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फारूक साहब, जरा जुबान संभाल कर

फारूक साहब, जरा जुबान संभाल कर

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आर.के. सिन्हा फारूक अब्दुल्ला अब तोल मोल कर नहीं बोलते। देश के किसी भी नेता से यह उम्मीद रहती है कि वह सोच-समझकर बयान देगा। लेकिन लगता है, फारूक अब्दुल्ला इस नियम को भूल से गए हैं। या फिर जानबूझकर सुनियोजित ढंग से उलटबयानी कर रहे हैं। कुछ दिन पहले फारुक अब्दुल्ला ने चेनाब घाटी में एक कार्यक्रम के दौरान घोर भारत विरोधी बातें कहीं। फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर भारत के दावे को लेकर कहा: “क्या यह तुम्हारे बाप का है”? उन्होंने आगे कहा : “पीओके भारत की बपौती नहीं है जिसे वह हासिल कर ले”। उन्होंने पाकिस्तान के पक्ष में बोलते हुए कहा- “नरेंद्र मोदी सरकार पाकिस्तान के कब्जे से पीओके को लेकर तो दिखाए।” फारूक अब्दुल्ला के मुताबिक पीओके हासिल करना भारत के लिए आसान नहीं है। याद करो संसद के प्रस्ताव को सच में कभी किसी ने नहीं सोचा होगा किसी राज्य का मुख्यमंत्री से ल...
एक साथ चुनाव से लोकतंत्र मजबूत होगा

एक साथ चुनाव से लोकतंत्र मजबूत होगा

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ललित गर्ग - नीति आयोग ने चुनाव आयोग को वर्ष 2024 से लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का सुझाव देकर एक सार्थक बहस का अवसर प्रदत्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों चुनावों को एक साथ कराने का सुझाव दिया था। राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस सुझाव को राष्ट्रहित में मानते हुए चुनाव आयोग से इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों को एक मंच पर लाने के लिए पहल करने को कहा था। चुनाव एक साथ कराने का विचार बहुत नया हो, ऐसा भी नहीं है। पिछली सरकारों में भी समय-समय पर इस पर चर्चाएं होती रही हैं। लेकिन इस व्यवस्था को लागू करने को लेकर अनेक संवैधानिक समस्याएं भी और कुछ बुनियादी सवाल भी है। इन सबका समाधान करते हुए यदि हम यह व्यवस्था लागू कर सके तो यह सोने में सुहागा होगा। जनता की गाढी कमाई की बर्बादी को रोकने, बार-बार चुनाव प्रक्रिया के होने जनता को होने वाली परेशानी और प्रशा...
एकमात्र तैरती झील लोकटक

एकमात्र तैरती झील लोकटक

Today News, संस्कृति और अध्यात्म
लेखक: अरुण तिवारी लोकटक झील, भारत में ताजे पानी की सबसे बड़ी झील है। यह झील मणिपुर की राजधानी इम्फाल से 53 किलोमीटर दूर और दीमापुर रेलवे स्टेशन के निकट स्थित है। 34.4 डिग्री सेल्सियस का तापमान, 49 से 81 प्रतिशत तक की नमी, 1,183 मिलीमीटर का वार्षिक वर्षा औसत तथा पबोट, तोया और चिंगजाओ पहाड़ मिलकर इसका फैलाव तय करते हैं। इस पर तैरते विशाल हरित घेरों की वजह से इसे तैरती हुई झील कहा जाता है। एक से चार फीट तक मोटे ये विशाल हरित घेरे वनस्पति मिट्टी और जैविक पदार्थों के मेल से निर्मित मोटी परतें हैं। परतों की मोटाई का 20 प्रतिशत हिस्सा पानी में डूबा रहता है; शेष 80 प्रतिशत सतह पर तैरता दिखाई देता है। ये परतें इतनी मज़बूत होती हैं कि स्तनपायी जानवरो का वजन आराम से झेल लेती हैं। स्थानीय बोली में इन्हे फुुमदी कहते हैं। फूमदी के भी मुख्यतः दो प्रकार हैं: 'फूमदी एटाओबा' यानी तैरती हुई फूमदी और 'फू...
अब बात कायापलट की

