आम चुनाव में अर्जुन की आंख चाहिए
- ललित गर्ग-लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और चुनाव का माहौल गरमा रहा है। चुनावों की तारीखें घोषित किए जाने के साथ ही जैसी कि उम्मीद थी, सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बयानबाजी और तेज हो गई। कौरव रूपी विपक्षी दल एवं पाण्डव रूपी भाजपा के बीच इस चुनाव में असली जंग सत्य और असत्य के बीच है। सत्ता पक्ष और विपक्ष की यह नोक-झोंक ही तो लोकतंत्र की खूबसूरती है, यह जितनी शालीन एवं उग्र होगी, लोकतंत्र का यह महापर्व कुंभ उतना ही ऐतिहासिक एवं खास होगा। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतन्त्र है और उदार बहुदलीय राजनैतिक प्रणाली का जीवन्त उदाहरण है जिसकी वजह से चुनावों का समय एवं प्रचार विविधतापूर्ण, आक्रामक व रंग-रंगीला होना ही है मगर इसमें कहीं भी कड़वापन, उच्छृंखलता और आपसी रंजिश का पुट नहीं आना चाहिए। इस बार के चुनाव में जहां भाजपा नेतृत्व अगले 20 वर्षों का विजन पेश कर रहा है, वहीं कांग्रेस नेतृत्व इस...