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डाइलॉग इंडिया एकेडेमिया – इंडस्ट्री कांक्लेव एवं इंटरनेशनल एकेडेमिया अवार्ड -2023

डाइलॉग इंडिया एकेडेमिया – इंडस्ट्री कांक्लेव एवं इंटरनेशनल एकेडेमिया अवार्ड -2023

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Dialogue India Academia - Industry Conclave & International Academia Award -2023 Serious dialogue, important suggestions and awards to leading institutions of private higher education and business sector Dialogue India Academia International Award on the basis of ranking of many popular educational institutions of the country for better performance in the field of education by the country's popular magazine Dialogue India and Business Connect in collaboration with PHD Chamber of Commerce and Industry in Delhi's PHD Chamber - Awarded from 2023. Chandigarh University, Amity University, GLA University, Chitkara University, Modi University of Science and Technology, Era Medical College University, Mewar University AKG Engineering College etc. topped the country in various categorie...
<strong>राकांपा की फूट से विपक्षी एकता को झटका</strong>

राकांपा की फूट से विपक्षी एकता को झटका

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  ललित गर्ग:- वर्ष 2024 के चुनाव से पूर्व भारतीय राजनीति के अनेक गुणा-भाग और जोड़-तोड़ भरे दृश्य उभरेंगे। महाराष्ट्र में ताजा राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए तो ऐसा ही लगता है। वहां जो हुआ है उससे विपक्ष में खलबली है, घबराहट एवं बेचैनी स्पष्ट देखी जा सकती है, जो पटकथा महाराष्ट्र में लिखी गयी है, वही बिहार में भी लिखी जा सकती है। राजनीतिक दलों के भ्रष्टाचार को दबाने के लिये, सत्ताकांक्षा एवं आंतरिक असंतोष के चलते ऐसे समझौते, दलबदल एवं उल्टी गिनतियां अब आम बात हो गयी है। कल तक सत्ता पक्ष को कोसने वाले अजित पवार अपनी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से बगावत कर डिप्टी सीएम बन गए हैं। राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले शरद पवार की पार्टी का यह हश्र आश्चर्यकारी ही नहीं, बल्कि एक बड़ा विरोधाभास एवं विपक्ष्ी एकता का संकट भी है। एक तरफ इस तरह के घटनाक्रम को राजनीतिक दलों में आंतरिक असंतोष व ...
<strong><strong>प्रधान मंत्री मुद्रा योजना ने उत्पन्न किए हैं रोजगार के करोड़ों नए अवसर</strong>मंत्री मुद्रा योजना ने उत्पन्न किए हैं रोजगार के करोड़ों नए अवसर</strong>

प्रधान मंत्री मुद्रा योजना ने उत्पन्न किए हैं रोजगार के करोड़ों नए अवसरमंत्री मुद्रा योजना ने उत्पन्न किए हैं रोजगार के करोड़ों नए अवसर

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 प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाय) 8 अप्रेल 2015 को भारत में प्रारम्भ की गई भी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे छोटे व्यवसायियों को बैंक से ऋण उपलब्ध कराना था ताकि इन व्यवसाईयों को अपना व्यापार प्रारम्भ करने में पूंजी की कमी महसूस न हो। यह योजना छोटे कारोबारियों के व्यवसाय को आगे बढ़ाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित हुई है।मुद्रा (MUDRA) का पूरा नाम माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट फंड रीफाइनान्स एजेंसी रखा गया था। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम क्षेत्र के व्यवसाईयों (एमएसएमई) को 10 लाख रुपए तक के ऋण आसान शर्तों पर बैंकों से उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था बैकों के मध्यम से की गई है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत तीन प्रकार के सेक्टर (शिशु, किशोर एवं तरुण) के हिसाब से योजनाएं बनाकर ऋण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। शिशु योजना के अंतर्गत सूक्ष्म व्यवसाईयों को ...
अमेरिका यात्रा : नई शुरुआत का भरोसा

अमेरिका यात्रा : नई शुरुआत का भरोसा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका से मिली “टी शर्ट’ की ट्विटर पर तस्वीर साझा की है और लिखा, 'भविष्य एआई का है, चाहे वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हो या अमेरिका-भारत।' प्रधानमंत्री मोदी ने आगे लिखा कि जब हम एक साथ मिलकर काम करते हैं तो हमारे राष्ट्र मजबूत होते हैं। साथ ही पूरी दुनिया को फायदा पहुंचता है। उनकी अमेरिका की इस राजकीय यात्रा को भी इस मायने में महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि इससे उद्योग व व्यापारिक रिश्तों को नये आयाम मिले हैं। दोनों देशों को एक-दूसरे की जरूरत का पता इस बात से चलता है कि पिछले एक दशक में दोनों देशों का व्यापार दुगना और चीन से ज्यादा हो गया है। जो न केवल दोनों देशों बल्कि वैश्विक आर्थिकी के भी अनुकूल है। दरअसल, अमेरिकी मदद से दोस्त से दानव बन अमेरिका को चुनौती दे रहे चीन का विकल्प अमेरिका भारत के रूप में देखता है। यही वजह है कि कुछ मतभेदों के बावजूद अमेरिका भ...
पंजाब केसरी समूह के अख़बार नवोदय टाइम्स में कोचिंग उद्योग पर मेरा साक्षात्कार

