Shadow

EXCLUSIVE NEWS

महावीर जयन्ती, बाहर ही नहीं, भीतर को आलोकित करें

महावीर जयन्ती, बाहर ही नहीं, भीतर को आलोकित करें

BREAKING NEWS, Current Affaires, EXCLUSIVE NEWS, संस्कृति और अध्यात्म, सामाजिक
महावीर जयन्ती, 14 अप्रैल, 2022 बाहर ही नहीं, भीतर को आलोकित करें -ललित गर्ग- जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्मोत्सव चैत्र शुक्ल त्रयोदशी, इस वर्ष 14 अप्रैल 2022 को सम्पूर्ण दुनिया में मनाया जायेगा। यह दिन महावीर की शिक्षाओं एवं सिद्धान्तों को अपनाने एवं धारण करने का दिन है। महावीर ने जो शिक्षाएं दी, वे जन-जन के लिये अंधकार से प्रकाश, असत्य से सत्य एवं निराशा से आशा की ओर जाने का माध्यम बनी है। इसलिये भी जैन धर्म के अनुयायियों के लिये महावीर जयन्ती का महत्व है। महावीर लोकोत्तम पुरुष हैं, उनकी शिक्षाओं की उपादेयता सार्वकालिक, सार्वभौमिक एवं सार्वदेशिक है, दुनिया के तमाम लोगों ने इनके जीवन एवं विचारों से प्रेरणा ली है। सत्य, अहिंसा, अनेकांत, अपरिग्रह ऐसे सिद्धान्त हैं, जो हमेशा स्वीकार्य रहेंगे और विश्व मानवता को प्रेरणा देते रहेंगे। महावीर का संपूर्ण जीवन मानवता के अभ्य...
रामनवमी या रावणनवमी?

रामनवमी या रावणनवमी?

BREAKING NEWS, CURRENT ISSUE, EXCLUSIVE NEWS, सामाजिक
रामनवमी या रावणनवमी? डॉ. वेदप्रताप वैदिक इस बार भारत में हमने रामनवमी कैसे मनाई ? हमने रामनवमी को रावणनवमी में बदल दिया। देश के कई शहरों और गांवों में एक समुदाय के लोग दूसरे समुदाय से भिड़ गए। यहां तक की जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्र, जिन्हें देश में अत्यंत प्रबुद्ध माना जाता है, वे भी आपस में भिड़ गए। कई शहरों में लाठियां, ईंट और गोलियां भी चलीं। कुछ प्रदर्शनकारी पुलिस की ज्यादती के भी शिकार हुए। यह सब हुआ है, उसके जन्म दिन पर, जिसे अल्लामा इक़बाल ने ‘इमामे हिंद’ कहा है। इकबाल का शेर है- है राम के वजूद पे हिंदोस्तां को नाज़। अहले-नज़र समझते हैं इसको इमामे हिंद!! राम को भगवान भी कहा जाता है और मर्यादा पुरुषोत्तम भी। लेकिन राम के नाम पर कौनसी मर्यादा रखी गई? राम को सांप्रदायिकता के कीचड़ में घसीट लिया गया। इसके लिए हमारे देश के वामपंथी और दक्षिणपंथी तथा हिंदू और मुसलमान, दोनों जिम्मेद...
पाक अधिकृत कश्मीर का ख़ौफ़नाक सच

पाक अधिकृत कश्मीर का ख़ौफ़नाक सच

Current Affaires, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, विश्लेषण
पाक अधिकृत कश्मीर का ख़ौफ़नाक सच विनीत नारायण ‘द कश्मीर फ़ाइल्ज़’ में जो दिखाया गया है वो उस ख़ौफ़नाक सच के सामने कुछ भी नहीं है जो अब अमजद अय्यूब मिर्ज़ा ने पाक अधिकृत कश्मीर में हुए हिंदुओं के वीभत्स नरसंहार के बारे में केलिफ़ोरनिया के अख़बार में प्रकाशित किया है। अय्यूब मिर्ज़ा ने पिछले महीने 21 मार्च को प्रकाशित अपने लेख में ‘द कश्मीर फ़ाइल्ज़’ को एक दमदार फ़िल्म बताते हुए इस बात की तारीफ़ की है कि कैसे इस फ़िल्म ने पाकिस्तान समर्थित जिहादियों और श्रीनगर के स्थानीय कट्टरपंथियों के आतंक को रेखांकित किया गया है। इस लेख में मिर्ज़ा लिखते हैं कि ये तो प्याज़ की पहली परत उखाड़ने जैसा है। उनके अनुसार जम्मू कश्मीर से अल्पसंख्यक हिंदुओं व सिखों को मारने और भगाने का सिलसिला 1990 से ही नहीं शुरू हुआ। इसकी जड़ें तो 1947 के भारत-पाक बँटवारे के अप्रकाशित इतिहास में दबी पड़ी हैं। अमजद अय्यूब मिर्...
मातृत्व की कला बच्चों को जीने की कला सिखाना है’।

