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लोकसभा चुनाव- यादें सुकुमार सेन और टी.एन. शेषन की

लोकसभा चुनाव- यादें सुकुमार सेन और टी.एन. शेषन की

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
आर.के. सिन्हा एक बार फिर से देश लोकसभा चुनावों के लिए तैयार है। लोकसभा चुनावों की घोषणा अब कभी भी हो सकती है। देश में चारों तरफ लोकसभा चुनाव का माहौल बनता ही चला जा रहा है। वास्तव में यह भारतीय लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण और खासमखास उत्सव भी है। इस उत्सव में इसबार 86 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। इनमें 47 करोड़ महिला वोटर होंगी। इस उत्सव में देश के 28 राज्य और नौ केंद्र शासित शामिल होंगे।  लोकसभा चुनावों को सफलता पूर्वक करवाने की जिम्मेदारी डेढ़ करोड़ सरकारी अफसरों   पर होगी। करीब सवा करोड़ मतदान केन्द्रों में जाकर मतदाता देश के 543 लोकसभा सांसदों का चुनाव करेंगे। यह सब आंकड़ें गवाह हैं कि भारत से बड़ा और व्यापक संसदीय चुनाव विश्व भर में  कहीं और नहीं होता। बहरहाल, भारत में अब तक लोकसभा के 17 चुनाव हो चुके हैं। पहली लोकसभा के चुनाव 25 अ...
नारी सशक्तिकरण: भ्रम और सत्य

नारी सशक्तिकरण: भ्रम और सत्य

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
8 मार्च - अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष नारी सशक्तिकरण: भ्रम और सत्य यहां विचारणीय प्रश्न यह है कि यदि क्रिया-प्रतिक्रिया को आधार बनाकर, नारी सशक्तिकरण की योजना बनाई जाये, तो वह कितनी सशक्त होगी ? महिलाओं के साथ अत्याचार, असमानता और यौन हिंसा के कारण क्या सचमुच निरक्षता, दहेज और कानून की कमजोरी ही है ? समाधान पाने के लिए प्रश्न कीजिए कि हम क्या करें ? भारत में साक्षरों की संख्या बढ़ायें, दहेज के दानव का कद घटायें, अवसर बढ़ाने के लिए नारी आरक्षण बढ़ायें, विभेद और नारी हिंसा रोकने के लिए नये कानून बनायें, सजा बढ़ायें या कुछ और करें ? यदि इन कदमों से बेटा-बेटी अनुपात का संतुलन सध सके, बेटी हिंसा घट सके, हमारी बेटियां सशक्त हो सकें, तो हम निश्चित तौर पर ये करें। किंतु आंकङे कुछ और कह रहे हैं और हम कुछ और। आंकङे कह रहे हैं कि यह हमारे स्वप्न का मार्ग हो सकता है, किन्तु सत्य इससे ...
सवाल गुणवत्ता का !

सवाल गुणवत्ता का !

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
रजनीश कपूरपिछले सप्ताह दिल्ली एनसीआर के दो शॉपिंग मॉल की छत गिरने से देश भर में एक ख़ौफ़ का संदेश गया। जिस तरह एकनामी शॉपिंग मॉल की छत ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर नीचे आ गिरी इससे इसके निर्माण और गुणवत्ता पर कईसवाल उठाए जा रहे हैं। शहर के नामी बिल्डर द्वारा निर्मित इस करोड़ों रुपये के मॉल में कई महँगे ब्रांड की दुकानें हैं। यहमॉल ग्राहकों और सैलानियों से भरा रहता है। ऐसे में विभिन्न मॉल में जाने वालों को अब वहाँ जाने से पहले यह सोचनापड़ेगा कि क्या बड़े-बड़े मॉल में जाना सुरक्षित है या वे वापिस अपने स्थानीय बाज़ारों में ही ख़रीदारी करने जाएँ?दक्षिण दिल्ली के वसंत कुंज इलाक़े में स्थित एम्बिएंस मॉल की छत रविवार की देर रात अचानक गिरी। ग़नीमत है कि यहहादसा मध्यरात्रि के बाद हुआ जब वहाँ पर लोग नहीं थे। यदि ऐसा हादसा सुबह या दोपहर के समय हुआ होता तो जान-माल का नुक़सान कई गुना होता, क्योंक...
मजबूर होती कांग्रेस

