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बिजली की खपत बढी, आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी ?

बिजली की खपत बढी, आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी ?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, विश्लेषण
चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीने (अप्रैल-जनवरी) के दौरान देश की बिजली की खपत सालाना आधार पर 7.5 प्रतिशत बढ़कर 1,354.97 बिलियन यूनिट (बीयू) हो गई है। इससे देशभर में आर्थिक तेजी के संकेत है।केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कुछ ऊर्जा कंपनियों की सहायकों को सूचीबद्ध कराने पर विचार कर रही है। निवेश व सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने शुक्रवार को ये संकेत दिए हैं, उन्होंने कहा कि हमारी महत्त्वपूर्ण कंपनियों में से कुछ की सहायकों के पास बाजार में उतरने के काफी मौके हैं। ऊर्जा क्षेत्र में सहजता से ट्रांजिशन हो रहा है। ऊर्जा कंपनियां हरित परिसंपत्ति के लिए सहायकों का सृजन कर इस ओर बढ़ रही हैं। इसमें वृद्धि की काफी संभावनाएं हैं और ये तेजी से आगे बढ़ रही हैं। वैसे ये कंपनियां पूंजी बाजार में आईपीओ लाकर कुछ धन जुटा सकती हैं। दीपम सचिव ने भी कहा है कि बा...
लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा ने बनाई आक्रामक रणनीति

लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा ने बनाई आक्रामक रणनीति

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100 दिनों में 400 पार का लक्ष्य किया निर्धारित!मृत्युंजय दीक्षितभारतीय जनता पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित कार्यकारिणी की बैठक में अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है। पार्टी ने, “अबकी बार भाजपा 370 पार व एनडीए 400 पार” का लक्ष्य लेकर आगामी 100 दिनों का एजेंडा भी बना लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बजट सत्र के दौरान ही राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का उत्तर देते हुए, “अबकी बार चार सौ पार” की राजनैतिक भविष्यवाणी कर सभी पंडितों को चौंका दिया और कहा कि इस बार भारतीय जनता पार्टी अकेले दम पर 370 पार जायेगी और एनडीए 400 पार जायेगा । इसके बाद से ही जो सर्वे कंपनियां राजनैतिक खेल दिखाना चाहती थीं उनके सपने ध्वस्त हो गए । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र निर्माण व विकसित भारत की गारंटी के बीच अपना लक्ष्य निर्धारित कर लिया है औ...
शादी के चोंचले

शादी के चोंचले

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
शादी के चोंचले महंगी शादी करके जीवन भर की पूंजी लुटाना समझदारी है क्या।2 दिन की ताम झाम,शर्मा शर्मी और लोक दिखावे में अपने बच्चो का भविष्य खराब मत कीजिए।पैसा कमाना बहुत मुश्किल है आने वाला समय और चुनौतीपूर्ण है।महंगा प्री वेडिंग,महंगी ग्रैंड एंट्री,महंगा इवेंट,महंगा हनीमून,महंगे केट्रस,महंगे पकवान,महंगे गिफ्ट,महंगे सेट डेकोरेशन,पटाखे,महंगे संगीत कार्यक्रम,नए नए चोंचले और सीरियल के देखादेख शादी के कार्यक्रम,महंगे पहनावे,महंगी शॉपिंग सब क्षणिक दिखावा के रूप में विनाश के स्वरुप है।वक्त रहते संभल जाइए वरना आने वाला वक्त आपको संभलने का मौका भी नही देगा। आज कल ग्रामीण और शहरी परिवेश में होने वाली शादियों में एक नई रस्म का जन्म हुआ है । हल्दी रस्म के दौरान हजारों रूपये खर्च कर के विशेष डेकोरेशन किया जाता है, उस दिन दूल्हा या दुल्हन व पूरा परिवार, रिश्तेदार विशेष पीत (पीले) वस्त्र धारण करते है...
लोकतंत्र में जानने का अधिकार

