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<strong>Need to come out from refugee culture</strong>

Need to come out from refugee culture

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, समाचार
R.K. Sinha RK Sinha, Founder SIS, Former member of Rajya Sabha, at his residence, for IT Hindi Shoot. Phorograph By - Hardik Chhabra. Now the upcoming Lok Sabha elections will be announced soon. All political parties have also started finalizing their election strategy and names of candidates. Along with this, let us assume that apart from wooing the people, attracting them and bringing them stars from the sky, all the political parties will also promise to give everything for free. There will be a promise of giving free rewadis in the manifestos. The party or coalition that forms the government will also start some work to fulfill its promises. To what extent is it appropriate in any democracy to provide free electricity, water, grains and other things? Obviously, due to distri...
<em>कट्टरता के खिलाफ काम करता है 121 मिलियन लोगों का ये इस्लामिक संगठन, 100 साल पुराना इतिहास</em>

कट्टरता के खिलाफ काम करता है 121 मिलियन लोगों का ये इस्लामिक संगठन, 100 साल पुराना इतिहास

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
Zayed Award: इंडोनेशिया का नहदलातुल उलमा दुनिया का सबसे बड़ा इस्लामी संगठन है. ये संगठन इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए शांतिपूर्वक ठंग से पिछले सौ सालों से काम कर रहा है. इंडोनेशिया को कट्टर इस्लाम से बचाए रखने में इस संगठन ने अहम रोल निभाया है. अब यूएई में संगठन को अवॉर्ड दिया गया है. इस्लामिक संगठन नहदलातुल उलमा (Nahdlatul Ulama) को उसके सामाजिक कामों, शिक्षा, शांति और धार्मिक सहिष्णुता के लिए UAE के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. जायद अवॉर्ड (Zayed Award) मिलने के बाद नहदलातुल उलमा के स्कॉलर उलिल अबशार-अब्दल्ला ने कहा, “शांति और धार्मिक सहिष्णुता के लिए नहदलातुल उलमा एक शानदार इंडोनेशियाई मॉडल है. हमारा संगठन 121 मिलियन सदस्यों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा इस्लामी संगठन है.” अपने प्रयासों से ये संगठन इंडोनेशियाई फिलॉसफी पेनकासिला (Pancasila) को देश में बनाए...
यह तो स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा नहीं है

यह तो स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा नहीं है

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राज्य, विश्लेषण
हिमाचल में राज्यसभा के हालिया पंद्रह सदस्यों के चुनाव में कई राज्यों में जिस तरह विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर विरोधी राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के पक्ष में वोट किया है, उसने राजनेताओं की गिरती साख की फिर पुष्टि हुई है। साथ ही घटनाक्रम ने दलबदल कानून की सीमाओं को फिर उजागर किया है। वहीं इस घटनाक्रम से चुनाव प्रबंधन व येन-केन-प्रकारेण जीत हासिल करने के इरादे का पता चलता है, वहीं विपक्ष की कमजोर रणनीति भी उजागर हुई है। वैसे हिमाचल पहला राज्य नहीं है। राज्यसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में विपक्षी सपा के कुछ विधायकों ने भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान करके उन्हें राज्यसभा तक पहुंचाया है । राज्य में संपन्न चुनावों में भाजपा के आठ व सपा के दो प्रत्याशी विजयी रहे हैं। वहीं भाजपा गठबंधन में शामिल एक दल के विधायक द्वारा सपा के पक्ष में मतदान की भी बात कही जा रही है। सबसे बड़ा खेला त...
रद्द होती भर्ती परीक्षाएं, धूमिल होती सरकार की छवि !

रद्द होती भर्ती परीक्षाएं, धूमिल होती सरकार की छवि !