मजबूर होती कांग्रेस

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुल नाथ के खंडन को भले ही स्वीकार कर लें परंतु भाजपा के बढ़ते प्रभाव और कांग्रेस की कमजोर पड़ती सत्ता से कांग्रेसियों में भगदड़ मची हुई है। दरअसल कांग्रेस के राजनीतिक जहाज में सवार नेताओं को अपना भविष्य डूबने का खतरा सता रहा है। यही वजह है कि कांग्रेस की हालत आयाराम-गयाराम जैसी हो गई है। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोडऩे वाले नेताओं की लंबी फेहरिस्त सामने आ चुकी है। यह सिलसिला लोकसभा चुनाव तक चलते रहने की उम्मीद है। कांग्रेस में बदहवासी का आलम यह है कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरते-गिरते बची है। राज्यसभा के निर्वाचन में हुई क्रास वोटिंग का सर्वाधिक खामियाजा कांग्रेस ने भुगता है। क्रास वोटिंग करने वाले नेताओं को इस बात का अंदाजा लग गया कि इस राजनीतिक पार्टी में भविष्य सुरक्षित नहीं है। यही वजह रही कि बहती गंगा में हाथ धोने से कांग्रेस के नेता...
<strong>कौन करता है नौकरीपेशा औरतों को परेशान</strong>

कौन करता है नौकरीपेशा औरतों को परेशान

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, साहित्य संवाद
आर.के. सिन्हा अब सामाजिक, व्यापारिक, संस्थागत जीवन का शायद ही कोई इस तरह का क्षेत्र बचा हो, जिधर महिलाएं नौकरी के लिए न जाती हों। खेत-खलिहानों, बैंकों,सरकारी और निजी दफ्तरों से लेकर घरों में चूल्हा-चौका करके अपने परिवार की आर्थिक मदद करने में आधी दुनिया किसी भी तरह से मर्दों से पीछे नहीं हैं। कहा जा सकता है कि अब देश में करोड़ों महिलाएं कार्यशील हैं। देश में बढ़ती साक्षरता के चलते नौकरीपेशा औरतों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। जाहिर है, उन्हें घरों से निकलकर अपने दफ्तरों और फैक्ट्रियों में तो जाना होता ही है। आपको हजारों औरतें विभिन्न संस्थानों में नाइट ड्यूटी करते हुए भी मिलेंगी। पर अपने दफ्तर या फिर स्कूलों-कालेजों में जाने वाली लड़कियों और महिलाओं को कुछ विक्षिप्त मानसिकता के लोग परेशान करते रहते हैं। वे उनके (महिलाओं) के पीछे पड़ ही जाते हैं। उन्हें वे ...
<strong>मोदी का परिवार’ अभियान विपक्षी दलों के लिये भारी पडे़गा</strong>

मोदी का परिवार’ अभियान विपक्षी दलों के लिये भारी पडे़गा

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
 - ललित गर्ग- बिहार की राजधानी पटना में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के बयान कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास परिवार ही नहीं है। वो हिंदू नहीं हैं। हिंदू अपनी मां के श्राद्ध में दाढ़ी-बाल बनवाता है। मोदी की माताजी का जब देहांत हुआ तो उन्होंने बाल-दाढ़ी क्यों नहीं बनवाया? इस तरह के बेतूके, आधारहीन एवं अमर्यादित बयान के विरोध में पूरी भारतीय जनता पार्टी उतर आई है। अब भाजपा और विपक्षी दलों के बीच ’परिवारवाद’ के मुद्दे पर वार-पलटवार जारी है। मोदी के परिवार एवं विपक्षी दलों के परिवारवाद को लेकर बड़ी बहस चल रही है लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को विपक्ष के एक आरोप ‘चौकीदार चोर है’ का भारी लाभ मिला था, तब भाजपा ने ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान चलाया था। उसी तरह वर्ष 2024 के आम चुनाव से पूर्व ’मोदी का परिवार’ अभियान शुरू कर दिया है, जिसका भाजपा को भरपूर लाभ मिल सकता है, विपक्षी दलों की इस...
प्रधानमंत्री मोदी का विकसित भारत का रोडमैप और मिशन 400 का लक्ष्य पाने का आत्मविश्वास

प्रधानमंत्री मोदी का विकसित भारत का रोडमैप और मिशन 400 का लक्ष्य पाने का आत्मविश्वास

Today News, TOP STORIES, आर्थिक, राष्ट्रीय
प्रधानमंत्री मोदी का विकसित भारत का रोडमैप और मिशन 400 का लक्ष्य पाने का आत्मविश्वासमृत्युंजय दीक्षितआगामी लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया प्रारम्भ होने में अब गिनती के दिन बचे हैं,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकसित भारत के रोडमैप के साथ पूरी तरह चुनावी मोड में हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी तरह आश्वस्त हैं कि उनके पिछले दो कार्यकाल की उपलब्धियों को देखते हुए एक बार फिर भी मोदी सरकार का आना तय है और यही कारण है कि उनके नेतृत्व में मंत्रिपरिषद की अंतिम बैठक में 2047 तक विकसित भारत बनाने के विजन पर चर्चा की गयी।इस बैठक में न सिर्फ वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के दृष्टिपत्र पर चर्चा की गयी अपितु मई 2024 में गठित होने वाली नई सरकार के कार्यकाल के पहले सौ दिन के एजेंडे पर भी विचार विमर्श हुआ। कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री ने जहाँ फिर से सरकार बनने का विश्वास जताया वहीं उन्होंने यह भी कहा ...
यों महिलाएं अपने अधिकारों के लिए आज भी संघर्ष कर रही हैं?