लोकतंत्र में जानने का अधिकार

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
विनीत नारायणकिसी भी स्वस्थ लोकतंत्र में मतदाता और नेता के बीच यदि विश्वास ही न हो तो वो रिश्ता ज़्यादा लम्बानहीं चलता। लोकतंत्र में हर एक चुना हुआ जनप्रतिनिधि अपने मतदाता के प्रति जवाबदेही के लिए बाध्यहोता है। यदि मतदाता को लगे कि उससे कुछ छुपाया जा रहा है तो वो ठगा सा महसूस करता है। लोकतंत्रया जनतंत्र का सीधा मतलब ही यह होता है कि जनता की मर्ज़ी से चुने गये सांसद या विधायक उनकीआवाज़ उठाएँगे और उनके ही हक़ में सरकार चलाएँगे। यदि मतदाताओं को ही अंधेरे में रखा जाएगा तोदल चाहे कोई भी हो दोबारा सत्ता में नहीं आ सकता। परंतु पिछले सप्ताह देश की शीर्ष अदालत ने एकऐसा फ़ैसला सुनाया जिसने देश के करोड़ों मतदाताओं के बीच उम्मीद की किरण जगा दी।‘इलेक्टोरल बाँड्स’ के ज़रिये राजनैतिक दलों को दिये जाने वाले चुनावी चंदे को लेकर देश भर में एक भ्रमसा फैला हुआ था। जिस तरह इन बाँड्स के ज़रिये दिये जाने वाल...
भारतीय अर्थव्यवस्था में हो रहे बदलाव की ब्यार पर प्रश्नचिन्ह क्यों?

भारतीय अर्थव्यवस्था में हो रहे बदलाव की ब्यार पर प्रश्नचिन्ह क्यों?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, समाचार
भारत में पिछले एक दशक में, विशेष रूप से आर्थिक क्षेत्र में, अतुलनीय सुधार दृष्टिगोचर है और भारतीय अर्थव्यवस्था आज विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के साथ ही विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच सबसे तेज गति से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था भी बन गई है। आगे आने वाले लगभग पांच वर्षों के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी, ऐसा आंकलन विश्व के कई वित्तीय एवं आर्थिक संस्थान कर रहे हैं। आज विश्व के कई देश पूंजीवादी मॉडल से निराश होकर भारतीय आर्थिक मॉडल को अपनाने की बात करने लगे हैं क्योंकि सनातन संस्कृति पर आधारित भारतीय आर्थिक मॉडल पश्चिमी आर्थिक मॉडल की तुलना में बेहतर माना जा रहा है। परंतु, दुर्भाग्य से भारत में कुछ राजनैतिक दल एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करते हुए भारत में हाल ही के समय में हुई आर्थिक प्रगति को कमतर आंकते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था ...
अब भारत से ब्रेन ड्रेन को कम करने का समय आ गया है

अब भारत से ब्रेन ड्रेन को कम करने का समय आ गया है

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अभी हाल ही में इजराईल ने हमास के साथ छिड़े युद्ध के बाद भारत से एक लाख कामगारों को इजराईल भेजने का आग्रह किया है क्योंकि लगभग इतनी ही संख्या में फिलिस्तीन के नागरिक इजराईल में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे थे। हालांकि, इजराईल द्वारा भारत से मांगे गए एक लाख कामगारों की संख्या में इंजीनियर भी शामिल हैं। इसी प्रकार ताईवान ने भी घोषणा की थी कि उसे लगभग एक लाख भारतीय इंजीनियरों की आवश्यकता है। इसके पूर्व जापान ने भी लगभग 2 वर्ष पूर्व घोषणा की थी कि वह 2 लाख भारतीय इंजीनियरों की भर्ती जापान में विभिन्न कम्पनियों में करेगा। एक अन्य समाचार के अनुसार, माक्रोसोफ्ट के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सत्या नंडेला एवं गूगल के मुख्य कार्यपालन अधिकार श्री सुंदर पिचाई भी प्रयास कर रहे हैं कि इनकी कम्पनियों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किस प्रकार भारतीय इंजीनियरों की भर्...
आनंद महिंद्रा जी, इस दोगलेपन की वजह क्या है?

आनंद महिंद्रा जी, इस दोगलेपन की वजह क्या है?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
आनंद महिंद्रा जी, इस दोगलेपन की वजह क्या है? क्रिकेट मैच के दौरान कमर्शियल ब्रेक में क्लब महिंद्रा के दो एड बार-बार चल रहे हैं। इसके एक एड में टीचर बच्चों से पूछती है कि बताओ बच्चो, वर्ल्ड की Second Longest Wall कहां पर है? इसके जवाब में एक छोटा बच्चा हाथ खड़ा करता है और कहता है कि राजस्थान के कुंभलगढ़ में…इसके बाद वो कुंभलगढ़ के बारे में और बहुत सारी बातें बताने लगता है। उसकी जानकारी सुन सारी क्लास हैरान हो जाती है और उसी हैरानी में क्लास टीचर भी उससे पूछती है कि तुम्हें ये सब बातें कैसे पता लगीं? जिसके जवाब में बच्चा इतराते हुए एक तरफ गर्दन फेंककर बताता है…मेरे पापा क्लब महिंद्रा के मेंबर जो हैं! इसी तरह के एक और एड में जब एक छोटी बच्ची बताती है कि वो इस बार गर्मियों की छुट्टियों में केरल, गोवा और हिमाचल गई और फिर वो बताती है कि मेरे पापा क्लब महिंद्रा के मेंबर है। जिस पर दूसरा बच्चा कह...