मातृत्व की कला बच्चों को जीने की कला सिखाना है’।

Current Affaires, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
मातृत्व की कला बच्चों को जीने की कला सिखाना है'। (माँ अपने बच्चे के चेहरे पर पहली मुस्कान देखती है।) --प्रियंका 'सौरभ' यह एक सर्वविदित तथ्य है कि पांच साल से कम उम्र के बच्चे के लिए सबसे अच्छी उम्र होती है क्योंकि वह इस उम्र में सबसे ज्यादा सीखता है। एक बच्चा पांच साल से कम उम्र के घर पर ज्यादातर समय बिताता है और इसलिए वह घर पर जो देखता है और देखता है उससे बहुत कुछ सीखता है। छत्रपति शिवाजी को उनकी माँ ने बचपन में नायकों की कई कहानियाँ सुनाईं और वे बड़े होकर कई लोगों के लिए नायक बने। घर पर ही एक बच्चा सबसे पहले समाजीकरण सीखता है। एक बच्चा पहले घर पर बहुत कुछ सीखता है। लेकिन आज, चूंकि अधिकांश माता-पिता कमाने वाले व्यक्ति हैं, इसलिए वे अपने बच्चों के साथ गुणवत्तापूर्ण समय नहीं बिता सकते हैं। बच्चों को प्ले स्कूलों में भेजा जाता है और अक्सर उनके दादा-दादी द्वारा उनका पालन-पोषण किया जाता...
तृतीय विश्व युद्ध की पहल करता यूक्रेन – रूस युद्ध

तृतीय विश्व युद्ध की पहल करता यूक्रेन – रूस युद्ध

BREAKING NEWS, Current Affaires, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES
तृतीय विश्व युद्ध की पहल करता यूक्रेन - रूस युद्ध या विश्व के स्थाई भविष्य के लिए चेतावनी है यूक्रेन - रूस युद्ध डॉ. शंकर सुवन सिंह यूक्रेन की सीमा पश्चिम में यूरोप और पूर्व में रूस से जुडी है। द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) खत्म होने के बाद दुनिया दो गुटों में बंट गई थी। एक तरफ अमेरिका और दूसरी तफर सोवियत संघ था। यूक्रेन वर्ष 1991 से पहले सोवियत संघ का हिस्सा था। 25 दिसंबर 1991 को सोवियत संघ टूट गया और 15 अलग-अलग देश बन गए। ये 15 मुल्क हैं- यूक्रेन, आर्मीनिया, अजरबैजान, बेलारूस, इस्टोनिया, जॉर्जिया, कजाकिस्तान, कीर्गिस्तान, लातविया, लिथुआनिया, मालदोवा, रूस, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान। यूक्रेन ने वर्ष 1991 में अपनी स्वतन्त्रता की घोषणा की थी। 1991 में यूक्रेन के अलग होने के बाद से दोनों देशों के बीच विवाद शुरू हो गया था। रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 1991 में सोव...
ताकि हवाई चप्पल पहना शख्स करे हवाई यात्रा

ताकि हवाई चप्पल पहना शख्स करे हवाई यात्रा

BREAKING NEWS, Current Affaires, EXCLUSIVE NEWS, सामाजिक
ताकि हवाई चप्पल पहना शख्स करे हवाई यात्रा आर.के. सिन्हा क्या आपने हाल-फिलहाल रेल तथा विमान से सफर किया है? अगर आपने दोनों से यात्रा की है तो आपने कुछ बड़े बदलावों को महसूस किया होगा जो हमारे देश के एविएशन सेक्टर में दिखाई दे रहे हैं। हो यह रहा है कि रेलवे स्टेशनों से अधिक यात्रियों की भीड़ अब हवाई अड्डों पर दिखाई दे रही है। आप किसी दिन राजधानी के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से कहीं चले जाइये या फिर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से अपने गंतव्य स्थल की यात्रा पर निकल जाइये। यकीन मानिए कि आपको इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ज्यादा भीड़ और अफरा-तफरी मिलेगी। इधर से हर वक्त सैकड़ों-हजारों लोग आ-जा रहे होते हैं। हरेक मिनट पर एक फ्लाइट आ –जा रही होती है। शायद ही इतनी रफ्तार से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर गाड़ियों की आवाजाही होती हो। दरअसल इन दोनों ही जगहों का उदाहरण देने का मकसद यह है, क्योंकि;...
मुफ्तखोरी की राजनीति गंभीर आर्थिक संकट को न्यौता