अब बात कायापलट की

EXCLUSIVE NEWS, Today News
अनुज अग्रवाल (सम्पादक) लो अब दिल्ली भी मोदीमय हो गयी। उड़ीसा, बंगाल, कर्नाटक और हिमाचल के बारे में भी राजनीतिक बिशलेषको के यही अनुमान हें कि यहाँ भी भगवा लहर आनी ही है। तमिलनाडु, केरल और बिहार के लिए भी भगवा खेमा इन्हीं कोशिशो में है। मोदी की नीतियों और व्यक्तित्व के प्रति जनता की दीवानगी अब जूनून में बदलती जा रही है। विमुद्रिकरण और जी एस टी लागू करवाना मोदी सरकार के बड़े आर्थिक फैसले थे जिन्हें जनता का भरपूर समर्थन मिला। किंतू मोदी जनता में इसलिए अधिक लोकप्रिय हुए क्योंकि उन्होंने देसी संस्कृति को प्रतिष्टित किया और दूर देशों में भी उसके मान की स्थापित किया। एक और बड़ी बात उन्होंने देश में टोपी पहनाने यानि छल कपट और बिचौलिया संस्कृति पर लगाम कसी। उन्होंने हर वो रास्ता बंद कर दिया जिससे गरीब और मध्यम वर्ग लुटा जाता रहा। हालांकि देश की आयात संस्कृति पर वो लगाम नहीँ लगा पाए किंतू घोटाला औ...
Central government should also take cognisance of Patanjali product banned by Army CSD: Company was earlier fined by Uttarakhand Court on charges of misbranding and misrepresentation

Central government should also take cognisance of Patanjali product banned by Army CSD: Company was earlier fined by Uttarakhand Court on charges of misbranding and misrepresentation

Today News
It refers to media-reports about the Defence Canteen Stores Department-CSD banning sale of Amla juice marketed by Patanjali Ayurved of Baba ramdev, after the product was found unfit by Kolkatta-based Central Food Laboratory. The Rs 5,000-crore company, Patanjali Ayurved was earlier pulled up by the Food Safety and Standards Authority of India-FSSAI for selling noodles and pasta without the requisite licenses even though Patanjali Atta Noodles packets display an FSSAI license number.   Patanjali Ayurved was earlier in news for being imposed a fine of rupees eleven lakhs by an Uttarakhand court for charges of misbranding and misrepresentation of its products. People in general always believed that all products marketed by Patanjali were manufactured in its own units. But it is ind...
Feasibility of merger of three civic bodies in Delhi

Feasibility of merger of three civic bodies in Delhi

Today News
BJP having emerged victorious in recently held elections to three municipal corporations of Delhi has always been in favour of a unified civic body. Undoubtedly trifurcation of one Municipal Corporation of Delhi in earlier Congress regime was not correct, because it unnecessarily increased overhead-burden on people of Delhi. But big question is feasibility of re-merger, because no one of the newly elected corporator will like to lose his or her seat because of reduced number of elected representatives in the unified civic body.   Best is to prepare an altogether fresh strategy for next round of elections. There may be just two civic bodies in Delhi, one for trans-Yamuna and other for rest of the city because needs and problems of trans-Yamuna area are certainly different. If one...
Fast-track moving towards ruling party finds easy acceptance there with an ideology-less politics in India

Fast-track moving towards ruling party finds easy acceptance there with an ideology-less politics in India

Today News, TOP STORIES
There has been a race amongst some leading names in opposition rushing towards ruling BJP, with even BJP giving an easy entry to those changing sides. Interestingly these very politicians in opposition were earlier amongst the most critical ones for the ruling BJP. Likewise BJP spokespersons were most critical even personally for such politicians now joining BJP. All this reflects that morals and ethics are now nowhere in Indian politics where politics has unfortunately become a profession for many who have no ideology other than to continue with their profession of politics by making hay while the sun shines.   While healthy democratic tradition requires two-party system, India is fast moving from earlier multi-party system now to a single-party system. Fortunately BJP has stuck to a po...
न्याय पंचायत बढ़ेगी, तो मुक़दमें घटेंगे