यों महिलाएं अपने अधिकारों के लिए आज भी संघर्ष कर रही हैं?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, साहित्य संवाद
जिस दिन किसी भी क्षेत्र में आवेदक अथवा कर्मचारी को उसकी योग्यता के दम पर आंका जाएगा ना कि उसके महिला या पुरुष होने के आधार पर, तभी सही मायनों में हम महिला दिवस जैसे आयोजनों के प्रयोजन को सिद्ध कर पाएंगे। ईश्वर की बनाई इस सृष्टि में मानव के रूप में जन्म लेना एक दुर्लभ सौभाग्य की बात होती है। और जब वो जन्म एक स्त्री के रूप में मिलता है तो वो परमसौभाग्य का विषय होता है। क्योंकि स्त्री ईश्वर की सबसे खूबसूरत वो कलाकृति है जिसे उसने सृजन करने की पात्रता दी है। सनातन संस्कृति के अनुसार संसार के हर जीव की भांति स्त्री और पुरुष दोनों में ही ईश्वर का अंश होता है लेकिन स्त्री को उसने कुछ विशेष गुणों से नवाजा है। यह गुण उसमें नैसर्गिक रूप से पाए जाते हैं जैसे सहनशीलता, कोमलता, प्रेम,त्याग, बलिदान ममता। यह स्त्री में पाए जाने वाले गुणों की ही महिमा होती है कि अगर किसी पुरुष में स्त...
<strong>बिहारी क्रिकेटर कब खेलेंगे टीम इंडिया से</strong>

बिहारी क्रिकेटर कब खेलेंगे टीम इंडिया से

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आर.के. सिन्हा   मौजूदा भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में बिहार के दो नव युवा खिलाड़ी –आकाशदीप और मुकेश कुमार ने शानदार प्रदर्शन करके अपनी प्रतिभा से क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लिया। पर यह बिहार का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि दोनों खिलाड़ी बिहार की टीम से नहीं खेलते। यह दोनों खेलते हैं बंगाल की टीम से रणजी ट्रॉफी में। इसकी वजह यह है कि बिहार में क्रिकेट मैनेजमेंट तार-तार हो चुका है। आकाशदीप का संबंध बिहार के रोहतास जिले से है। आकाशदीप ने रांची टेस्ट मैच में अपनी सधी हुई गेंदबाजी की बदौलत इंग्लैंड टीम के तीन खिलाड़ियों को आउट करके सनसनी मचा दी थी। उनके दादा निशान सिंह स्वाधीनता सेनानी थे। अब आकाशदीप 7 मार्च से शुरू होने वाले पांचवें और आखिरी टेस्ट मैच के लिए हिमाचल प्रदेश जाएंगे और भारतीय क्रिकेट टेस्ट टीम का हिस्सा बनेंगे। उनकी तरह ही ...
<strong>भारत</strong> <strong>में तृतीय तिमाही में सकल घरेलू</strong> <strong>उत्पाद</strong> <strong>की</strong> <strong>वृद्धि</strong> <strong>दर ने चौंकाया</strong> <strong>है</strong>

भारत में तृतीय तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर ने चौंकाया है

BREAKING NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, राष्ट्रीय
वित्तीय वर्ष 2023-24 की तृतीय तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर ने भारत सहित विश्व के समस्त आर्थिक विश्लेशकों को चौंका दिया है। इस दौरान, भारत में सकल घरेलू उत्पाद में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि हासिल हुई है जबकि प्रथम तिमाही के दौरान वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत एवं द्वितीय तिमाही के दौरान 7.6 प्रतिशत की रही थी। पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत रही थी। साथ ही, क्रेडिट रेटिंग संस्थान इकरा ने इस वर्ष तृतीय तिमाही में 6 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान एवं भारतीय स्टेट बैंक ने भी 6.9 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया था। कुल मिलाकर, लगभग समस्त वित्तीय संस्थानों के अनुमानों को झुठलाते हुए सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत की रही है।  हम सभी के लिए हर्ष का विषय तो यह है कि विनिर्माण इकाईयों की वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023-24 की तृतीय तिमाह...