मुफ्तखोरी की राजनीति गंभीर आर्थिक संकट को न्यौता

BREAKING NEWS, Current Affaires, EXCLUSIVE NEWS
मुफ्तखोरी की राजनीति गंभीर आर्थिक संकट को न्यौता  ललित गर्ग  भारत की राजनीति में खैरात बांटने एवं मुफ्त की सुविधाओं की घोषणाएं करके मतदाताओं को ठगने एवं लुभाने की कुचेष्टाओं में सभी राजनीतिक दल लगे हैं। महज राजनीतिक लाभ एवं वोट बैंक को प्रभावित करने के उद्देश्य से मुफ्तखोरी को बढ़ावा देना सरकारों के आर्थिक असंतुलन के साथ ही आत्मघाती उपक्रम है। केंद्र सरकार को उन राज्यों को चेताना चाहिए जो कर्ज चुकाने की क्षमता खोते चले जाने के बाद भी मुफ्त की योजनाओं को बढ़ावा दे रहे हैं। इससे उत्पन्न गंभीर आर्थिक संकट को नजरअंदाज करना राजनीतिक अपरिवक्वता का द्योतक है, वही अवसरवादी एवं स्वार्थ की राजनीति को पनपाने का जरिया है। इस तरह की मुफ्त की संस्कृति एवं जनधन को खैरात में बांटने से किस तरह किसी देश में राजनीतिक संकट खड़ा करने के साथ कानून एवं व्यवस्था के लिए भी चुनौती बन सकता है, इसका ताजा उदाहरण है...
दृष्टिबाधितों को सशक्त कर रहा है ‘दिव्य नयन’

दृष्टिबाधितों को सशक्त कर रहा है ‘दिव्य नयन’

BREAKING NEWS, Current Affaires, EXCLUSIVE NEWS
दृष्टिबाधितों को सशक्त कर रहा है ‘दिव्य नयन’ दिव्यांगों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्नत प्रौद्योगिकी से लैस उपकरणों का विकास इन प्रयासों में प्रमुखता से शामिल है। इसी तरह की एक पहल के अंतर्गत वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा पर्सनल रीडिंग मशीन ‘दिव्य नयन’ विकसित की गई है, जिसकी मदद से किसी भी मुद्रित अथवा डिजिटल दस्तावेज को स्पीच आउटपुट के रूप में प्राप्त किया जा सकता है। ‘दिव्य नयन’ की सहायता से दृष्टिबाधित अथवा निरक्षर लोग मुद्रित एवं डिजिटल दस्तावेज को वॉयस आउटपुट के रूप में सुन सकते हैं। सीएसआईआर की चंडीगढ़ स्थित प्रयोगशाला केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआईओ) के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित यह यंत्र जरूरतमंदों के उपयोग के लिए उपलब्ध करा दिया गया है। केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; राज्...
यूक्रेन संकट के बीच भारत की सामरिक स्वतंत्रता

यूक्रेन संकट के बीच भारत की सामरिक स्वतंत्रता

BREAKING NEWS, Current Affaires, EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय, विश्लेषण
यूक्रेन संकट के बीच भारत की सामरिक स्वतंत्रता -सत्यवान 'सौरभ' यूक्रेन में रूस की कार्रवाइयों ने भारत को असहज स्थिति में छोड़ दिया है क्योंकि यह मास्को और पश्चिम दोनों के साथ अपने हितों को संतुलित करने का प्रयास करता है। चीन और पाकिस्तान के साथ अपने ही पड़ोस में अपने अनुभवों को देखते हुए, भारत एक देश की दूसरे के साथ साझा की जाने वाली सीमाओं को बदलने के एकतरफा प्रयास की निंदा नहीं करने के निहितार्थों से भी सावधान है। क्वाड सदस्यों के साथ रियायतें और समझ में भारत ने तटस्थता बनाए रखना उचित समझा और भारत ने यूएनएससी या संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूसी आक्रमण के खिलाफ मतदान नहीं किया है और इस प्रकार तटस्थता बनाए रखी है। रूसी तेल खरीद कर अपने कच्चे तेल को सस्ते में बेचने की रूसी पेशकश का लाभ उठाते हुए, भारत 2022 में स्वीकृत राष्ट्र से लगभग 1.5 मिलियन बैरल कच्चे तेल का आयात कर सकता है। इसके ...
कोरोना को संक्रामक बनाने वाली आणविक संरचना का खुलासा

कोरोना को संक्रामक बनाने वाली आणविक संरचना का खुलासा

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण, सामाजिक
नई दिल्ली, 05 अप्रैल (इंडिया साइंस वायर): भारतीय शोधकर्ताओं को कोविड-19 के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस के सक्रिय प्रोटीन क्षेत्र की आणविक संरचना दर्शाने में सफलता मिली है। शोधकर्ताओं ने एक महत्वपूर्ण स्पाइक प्रोटीन के एक अनुभाग की संरचना का अध्ययन किया है, जो कोरोना वायरस को संक्रामक बनाता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया यह अध्ययन महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके आधार पर स्पाइक प्रोटीन के विशिष्ट हिस्से को लक्ष्य बनाने वाली दवाओं की खोज का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज के प्रमुख शोधकर्ता डॉ रजनीश गिरी बताते हैं कि “एंडोडोमेन, स्पाइक प्रोटीन का वायरस के अंदर वाला हिस्सा होता है। हमने पाया कि इसकी आणविक संरचना कठोर नहीं होती, बल्कि एंडोडोमेन बेहद लचीला होता है। किसी संरचना के अभाव में यह वायरस के डार्क प्राटीयोम का हिस...