न्याय पंचायत बढ़ेगी, तो मुक़दमें घटेंगे

Today News, TOP STORIES
लंबित मुक़दमें की संख्या और उसके दोषी कारणों को लेकर आये दिन बहस होती है। जजों की कम संख्या, न्यायालयों में पेशकार और वकीलों की मिलीभगत और शासन की ढिलाई जैसे कई कारण इसके लिए ज़िम्मेदार बताये जाते हैं। मीडिया में बहस का मुद्दा यह शायद ही कभी बना हो, कि ऐसा क्या किया जाये कि ऊपर की अदालतों में मुक़दमा दर्ज कराने की नौबत कम से कम आये। गुजरात मुख्यमंत्री के तौर पर श्री नरेन्द्र मोदी ने अवश्य गांव को मुक़दमामुक्त और सद्भावपूर्ण बनाने की दृष्टि से समरस गांव योजना के तहत् 'पावन गांव और 'तीर्थ गांव' का आह्वान तथा सम्मान किया था। राष्ट्रीय मीडिया के लिए ऐसा प्रयास न तब बहस अथवा प्रचार का विषय था और न अब।   सक्रिय न्याय पंचायतों का असर    आंकडे़ बताते हैं कि जिन राज्यों में न्याय पंचायत व्यवस्था सक्रिय रूप से अस्तित्व में है, कुल लंबित मुक़दमों की संख्या में उनका हिस्सेदारी प्रतिशत अन्य राज्यों की त...
और पुलिस ने खोज डालीं महीनों से लापता लडकियां

और पुलिस ने खोज डालीं महीनों से लापता लडकियां

BREAKING NEWS, Today News
कहा जाता है कि यदि पुलिस अपनी करनी पर उतर आए तो वह असम्भव से कार्यों को पूरा कर देती है. ऐसा ही मामला सामने आया है शाहजहाँ पुर में. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक खबर के अनुसार शीर्ष अधिकारी से निर्देश मिला और रातों रात पुलिस ने महीनों से लापता दर्जनों लड़कियों को खोज निकाला. खबर के अनुसार एसपी सिटी केबी सिंह ने इलाके के पुलिसवालों को कई महीनों से लापता मामलों को तुरंत निपटाने का आदेश दिया और चेतावनी भी. इसका नतीजा यह हुआ कि महज कुछ ही घंटों में 27 लड़कियां पुलिस ने खोज निकालीं। इसे विभाग की कार्यवाही का भय कहें या मुस्तैदी कि महज 72 घंटों में ही 27 लड़कियों को खोजकर उनके घर पहुंचा दिया गया और बाकी 12 की तलाश अभी जारी है। इस इलाके में पुलिसवालों के लिए बस करो या मरो की ही बात है। अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार शाहजहांपुर में धारा 363(किडनैपिंग) और 366(किडनैपिंग,...
आबादी रोकने के लिए देश चले असम के रास्ते पर

आबादी रोकने के लिए देश चले असम के रास्ते पर

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अभी कुछ दिन पहले असम से आई एक महत्वपूर्ण खबर पर जितनी चर्चा होनी चाहिए थी देश ने चर्चा नहीं की। खबर यह थी कि  असम में राज्य सरकार ने नयी जनसंख्या नीति का मसौदा तैयार किया है। इसके अनुसार, दो से अधिक बच्चे पैदा करने वालों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। असम में सरकारी योजनाओं के लिए भी यह द्विसंतान नीति लागू होगी। यूं तो हमारे देश में अनियंत्रित जनसंख्या को काबू करने के लिए बीच-बीच में निरर्थक और बेमतलब बातें होने लगती हैं I पर असम सरकार ने निश्चित रूप से समूचे देश के सामने एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। एक तरह से असम सरकार ने यह खुले रूप में स्पष्ट कर दिया है कि वो आबादी पर लगाम लगाने के लिए कृतसंकल्प है। असम में अनधिकृत घुसपैठ के कारण भी आबादी बेलगाम तरीके से बढ़ती ही जा रही है। याद रखिए कि पूरा देश जनसंख्या विस्फोट से सारा देश त्राहि-त्राहि कर रहा है। हर तरफ भीड़ ही भीड़ दिखाई देती है...