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
डॉ अजय कुमार मिश्राउत्तर प्रदेश पुलिस दुनियां की सबसे बड़ी संख्या बल वाली पुलिस है, जिसमें 2.25 लाख से अधिक कर्मचारी कार्यरत है | विभाग में चल रही भर्ती को सरकार ने रद्द करके आगामी 6 माह में पुनः परीक्षा की घोषणा की है | निसंदेह पुनः परीक्षा में सजगता देखने को मिलेगी, जिससे पेपर लीक को रोका जा सकेगा | पर इस विषय पर कुछ अधिक कहने और लिखने से पहले कुछ मूल तत्त्वों को भी जानना जरुरी है | कुल 60244 पदों की भर्ती के लिए परीक्षा फरवरी 16 से 18 के मध्य उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में 2385 केंद्र बनाकर आयोजित हुयी थी | इस भर्ती के लिए दिसम्बर 2023 में विज्ञापन निकाला गया था | 48.17 लाख ऑनलाइन आवेदन 27 दिसम्बर 2023 से 16 जनवरी 2024 के मध्य प्राप्त हुए थे | इन प्राप्त आवेदनों में लगभग 2.5 लाख बिहार से, 43 लाख उत्तर प्रदेश से, 98,400 मध्य प्रदेश से, 74,769 हरयाणा से, 97,277 राजस्थान से, 42,259 दिल्...
State of India’s Environment report of 2024 sounds alarm bells on the Himalayas

State of India’s Environment report of 2024 sounds alarm bells on the Himalayas

TOP STORIES, प्रेस विज्ञप्ति
Himalayas in dire straits, one or more ‘tipping points’ already crossed, leading to faster and irreversible changes in the region’s climate system: State of India’s Environment 2024 report 44 per cent of India’s disasters happened in Himalayas between 2013 and 2022. Floods, landslides and thunderstorms had the lion’s share Hindu Kush Himalayas has seen a 65 per cent faster loss of glacier mass.Ice-melt from glaciers is creating new glacial lakes. Triggered by cloudbursts, these lakes overflow and cause floods The State of India’s Environment 2024 report is available on sale here: https://csestore.cse.org.in/default/books/state-of-india-s-environment-2024.html Nimli (near Alwar), February 29, 2024: Between 2013 and 2022, the Himalayan region in India accounted for 44 per cent o...
<strong>क्यों यूपी लोकसभा चुनाव में भरेगा भाजपा की झोली</strong>

क्यों यूपी लोकसभा चुनाव में भरेगा भाजपा की झोली

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य
आर.के. सिन्हा अब कुछ हफ्तों के बाद ही देश में लोकसभा चुनावों की घोषणा हो जाएगी। पर उत्तर प्रदेश (यूपी) को छोड़कर देश के लगभग सभी राज्यों की लोकसभा सीटों के लिए कांटे की टक्कर होने की संभावना है । लेकिन, उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर नतीजे कुल मिलाकर लगभग तय हैं। यह बात उत्तर प्रदेश के शिखर सियासी नेताओं से लेकर आम इंसान तक को भलीभांति यह पता हैं। कभी जंगलराज, भाई भतीजावाद, भ्रष्टाचार से जूझने वाला यूपी अब भारी-भरकम मोटा निवेश भी खींच रहा है। सात साल पहले तक तो यूपी की गिनती बीमारु राज्यों में होती थी,  लोग मजाक में यू.पी. को उल्टा प्रदेश भी कहते थे I लेकिन, आज यूपी की पहचान देश के  खेलों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में भी होने लगी है। यूपी आज विकास की असीमित संभावनाओं के प्रदेश के रूप में स्थापित हो चुका है। यूपी देश...
शिक्षा : छात्र हिंसक क्यों हो रहे हैं?

शिक्षा : छात्र हिंसक क्यों हो रहे हैं?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, सामाजिक
यह विडंबना देश का दुर्भाग्य ही है कि जिस उम्र में छात्रों को एकाग्र होकर पढ़ाई-लिखाई में बेहतर करके अपना भविष्य संवारना चाहिए था, उस उम्र में वे हिंसक गतिविधियों में लिप्त दिख रहे हैं। किशोरों में बढ़ती हिंसक प्रवृत्ति हमारे समाज के लिये एक चेतावनी ही है। आए दिन स्कूली छात्रों के खूनी टकराव और छात्रों की जान जाने की खबरें आ रही हैं। जो शिक्षकों और अभिभावकों के लिये गंभीर चिंता की बात है। विचारणीय प्रश्न यह है कि खेलने-खाने की उम्र में छात्रों के व्यवहार में यह आक्रामकता क्यों आ रही है? इसी संकट की आहट को महसूस करते हुए कुछ राज्य सरकारों के शिक्षा निदेशालयों ने स्कूलों को आदेश दिया है कि विद्यार्थियों के बस्ते की औचक जांच के लिए एक समिति बनायी जाए। जिसका मकसद है कि किसी लड़ाई-झगड़े में छात्रों को नुकसान पहुंचने वाली घातक वस्तुओं की निगरानी करना। ताकि किसी टकराव और संघर्ष की स्थिति म...
चुनाव : भाजपा अपनी लीक पर चलेगी