पंजाब केसरी समूह के अख़बार नवोदय टाइम्स में कोचिंग उद्योग पर मेरा साक्षात्कार

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पंजाब केसरी समूह के अख़बार नवोदय टाइम्स में कोचिंग उद्योग पर मेरा साक्षात्कार आज प्रकाशित हुआ है। जगह की कमी के कारण कुछ अंश संपादित किए गए हैं। पाठको की रुचि के लिए मूल साक्षात्कार भी साथ में दे रहा हूँ। देश के प्रमुख कोचिंग संस्थान करियर प्लस के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एवं डायलॉग इंडिया पत्रिका के संपादक अनुज अग्रवाल से नवोदय टाइम्स के बरिष्ठ संवाददाता अनिल सागर की कोचिंग उद्योग की दशा -दिशा पर गहन बातचीत - सरकार द्वारा कोचिंग संस्थानो पर नियंत्रण न होना आश्चर्यजनक - अनुज अग्रवाल प्रश्न : दिल्ली के मुखर्जी नगर के कोचिंग संस्थान में हालिया हुए अग्निकांड के बारे में आप क्या कहेंगे? उत्तर: देश में कोचिंग के सबसे बड़े हब दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक कोचिंग संस्थान में शार्ट सर्किट से लगी आग से बड़ा हादसा हो गया। दर्जनों छात्र घायल हो गए और अनेक ग़ायब हैं जिनके बारे में पुल...
प्रकृति से खिलवाड़ का परिणाम ही हैं प्राकृतिक आपदाएं !

प्रकृति से खिलवाड़ का परिणाम ही हैं प्राकृतिक आपदाएं !

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इन दिनों बिपरजॉय को लेकर देश में काफी चर्चा है। यह एक चक्रवात है। वैसे तो बिपरजॉय का अर्थ होता है 'बहुत खुशी'। लेकिन यह खुशी लेकर नहीं आया है और इन दिनों यह एक बहुत बड़ी मुसीबत बनकर भारत के कई समुद्री इलाकों पर मंडरा रहा है। विशेषकर बिपरजॉय का असर भारत के गुजरात, महाराष्ट्र समेत बहुत से समुद्री इलाकों में देखने को मिल रहा है। इन दिनों मुंबई के मरीन ड्राइव पर समुद्र में रह-रहकर ऊंची -ऊंची लहरें देखने को मिल रही है। यह सब इस चक्रवात के कारण हो रहा है गुजरात में तो चक्रवात को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। वास्तव में बिपरजॉय है क्या ? यहां यह हमें जानने और समझने की जरूरत है। दरअसल, कुछ समय पहले ही दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक डीप-डिप्रेशन बना था, जो अब भयंकर तूफान में तब्दील हो गया है। इसी चक्रवाती तूफान को बिपरजॉय तूफान नाम दिया गया है और यह नाम बांग्लादेश द्वारा सुझाया गया है। मीडिया रिपो...
महाराणा राजसिंह, मेवाड़ का प्रतिरोध, हसन अली और औरंगजेब :

महाराणा राजसिंह, मेवाड़ का प्रतिरोध, हसन अली और औरंगजेब :

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_____________________________________ औरंगजेब का एक बहुत काबिल सेनानायक और फौजदार था, उसका नाम हसन अली था। हसन अली औरंगजेब की नीच आत्मा का सगा हिस्सा था।वह उसके जितना ही धर्मांध, अत्याचारी और हिन्दू द्वेष से भरा हुआ था। यही हसन अली था जिसने औरंगजेब की काफिरों के सभी मन्दिर ध्वस्त कर दिए जाएं ---- वाले राजाज्ञा (1669 ईस्वी का राज्यादेश) का अनुपालन कराते हुए देश के भीतर स्थित बहुत से महत्वपूर्ण मन्दिर नष्ट करवाए। हसन अली ने ही 1670 ईस्वी में गोकुल जाट द्वारा मथुरा के फौजदार अब्दुन नबी को केशवराय मन्दिर तोड़ने की धृष्टता के समय मार डालने के बाद ---- मथुरा की फौजदारी संभाल कर गोकुल जाट के महाविप्लव को शान्त किया था, गोकुल जाट और उनके परिवारी जनों को बंदी बनाकर औरंगजेब के समक्ष प्रस्तुत किया था, जिसमें गोकुल जाट को बर्बर बादशाह ने आगरा के किले के सामने 40 टुकड़ों में कटवाकर क्रूर ह...
नये संसद भवन के साथ इतिहास का निर्माण

