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एक नवाचारी सोच पर आधारित-  विमुक्त भागीदारी (फ्री पार्टनरशिप) का मंत्र

एक नवाचारी सोच पर आधारित- विमुक्त भागीदारी (फ्री पार्टनरशिप) का मंत्र

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  डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम का व्यक्तित्व सम्मोहक तथा बहुपक्षीय था। उनका महत्त्व रामेश्वरम् के एक अनजान ग्रामीण लड़के से राष्ट्रपति भवन तक की यात्रा तक सीमित नहीं थी। वह बचपन से ही मानवीयता तथा आध्यात्मिकता से प्रेरित रहे। उन्होंने अपने जीवन में सपनों को साकार करने का प्रयत्न किया और सफलता ने उनका दामन नहीं छोड़ा। ‘मिसाइल पुरुष’ नाम से प्रख्यात् डाॅ0 कलाम सन् 2020 तक भारत को विकसित राष्ट्र का दर्जा दिलाना चाहते थे। वह हमेशा आकाश की ऊँचाईयों तक पहुँचने के इच्छुक रहे। वे समाज के सभी वर्गों के साथ-साथ विशेषरूप से बच्चों के मस्तिष्क को प्रज्वलित करने के लिए जीवनपर्यन्त प्रयत्नशील रहे। जो भी व्यक्ति उनके सम्पर्क में आता था, वह उनके अनेक गुणों जैसे: सादगी, सद्भावना, संवेदनशीलता, विनम्रता, आत्मीयता, मैत्रीपूर्ण व्यवहार आदि से प्रभावित हुए बिना नहीं रहता था। वे सदैव अच्छे कार्यों की प्रशं...
साहसी महिलायें हर क्षेत्र में बदलाव की मिसाल कायम कर रही हैं

साहसी महिलायें हर क्षेत्र में बदलाव की मिसाल कायम कर रही हैं

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विश्व की साहसी महिलायें हर क्षेत्र में मिसाल कायम कर रही हैं। कुछ ऐसी बहादुर तथा विश्वास से भरी बेटियों से रूबरू होते हैं, जिन्होंने समाज में बदलाव और महिला सम्मान के लिए सराहनीय तथा अनुकरणीय मिसाल पेश की है। देश में डीजल इंजन ट्रेन चलाने वाली पहली महिला मुमताज काजी हो या पश्चिम बंगाल में बाल और महिला तस्करी के खिलाफ आवाज उठाने वाली अनोयारा खातून। ऐसी कई आम महिलाएं हैं जो भले ही बहुत लोकप्रिय न हो लेकिन उन्हें इस साल नारी शक्ति पुरस्कार के लिए चुना गया। राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को 30 महिलाओं को पुरस्कृत किया। पुरस्कार पाने वालों में नागालैण्ड की महिला पत्रकार बानो हारालू भी शामिल है जो नागालैण्ड में पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रही है। उत्तराखण्ड की दिव्या रावत ग्रामीणों के साथ मशरूम की खेती को विकसित करने की भूमिका निभा रही है। छत्तीसगढ़ पुलिस मे...
EVM Tampering  & Election Rigging Alleged in U P Elections

EVM Tampering & Election Rigging Alleged in U P Elections

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As Bharatiya Janata Party Registers  an Extra Ordinary Victory in the State Elections Winning 325   out of   403 Seats   in the Polls, BSP Supremo Mayavati  has alleged that the Electronic Voting Machines  used to collect votes were tampered in such a way that  whatever button was used by the Voters the Votes were Shown in the Tally of the BJP. This Charge made by  Mayavati has been Backed by all the Parties who participated in the Elections thereby questioning whether the Assembly Elections Conducted in the Indian State of Uttar Pradesh were free and Fair Backing Mayawati, Akhilesh Yadav the Leader of the Ruling Samajwadi Party in U P said that there should be a probe in the matter. "Either the EVMs did not accept votes other than BJP, or the votes of other parties have gone to B...
नये भारत की दस्तक को पहचाने