चुनाव : भाजपा अपनी लीक पर चलेगी

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा इस बार भी आम चुनाव में कुछ नया करने जाती दिख रही है।लोकसभा चुनाव में भले एन डी ए सरकार की बात कही जाए, भाजपा का पूरा प्रयास अपने दम पर सरकार बनाने का है। जो संकेत मिल रहे हैं, वे 2019 से पृथक नहीं हैं। जैसे कि जब पिछले लोकसभा चुनाव में जब भाजपा ने जब प्रत्याशियों की घोषणा की तो उसने अपने 268 में से 99 सांसदों यानी 36 प्रतिशत के टिकट एक झटके में काट दिए। वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा के 282 सांसद जीत कर लोकसभा पहुंचे थे, लेकिन कुछ सासंदों की मौत होने और कुछ उपचुनावों में हार के कारण उसके 268 सांसद ही बचे थे। तब पार्टी ने जितने सांसदों के टिकट काटे, उनकी जगह सेवानिवृत्त अफसरशाहों, कलाकारों, क्रिकेटरों जैसे नए चेहरों को मैदान में उतारा। इनमें फिल्मी सितारे सनी देओल, रवि किशन, लॉकेट चटर्जी, गायक हंसराज हंस, क्रिकेटर गौतम गंभीर एवं अपराजिता सारंगी जैसे ब्यूरोक्...
<em>संघीय मान्यता प्राप्त संवैधानिक संस्थाओं की अवहेलना क्यों?</em>

संघीय मान्यता प्राप्त संवैधानिक संस्थाओं की अवहेलना क्यों?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
देश के सर्वोच्च न्यायालय को राज्य सरकारों के प्रमुखों को संवैधानिक संस्थाओं के सम्मान के बारे में निर्देश देना ही पड़ेंगे, इसकी ज़रूरत अब साफ़ नज़र आ रही है। आज ये प्रश्न खड़े हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल संवैधानिक जांच एजेंसियों के सामने पेश क्यों नहीं हो रहे ? क्या आम आदमी इन एजेंसियों के समन को लगातार खारिज कर सकता है? क्या इनके समन को स्वीकार न करना ‘असंवैधानिक’ नहीं है? अदालत का इस व्यवस्था पर एक स्पष्ट आदेश जरूर आना चाहिए। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई सरीखी एजेंसियों को संवैधानिक, संघीय मान्यता हासिल है कि वे देश के प्रधानमंत्री को भी जांच के लिए तलब कर सकती हैं। केजरीवाल भी संवैधानिक पद पर हैं और संविधान, लोकतंत्र बचाने के नारों पर राजनीति करते रहे हैं। फिर ईडी के समन को बार-बार ‘अवैध’ करार देना क्या संविधान-सम...
<em>चिकित्सा : कहाँ भटक गए हम ?</em>

चिकित्सा : कहाँ भटक गए हम ?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, जीवन शैली / फिल्में / टीवी, विश्लेषण
*चिकित्सा : कहाँ भटक गए हम ?* इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि विश्व को ज्ञान देने वाली भारत की प्रतिभाएं तथा अभिभावक मौजूदा दौर में शिक्षा को लेकर दुश्वारियों के दौर से गुजर रहे हैं। देश की हजारों प्रतिभाएं पढ़ाई के नाम पर प्रतिवर्ष विदेशी शिक्षण संस्थानों का रुख कर रही हैं, बल्कि कई छात्र भारत की नागरिकता छोड़ रहे हैं। भले ही भारत की करोड़ों आबादी गरीबी रेखा से नीचे बसर करने को मजबूर है, मगर विदेशों में शिक्षा हासिल करने वाले हजारों भारतीय छात्रों के अभिभावक हर वर्ष करोड़ों रुपए की महंगी फीस अदा करके अमरीका, कनाडा, ऑस्टे्रलिया, ब्रिटेन व न्यूजीलैंड सहित कई अन्य देशों की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। अमरीका, कनाडा व ब्रिटेन शिक्षा के लिए भारतीय छात्रों के लोकप्रिय डेस्टिनेशन बन चुके हैं। ‘शिक्षा एक राष्ट्र की प्रगति का प्रतीक है। यदि आप किसी देश के उन्नयन एवं अवनयन का काल जानना चाहत...