नये संसद भवन के साथ इतिहास का निर्माण

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अवधेश कुमारनए संसद भवन के उद्घाटन के समय लगभग राजनीतिक परिदृश्य वही था जो हमने इसके शिलान्यास- भूमि पूजन और योजना के संदर्भ में देखी। विपक्षी दलों के बड़े समूह ने इसका बहिष्कार किया। क्या करीब 100 वर्ष पहले अंग्रेजों द्वारा अपने शासन की मानसिकता से बनाया गया संसद भवन और उसके आसपास की पूरी रचना अनंतकाल तक रहनी चाहिए थी? आजादी के समय न हमारे पास इतना समय था और न संसाधन कि उसका परित्याग कर नए भवन में संविधान सभा चले या निर्वाचित सांसद संसदीय गतिविधियों में हिस्सा ले सकें। कहा जा रहा है कि इसी भवन में हमारी आजादी की घोषणा हुई , संविधान सभा वहीं बैठी आदि आदि। क्या इसके आधार पर उसी संसद भवन को बनाए रखा जाएगा? इसमें लगातार फेरबदल और निर्माण होते भी रहे हैं।1956 में और मंजिलें जोड़ीं गईं थो 1975 में संसद एनेक्सी का निर्माण हुआ। 2002 में अपग्रेडेशन हुआ, पुस्तकालय भवन बना जिसमें कमिटी कक्ष के अलावा...
सेंगोल क्या है और इसकी इतिहास कितनी पुरानी है ? जिसे नए संसद भवन में रखा जाएगा.

सेंगोल क्या है और इसकी इतिहास कितनी पुरानी है ? जिसे नए संसद भवन में रखा जाएगा.

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सेंगोल का 'इतिहास' काफी पुराना है,और यह चोला साम्राज्य से जुड़ा हुआ है. इसकी जरूरी बात यह है कि यह जिसे प्राप्त होता है, उससे "राज्य की प्रजा" निष्पक्ष और न्यायपूर्ण शासन की आशा करते है. "सेंगोल राजदंड" औपचारिक अवसरों पर चोल सम्राटों द्वारा ग्रहण किया जाता था और इसका इस्तेमाल उनके "अधिकार" को दर्शाने के लिए किया जाता था ! बता दूं कि सेंगोल शब्द की "उत्पत्ति" संस्कृत से "संकु" शब्द से हुई है जिसका अर्थ "शंख" होता है ! सनातन धर्म में शंख को काफी पवित्र माना जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन को देश को समर्पित करेंगे. हालांकि, नाम मात्र 19 विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया है और महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी से नए संसद भवन का उद्घाटन कराने की मांग किया है. यह विपक्षी पार्टियों का एक 'Propaganda' है और उनका टार्गेट नरेंद्र मोदी है !! चलिए अब पोस्ट की 'विषयवस्त...
<em>आखिर क्यों बंद होने जा रहे हैं दो हजार रूपये के नोट ?</em>

आखिर क्यों बंद होने जा रहे हैं दो हजार रूपये के नोट ?

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डॉ. अजय कुमार मिश्राभारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने एक आदेश के तहत दो हजार के नोटों को वापस लेने का फैसला लिया है | वर्ष 2016 में जब नोटबंदी हुई थी तब उस समय की आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए इन्हें बाजार में लाया गया था | नोटों को वापस लेने के पीछे आर.बी.आई. का कहना है की 89% दो हजार के नोट मार्च 2017 के पहले जारी किये थे और ये नोट अपनी अवधि पूरी कर चुके है | प्रचलन में इन बैंक नोटों का कुल मूल्य, 31 मार्च, 2018 को अपने चरम पर ₹6.73 लाख करोड़ से घटकर ₹3.62 लाख करोड़ हो गया है | 31 मार्च, 2023 तक, प्रचलन में कुल नोटों का केवल 10.8% ही दो हजार के नोट थे | आर.बी.आई. का यह भी कहना है की दो हजार के नोट साधारणतया प्रयोग में नहीं है | ऐसे में दो हजार की नोट को लेकर आम आदमी के जेहन में कई बातें है जिसकी जानकारी से ही उद्देश्यों की पूर्ति हो पायेगी | आइये जानते है की आखिर क्यों बंद होने जा रहें ह...