नये भारत की दस्तक को पहचाने

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पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणामों ने देश को अचम्भित कर दिया। उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड में भाजपा की शानदार जीत ने स्वतंत्रता के बाद नया इतिहास बनाया है। इस यादगार महाजीत के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा मुख्यालय में ‘‘नया भारत’ उभरने की बात कही है और उसे वे विकास का पक्षधर मानते हंै। उन्होंने जनता से कहा कि वह नए भारत के निर्माण का संकल्प लें। वर्ष 2022 में जब हम आजादी के 75 वर्ष पूरे करेंगे तब तक हमें ऐसा भारत बना लेना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह भाषण भी अविस्मरणीय रहेगा। पहली बार मध्यम वर्ग की चिन्ता किसी राष्ट्रनायक ने की है। गरीबी को खत्म करके मध्यम वर्ग पर लगातार लादे जा रहे बोझ को कम करने का उनका फार्मूला भी व्यावहारिक है। उनके दूरगामी राजनीतिक दृष्टिकोण को मैं नये भारत की नींव के रूप में देखता हूं। नया भारत पैंसठ प्रतिशत युवाओं के सपनों का भारत ह...
जवाहर लाल नेहरू थे भारत में पहली बूथ केप्चरिंग के मास्टरमाइण्ड प्रधानमन्त्री

जवाहर लाल नेहरू थे भारत में पहली बूथ केप्चरिंग के मास्टरमाइण्ड प्रधानमन्त्री

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जवाहर लाल नेहरू देश में हुए प्रथम आम चुनाव में उत्तर प्रदेश की रामपुर सीट से पराजित घोषित हो चुके कांग्रेसी प्रत्याशी मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को किसी भी कीमत पर ज़बरदस्ती जिताने के आदेश दिये थे। उनके आदेश पर उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमन्त्री पं. गोविन्द वल्लभ पन्त ने रामपुर के जिलाधिकारी पर घोषित हो चुके परिणाम बदलने का दबाव डाला और इस दबाव के कारण प्रशासन ने जीते हुए प्रत्याशी विशनचन्द्र सेठ की मतपेटी के वोट मौलाना अबुल कलाम की पेटी में डलवा कर दुबारा मतगणना करवायी और मौलाना अबुल कलाम को जिता दिया।यह रहस्योदघाटन उत्तर प्रदेश के तत्कालीन सूचना निदेशक शम्भूनाथ टण्डन ने अपने एक लेख में किया है।उन्होंने अपने लेख "जब विशनचन्द सेठ ने मौलाना आज़ाद को धूल चटाई थी भारतीय इतिहास की एक अनजान घटना" में लिखा है कि भारत में नेहरू ही बूथ कैप्चरिंग के पहले मास्टर माइंड थे। उस ज़माने में भी बूथ पर कब्ज़...
CAN WE CHANGE DELHI – YES. WE CAN

CAN WE CHANGE DELHI – YES. WE CAN

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Every other day we all read these type of news in Times of India and a few of those headlines I am quoting below:- Don’t wait for LG nod, act on copy of files – directive from Delhi Home Minister Speaker to officers : Ignore LG’s order Corporation fights over who owns Civic Centers. After frequent cases of rape Delhi gets a tag of India’s “stalking Capital”. Garbage piled up on the streets. – open invite to diseases. Water –Water everywhere after one hour of rain Drainage system clogged  up. Lack of co-ordination between DDA & Delhi Govt. in acquisition proceedings, release of compensation, receipt of land, etc: Delhi is the most Polluted City. On appointment of member secretary of Delhi Commission for Women – Our CM called honorable Lt. Gov...
संकट में भारत का पहला नदी द्वीप ज़िला – माजुली

संकट में भारत का पहला नदी द्वीप ज़िला – माजुली

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ब्रह्यपुत्र - एक नद्य है, बु्रहीदिहिंग - एक नदी। एक नर और एक नारी; दोनो ने मीलों समानान्तर यात्रा की। अतंतः लखू में आकर सहमति बनी। लखू में आकर दोनो एकाकार हो गये। एकाकार होने से पूर्व एक नदी द्वीप बनाया। असमिया लोगों को मिलन और मिलन से पूर्व की रचा यह नदी द्वीप इतना पसंद आया कि उन्होने इसे अपना आशियाना ही बना लिया। असमिया भाषा भी क्योंकर पीछे रहती। वह भी कुहूक उठी - 'माजुली'। बस, यही नाम मशहूर हो गया। 1661 से 1669 के बीच माजुली में कई भूकम्प आये। लगातार आये इन भूकम्पों के बाद 15 दिन लंबी बाढ़ आई। वर्ष था - 1750। इस लंबी बाढ़ के बाद ब्रह्मपुत्र नदी दो उपशाखाओं में बंट गई - लुइत खूटी और ब्रुही खूटी। ब्रह्यपुत्र की ओर की उपशाखा को लुइत खूटी, तो ब्रुहीदिहिंग की ओर की ओर उपशाखा को ब्रुही खूटी कहा गया। द्वीप और छोटा हो गया। कालांतर में ब्रुही खूटी का प्रवाह घटा, तो लोगों ने इसका नाम भी बदल दिया। ब...
स्त्रियों को मनचाहा लिखने की स्वतंत्रता नहीं मिल सकी है – गीताश्री

