के लिए कहा जाता है कि वे औसत रोज 22 करोड़ रुपए दान में...