अन्नदाता आंदोलनरत है क्यों?

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देश का अन्नदाता खेत की जगह सड़क पर आंदोलनरत है।यदि राजनीति और अन्य दुराग्रहों को नजरअंदाज कर दें तो देश के लिये अन्न उगाने वाले किसानों का अपनी मांगों के लिये सड़क पर आना दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जायेगा। भले ही 2020-21 में हुए लंबे किसान आंदोलन के दौरान होने वाली हिंसक घटनाओं और लाल किले प्रकरण के मद्देनजर केंद्र व हरियाणा सरकार सख्ती दिखा रही हो, लेकिन फिर किसानों के लिये मार्ग में भारी-भरकम अवरोध लगाने और कीलें बिछाने की कार्रवाई को अच्छा नहीं कहा जा सकता है। निस्संदेह,प्रशासन के सामने कानून-व्यवस्था का प्रश्न होता है और ऐसे आंदोलन के दौरान अराजक तत्वों की दखल का अंदेशा बना रहता है। आम नागरिकों की सुरक्षा के मद्देनजर ऐसे उपाय जरूरी हो सकते हैं मगर सवाल यह है कि ऐसी स्थिति आती ही क्यों है? प्रश्न यह है कि समय रहते किसानों के जायज मुद्दों पर संवेदनशील पहल क्यों नहीं हुई ? तीन कृषि कान...
चुनावी चंदे के धंधे पर लगी सुप्रीम रोक

चुनावी चंदे के धंधे पर लगी सुप्रीम रोक

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रमेश सर्राफ धमोरा सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला देते हुए राजनीतिक दलों के लिए चंदा जुटाने की पुरानी इलेक्टोरल बांड स्कीम को अवैध करार देते हुए इसके जरिए चंदा लेने पर तत्काल रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इलेक्टोरल बांड की गोपनीयता बनाए रखना असंवैधानिक है। यह स्कीम सूचना के अधिकार का उल्लंघन करती है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में गठित पांच जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया है। बेंच में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं। अपने फैसले में चीफ जस्टिस ने कहा है कि पॉलीटिकल प्रोसेस में राजनीतिक दल अहम यूनिट होते हैं। पॉलिटिकल फंडिंग की जानकारी वह प्रक्रिया है जिससे मतदाता को वोट डालने के लिए सही चॉइस मिलती है। वोटर्स को चुनावी फंडिंग के बारे में जानने का अधिकार है। जिससे मतदान के लिए सही चयन ह...
प्रेम के नाम पर अश्लीलता बढ़ाता वेलेंटाइन्स डेए विरोध की नहीं जागरूकता की है जरूरत !

प्रेम के नाम पर अश्लीलता बढ़ाता वेलेंटाइन्स डेए विरोध की नहीं जागरूकता की है जरूरत !

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डॉ अजय कुमार मिश्राकतंरंलातउपेीतं/हउंपसण्बवउ इंग्लैंड और फ़्रांस से शुरू हुआ प्रेम का प्रतीक वेलेंटाइन्स डे आज दुनियां में अपना महत्वपूर्ण स्थान बना चुका है खासकर युवाओं में तेजी से न केवल पकड़ मजबूत हुई है बल्कि अनेकों ऐसे बच्चे भी मिल जायेगे जिन्हें वास्तव में इसके सरोकार में शामिल नहीं होना चाहिएए पर वो लोग और तन्मयता से जुड़े है द्य इस दिन कार्डए फूलए चॉकलेट और उपहारों को देने के साथ दृ साथ प्यार का इजहार किया जाता है द्य कई परिवर्तनों के दौर से गुजरता हुआ यह अब बाजारवाद का शिकार हो गया है और ग्लोबल कंपनियां इसे इस तरह प्रोमोट कर रही है की प्यार के इजहार का इससे नायब दिन कोई नहीं हो सकता द्य आधुनिकता के इस रंग में अब वेलेंटाइन्स डे सात दिनों के रंग का स्वरुप ले चुका है जिसमे प्रत्येक दिन कुछ अलग होता है और अंतिम स्वरुप 14 फरवरी को पूरा होता है द्य प्रत्येक वर्ष यह 14 फरवरी को मनाय...