स्त्रियों को मनचाहा लिखने की स्वतंत्रता नहीं मिल सकी है – गीताश्री

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हिंदी कहानी और पत्रकारिता में गीताश्री का नाम किसी के लिए भी नया नहीं हैं। गीताश्री की कहानियां आज हिंदी कहानी क्षेत्र के आकाश पर छाई हुई हैं। उनकी कहानियों में स्त्री विमर्श अपने हर रूप में है। कभी वह 'गोरिल्ला प्यार’ के रूप में है तो हालिया प्रकाशित 'डाउनलोड होते हैं सपने’ में सपनों की नई परिभाषा के रूप में। गीताश्री के पास पत्रकारिता के अनुभवों के साथ स्त्री अनुभवों का भी अथाह संसार है। गीताश्री के विचार कभी आराम नहीं करते, वे विराम नहीं लेते हैं। गीताश्री चलते रहने में भरोसा करती हैं। गीताश्री की कविता 'जितना हक’, 'औरत की बोली’, 'स्त्री आकांक्षा के मानचित्र’, 'नागपाश में स्त्री’, 'सपनों की मंडी’ (आदिवासी लड़कियों की तस्करी पर आधारित), '23 लेखिकाएं और राजेन्द्र यादव’ (सम्पादन), 'प्रार्थना के बाहर और अन्य कहानियां’, 'स्वप्न साजि़श और स्त्री’ तथा 'डाउनलोड होते हैं सपने’ पुस्तकें बाज़ार मे...
क्या बदले तो बदले भारत :  व्यक्ति, व्यवस्था, पार्टी या लगाम ?

क्या बदले तो बदले भारत :  व्यक्ति, व्यवस्था, पार्टी या लगाम ?

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लोगों के लिए, लोगों के द्वारा, लोगों की सरकार’- यह लोकतंत्र की सर्वमान्य परिभाषा है। न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका और मीडिया - लोकतंत्र के चार स्तंभ हैं। लोकनियोजन, लोकनीति, लोकस्वामित्व, लोकअभिव्यक्ति और लोक उम्मीदवारी - ये लोकतंत्र के प्रमुख प्रभावी पांच लक्षण है। लोक के साथ तंत्र का सतत् संवाद, सहमति, सहयोग, सहभाग, सहकार और सदाचार लोकतांत्रिक व्यवस्था संचालन के छह सूत्र हैं। यदि लोकतंत्र के उक्त तीन जोड़, चार स्तंभ, पांच लक्ष्ण और छह सूत्र सक्रिय व सुविचारित रूप से मौजूद हों, तो समझना चाहिए कि व्यवस्था सुचारु और लोकतांत्रिक है। यदि ऐसा न हो तो लोक घाोषणापत्र, लोक निगरानी और लोक-अंकेक्षण, लोक को नियंत्रित करने के तीन औजार हो सकते हैं और लोकउम्मीदवारी तंत्र में लोक के कब्जे का एक सर्वोदयी विचार। सोचिए! क्या हमारी पंचायत और ग्रामसभा के बीच, निगम और मोहल्ला समितियों के बीच सतत् औ...
नोटबंदी, काला धन और आयकर विभाग

नोटबंदी, काला धन और आयकर विभाग

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नोटबंदी के बाद देश के विभिन्न बैंकों के खातों में जमा अघोषित धनराशि से काला धन के हिस्से निकालने के लिए वित्त मंत्रालय ने एक नायाब तरीका अपनाया है। इसके तहत कर अधिकारी को किसी के दरवाजे पर जाने की जरूरत नहीं है और अघोषित आय रखने वाला खुद ब खुद टैक्स डिपार्टमेंट के ऑनलाइन फॉर्म को भरते हुए स्वेच्छा से अघोषित आय को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में जमा कर देगा। इस प्रक्रिया के तहत जिस किसी ने भी नोटबंदी के बाद बैंकों में चलन से हटाए गए नोटों में बेहिसाब पैसा जमा कराया है, वैसे लोगों की छंटनी कर आयकर अधिकारी उन्हें एक ऑनलाइन फॉर्म भरने को कहेंगे। यह फॉर्म एक तरह का नोटिस है जो है तो बेहद छोटा लेकिन इसमें बहुत ही कुशलता से प्रश्न पूछे गए हैं। इन प्रश्नों के पूरे जवाब देने की प्रक्रिया में एक करवंचक स्वयं अपने काले धन का खुलासा करने को मजबूर हो जाएगा। आयकर अधिकारी अभी तक करीब 18 लाख ऐसे ...